Saturday, September 21, 2024
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कोरिएंडर हब’ बना कोटा, 20 देशों में पहुंच रहा हाडौती का धनिया 

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कोटा।  वर्तमान में 10 से 12 लाख बोरी धनिया (कोरिएंडर) एक्सपोर्ट हो रहा है। धनिए की दरें कम हो या ज्यादा, कलर एवं क्वालिटी बेहतरीन होने से ग्लोबल डिमांड पर कोई असर नहीं पड़ता। हमारा धनिया पाकिस्तान व श्रीलंका में जाता है, लेकिन रूस व बल्गारिया हमसे  प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
यह जानकारी  तमिलनाडु के निर्यातक पीसीके माहेश्वरन ने दी। उन्होंने कहा कि वहां तापमान कम रहने से धनिए में आयल कंटेंट ज्यादा होता है। यहां का ईगल, सिंगल पैरट व डबल पैरट धनिया दुनिया भर में मशहूर है। इसलिए इसे कोरिएंडर हब कहते हैं।
-प्रतिवर्ष 100 करोड़ का एक्सपोर्ट 
राजस्थान व मप्र के धनिए की अरोमा खुशबू से प्रभावित चेन्नई की प्रमुख निर्यातक कंपनी आची मसाला के मैजेनर ए.एडलबर्ट तथा क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर श्रीकांत ने भारत एवं रूस के धनिया निर्यात की तुलना करके बताया कि तापमान एवं टेस्ट प्रोफाइल से धनिए की क्वालिटी की डिमांड होती है। वे प्रतिवर्ष 100 करोड़ रूपए का धनिया निर्यात कर रहे हैं। अरोमा खुशबू के कारण राजस्थान व मप्र के धनिए की आस्ट्रेलिया, यूएसए, न्यूजीलैंड, कनाडा, खाडी के देशों व यूरोप में डिमांड ज्यादा रहती है।
पिछले वर्ष 40 हजार टन धनिया निर्यात हुआ
स्पाइस बोर्ड, गुना के उपनिदेशक डॉ. डी. अजय ने बताया कि गत वर्ष 40 हजार टन धनिया दुनिया के 20 देशों में निर्यात किया गया। धनिए की पैदावार राजस्थान, मध्यप्रदेश व गुजरात में सर्वाधिक है। बोर्ड में देश की 5848 मसाला निर्यातक कंपनियां पंजीकृत हैं, जिसमें 214 राजस्थान से हैं। शैड्यूल में धनिया सहित 52 स्पाइस शामिल हैं, मसाला बोर्ड नए प्रॉडक्ट, सीड्स मशीनों एवं रिसर्च के लिए अनुदान भी देता है। धनिए को हाइजनिक रखने के लिए बोर्ड किसानों को त्रिपाल शीटें देता है।
इस वर्ष राज्य में1.90 लाख मीट्रिक टन पैदावार संभव
उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. रामवतार शर्मा ने एक प्रजेंटेशन में बताया कि राजस्थान देश में सर्वाधिक धनिया उत्पादक राज्य है, जिसमें कोटा सबसे अग्रणी है। वर्ष 2016-17 में राज्य में 1 लाख 90 हजार मैट्रिक टन धनिए की बम्पर पैदावार होने का अनुमान है, जिसमें से 1 लाख 72 हजार एमटी केवल हाड़ौती अंचल से होगी। राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, असम, उडीसा, आंध्रप्रदेश व उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों की 6 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में धनिया होता है। जिसमें से 40 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान का है।

