सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस Starlink भारत में शुरू होगी, जानिए किससे होगा मुकाबला

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नई दिल्ली। सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस Starlink भारत में जल्द शुरू हो सकती हैं। कंपनी ने डेटा स्टोरेज और सिक्योरिटी के बारे में भारत सरकार के नियमों का पालन करने पर सहमति जताई है, जो सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विसेस प्रदान करने के लिए आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

हालांकि स्टारलिंक ने नियमों का पालन करने की अपनी इच्छा दिखाई है, लेकिन उसे अभी भी इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आधिकारिक तौर पर अपना एग्रीमेंट प्रस्तुत करना होगा। भारत में काम करने के लिए, स्टारलिंक जैसी सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनियों को देश के भीतर सभी यूजर डेटा स्टोर करना होगा। यह एक महत्वपूर्ण शर्त है जिसे सरकार से अपना लाइसेंस प्राप्त करने से पहले पूरा किया जाना चाहिए।

ऐसी भी उम्मीदें हैं कि स्टारलिंक को यह बताना पड़े कि जरूरत पड़ने पर सरकारी एजेंसियां डेटा तक कैसे पहुंच सकती हैं। अक्टूबर 2022 में, स्टारलिंक ने GMPCS (ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट सर्विसेज) लाइसेंस नाम के एक स्पेसिफिक लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, जो उनकी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्थापित करने का पहला कदम है, जिसमें आमतौर पर एक ट्रायल पीरियड शामिल होती है।

स्टारलिंक का आवेदन इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड अथॉराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) की निगरानी में आगे बढ़ रहा है, जो भारत में अंतरिक्ष गतिविधियों को नियंत्रित करता है। उन्होंने अपनी स्वीकृति को अंतिम रूप देने के लिए स्टारलिंक से अधिक जानकारी मांगी है।

हाल ही में एक इंटरव्यू में, IN-SPACe के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने बताया कि उन्होंने स्टारलिंक और अमेजन दोनों के सैटेलाइट प्रोजेक्ट पर भी सवाल उठाए हैं और आवश्यक डिटेल जुटाने पर काम कर रहे हैं।

भारत में स्टारलिंक सर्विसेस कब शुरू होंगी
एक बार जब स्टारलिंक सिक्योरिटी आवश्यकताओं को पूरा कर लेता है और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) सैटेलाइट सर्विसेस के लिए प्राइसिंग और स्पेक्ट्रम एलोकेशन के नियमों को अंतिम रूप दे देता है, तो भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विसेस आधिकारिक रूप से शुरू हो सकती हैं। उम्मीद है कि TRAI दिसंबर के अंत तक अपनी सिफारिशें पूरी कर लेगा, जिससे देश में स्टारलिंक के लॉन्च का रास्ता साफ हो जाएगा।

इस बीच, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल ही में भारत की टेलीकॉम रेगुलेटरी बॉडी से बिना नीलामी के सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया है। यह कदम एलन मस्क की स्टारलिंक के लिए एक नई चुनौती पेश करता है।