Friday, April 19, 2024
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Pulses Import: दलहन आयात पर भारत के खर्च में 93 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी

नई दिल्ली। घरेलू प्रभाग में दाल-दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार से सरकार द्वारा आयात नीति को उदार बनाए जाने से देश में विदेशों से विशाल मात्रा में दलहन मंगाया जाने लगा। सरकार ने एक तरफ तुवर, उड़द एवं मसूर के आयात को शुल्क मुक्त एवं कोटा मुक्त कर दिया तो दूसरी ओर दिसम्बर 2023 में पीली मटर के आयात को भी खोल दिया।

देश के 30 शीर्ष खाद्य उत्पादों में से दलहनों का आयात भी वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में सबसे तेज गति से बढ़ा। हकीकत तो यह है कि सिर्फ चना को छोड़कर भारत में अन्य सभी दलहनों का उत्पादन घरेलू मांग एवं जरूरत से कम होता है और इसलिए विदेशों से इसके विशाल आयात की आवश्यकता बनी रहती है। वर्तमान समय में केवल मूंग को छोड़कर शेष सभी दलहनों का आयात खुला हुआ है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 की सम्पूर्ण अवधि के दौरान देश में 2 अरब डॉलर से भी कुछ कम मूल्य के दलहनों का आयात हुआ था जबकि 2023-24 के वित्त वर्ष में यह आयात खर्च 93 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोत्तरी के साथ 3.70 अरब डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच गया।

दुनिया के अनेक देशों से भारत में भारी मात्रा में दलहन का आयात हो रहा है जिसमें कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, म्यांमार, रूस-यूक्रेन, अर्जेन्टीना- ब्राजील तथा मोजाम्बिक-मलावी आदि शामिल है।

इस तरह भारत में सभी छह महाद्वीपों- एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तरि अमरीका, दक्षिणी अमरीका एवं ऑस्ट्रेलिया से दलहनों का आयात हो रहा है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च 2024 में दलहनों की खुदरा महंगाई दर में 17 प्रतिशत का इजाफा हुआ जो गत वर्ष के 4.3 प्रतिशत से काफी अधिक था।

शहरी क्षेत्रों में दालों की कीमत करीब 19 प्रतिशत बढ़ गई। मांग एवं आपूर्ति के बीच अंतर को पाटने के लिए सरकार को दलहनों का आयात बढ़ाने का उपाय करना पड़ रहा है।म्यांमार से उड़द एवं तुवर, ऑस्ट्रेलिया से मसूर, कनाडा से मसूर एवं पीली मटर, अफ्रीका से तुवर एवं चना तथा कालासागर क्षेत्र के देशों से पीली मटर का आयात हो रहा है।

अप्रैल-जनवरी ने 10 महीनों में 2022-23 के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान दलहनों का आयात तंजानिया से 170 प्रतिशत उछलकर 28.10 करोड़ डॉलर, ऑस्ट्रेलिया से 150 प्रतिशत उछलकर 49 करोड़ डॉलर,

कनाडा से 102 प्रतिशत उछलकर 58.70 करोड़ डॉलर, म्यांमार से 35.8 प्रतिशत बढ़कर 72.40 करोड़ डॉलर पर पहुंचा मगर मोजाम्बिक से आयात 16 प्रतिशत घटकर 21.60 करोड़ डॉलर पर सिमट गया।

OpenAI ने भारत में प्रज्ञा मिश्रा को बनाया गवर्मेंट रिलेशंस हेड

नई दिल्ली। OpenAI First Hiring in India:: चैटजीपीटी (ChatGPT) की मूल कंपनी ओपनएआई (OpenAI) ने प्रज्ञा मिश्रा (Pragya Misra) को भारत में अपने पहले कर्मचारी के रूप में नौकरी पर रखा है। कंपनी में उनकी भूमिका गवर्मेंट रिलेशंस हेड (government relations head) की होगी।

इस पद पर काम करते हुए मिश्रा, विश्व की सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रेगुलेशन से जुड़े नियमों को आकार देगी। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