1 अप्रैल से लागू होंगे इनकम टैक्स के ये नए नियम

नई  दिल्ली। वित्त विधेयक के पारित होने के साथ ही लोकसभा ने आम बजट 2017-18 से जुड़े सभी कामों का निपटारा कर दिया है। बजट में प्रस्तावित टैक्स से जुड़े प्रावधान अब 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे। जानें, अगले महीने की शुरुआत से ही लागू होंगे कौन से जरूरी प्रावधान..
1. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को 10 पर्सेंट की बजाय 5 पर्सेंट ही टैक्स देना होगा। इससे टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये तक की बचत होगी। दूसरी तरफ 1 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले लोगों को इस स्लैब में सरचार्ज और सेस समेत कुल 14,806 रुपये तक की बचत होगी।
2. सालाना 3.5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों के लिए टैक्स रिबेट को घटाकर 5,000 से 2,500 रुपये कर दिया गया है। पहले यह छूट 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों के लिए थी। टैक्स रेट और रिबेट में बदलाव के चलते अब 3.5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वाले व्यक्ति 5,150 रुपये की बजाय 2,575 रुपये ही टैक्स के तौर पर देने होंगे।
3. 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की सालाना आय वाले टैक्सपेयर्स की ओर से दिए जाने वाले कुल टैक्स पर 10 पर्सेंट का सरचार्ज लगेगा। इसके अलावा 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय वाले सुपर अमीर लोगों पर पहले की तरह ही 15 पर्सेंट सरचार्ज लगता रहेगा।
4. अचल संपत्ति की होल्डिंग पीरियड को 3 साल की बजाय 2 साल में ही लॉन्ग टर्म माना जाएगा। इससे 2 साल से अधिक समय तक अचल संपत्ति रखने पर 20 पर्सेंट की छूट के साथ टैक्स लगेगा। इसके अलावा रीइन्वेस्टमेंट पर अन्य छूट भी मिलती रहेंगी।
5. सालाना 5 लाख रुपये से अधिक टैक्सेबल इनकम वाले व्यक्तिगत करदाताओं को अब एक पेज का ही टैक्स रिटर्न फॉर्म भरना होगा। (बिजनस इनकम से अलग) पहली बार इस कैटिगिरी के तहत रिटर्न फाइल करने वाले लोगों की स्क्रूटनी नहीं होगी।
6. यदि आप 2017-18 के टैक्स रिटर्न को देरी से फाइल करते हैं तो 31 दिसंबर, 2018 तक 5,000 रुपये का फाइन लगेगा। इसके बाद फाइल करने पर 10,000 रुपये तक फाइन देना होगा। 5 लाख रुपये तक की ही आय वाले लोगों के लिए यह फीस 1,000 रुपये तक ही सीमित होगी।
7. टैक्स रिटर्न के रिवीजन की समयसीमा अब 2 साल की बजाय 1 साल ही होगी। वित्तीय वर्ष की समाप्ति और असेसमेंट पूरा होने के बाद से यह अवधि लागू होग

‘सड़क’ के सीक्वल में आलिया के पिता के रोल में नजर आएंगे संजय दत्त

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस-फिल्ममेकर पूजा भट्ट और संजय दत्त की साल 1991 में आई फिल्म ‘सड़क’ के रीमेक की कई समय से चर्चा हो रही है। अब हाल ही में आई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फिल्म का रीमेक बन रहा है और इसमें आलिया भट्ट और संजय दत्त साथ नजर आएंगे।
खबरों की मानें तो फिल्म में संजय, आलिया के पिता का रोल करते नजर आएंगे। बता दें कि ‘सड़क’ में संजय दत्त और पूजा भट्ट लीड रोल में थे और फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी। फिल्म में पूजा का किरदार फ्लैशबैक के जरिए दिखाया जाएगा। हालांकि इस तरह से अभी तक कोई ऑफिशयल अनाउंसमेंट नहीं हुई है। लेकिन पूजा ने इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। जिनके बाद से ये खबरे और सुर्खियों में आ गई हैं।
आलिया की प्रोफेशनल लाइफ के बारे में बात करें तो हाल ही में उनकी फिल्म ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ रिलीज हुई है। फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। वहीं संजय दत्त अपनी कम्बैक फिल्म भूमि में बिजी हैं।

