Saturday, June 29, 2024
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PMGKY: डिक्लेरेशन फाइल अब 10 मई तक

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने अभी तक अपने कालेधन का खुलासा न करने वाले लोगों को एक मौका और दे दिया है। शुक्रवार को सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत अपना कालाधन अब 10 मई तक घोषित किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। सरकार ने गुरुवार को ही ऐलान किया था कि इस योजना के तहत अब 30 अप्रैल तक पैसा जमा कराया जा सकता है।

सरकार द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है, ‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने PMGKY के तहत अघोषित आय पर डेक्लेरेशन फाइल करने की तारीख 10 मई तक बढ़ा दी है। यह ऐसे लोगों पर लागू होगा जिन्होंने 31 मार्च तक या उससे पहले टैक्स, सरचार्ज और पेनल्टी भर दी है और जो 30 अप्रैल तक या उससे पहले इस योजना के तहत पैसा जमा करा देंगे।’

इस योजना के तहत अघोषित आय की घोषणा ऑनलाइन फॉर्म भर के भी की जा सकती है। इसके लिए PMGKY के तहत टैक्स जमा कराने का प्रूफ और जमा कराए पैसे से जुड़े कागजात स्कैन कर के अपलोड करने होंगे। बता दें कि सरकार ने पिछले साल नोटबंदी के बाद 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री ग्रामीण गरीब कल्याण योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत काले धन का खुलासा करने पर 50 फीसदी टैक्स और जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही इसके तहत जमा कराए गए पैसे का 25 प्रतिशत हिस्सा चार साल तक ब्लॉक हो जाएगा। उस पर कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा।

जीएसटी: कर देनदारी के बारे में उद्योगों को अग्रिम निर्देश की अनुमति

नयी दिल्ली। सरकार ने प्रस्तावित वस्तु एवं सेवाकर  व्यवस्था के अमल में आने पर उद्योगों को किसी भी सौदे अथवा मूल्यांकन के बारे में कर देनदारी के बारे में अग्रिम निर्देश लेने की अनुमति दे दी है। कर देनदारी के मुद्दे पर विवादों से बचने के लिये जीएसटी प्रणाली में भी व्यवस्था की गई है।

जीएसटी एडवांस रूलिंग नियमों में कहा गया है कि ऐसे मामलों को देखने के लिये अग्रिम निर्देश प्राधिकरण :एएआर: के सदस्यों को नियुक्त किया जायेगा। केन्द्र और राज्य दोनों ही इन सदस्यों की नियुक्ति करेंगे। ये सदस्य संयुक्त आयुक्त के स्तर का होगा जिन्हें इस रैंक में तीन वर्ष से कम का अनुभव नहीं होना चाहिये। केन्द्रीय जीएसटी  में इस संदभर्र में कहा गया है कि किसी भी करदाता द्वारा वस्तु और सेवाओं अथवा दोनों के मामले में अग्रिम निर्देश प्राप्त किया जा सकता है।

मौजूदा व्यवस्था में कोई भी घरेलू कंपनी यदि कोई नया कारोबार शुरू करती है तो वह उसकी उत्पाद अथवा सेवा कर या फिर सीमा शुल्क देनदारी के बारे में अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग — एएआर से संपर्क कर सकती है। लेकिन जीएसटी व्यवस्था में इसे खुला रखा गया है और कहा गया है कि कोई भी कंपनी कर के बारे में अग्रिम निर्देश प्राप्त कर सकती है।

विशेषग्यों ने जीएसटी के तहत एएआर गठित करने को सकारात्मक घटनाक्रम बताया है। उनका मानना है कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के शुरआती दिनों में वस्तुओं के मूल्यांकन, वर्गीकरण और कर के बारे में कई तरह की पूछताछ होगी। इसके साथ ही कच्चे माल पर दिये गये कर पर क्रेडिट को लेकर भी काफी पूछताछ हो सकती है।