टेक दिग्गजों में से एक माइक्रोसॉफ्ट ने OpenAI में बड़ा निवेश किया है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि OpenAI ने भारत में पब्लिक पॉलिसी से जुड़े मामले और पार्टनरशिप्स को लीड करने के लिए प्रज्ञा मिश्रा को नियुक्त किया है। 39 वर्षीय मिश्रा इससे पहले ट्रूकॉलर एबी (Truecaller AB) और मेटा प्लेटफ़ॉर्म इंक (Meta Platforms Inc.) के लिए काम कर चुकी हैं। वह इस महीने के अंत तक OpenAI में अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकती हैं।

OpenAI ने इस संबंध में टिप्पणी करने के ब्लूमबर्ग के अनुरोध का अब तक कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, दूसरी तरफ प्रज्ञा मिश्रा ने भी लिंक्डइन मैसेज का तुरंत जवाब नहीं दिया। यह नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है जब देश में नई सरकार चुनने के लिए पहले चरण की वोटिंग हो रही है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित नियमों को आकार देने में प्रज्ञा मिश्रा की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती हैं।

इसके अलावा यह कदम वैश्विक स्तर पर सरकारों के साथ जुड़ने की ओपनएआई की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें इस बात पर विचार कर रही हैं कि तेजी से विकसित हो रही टेक्नोलॉजी को कैसे रेगुलेट किया जाए। 1.4 अरब की आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ भारत- दुनियाभर की टेक कंपनियों के लिए विकास का एक बड़ा बाजार है। हालांकि, घरेलू कंपनियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए कानून निर्माताओं और नियामकों के प्रयासों को देखते हुए, भारतीय बाजार में नेविगेट करना चुनौतियां पैदा करता है।

प्रज्ञा मिश्रा ट्रूकॉलर एबी (Truecaller AB) और मेटा प्लेटफ़ॉर्म इंक (Meta Platforms Inc.) के लिए काम कर चुकी हैं। ट्रूकॉलर एबी में वह सार्वजनिक मामलों की हेड थी। ट्रूकॉलर भी भारतीय बाजार को अपने टॉप मार्केट के तौर पर देखती है। इससे पहले, वह मेटा प्लेटफ़ॉर्म इंक में थीं, जहां उन्होंने 2018 में गलत सूचना के खिलाफ व्हाट्सएप के अभियान का नेतृत्व किया था।

अमेजॉन करता है वालमार्ट, फ्लिपकार्ट जैसी प्रतिद्वंदी कंपनियों की जासूसी- रिपोर्ट

नई दिल्ली। ग्लोबल लेवल पर लीडिंग ई-कॉमर्स कंपनी Amazon अपने प्रतिस्पर्धियों पर जासूसी करने के लिए एक फेक बिजनेस चला रही है। कथित तौर पर, Amazon वॉलमार्ट, ईबे और फेडेक्स जैसे प्रतिद्वंद्वियों पर नजर रखने के लिए “प्रोजेक्ट क्यूरियोसिटी” के नाम से एक खुफिया ऑपरेशन चला रहा है।

द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि Amazon साल 2015 से इस काम को कर रहा है। शुरुआत में इस प्रोजेक्ट के तहत अमेजन और अन्य मौजूद ई-कॉमर्स कंपनियों के थर्ड पार्टी सेलर्स के एक्सपीरियंस की तुलना की जाती थी। लेकिन फिर यहां प्रतिद्वंदियों की जासूसी की जाने लगी, खास तौर पर वॉलमार्ट की।

जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेजन की इस कथित फर्म, बिग रिवर (Big River) ने प्रतियोगियों के प्लेटफार्मों पर टी-शर्ट, जूते और अन्य प्रोडक्ट्स सेलर बन कर बेचे ताकि वहां से जानकारी इकट्टा करके अमेजन के इस्तेमाल में लाई जा सके।