दिल को तंदुरुस्त और ब्लड फैट को कंट्रोल रखती है मूंगफली

दिल की सेहत दुरुस्त रखने के लिए हम न जाने क्या-क्या जतन करते हैं। एक नए शोध में दावा किया गया है कि रोजाना कम से कम 85 ग्राम मूंगफली खाने से दिल के दौरे और आघात से बचा जा सकता है। यह खून में मिलने वाली खतरनाक वसा का स्तर घटाता है, जिससे धमनियां खुली-खुली रहती हैं।
इस शोध में कहा गया है कि मूंगफली का सेवन दिल के दौरे और स्ट्रोक से बचाने में कारगर हो सकता है। विशेषज्ञों का दावा है कि रोजाना के सामान्य भोजन के साथ 85 ग्राम के करीब मूंगफली खाने से ब्लड फैट का स्तर नियंत्रित रहता है। द पीनट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कई गुना कम हो जाता है।
संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि एथेरोस्कलेरोसिस, धमिनयों में सिकुड़न के कारण शरीर में रक्त का प्रवाह बाधित होता है। इसके कारण रक्त संचार के लिए दिल को अत्यधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब धमनियों की दीवारों पर वसा, कोलेस्ट्रोल और अन्य पदार्थों का मिश्रण जमा हो जाता है, जिसे प्लाक कहते हैं। इन्हीं के कारण धमनियों में रुकावट होती है और शरीर हृदय संबंधी बीमारियों का शिकार हो जाता है।
प्रमुख शोधकर्ता और पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पेनि क्रिस इथरटन का कहना है कि कुछ भी खाने के बाद ट्रिग्लाइसेराइड्स का स्तर बढ़ा जाने के कारण हमारी धमनियों में मामूली सिकुड़न होती है। द पीनट संस्थान के शोधकर्ताओं का कहना है कि खाने के साथ निर्धारित मात्रा में मूंगफली का सेवन करने से धमनियों में सिकुड़न को कम किया जा सकता है।
लंबी दूरी तक दौड़ने से हो सकती है किडनी की बीमारी
खाने के साथ मूंगफली का सेवन ट्रिग्लाइसेराइड्स का स्तर बढ़ने नहीं देता है। इसी के कारण धमनियों में सिकुड़न कम होती है और दिल संबंधी कई बीमारियों की शुरुआत होने से पहले ही रोका जा सकता है। शोध के नतीजों में मूंगफली के सेवन से ट्रिग्लाइसेराइड्स का स्तर 32 फीसदी तक कम हुआ।
मूंगफली की एलर्जी से बचाएगा पैच
मूंगफली हमारी सेहत के लिए लाभकारी है मगर कई लोगों को इससे एलर्जी भी होती है। ऐसे लोगों के लिए विशेषज्ञों ने त्वचा पर लगाया जाने वाला पैच तैयार किया है, जिसे अक्तूबर में पेश किया गया था। इस पैच के जरिये मूंगफली में मौजूद प्रोटीन सीमित मात्रा में शरीर को दिया जाता है, ताकि व्यक्ति का शरीर उसके लिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सके। एक साल तक चले चिकित्सकीय परीक्षण के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि 12 साल तक के बच्चों में इसके नतीजे चौंकाने वाले हैं। उनमें मूंगफली से एलर्जी खत्म हो गई।

