Saturday, October 19, 2024
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आधार से पैन को लिंक ऐसे करें ऑनलाइन

नई दिल्ली। अब सबको अपना पैन कार्ड आधार से लिंक करना जरूरी है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका पैन आधार से लिंक नहीं हो पा रहा। ऐसे में संभव है कि आपके पैन में कुछ ऐसी सूचनाएं हों जो आधार में दी गई सूचनाओं से मैच न करती हों।

आपको अपने पैन कार्ड की सूचनाएं सुधार लेनी चाहिए। जन्म तिथि, नाम आदि की जो सूचनाएं आधार में दी गई हैं वही सूचनाएं पैन में भी होनी चाहिए। आधार में दी गई सूचनाएं बिल्कुल दुरुस्त हैं तो आपके पास विकल्प है कि अपने पैन की सूचनाएं ऑनलाइन ठीक कर लें। 

यहां हम को बता रहे इसका एक आसान तरीका-

NSDL की वेबसाइट (https://www.onlineservices.nsdl.com/paam/endUserRegisterContact.html) पर जाएं। यहां पर पैन करेक्शन का ऑप्शन चुनें।

पैन करेक्शन पेज पर कुछ डिटेल्ट देकर सब्मिट करेंगे तो आपको एक नया पेज मिलेगा। यहां आवेदक को एक टोकन नंबर मिलेगा। टोकन नंबर आपकी ईमेल पर भी आ जाएगा।

पेज के टॉप पर ई-साइन के जरिए स्कैन्ड इमेज सबमिट करने और आप जिस पैन नंबर में करेक्शन कराना चाहते हैं, उसका नंबर होगा।

इस पेज पर अपनी निजी सूचनाएं सावधनी के साथ भरें। सुनिश्चित करें कि आधार और पैन की सूचनाएं एक जैसी हों। इसके बाद आप अपने पैन के जिस भाग जैसे-फोटो, साइन, पैरेंट्स की सूचना आदि सुधारना चाहते हैं उस बॉक्स में टिक लगाएं।

GST : सरकार का नया टैक्स स्लैब लाने पर विचार

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नई दिल्ली। 1 जुलाई से देशभर में लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर के अंतर्गत टैक्स की चार दरें 5,12,18 और 28 तय की गई थीं, लेकिन अब कुछ क्षेत्रों की चिंताओं को देखते हुए सरकार 12 और 18 फीसद वाले टैक्स स्लैब को खत्म कर एक नया टैक्स स्लैब लाने पर विचार कर रही है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जैसे जैसे जीएसटी आगे बढ़ेगा उसी तरह इसके टैक्स दरों पर पुनर्विचार चलता रहेगा। 12 फीसद और 18 फीसद टैक्स स्लैब को मिलाकर एक स्लैब बनाने की संभावना है।

सरकार का 12 और 18 फीसद वाले टैक्स स्लैब को खत्म कर एक नया टैक्स स्लैब लाने पर विचार 

 रोज के इस्तेमाल में आने वाली कुछ जरूरी चीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि जेटली ने जीएसटी के अलग-अलग टैक्स स्लैब का बचाव भी किया।

उन्होंने कहा कि देश में एक समान टैक्स का प्रावधान नहीं हो सकता। जैसे हवाई चप्पल और BMW कार पर एक समान टैक्स नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि GST का उद्देश्य घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना भी है।

सरकार नहीं चाहती की सस्ते विदेशी उत्पाद देश में आते रहें।अरुण जेटली ने स्पष्ट किया है कि कि दोनों टैक्स दरों को खत्म करने से पहले सरकार इसके अन्य विकल्प के बारे में भी सोचेगी ताकि महंगाई न बढ़े। इसके साथ ही संसद में जम्मू-कश्मीर के लिए भी सीजीएसटी और एसजीएसटी बिल को पारित कर दिया गया है।

सोने की वायदा कीमत 0.51 फीसदी गिरी

नई दिल्‍ली। वैश्विक स्तर पर नरमी के रुख से बोलियों में कटौती किए जाने से सोने की वायदा कीमतें 0.51 फीसदी टूटकर 28,444 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गईं।

मल्टी कमॉडिटी एक्सचेंज में अक्टूबर में आपूर्ति किए जाने वाले सोने का भाव 145 रुपये यानी 0.51 फीसद घट गया और 28,444 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया।