जर्नल में ये भी दावा किया गया है कि इस फर्म, बिग रिवर के कर्मचारियों ने अपने काम के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड कम कर दिए हैं, ताकि इनके और अमेजन के बीच के कनेक्शन को छिपाया जा सके। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कर्मचारियों को इसके लिए अलग से ट्रेनिंग दी गई है, कि यदि किसी को पता चले कि वे अमेजन के लिए काम कर रहे हैं तो कैसे प्रतिक्रिया देनी है। इस बारे में बात करते हुएअमेजन के एक प्रवक्ता ने द जर्नल को बताया कि यह केवल “बेंचमार्किंग” था, जो अपने उत्पादों की प्रतिद्वंद्वियों से तुलना करने की एक लीगल प्रैक्टिस है।

वहीं द जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि बिग रिवर सर्विसेज इंटरनेशनल के सदस्यों को ये निर्देश दिया गया था कि वे अपने बिक्री सिस्टम तक पहुंचते समय प्रतिस्पर्धियों के प्राइसिंग और एडवरटाइजिंग सिस्टम, कैटलॉग और लिस्टिंग पेजों के स्क्रीनशॉट लें, इन स्क्रीनशॉट को ईमेल के जरिए भेजने से भी रोका गया था।

बिग रिवर ने प्रतिद्वंद्वियों की वेबसाइटों के माध्यम से बेचने के लिए अपने खुद के ब्रांड भी बनाए। जर्नल के अनुसार, इसमें क्रिमसन नॉट (Crimson Knot) नामक एक भारत-आधारित ब्रांड भी शामिल है जो फ्लिपकार्ट पर फोटो फ्रेम बेचता है, और नॉट सो एप (Not So Ape) नाम का एक स्ट्रीटवियर ब्रांड बनाया जो यूएस में अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए Shopify द्वारा होस्ट की गई एक वेबसाइट का यूज करता है।

Stock Market: सेंसेक्स 599 अंक उछल कर 73 हजार के पार बंद, निफ्टी 22147 पर

मुंबई। Stock Market Closed: शुक्रवार को शेयर बाजार के कामकाज की समाप्ति अच्छी तेजी पर हुई है। बीएसई सेंसेक्स 599 अंक की मजबूती पर 73088 अंक के लेवल पर बंद हुआ जबकि नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 151 अंक की मजबूती पर 22 147 अंक के लेवल पर बंद हुआ है।

शेयर बाजार ने दिन के कारोबार में अच्छी रिकवरी दर्ज की है। इसराइल और ईरान के विवाद की वजह से शेयर बाजार के शुरुआती कामकाज पर दबाव था। बाद में शेयर बाजार ने इससे रिकवरी की और तेजी पर बंद होने में सफल रहा है।

बैंक निफ्टी में अच्छी तेजी
निफ़्टी बैंक इंडेक्स में बंपर तेजी दर्ज की गई है। शेयर बाजार के निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न देने वाली कंपनियों की बात करें तो इंफोसिस, टीसीएस, लार्सन ऐंड टुब्रो और एचसीएल टेक के शेयरों में कमजोरी रही जबकि एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा बैंक, ओएनजीसी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक, विप्रो और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में अच्छी तेजी दर्ज की गई। गौतम अडानी ग्रुप की 10 लिस्टेड कंपनियों में से चार के शेयर मामूली तेजी पर बंद हुए हैं जबकि 6 शेयरों में कमजोरी दर्ज की गई है।

सेंसेक्स में 1100 अंक की रिकवरी
शुक्रवार को आखिर में शेयर बाजार अच्छी तेजी पर बंद होने में सफल रहा है। दिन के निचले स्तर से शेयर बाजार के बीएसई सेंसेक्स ने 1100 अंक की रिकवरी दर्ज की. निफ्टी 22100 के लेवल के ऊपर बंद हुआ है। निजी बैंकों के शेयरों में बंपर रेली आई है और निफ़्टी बैंक इंडेक्स 1.16 फीसदी की तेजी पर बंद हुआ है। शेयर बाजार के सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो निफ़्टी बैंक, निफ़्टी ऑटो, निफ्टी एफएमसीजी और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में अच्छी तेजी दर्ज की गई है। निफ्टी मिडकैप 100, बीएसई स्मॉल कैप, निफ़्टी आईटी और निफ़्टी फार्मा इंडेक्स में कमजोरी दर्ज की गई है।

केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की कार को पीछे से मारी टक्कर, बाल-बाल बचे

जयपुर। राजस्थान के बीकानेर से भाजपा प्रत्याशी अर्जुनराम मेघवाल की कार को टक्कर मारी दी है। हालांकि, मंत्री सुरक्षित है। उन्हें किसी प्रकार की चोट नहीं आई है। हालांकि, उनकी कार पीछे से क्षतिग्रस्त हो गई है।

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को मतदान करने के बाद अर्जुन राम मेघवाल शहर में अलग-अलग बूथों का निरीक्षण कर रहे थे। गंगाशहर में मतदान करने के बाद अर्जुनराम मेघवाल कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए बूथों पर जा रहे थे। इस दौरान गंगा शहर में मोड़ पर पानी की कैंपर से भरी लोड बॉडी टैक्सी ने उनकी गाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी। हालांकि घटना में किसी को चोट नहीं आई है।

हादसे में अर्जुनराम मेघवाल की गाड़ी पीछे से क्षतिग्रस्त हुई है। दरअसल, भाजपा की ब्रांडिंग की गई स्कॉर्पियो गाड़ी में ही अर्जुन राम पूरे चुनाव प्रचार के दौरान घूम रहे हैं। शुक्रवार को मतदान के दिन भी अर्जुन राम इसी गाड़ी में सवार थे। इस घटना में अर्जुन मेघवाल को किसी तरह की चोट नहीं आई है और वे सुरक्षित हैं। हालांकि पीछे से गाड़ी को टक्कर मारने वाले आरोपी कैंपर चालक को खुद अर्जुनराम ने वहां से रवाना कर दिया और खुद मेघवाल भी अगले बूथ पर रवाना हो गए।

इंटेक विरासत संरक्षण के प्रति अपनी गतिविधियों को तेज करेगी

कोटा। भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (INDIAN NATIONAL TRUST FOR ART AND CULTURAL HERITAGE) के तत्वावधान में विश्व विरासत दिवस पर गुरुवार शाम को किशोर सागर तालाब का भ्रमण किया गया एवं ऐतिहासिक जग मंदिर में बैठक आयोजित कर सदस्यों ने विरासत संरक्षण के प्रति इंटेक की गतिविधियों को तेज करने का निर्णय लिया गया।

इंटेक (INDIAN NATIONAL TRUST FOR ART AND CULTURAL HERITAGE) के को -कन्वीनर बहादुर सिंह हाडा ने बताया कि इंटेक विरासत संरक्षण के तहत तालाबों के पुनर्जीवन के प्रयासों पर काम कर रहा है। पिछले दिनों थर्मल प्रशासन के साथ बैठक आयोजित कर चम्बल संरक्षण की योजना पर चर्चा की। चंबल नदी के संरक्षण के लिए प्रदूषण मुक्त करने के लिए इंटेक हर अभियान में सहयोग दे रहा है।

प्राकृतिक विरासत प्रकोष्ठ के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय ने पिछले 20-25 सालों में हुई इंटेक एवं प्रकृति प्रेमियों के सहयोग से मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, रामगढ़ टाइगर रिजर्व, अभेडा महल एवं बायोलॉजिकल पार्क ,सोरसन में गोडावण संरक्षण तथा स्मृति वन के उत्थान की कोशिशों पर प्रकाश डाला। चंबल एवं किशोर सागर में गंदे नालों से हो रहे प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की गई।

इस अवसर पर नए सदस्यों डॉक्टर एकता धारीवाल एवं शिक्षाविद रमेश विजय, गौरव चौरसिया आदि का भी स्वागत किया गया। वरिष्ठ सदस्य मेघनाथ सिंह तमूरा एवं अभय सिंह तंवरान तथा वरिष्ठ लेखक पत्रकार धीरेंद्र राहुल ने इंटक की कार्य योजना के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

