GST Anomalies: किराए के परिसर में व्यापार करने वालों की बड़ी मुसीबत!

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अतिरिक्त जीएसटी देने से व्यापार करना होगा मुश्किल!

एडवोकेट राजकुमार विजय
पूर्व अध्यक्ष टैक्स बार एसोसिएशन
कोटा। GST on rented shops: जीएसटी अनुपालन को कड़ा करने और राजस्व रिसाव को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम के रूप में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने अधिसूचना संख्या 09/2024 केंद्रीय कर रेट दिनांक 8 अक्टूबर 2024 को जारी कर, अपंजीकृत व्यक्ति से वाणिज्यिक संपत्ति किराए पर लेने पर पंजीकृत व्यवसायी को 10 अक्टूबर 2024 से 18% की दर से रिवर्स चार्ज के तहत जीएसटी जमा करना होगा और नियम के अनुसार उसका इनपुट भी लिया जा सकता है।

परंतु यह स्थिति जब विकराल हो जाती है जब व्यापारी कंपोजिशन डीलर हो या फिर ऐसा व्यापारी हो जिसे इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने का अधिकार नहीं हो। एक उदाहरण से समझे तो एक व्यापारी जो कंपोजिशन डीलर है, वह एक करोड रुपए की सेल करता है तो उसे ₹100000 जीएसटी जमा करना होगा।

वहीं वह 1 लाख रुपए महीने किराए पर दुकान या प्रतिष्ठान किराए पर लेता है तो उसको इस टैक्स के दुगने से भी ज्यादा ₹216000 जीएसटी रिवर्स चार्ज के तहत अतिरिक्त जमा करना होगा। वहीं अन्य व्यापारी जो इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं ले सकता है उसको जेब से इतना टैक्स भरना होगा।

उपरोक्त तथ्यों का विश्लेषण करने से ऐसा प्रतीत होता है कि इससे टैक्स चोरी नहीं बल्कि सरकार की अतिरिक्त कर वसूलने की मंशा है। ज्ञातव्य है कि 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू हुआ था तब इस व्यवस्था को 6 महीने बाद समाप्त कर दिया था और पुनः इसे प्रतिस्थापित किया है, जिससे व्यापारी को दोहरे करारोपण का सामना करना पड़ेगा।