नयी दिल्ली। पूर्व राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बाद कीमत वृद्धि की आशंका से इनकार करते हुए कहा कि इस प्रकार की आशंका भ्रामक हैं और क्रियान्वयन को लेकर जो शुरूआती समस्या है, वह अगले 2-3 महीने में दूर हो जाएगी। दास ने यह भी कहा कि केंद्र तथा राज्य जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर पूरी तरह तैयार हैं। जीएसटी एक जुलाई से लागू हो गया है।
वैट समेत सभी अप्रत्यक्ष कर जीएसटी में समाहित हुए हैं। जम्मू कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों ने इसे स्वीकार कर लिया है। यह पूछे जाने पर क्या जीएसटी से कीमतों में वृद्धि होगी, दास ने कहा, ‘बिल्कुल नहीं’ और यह भ्रामक है। इसका कारण यह है कि लोग केवल एकतरफा कर को देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोग उन वस्तुओं और सेवाओं को देख रहे हैं जहां अधिक कर की वजह से कीमतें बढ़ी हैं। हालांकि वे कच्चे माल पर दिये गये कर की वापसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) को नहीं देख रहे। यह सुविधा उद्योग को उपलब्ध होगी। उन्होंने लोगों से कर सुधार को समग्र रूप से देखने को कहा।
‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ सुविधा में उद्योग पर कर कच्चे माल पर नहीं बल्कि उत्पादों के मूल्य वर्धन कर लगाया जाता है।दास ने कहा कि कहानी का दूसरा पहलू इनपुट टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता है। इसका कर दर में तथाकथित वृद्धि पर कम प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सीलिए लोग जिस वृद्धि की बात कर रहे हैं, वह बहुत अधिक नहीं होगी।
आपको समग्र रूप से चीजों को देखने की जरूरत है। आप ऐसा नहीं कर सकते कि पांच जिंसों को लीजिए और कहिए कि इनकी कीमतें बढ़ेंगी। जीएसटी के क्रियान्वयन में बाधाओं को लेकर चिंता के बारे में दास ने कहा, कि किसी भी नई प्रणाली में क्रियान्वयन मुद्दा होता है। मुझे लगता है कि 2-3 महीनों में चीजें ठीक हो जाएंगी।