इंजीनियर रवि जैन ने चंबल शुद्धिकरण के लिए गंदे नालों के ट्रीटमेंट नहीं होने पर कार्य योजना को लेकर सवाल उठाए। शिवराज सिंह नागदा, डॉक्टर सुषमा आहूजा, एएच जैदी एवं डॉक्टर राजकुमार जैन, पीएस जैन, बनवारी यदुवंशी, उर्वशी शर्मा आदि ने पर्यटन महत्व के एवं धार्मिक पर्यटन पर विचार व्यक्त किए।

शिशु उत्पादों में अधिक चीनी मिलाने की रिपोर्ट के बाद एफएसएसएआई नेस्ले के खिलाफ सख्त

नई दिल्ली। उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए ने खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से स्विट्जरलैंड के एक गैर सरकारी संगठन पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क के उस दावे की जांच करने को कहा है जिसके अनुसार नेस्ले भारत जैसे कम विकसित देशों में अधिक चीनी वाले उत्पाद बेच रही है।

उपभोक्ता मामलों की सचिव और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की प्रमुख निधि खरे ने कहा, “हमने नेस्ले के शिशु उत्पादों पर आई रिपोर्ट पर संज्ञान लेने के लिए एफएसएसएआई को पत्र लिखा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी रिपोर्ट का संज्ञान लिया है और एफएसएसएआई को नोटिस जारी किया है।”

स्विस एनजीओ, पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) की जांच के निष्कर्षों के अनुसार, नेस्ले यूरोप के बाजारों की तुलना में भारत, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों में अपने शिशू उत्पादों को चीनी की अधिक मात्रा के साथ बेचता है।

इस मामले में गुरुवार को नेस्ले इंडिया ने कहा था कि उसने कभी अपने उत्पादों में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया है और उसने पिछले पांच वर्षों में भारत में शिशु खाद्य उत्पादों में चीनी की मात्रा में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी की है।

नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, “अतिरिक्त चीनी की मात्र में कमी नेस्ले इंडिया की प्राथमिकता है। पिछले 5 वर्षों में, हमने पहले ही वैरिएंट के आधार पर अपने उत्पादों में अतिरिक्त चीनी की मात्र को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है।”

नेस्ले के प्रवक्ता ने कहा, “हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे। हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि भारत में निर्मित हमारे उत्पाद अतिरिक्त चीनी सहित सभी पोषक तत्वों की जरूरत से जुड़ी कोडेक्स मानकों (डब्ल्यूएचओ और एफएओ द्वारा स्थापित एक आयोग) और स्थानीय नियमों (आवश्यकतानुसार) का पूर्ण और सख्त अनुपालन करते हैं।”

रिपोर्ट के मुताबिक, नेस्ले का गेहूं आधारित उत्पाद सेरेलक छह महीने के बच्चों के लिए ब्रिटेन और जर्मनी में बिना चीनी के बेचा जाता है, लेकिन भारत से मिले 15 सेरेलक उत्पादों में औसतन प्रति सर्विंग 2.7 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है।

Lok Sabha Election: राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शुरू

जयपुर। Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हो गया है। इस चरण में राजस्थान समेत 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 लोकसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया है।

इसमें राजस्थान की 12, उत्तर प्रदेश में आठ, मध्यप्रदेश में छह, बिहार में चार, पश्चिम बंगाल में तीन, असम और महाराष्ट्र में पांच, मणिपुर में दो और त्रिपुरा, जम्मू कश्मीर तथा छत्तीसगढ़ में एक-एक सीट पर मतदान जारी है।

बता दें कि इसके अलावा तमिलनाडु (39), मेघालय की (दो), उत्तराखंड (पांच), अरुणाचल प्रदेश (दो), अंडमान निकोबार द्वीप समूह (एक), मिजोरम (एक), नगालैंड (एक), पुडुचेरी (एक), सिक्किम (एक) और लक्षद्वीप (एक) की सभी लोकसभा सीट पर मतदान होगा। वोटिंग सुबह सात बजे से शुरू हो गई है।