पाचन को ठीक करने में काम आती है इमली, कैंसर मरीजों के लिए भी फायदेमंद

इमली एक ऐसी चीज है, जिसे देख सबके मुंह में पानी आ जाता है। कच्ची हो या पक्की इमली, खाने को स्वादिष्ट बना देती है इमली। बहुत से ऐसे भी लोग हैं, जो सोचते हैं कि इमली खाने से नुकसान होता है। लेकिन इमली के कुछ ऐसे फायदे होते हैं, जिनके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे। इमली ना सिर्फ पाचन, डाइजेशन या दिल को स्वस्थ रखने में काम आती है बल्कि बिच्छु के काटने पर भी आप इमली का उपयोग कर सकते हैं। आईए जानते हैं कैसे आती है एक इमली इन चीजो में काम।
दिल को रखता है स्वस्थ
इमली पर की गई स्ट्डीज में बताया गया है कि इमली से बल्ड प्रेशर और बल्ड कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इसके साथ ही इमली रेड बल्ड सेल बनाने में भी मदद करती है।
वजन घटाने में करती है मदद
इमली में हाइड्रोऑक्साइट्रिक एसिड होता है, जो शरीर के फैट्स बर्न करने में मदद करता है। साथ ही इससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
डाइजेशन में करता है मदद
इमली खाने से डाइजेशन प्रोसेस को ठीक रखने में मदद करता है। इमली में फाइबर होता है, जो डाइजेस्ट करने में मदद करता है। डायरिया से लेकर कॉन्सटिपेशन जैसे पाचल संबंधी के ट्रीटमेंट में इमली मदद करती है।
कैंसर से बचने में आता है काम
कैंसर मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है इमली। इमली में एंटीऑक्सीडेंट और टैरट्रिक एसिड होता है, जो शरीर में कैंसल सेल्स को बढ़ने से रोकता है।
डायबिटीज कंट्रोल करती है इमली
डायबिटीज मरीजों के लिए भी इमली है फायदेमंद। इमली बल्ड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है। साथ ही इमली शरीर में काबोर्टाइड्रेट्स को एबजॉर्ब होने से रोकती है। बता दें कि काबोर्टाइड्रेट्स एबजॉर्ब होने से ही शुगर लेवल बिगड़ता है। एक छोटा ग्लास इमली का जूस इसके लिए बहुत फायदेमंद होगा।
लू से बचाएगी इमली
गर्मियों में सबको लू लगती है, जिससे तबियत खराब हो जाती गै। लू से बचने के लिए आप इमली का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप 1 ग्लास पानी में 25 ग्राम इमली भिगोकर इसका पानी पीएं। इसे पीने से लू नहीं लगती।
बिच्छु के काटने पर भी आती काम
सिर्फ खाने-पीने के लिए ही नहीं बल्कि इमली से आप बिच्छु के जहर को कम कर देता है। अगर कभी किसी इंसान को बिच्छु काट जाए, तो तभी इमली के दो टुकड़े कर लें और उसे बिच्छु की काटी हुई जगह पर लगा दें। इससे फायदा होगा।

Reliance Jio का दावा, पांच करोड़ यूजर्स ने खरीदी प्राइम मेंबरशिप

रिलायंस जियो ने अब तक पांच करोड़ पेड यूजर का आंकड़ा पार किया है। कंपनी की मुफ्त वॉयस और डाटा ऑफर 31 मार्च को बंद हो रहा है। कंपनी ने 10 करोड़ में से आधे ग्राहक बनाए रखने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।कंपनी सभी ग्राहकों को 99 रुपये में साल भर के लिए प्राइम मेंबरशिप दे रही है। जियो ने 149 रुपये तक की न्यूनतम कीमत वाले डाटा पैक उपलब्ध करा दिए हैं। आपको बता दें कि कंपनी की वॉयस और एसएमएस सेवाएं आगे भी फ्री रहेंगी।कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, “जियो ने प्राइम मेंबरशिप के लिए अपने कुल लक्ष्या का 50 प्रतिशत पहले ही हासिल कर लिया है। जियो का प्रमोशनल हैप्पी न्यू ईयर प्लान, जो फ्री वॉयस और डाटा दे रहा है, 31 मार्च को खत्म हो रहा है।प्राइम मेंबरशिप लेने वाले यूजर्स को 149 रुपये प्रति महीने के शुरुआती दाम पर डाटा दिया जाएगा। जियो पर वॉयस कॉल की सुविधा फ्री बनी रहेगी”।अधिकारी ने यह भी बताया कि यूजर्स हर रोज प्राइम मेंबरशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं और जियो प्राइम मेंबर्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। उद्योग जगत ने अनुमान लगाया है कि 10 करोड़ में से 30 फीसद ऐसे ग्राहक हैं, जो जियो को सेकेंडरी सिम के तौर पर इस्तेमाल रहे हैं।ऐसे में ये माना जा रहा है कि अगर जियो को 5 करोड़ पेड ग्राहक मिल जाते हैं, तो कंपनी देश में सशुल्क 4जी ब्रॉडबैंड सेवा की सबसे बड़ी प्रोवाइडर बन जाएगी।

