GST Council: छात्रों को अब हॉस्टल में रहना होगा सस्ता, किन्तु शर्त यह है —

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प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 20,000 के हॉस्टल किराए पर ही जीएसटी में छूट

नई दिल्ली। शनिवार को आयोजित जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक के फैसले से यह साफ हो गया है कि नई सरकार कारोबार के नियम को आसान करने के साथ कारोबारियों को राहत देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

अब कॉलेज परिसर से बाहर के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को भी पहले की तुलना में कम किराया लगेगा। अभी कॉलेज परिसर के हॉस्टल पर कोई जीएसटी नहीं लगता है, लेकिन कॉलेज या कैंपस से बाहर के हॉस्टल पर 12 प्रतिशत का जीएसटी लगता है जिसे काउंसिल ने खत्म करने का फैसला किया है। लेकिन प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 20,000 के किराए पर ही जीएसटी से छूट मिलेगी और कम से कम तीन माह तक रहने पर ही यह छूट मान्य होगी।

प्लेटफार्म टिकट पर जीएसटी समाप्त
काउंसिल की बैठक में रिटायरिंग रूम, प्लेटफार्म टिकट पर लगने वाले जीएसटी को भी खत्म कर दिया गया है। जीएसटी विशेषज्ञों के मुताबिक अभी रिटायरिंग रूम में बुकिंग की अवधि और श्रेणी के हिसाब से जीएसटी दर 12-18 प्रतिशत है। प्लेटफार्म टिकट पर पांच प्रतिशत जीएसटी है, इसलिए प्लेटफार्म टिकट के दाम में खास फर्क नहीं आएगा।

खास बात यह रही कि 11 राज्यों के नए वित्त मंत्रियों ने काउंसिल की बैठक में हिस्सा लिया। वहीं, बिहार या आंध्र प्रदेश की तरफ से विशेष राज्य के दर्जा के लिए काउंसिल में कोई मांग नहीं रखी गई, लेकिन आंध्र प्रदेश की तरफ से अमरावती को विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता की मांग की गई।

बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य
काउंसिल ने जीएसटी के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े को समाप्त करने के लिए आधार का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। लेकिन यह सत्यापन उन्हें कराना होगा जिस पर जीएसटी नेटवर्क के तहत शक पैदा होगा। ऐसे लोगों जीएसटी नेटवर्क के तहत बायोमेट्रिक सत्यापन के तहत ही अपना पंजीयन करा सकेंगे।

इन आइटम पर लगेगा 12 फीसदी जीएसटी
अब सभी प्रकार के स्टील, एल्युमीनियम व अन्य दूध के केन, सभी प्रकार के सोलर कुकर, विभिन्न प्रकार के आइटम को पैक करने वाले बाक्स, पानी स्प्रेयर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। पहले इन आइटम के प्रकार की वजह से जीएसटी दर पर विवाद हो रहा था जिसे खत्म कर दिया गया।

पेट्रोल व डीजल को जीएसटी में लाना राज्यों के हाथ में
सीतारमण ने यह भी कहा कि पेट्रोल व डीजल पर जीएसटी के दायरे में लाने के लिए जीएसटी कानून में पहले से प्रविधान है और राज्य पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने के लिए राजी हो जाते हैं तभी काउंसिल की बैठक में इसकी जीएसटी दर पर विचार होगा। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से राज्य पर निर्भर करता है कि वह इसके लिए तैयार है या नहीं।

कार्टन बॉक्स पर जीएसटी घटाने की सिफारिश
बैठक में सभी तरह के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी को घटाने की सिफारिश की गई है। वर्तमान में इन पर लगने वाला टैक्स 18 प्रतिशत है। लेकिन बैठक में इसे घटाकर 12 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई। एक बयान के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश की तरफ से लगातार सेब के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी कम करने की मांग की जा रही थी। कार्टन बॉक्स पर जीएसटी कम करने से बागवानों और इंडस्ट्री दोनों को ही राहत मिलेगी। साथ ही सेब का व्यापार करने वाले लोगों को इससे फायदा होगा।