अब घर बैठे मिलेगा पेट्रोल- डीजल, मंत्रालय कर रहा विचार

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नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय पेट्रोल व डीजल की होम डिलीवरी शुरू करने पर विचार कर रहा है ताकि पेट्रोल पंपों पर भीड़ को कम किया जा सके। मंत्रालय ने सोशल मीडिया टिवटर पर यह जानकारी दी। इसके अनुसार पहले बुकिंग करवाने पर पेट्रोल व डीजल की होम डिलीवरी शुरू की जा सकती है।

इसके अनुसार हर दिन 3.5 करोड़ लोग देश भर में 59,595 पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल डीजल खरीदने जाते हैं। इस कारण जहां पेट्रोल पंपों पर भीड़ लगती है वहीं अनेक सड़कों पर भी जाम लग जाता है। पेट्रोल पंपों से सालाना 2500 करोड़ रुपये का ईंधन खरीदा जाता है।

मंत्रालय अब चाहता है कि इसमें से कुछ हिस्से की होम डिलीवरी शुरू की जाए। इसके तहत एक मई से चुनींदा शहरों में पेट्रोल व डीजल के दाम में दैनिक बदलाव के साथ इनकी होम डिलीवरी पर भी विचार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि देश पेट्रोलियम उत्पादों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। 

इन्क्रीमेंट पर हीरा व्यापारी ने 125 कर्मियों को दिया स्कूटर

नई दिल्ली। सूरत के एक हीरा कारोबारी ने अपने 125 कर्मियों को सालाना बढोतरी के तौर पर एक एक स्कूटर दिया है। इससे पहले भी सूरत के हीरा कारोबारी महंगे तोहफे देने के लिए चर्चा में रहे हैं। बीते साल दिवाली पर गुजरात के एक हीरा व्यापारी ने अपने कर्मचारियों को बोनस के तौर पर फ्लैट और कार दी थी। 

सूरत के हीरा कारोबारी लक्ष्मीदास वेकारिया ने अपने 125 कर्मचारियों को यह तोहफा दिया। सूरत के दीर्घ डायमंड के मालिक लक्ष्मीदास वेकारिया ने 2010 मे हीरे तराशने की फैक्ट्री शुरू की। फैक्ट्री की स्थापना के दौर से ही वर्करों ने मालिक की तरक्की के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की।  

इन लोगों की मेहनत से खुश होकर ही वेकारिया ने इस साल उन्हें इंक्रीमेंट के तौर पर स्कूटी गिफ्ट करने का फैसला लिया। पिछले साल सूरत के ही हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया ने अपनी कंपनी हरे कृष्णा एक्सपोर्ट्स के कर्मचारियों को दिवाली बोनस के रूप में 400 फ्लैट्स और 1,260 कारें गिफ्ट की थी। एक अनुमान के मुताबिक कंपनी ने अपने कर्मचारियों के बोनस पर 51 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

NCDEX ने सरसों खल का वायदा शुरू किया

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सरसों खल के लिए जयपुर डिलिवरी सेंटर , इसके अलावा अलवर, कोटा और श्रीगंगानगर कोअतिरिक्त डिलिवरी सेंटर बनाया है

मुंबई। NCDEX ने गुरुवार शाम को सर्कुलर जारी कर सरसों खल का वायदा शुरू करने की घोषणा कर दी है। एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर सोमवार यानि 24 अप्रैल से सरसों खल के वायदा में ट्रेडिंग शुरू हो रही है।

सोमवार से एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर मई, जून, जुलाई और अगस्त वायदा के लिए ट्रेडिंग शुरू होगी, सालभर में सरसों खल के 10 वायदा सौदे लॉन्च होंगे। एक्सचेंज ने सरसों खल के लिए लॉट साइज 10 टन का रखा है और ट्रेडिंग के लिए कम से कम 4 फीसदी मार्जिन चुकाना पड़ेगा। एक दिन में सरसों खल के भाव में अधिकतम 4 फीसदी की तेजी या गिरावट आ सकती है।