राजस्थान निर्वाचन विभाग ‘कोई भी मतदाता न छूटे’ उद्देश्य के साथ सुगम मतदान और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई प्रयास कर रहा है। इस क्रम में मतदाताओं को बूथ पर लाइन में खड़े लोगों की रियल टाइम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आईटी का प्रयोग किया जा रहा है।

साथ ही, राज्य स्तर पर बेस्ट सेल्फी अवार्ड देने, व्यापारिक संगठनों के सहयोग से मतदाताओं को स्क्रैच कार्ड और स्याही लगी अंगूली दिखाने पर विभिन्न विभिन्न उत्पादों एवं सेवाओं पर छूट सहित कई प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्य निर्वाचन प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मतदाताओं को बूथ पर लाइन में खड़े लोगों की संख्या के बारे में घर बैठे मोबाइल पर ही मिल सकेगी। इससे मतदाताओं को लाइन में ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मतदाताओं को रियल टाइम जानकारी देने के लिए हर 30 मिनट में इसे अपडेट किया जाएगा।

अभी यह सुविधा आठ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की 34 विधानसभा क्षेत्रों में उपलब्ध है। इससे इन क्षेत्रों के करीब 90 लाख से अधिक से मतदाताओं को इसका लाभ मिल सकेगा। जिला आधा्रित मोबाइल एप के डाउनलोड लिंक ceorajasthan.nic.in पर उपलब्ध हैं।

विरासत संरक्षण में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित हो: डॉ. सिंघल

विश्व विरासत दिवस पर व्याख्यान

कोटा। विश्व विरासत दिवस पर राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा एवं संस्कृति, साहित्य और मीडिया फोरम के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को व्याख्यानमाला और प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया।

मुख्य वक्ता के रूप में पर्यटन लेखक एवं संस्कृति, साहित्य और मीडिया फोरम के संयोजक डॉ.प्रभात कुमार सिंघल ने कहा की धरोहर की सुरक्षा और संरक्षण में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। विरासत संरक्षण के लिए सर्वे कर ब्लू प्रिंट तैयार कर तात्कालिक और दीर्घकालिक योजना बनाने और सुरक्षा के लिए पंचायत और नगरपालिका स्तर पर सुरक्षा समितियां बनाये जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने अपने व्याख्यान में हाड़ोती की धरोहर देखने पर बल देते हुए कहा कि राज्य के पुरातत्व विभाग द्वारा 55 धरोहरों को संरक्षित किया गया है। विद्यार्थियों को भारत की विश्व धरोहर की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भारत की 40 और इनमे राजस्थान की 9 धरोहरों को शामिल किया गया है।

संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ.दीपक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जो बीत गया, जितना क्षरण हो चुका, उसकी भरपाई तो संभव नहीं, पर जो कुछ बचा है, उसी को बचाने और संरक्षित रखने पर आज के दिन विचार हो तो यही इस दिवस की सार्थकता हो सकती है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1982 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ माउंटेस एंड साईट (ईकोमार्क) नामक संस्था ने टयूनिशिया में अन्तर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल दिवस का आयोजन किया था। इसी सम्मेलन में सर्वसम्मति से निर्णय लेकर विश्व में प्रतिवर्ष ऐसी संरक्षित धरोहर के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए 18 अप्रेल को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत दिवस आयोजित करने की घोषणा की गई।

पूर्व पुस्तकालयाध्यक्ष कमलाकांत शर्मा ने कहा कि देश की आध्यात्मिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने हाड़ोती के संदर्भ में जर्जर हो रही धरोहर को बचाने की आवश्कता बताई।

