लोकसभा अध्यक्ष बिरला एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान के बीच दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच संसद भवन, नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में कोटा–बून्दी क्षेत्र में उच्च एवं स्कूली शिक्षा के समग्र विकास से जुड़े विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
चर्चा का मुख्य केंद्र बिंदु IIIT कोटा के सुदृढ़ीकरण, विस्तार और शैक्षणिक गुणवत्ता को वैश्विक स्तर तक ले जाने पर रहा, साथ ही क्षेत्र में स्कूली शिक्षा को और अधिक सशक्त बनाने पर भी विचार हुआ।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोटा देश का एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है, जहां सशक्त सड़क और रेल कनेक्टिविटी पहले से उपलब्ध है तथा आने वाले वर्षों में एयर कनेक्टिविटी भी सुगम होने जा रही है।
प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ लाख विद्यार्थी आईआईटी और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा आते हैं। ऐसे में IIIT कोटा को और अधिक सुदृढ़, आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाना समय की आवश्यकता है।
बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आगामी दस वर्षों में IIIT कोटा की छात्र क्षमता को चरणबद्ध रूप से बढ़ाकर 25 हजार तक ले जाने की ठोस योजना बनाई जाएगी। इसके अंतर्गत IIIT का समग्र उन्नयन (एन्हांसमेंट) किया जाएगा। संस्थान में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की परिकल्पना को साकार किया जाएगा तथा नए और समसामयिक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।
बैठक में यह भी तय किया गया कि IIIT कोटा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन एनर्जी और वैश्विक जॉब मार्केट की मांग के अनुरूप भविष्य उन्मुख पाठ्यक्रमों का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा। इसके साथ ही एआई आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, ऊर्जा अध्ययन, पंप स्टोरेज और एटॉमिक स्टडीज जैसे क्षेत्रों में नई पहल शुरू करने पर सहमति बनी।
चंबल नदी क्षेत्र की प्राकृतिक समृद्धि और रावतभाटा में परमाणु ऊर्जा संयंत्र की उपस्थिति को देखते हुए कोटा को तकनीकी और ऊर्जा आधारित शिक्षा के लिए अत्यंत उपयुक्त बताया गया।
इन सभी विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए IIIT कोटा को देश की एक आदर्श तकनीकी संस्था के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया। इस दिशा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने एक विशेष समिति गठित करने के निर्देश दिए, जो एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ने कोटा–बून्दी क्षेत्र में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधार का विषय भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने ‘नो योर कॉन्स्टिट्यूशन’ कार्यक्रम को विद्यालयों में व्यापक रूप से लागू करने, विद्यार्थियों को संविधान की मूल भावना से जोड़ने तथा प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों को संसद भ्रमण के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया।
इसके साथ ही पीएम श्री विद्यालयों की संख्या बढ़ाने, राजस्थान के लिए शिक्षा बजट में केंद्रीय सहायता बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विस्तार पर भी चर्चा हुई।
बैठक में केंद्र सरकार की ओर से संजय कुमार, सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता, धीरज साहू, अपर सचिव, स्कूल शिक्षा, विनीत जोशी, सचिव, उच्च शिक्षा, रीना सोनोवाल, संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा, राहुल सिंह, चेयरमैन सीबीएसई, सौम्या गुप्ता, संयुक्त सचिव, तकनीकी शिक्षा, प्रियांक चतुर्वेदी, निदेशक, IIITs, प्रो. एन. पी. पढ़ी, निदेशक IIIT कोटा तथा राजस्थान सरकार की ओर से कुलदीप रांका, अतिरिक्त मुख्य सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, कृष्ण कुणाल, सचिव, शिक्षा, अशोक कुमार मीणा और गजेंद्र सिंह राठौड़, सचिव, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, उपस्थित रहे। लोकसभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता तथा लोकसभा में संयुक्त सचिव गौरव गोयल भी बैठक में शामिल रहे।