भाव का टिक साइज 1 रुपये तय किया गया है और एक्सचेंज पर इसका भाव प्रति क्विंटल के तौर पर दर्शाया जाएगा।  एक्सचेंज ने सरसों खल के लिए जयपुर को डिलिवरी सेंटर नियुक्त किया है, इसके अलावा अलवर, कोटा और श्रीगंगानगर को अतिरिक्त डिलिवरी सेंटर बनाया गया है। 

होटल, रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज देना जरूरी नहीं, पीएमओ की मंजूरी

नई दिल्‍ली। सरकार ने सर्विस चार्ज को लेकर आदेश दिया है कि सर्विस चार्ज जरूरी नहीं है। पीएमओ से भी इस बारे में मंजूरी मिल चुकी है।
होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट में खान-पान बिल में सर्विस चार्ज लगाना गैरकानूनी होगा। इसके लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों को एडवाइजरी (मशविरा) भेजेगी ताकि उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण रुक सके।

पीएमओ से एडवाइजरी पर अनुमोदन मिलने के बाद अब इसे राज्यों के साथ सभी केंद्र शासित क्षेत्रों को भेजा जाएगा। इस एडवाइजरी के सहारे उपभोक्ता अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले स्वयंसेवी संगठनों को बहुत मदद मिलेगी। किसी ग्राहक को सर्विस चार्ज के भुगतान के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। ग्राहक किसी वेटर को टिप्स के तौर पर चाहे तो भुगतान कर सकता है।

पीएमओ के पास अनुमोदन के बारे में पूछने पर बताया गया कि किसी भी ग्राहक के बिल में बिना उसकी अनुमति के सर्विस चार्ज जोड़ा गया तो उसे गैर कानूनी माना जाएगा, उसके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इस मसले पर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के साथ पिछले दिनों हुई बैठक में इसके समेत कई अन्य मसलों पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया।

होटल व रेस्टोरेंट में खाने की बर्बादी पर पासवान ने गंभीर चिंता जताई। लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई कानून बनाने से स्पष्ट रूप से इन्कार किया। इस दिशा में लोगों से स्वतः आगे आने की अपील की। होटल व रेस्टोरेंट स्वतः कदम उठायें ताकि खाना बर्बाद न हो सके। इन लोगों ने बातचीत में कहा है कि वे अपने स्टाफ को जहां प्रशिक्षित करेंगे, वही ग्राहकों को भी जागरूक करने की पहल करेंगे।

सीबीएसई स्कूलों में किताब और वर्दी की बिक्री रोकने के आदेश

नई दिल्ली।  स्कूलों की ओर से मनमाने दामों पर किताबें और वर्दियां बेचने को मामले को सीबीएसई ने संज्ञान में लेते हुए कड़ा कदम उठाया है। सीबीएसई ने देशभर के संबद्ध स्कूलों को आदेश दिया है कि वे पाठ्यपुस्तक, स्टेशनरी, स्कूल बैग, वर्दी, जूते और इस तरह के अन्य सामान अपने परिसर में बेचना बंद करें।

बोर्ड ने स्कूलों से मान्यता से जुड़े उपनियमों का सख्ती से पालन करने और किसी तरह की कमर्शल गतिविधियों में शामिल नहीं होने को कहा है। कमर्शल गतिविधियों में छात्रों को उपरोक्त सामग्री कुछ चुने हुए विक्रेताओं से भी खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।

सीबीएसई द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि कुछ पैरंट्स की ओर से बोर्ड को शिकायत मिली है। इस शिकायत में कहा गया है कि स्कूल या तो खुद किताबें और वर्दियां बेचते हैं या कुछ चुने हुए वेंडर्स से ये सामान खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। इस तरह से स्कूल कमर्शल गतिविधियों में संलिप्त होते हैं। हालांकि उनको ऐसा करने से मना किया गया है।

सीबीएसई के चेयरपर्सन आर.के.चतुर्वेदी ने कहा, ‘दरअसल मुनाफाखोरों का एक गठजोड़ है। लेकिन हमारे संबद्धता उपनियमों में स्पष्ट किया गया है कि स्कूल सामुदायिक सेवा की इकाई है न कि कमर्शल इकाई। स्कूलों को प्रावधानों का पालन करने की जरूरत है।’