फैशन ही नहीं इस इलेक्ट्रानिक टैटू से सिस्टम भी कर पाएंगे आपरेट

बर्लिन। बदलता फैशन हर बार नया ट्रेंड लेकर आता है और फिलहाल टैटू काफी ट्रेंड में हैं। लेकिन टैटू अब टेक्नोलाजी से जुड़ गया है। यानी आप टैटू से सिस्टम तक आपरेट कर सकेंगे। जर्मनी की सारलैंड यूनिवर्सिटी ने यह कमाल कर दिखाया है।ये इलेक्ट्रानिक टैटू त्वचा में इस तरह बनाए जाते हैं कि इसे डिवाइस के साथ जोड़कर किसी कम्प्यूटर के की बोर्ड की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इस टैटू को नसों में बहते खून की स्पीड से भी जोड़ा जा सकता है।शाहरुख और अक्षय की ये फिल्में टकराएंगी 11 अगस्त कोइसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि काम होने के बाद आप इसे आसानी से मिटा सकते हैं।आप अंगुलियों से अपने सिस्टम को चला सकते हैं। इस टैटू को आपकी त्वचा पर सीधे नहीं बनाया जाता। पहले त्वाचा के ऊपर इलास्टिक की कोटिंग की जाती है। फिर इस टैटू को शरीर के हिस्से पर बनाया जाता है। इस इलास्टिक की मदद से टैटू द्वारा बनाए गए बटन्स को सिस्टम के साथ जोड़ा जाता है।

किस बिजनेस पर क्‍या असर पड़ेगा जीएसटी का

नई दिल्‍ली। भारत में अप्रत्‍यक्ष करों ने भारत के बिजनेस और सप्‍लाई चेन को बदल कर रख दिया था। गुड्‌स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के आने के बाद भारत में बिजनेस का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा।देश के प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष करों के जरिये करीब 14.6 लाख करोड़ रुपए कर जमा होता है। इसमें से करीब 34 फीसद अप्रत्‍यक्ष करों के जरिये मिलता है, जिसमें एक्‍साइज के जरिये 2.8 लाख करोड़ रुपए और सर्विस टैक्‍स के जरिये 2.1 लाख करोड़ रुपए मिलते हैं।जीएसटी के लागू होने के बाद माना जा रहा है कि एक्‍साइज, राज्‍य स्‍तरीय वैट और सर्विस टैक्‍स खत्‍म हो जाएंगे।

विभिन्‍न सेक्‍टर्स पर असर-

सीमेंट उद्योग पर इसका सकारात्‍मक असर पड़ेगा।- उपभोक्‍ता उत्‍पादों पर सकारात्‍मक असर पड़ेगा।- एफएमसीजी पर सकारात्‍मक असर पड़ेगा।- फार्मास्‍युटिकल सेक्‍टर पर सकारात्‍मक असर पड़ेगा।- ऑटोमोबाइल सेक्‍टर पर सकारात्‍मक असर पड़ेगा।- आईटी सेक्‍टर पर सकारात्‍मक असर पड़ेगा।- मीडिया पर नकारात्‍मक असर पड़ेगा।- टेक्‍सटाइल पर कर दरों का नकारात्‍मक असर, लेकिन ओवर ऑल सकारात्‍मक असर पड़ेगा।- टेलीकम्‍युनिकेशन पर कर दरों का न्‍यूट्रल असर, लेकिन ओवर ऑल नकारात्‍मक असर पड़ेगा।- मैटल्‍स पर कर दरों का नकारात्‍मक असर, जबकि समग्रता से देखें, तो सकारात्‍मक असर पड़ेगा।

उपभोक्‍ता उत्‍पाद

वर्तमान में उपभोक्‍ता उत्‍पादों पर सात से 30 फीसद कर लगता है। जीएसटी के लगने से कंपनियों को अधिक फायदा होगा, जिन्‍हें अतीत में कर छूट नहीं मिलती थी। इससे संगठित और असंगठित क्षेत्र में के बीच कीमतों में अंर कम होगा। माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग के लगने के बाद मांग में तेजी आएगी और इस साल उपभोक्‍ता उत्‍पादों की खरीद बढ़ेगी। हैवेल्‍स, बजाज इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, वोल्‍टास जैसी कंपनियों को फायदा होगा।

