-दिनेश महेश्वरी
कोटा। । जीएसटी लगने के बाद कोचिंग में पढ़ना महंगा हो गया है। अब 15 की जगह 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा। स्टूडेंट्स को कोचिंग फीस में 3 फीसदी ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा। इससे कोचिंग क्लास की फीस बढ़ जाएगी। यानी एक लाख पर 18000 रुपये जीएसटी चुकाना पड़ेगा।
वैसे तो स्कूलों और कॉलेजों की फीस को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है लेकिन कोचिंग फीस 18 फीसदी टैक्स के दायरे में है यानी अब कोचिंग क्लास से फीस बढ़ाने को लेकर पैरंट्स को नोटिस दिया है, जिससे वे चिंतित हैं।
जीएसटी काउंसिल ने पारंपरिक कोर्सों और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा स्वीकृत कोर्सों को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। लेकिन गैर पारंपरिक और सर्टिफिकेट कोर्स पर टैक्स ज्यादा है।इसको लेकर एक्सपर्ट्स और शिक्षाविदों की राय अलग-अलग है।
जहां ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीएसटी से शिक्षा क्षेत्र पर कोई असर नहीं पड़ेगा और पढ़ाई खर्च का घरेलू बजट असंतुलित नहीं होगा । वहीं शिक्षाविदों की राय इससे अलग है। उनका मानना है कि अन्य कई रास्तों से शिक्षा के क्षेत्र पर इसका असर पड़ेगा।
लिविंग कॉस्ट में इजाफा
बड़ी संख्या में छात्र कोटा जैसे बड़े शहरों में पढ़ने के लिए आते हैं। जीएसटी का असर वैसे छात्रों पर पड़ेगा। कॉलेज फीस तो नहीं बढ़ेगी लेकिन इन छात्रों को ट्रांसपोर्ट, मेस और कैंटीन, हॉस्टल्स एवं अन्य सर्विसेज की जरूरत पड़ती है, जिस पर जीएसटी का असर पड़ेगा। इससे उनकी लिविंग कॉस्ट में इजाफा होगा। हॉस्टल में रहने वाले अधिकतर छात्र कैंटीन या मेस में खाते हैं। अब वहां खाना छात्रों को महंगा पड़ेगा।
विरोध दर्ज कराया था
इस मामले में कोचिंग संचालकों और छात्रों ने अपना विरोध दर्ज कराया था। जीएसटी लागू होने के बाद परन्तु सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण इसका भार पेरेंट पर पड़ गया। LEN-DEN NEWS ने इस मामले में कोचिंग संचालकों से बात की थी और सुझाव दिया था , की वह अपनी बढ़ी हुई फीस वापस ले ले। परन्तु उन्होंने अपने खर्चे गिनाते हुए फीस कम करने से इंकार कर दिया।