बोर्ड की ओर से कहा गया है कि सीबीएसई के संबद्धता उप नियम के नियम 19.1 (II) में उल्लेख किया गया है कि प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि स्कूल एक सामुदायिक सेवा के तौर पर चलाया जाए न कि एक बिजनस के तौर पर और किसी भी रूप में स्कूल का व्यावसायीकरण नहीं किया जाएगा।

राजस्थान समेत सात राज्यों के 13 स्कूल बोर्ड के निशाने पर

नियम तोड़ने वाले स्कूलों के खिलाफ और सख्ती  करेगा बोर्ड 

नई दिल्ली।  नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीबीएसई और सख्ती करेगा । इसके लिए सीबीएसई  मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास जाने की योजना बना रही है।

बोर्ड ने सात स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, तीन की संबद्धता रद्द की है और दो स्कूलों की संबद्धता उच्चतर माध्यमिक से घटाकर सिर्फ माध्यमिक स्तर तक कर दी है। इसने अन्य कुछ स्कूलों से 2017-18 के ऐकडेमिक सेशन के लिए बोर्ड एग्जाम हेतु अपने नौवीं क्लास के छात्रों का पंजीकरण नहीं कराने को कहा है।

कुल 13 स्कूल बोर्ड के निशाने पर हैं, जिनमें से छह उत्तर प्रदेश, दो दिल्ली और एक-एक राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक के स्कूल हैं। पहले सिर्फ संबंधित स्कूलों को ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और कार्रवाई किए जाने का नोटिस भेजा गया लेकिन बाद में अब बोर्ड ने इनको सार्वजनिक करने का फैसला लिया है।

बोर्ड ने गुरुवार को इन 13 स्कूलों के नोटिस को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। सीबीएसई के चेयरपर्सन आर.के.चतुर्वेदी ने बताया, ‘पिछले 18 महीनों में जिन स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है, हम उनकी लिस्ट कारण समेत अपलोड करेंगे। कारण बताओ के साथ-साथ कार्रवाई किए जाने के नोटिस को भी सार्वजनिक किया जाएगा।’

चतुर्वेदी ने कहा कि बोर्ड की जानकारी में यह बात आई है कि मैनेजमेंट नियमों का उल्लंघन करके प्रिंसिपल्स के रिटायरमेंट पीरियड को बढ़ा देते हैं। उन्होंने कहा, ‘इससे फीस के रूप में लोगों के पैसे पर नियंत्रण करने में स्कूलों को मदद मिलती है।’

चेयरपर्सन ने कहा कि संबद्धता उपनियमों से दोषी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की बोर्ड की शक्ति सीमित हो जाती है और इसलिए ही बोर्ड को पर्याप्त वैधानिक शक्ति दिए जाने की जरूरत है ताकि ‘स्कूल ऐसे शैक्षणिक इकाई के तौर पर संचालित हो जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे न कि कमर्शल यूनिट के तौर पर संचालित हो।’

आधार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को लगाईं फटकार

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नई दिल्ली ।आधार कार्ड मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब हमने आधार को वैकल्पिक मानने का आदेश दिया है तो आप उसे अनिवार्य कैसे बना सकते हैं?

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले अपने आदेश मे कहा था कि सरकार योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए।  सुप्रीम कोर्ट में अटार्नी जनरल ने कहा कि हमने पाया कि पैन कार्ड के जरिए पैसे फर्जी कंपनियों में लगाए जा रहे हैं। इस लिए हमने आधार को अनिवार्य बनाया। कोर्ट ने केन्द्र से सवाल किया है कि पैन कार्ड के लिए आधार कार्ड को कैसे अनिवार्य कर दिया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने आईटी रिटर्न दाखिल करने के लिए स्थायी खाता संख्या (पैन) से आधार संख्या का विवरण अनिवार्य किया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य आधार कार्ड के साथ पैन कार्ड लिंक करना था और उन लोगों की पहचान करना जो नकली पैन संख्या के सहारे टैक्स बचा रहे थे।