लॉजिसि्टक्स

जीएसटी के लागू होने से सामान के लाने ले जाने में लगने वाले समय में कमी आएगी। इससे ट्रकों का अधिकतम उपयोग हो सकेगा। ऐसा होने पर भारी-भरकम बड़े ट्रकों का अधिकतम उपयोग हो सकेगा, जिससे ट्रांसपोर्टेशन की लागत में कमी आएगी।इसके साथ ही सामानों का अंतरराज्‍यीय परिवहन आसान होगा, जिससे लॉजिस्टिक सर्विस की मांग में इजाफा होगा। जीएसटी के कारण लॉजिस्टिक सेक्‍टर में काम करने वाले असंगठित प्‍लेयर्स और संगठित प्‍लेयर्स के बीच कीमतों का अंतर खत्‍म होगा।दरअसल, कई असंगठित कंपनियां कर चोरी करती हैं और इसलिए वह कीमत पर सामान पहुंचाने की पेशकर कर पाती हैं। एक जैसी कर दरें होंने से संगठित क्षेत की गति, ब्‍ल्‍यू डार्ट, ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी कंपनियों को फायदा होगा।

इन पर नहीं लगेगा जीएसटी

पेट्रोलियम उत्‍पादों परपंचायत/जिला काउंसिलों/ म्‍युनिसिपलों द्वारा लगाए गए और वसूले गए मनोरंजन कर परशराब के उपभोग पर करस्‍टैंप ड्यूटी और कस्‍टम ड्यूटीबिजली के उपभोग और बिक्री पर कर

कोटा में 18 परीक्षा केंद्रों पर 9800 परीक्षार्थी देंगे जेईई-मेन परीक्षा

कोटा। इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा 5वीं जेईई-मेन्स,2017 में करीब 12 लाख परीक्षार्थी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन पेपर देंगे। 2 अप्रेल (रविवार) को होने वाली ऑफलाइन परीक्षा में शहर के 18 परीक्षा केंद्रों पर 9800 परीक्षार्थी सुबह 9.30 बजे से 12.30 बजे तक पेपर-1 देंगे। 8 व 9 अप्रैल को ऑनलाइन परीक्षा भी कोटा में दो परियों में होगी।
सीबीएसई के कार्डिनेटर श्री प्रदीप सिंह गौड़ ने बताया कि शहर के सभी प्रमुख सीबीएसई स्कूलों में जेईई-मेन के परीक्षा केंद्र होंगे। लगभग 20 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने कोटा सेंटर के लिए आवेदन किया था, सीबीएसई ने लड़कियों को स्थानीय सेंटर देने को वरीयता दी है। इनमें डीएवी पब्लिक स्कूल, इमानुअल स्कूल, मोदी पब्लिक स्कूल, लारेंस एंड मेयो स्कूल, सोफिया स्कूल, सेंट पाल स्कूल, सेंट जोन्स स्कूल, सिंघानिया स्कूल, एसआर पब्लिक स्कूल, बख्शी पब्लिक स्कूल, आर्मी स्कूल, मित्तल स्कूल, गुरूनानक स्कूल सहित  निर्धारित सभी परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। राज्य के शेष परीक्षार्थी जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर व बीकानेर शहर के परीक्षा केंद्रों पर पेपर देंगे। कोटा से बड़ी संख्या में विद्यार्थी 1 अप्रैल को ट्रेन, बसों एवं टेक्सियों से जयपुर, उदयपुर, जोधपुर व अजमेर के लिए रवाना हों जाएंगे।
सुबह 7 से 9.30 के बीच सेंटर पहुंचे
गौड़ ने बताया कि परीक्षा में सुरक्षा को देखते हुए सभी केंद्रों पर जांच अधिकारी परीक्षार्थियों की मेटल डिटेक्टर से सघन जांच करके प्रवेश देंगे। ऐसे में परीक्षार्थी असुविधा से बचने के लिए प्रातः 7 बजे से 9.30 बजे तक परीक्षा केंद्र पर अवश्य पहुँच जाएं। सुबह 8.30 बजे तक सेंटर पहुंचने से उन्हें आवश्यक देरी नहीं होगी। जिन सेंटर्स पर परीक्षार्थी 800 तक होंगे वहां जांच के लिए कतारें लगेंगी।
9 देशों में होगी ऑनलाइन परीक्षा
सीबीएसई ने 9 अप्रैल,2017 को होने वाली ऑनलाइन जेईई-मेन परीक्षा के लिए विदेश में कोलम्बो, ढाका, काठमांडु, सिंगापुर, बहरीन, दुबई, रियाद, मस्कट एवं शारजाह सहित 9 देशों में भी परीक्षा केंद्र घोषित किए हैं। इन देशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों के बच्चे जेईई-मेन पेपर देंगे।