मुंबई। Swiggy IPO: फूड डिलिवरी दिग्गज स्विगी का शेयर बुधवार को लिस्ट होंगे। कंपनी का 11,327 करोड़ रुपये का आईपीओ इस साल का दूसरा सबसे बड़ा इश्यू है। आईपीओ को 3.6 गुना बोलियां मिलीं और 90 प्रतिशत आवेदन इंस्टीट्यूशनल निवेशकों से मिले।
स्विगी की लिस्टिंग ऐसे समय हो रही है जब घरेलू बाजार कमजोर तिमाही नतीजों और वैश्विक फंडों की बड़ी बिकवाली की वजह से दबाव में हैं। यदि ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से चलें तो स्विगी के शेयर 390 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड के आसपास ही लिस्ट हो सकते हैं। इस तरह कंपनी का मूल्यांकन करीब 87,300 करोड़ रुपये हो सकता है।
स्विगी की प्रतिस्पर्धी जोमैटो की वैल्यू इस समय 2.31 लाख करोड़ रुपये है जिससे वह देश में 38वीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। जुलाई 2021 में कंपनी 9,375 करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर आई थी। उसने 9,000 करोड़ रुपये के नए शेयर 76 रुपये प्रति शेयर के भाव पर जारी किए थे। मंगलवार को जोमैटो का शेयर बीएसई पर 261 रुपये पर बंद हुआ।
मैक्वेरी की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि स्विगी फूड डिलिवरी और क्विक कॉमर्स में जोमैटो से 4-6 तिमाही पीछे है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘स्विगी का सकल ऑर्डर मूल्य (जीओवी) 3.3 अरब डॉलर (वित्त वर्ष 2025) जोमैटो से लगभग 25 प्रतिशत कम है। स्विगी के हर महीने लेनदेन करने वाले उपयोगकर्ता (1.4 करोड़) जोमैटो (2 करोड़) की तुलना में कम हैं जबकि बार बार ऑर्डर करने की रफ्तार अनुरूप है और औसत ऑर्डर वैल्यू कुछ ऊपर है।’
आईपीओ के जरिये, स्विगी ने 4,499 करोड़ रुपये की ताजा पूंजी जुटाई है। इसका इस्तेमाल कंपनी स्टोर नेटवर्क बढ़ाने, तकनीक और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, ब्रांड मार्केटिंग और व्यावसायिक प्रमोशन एवं विस्तार गतिविधियों पर करेगी।
आईपीओ में 10 निवेशकों की 6,828 करोड़ रुपये की सेकंडरी शेयर बिक्री शामिल है। इन निवेशकों में टेनसेंट, एक्सेल इंडिया और अपोलेट्टो एशिया मुख्य रूप से शामिल हैं। हिस्सेदारी बेचने वाले शेयरधारकों के लिए खरीद लागत 11.2 रुपये से 165.5 रुपये प्रति शेयर के बीच रही है।
वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का घाटा वित्त वर्ष 2023 में 4,179 करोड़ रुपये से घटकर 2,350 करोड़ रुपये रह गया। वित्त वर्ष 2024 में परिचालन से इसका राजस्व 11,247 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2023 में 8,265 करोड़ रुपये था।