सर्वजातीय निशुल्क विवाह सम्मेलन में दिव्यांग समेत 48 जोड़े बने हमसफर

सर्वजातीय विवाह सम्मेलन समरसता की अनूठी मिसाल है : राजेश कृष्ण बिरला

कोटा। सुभाष चन्द्र बोस चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा सर्वजातीय विवाह सम्मेलन के आयोजन सुबह गुरुवार दशहरा मैदान में आयोजित किया गया। विवाह सम्मेलन में 48 जोड़े हम सफर बने। ट्रस्ट के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तलवार ने बताया कि कार्यक्रम प्रात: 10 बजे गणेश स्थापना के साथ आरंभ हुआ। हिन्दु-रीति रिवाज से विवाह के मांगलिक कार्य पूर्ण किए गए। विधिवत शुभ समय पर निकासी निकाल कर, तोरण कर 48 जोड़ों का सामूहिक वरमाला पहनाई गई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि इण्डियन रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला रहे। विशिष्ट अतिथि डॉ.अमिता बिरला, भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश जैन, कोटा सरस डेयरी के चैयरमेन चैन सिंह राठौड़, संत प्रभाकर साहेब कबीर आश्रम, गोविंद सिंह, संजय शर्मा पूर्व पार्षद, विक्रम सिंह छीपाबड़ौद व गूगल गर्ल तेजस्वनी गुर्जर सहित कई गणमान्य लोग साक्षी बने और वर वधु को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में सत्यनारायण विजयवर्गीय, मांगीलाल नागर, देवेंद्र राही देबु, दीपांशु माथुर, गोरज सोनी सहित कई लोगों ने सामूहिक विवाह सम्मेलन को सफल बनाने की जिम्मेदारी निभाई। प्रीति नयन गांधी ने मंच का संचालन किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस चैरिटेबल ट्रस्ट सहयोग, संस्कार, सेवा और समर्पण का ध्येय आज सार्थक हो गया। उन्होंने कहा कि सर्वजातीय विवाह सम्मेलन समरसता की अनूठी मिसाल है। कमजोर से कमजोर व्यक्ति को ढूंढकर विवाह किया गया है, वहीं उन्होंने कहा कि बिना किसी के सहयोग से यह कार्य पूर्ण करना अपने आप में काबिले तारीफ है।

राकेश जैन ने कहा कि अपने माता पिता की सेवा करें। उन्होंने कहा कि वह विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से नव दम्पत्तियों को सहयोग पहुचायेंगे। इस सर्वजातीय विवाह से समरसता का भाव आता है। हमारी संस्कृति और संस्कार पुनर्जीवित हो रहे हैं। संस्कारों की नई नींव रखी जा रही है, जिसका श्रेय सुभाष चन्द्र बोस चैरिटेबल ट्रस्ट को जाता है।

48 जोड़े बने हमसफर
ट्रस्टी कुलदीप तलवार ने बताया कि गुरुवार को 48 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। जिसमे एक जोड़ा सुनने व बोलने में असमर्थ है। दिव्यांग जोड़ों ने एक दूसरे का हाथ थाम कर सहारा बनने का प्रण किया है। नवदंपतियों में 10 जोडे ऐसे थे, जिनके माता-पिता कोराना के शिकार होकर दिवंगत हो गए थे। हाड़ौती भर से विवाह के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, उनमें से निर्धन व जरूरतमंद परिवारों का चयन कर 46 जोडो का गुरूवार को पाणिग्रहण संस्कार पूरा कराया गया है। इस सम्मेलन में ब्राह्मण, जाटव, यादव, बैरवा, महावर, माली, सैनी, मीणा सहित कई जातियों के युवक-युवतियों का सामूहिक विवाह हुआ है।

जीवन भर का साथ और मतदान का संकल्प
ट्रस्टी कुलदीप तलवार ने बताया कि कि नव विवाहित जोडों ने अपने नए जीवन की शुरुआत करते हुए अपने जीवन साथी का जीवन भर साथ निभाने की कसम के साथ राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए मतदान का संकल्प लिया। राजेश कृष्ण बिरला ने उन्हें शपथ दिलाई।