गोवा। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए वस्तु एवं सेवा कर संबंधी ज्यादातर प्रस्तावों पर कोई सहमति नहीं बन सकी है।
सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि जीओएम ने पर्यटन क्षेत्र को दिए गए दीर्घावधि पट्टे पर जीएसटी से छूट के प्रस्ताव को भी टाल दिया है। समूह ने उन राज्यों का पक्ष लिया है जिन्होंने छूट की सुविधा के लिए पर्यटन को एक बुनियादी ढांचा क्षेत्र घोषित किया है।
सूत्र ने कहा, ‘करीब 12 राज्यों ने कर छूट के लाभ के लिए पर्यटन क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया है, हालांकि आज कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। हम रियल एस्टेट के मसले पर चर्चा के लिए नए सिरे से एकत्र हो सकते हैं।’सूत्रों ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र के कुछ बड़े मसले हैं, जिसमें आगे और ब्योरे की जरूरत है।
सूत्र ने कहा, ‘बहरहाल मंत्रियों के समूह ने कॉर्पोरेट हाउसिंग सोसायटियों में मालिकाना के आधार पर भवनों के पुनर्विकास पर जीएसटी से छूट दिए जाने के फैसले को टाल दिया है। जीओएम ने झुग्गियों में रहने वालों और झुग्गी पुनर्वास परियोजनाओं के तहत आवंटित मुफ्त आवासों को तरजीही दर्जा देने का फैसला भी टाल दिया है।’
इसके अलावा जीओएम ने सरकारी संस्थानों द्वारा चलाए जाने वाले लंबी अवधि के भूमि पट्टे से जुड़ी सेवा लागत और प्रीमियम शुल्क पर जीएसटी से छूट देने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए जीएसटी से संबंधित मंत्रियों के समूह की बैठक बिना किसी महत्त्वपूर्ण समझौते पर पहुंचे खत्म हो गई। गुजरात में 25 अक्टूबर को फिर बैठक होने वाली है।
इसके अलावा जीओएम ने महानगरों में सस्ते आवास की कीमत की सीमा 45 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये करने के प्रस्ताव को भी टाल दिया है। बैठक के दूसरे दिन एक दरों को तार्किक बनाने पर चर्चा करने और जीएसटी दरों पर आगे की रणनीति तथा स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी व्यवस्था सहित कुछ अन्य मसलों पर विचार के लिए बैठक होगी।
बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में हुई मंत्रियों के समूह की बैठक में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खीमसर और केरल के वित्त मंत्री केएन बालागोपाल भी शामिल हुए।