नीट मामले पर संसद में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही सोमवार तक स्थगित

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नई दिल्ली। Parliament session: संसद में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन में इस पर चर्चा के बीच विपक्ष ने नीट मामले पर खूब हंगामा भी किया। विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित हो गई।

वहीं, राज्यसभा हंगामे के चलते सभापति जगदीप धनखड़ कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge to Jagdeep Dhankhar) पर खासे नाराज हो गए और उन्हें कई बातें सुनाई, जिसके बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष का भी रिएक्शन सामने आया है।

सदन में नीट मामले को लेकर विपक्ष ने जैसे ही हंगामा करना शुरू किया, धनखड़ ने उन्हें चेतावनी देते हुए शांत होने को कहा। भाजपा सासंद सुधांशु ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की ही थी कि तभी विपक्षी सांसद नारेबाजी करने लगे। सांसद वेल में आकर नारेबाजी करने लगे, जिससे सभापति धनखड़ नाराज हो गए।

सांसदों के सदन के वेल में आने पर दुख जताते हुए धनखड़ ने कहा, ये पहली बार हुआ है कि सदन के विपक्ष के नेता ही वेल में आ गए। आज का दिन संसद के इतिहास में दागी हो गया है। यहां तक की प्रतिपक्ष के नेता खुद वेल में आए हैं, मैं पीड़ित हूं कि भारतीय संसद की परंपरा इतनी गिर गई कि प्रतिपक्ष के नेता वेल में आएंगे।

राज्यसभा के वेल में प्रवेश करने को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ की गलती है। खरगे ने कहा, ”मैं उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए अंदर गया था। लेकिन तब भी वे नहीं देख रहे थे। वे केवल सत्ता पक्ष को देख रहे थे।

जब मैं उनका ध्यान आकर्षित करता हूं तो नियमानुसार उन्हें मेरी तरफ देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय उन्होंने जानबूझकर मुझे अनदेखा कर मेरा अपमान किया। तो मेरे लिए क्या बचा था? इसलिए ध्यान आकर्षित करने के लिए मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा। इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यह चेयरमैन साहब की गलती है।”

नीट परीक्षा पर चर्चा जरूरी
खरगे ने आगे कहा कि NEET परीक्षा में इतने बड़े घोटाले हुए हैं। पेपर लीक हुआ है, लाखों बच्चे परेशान हैं। इसलिए लोगों की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए हमने एक विशिष्ट चर्चा की मांग की। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे, हम केवल छात्रों के मुद्दे उठाना चाहते थे।