इसमें 1,293 लॉट के लिए कारोबार किया गया। इसी तरह अगस्त में आपूर्ति वाला सोना 54 रुपये यानी 0.19 प्रतिशत टूटकर 28,383 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया।

विश्लेषकों के अनुसार वायदा कारोबार में सोने के कमजोर होने का मुख्य कारण कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से बोलियां कम होना रहा है। वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में सोना 0.31 प्रतिशत गिरकर 1,262.30 डॉलर प्रति औंस रह गया।

डॉलर के मुकाबले रुपया दो साल की ऊंचाई पर

मुंबई। बैंकों और निर्यातकों की ताजा डॉलर बिकवाली से आज कारोबार की शुरुआत में रुपया पांच पैसे और मजबूत होकर डॉलर के मुकाबले दो साल की नई ऊंचाई 63.65 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। बाजार में विदेशों से पूंजी प्रवाह और बढऩे की उम्मीद है।

दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम पडऩे से भी रुपये की मजबूती को समर्थन मिला। अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में कल डॉलर के मुकाबले रुपये में सबसे अधिक 37 पैसे की मजबूती दर्ज की गई और उसने 64 रुपये के मनौवैज्ञानिक स्तर को भी तोड़ दिया।

जिसके बाद यह घटकर 63.70 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। रिजर्व बैंक ने कल रीपो दर को 0.25 प्रतिशत कम कर दिया। इससे भी रुपये में मजबूती की धारणा रही। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज कारोबार की शुरुआत में 78.64 अंक गिरावट में रहा।

पतंजलि की जींस अप्रैल से मार्केट में बिकने लगेगी

नई दिल्ली। अप्रैल 2018 से बाबा रामदेव का पतंजलि ग्रुप पूरे देश में अपनी जींस को लॉन्च कर देगा। खाने पीने और रोजमर्रा के सामान बेचने के बाद अब बाबा रामदेव अपने कपड़े के स्टोर पूरे देश में खोलने की तैयारी कर ली है। 

रामदेव के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा कि वो अपने स्वदेशी कपड़े की दुकानें जल्द खोलने जा रही है। इन स्टोर में बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के लिए पूरी रेंज उपलब्ध होगी। कंपनी ने फिलहाल पहले साल में बिक्री के लिए 5 हजार करोड़ रुपये का टारगेट रखा है। 

तिजारावाला ने कहा कि कंपनी सबसे पहले हाथ से बुने कपड़ों के अलावा, मशीन से बने कपड़ों को भी बेचेगी, जिसमें डेनिम से बने कपड़े भी शामिल होगें। 

परिधान होगा नए स्टोर का नाम
तिजारावाला ने कहा कि उनके स्टोर का नाम परिधान होगा। शुरुआती चरण में 250 स्टोर खोले जाएंगे। इसके बाद इनका विस्तार किया जाएगा। पतंजलि के कपड़े बिग बाजार सहित देश के अन्य रिटेल आउटलेट्स जैसे कि खादी भवन से भी बेचे जाएंगे। 

फेसबुक, गूगल से भी किया करार  
पतंजलि के उत्पादों को खरीदने में अगर कोई दिक्कत आ रही है तो घर बैठे आप फेसबुक या फिर गूगल से इसके लिए ऑनलाइन ऑर्डर कर सकेंगे। इसके लिए बाबा रामदेव ने दोनों बड़ी ऑनलाइन टेक कंपनियों से करार किया है। 

टीवी और अखबार के बाद ऑनलाइन का किया रुख
बाबा रामदेव ने जब से पतंजलि को शुरू किया है, तब से उनका फोकस टीवी और अखबार में विज्ञापन देने का रहा है। लेकिन अब ऑनलाइन पर भी कंपनी ने अपना फोकस शुरू कर दिया है।

दूसरी तिमाही में सोने के मांग 37 फीसद बढ़ी

नई दिल्ली । साल 2017 की दूसरी तिमाही के दौरान सोने की मांग में 37 फीसद का उछाल देखने को मिला है। इस उछाल के साथ यह 167.4 टन के स्तर पर पहुंच गया। त्यौहारी सीजन और ग्रामीण मांग के चलते यह तेजी देखने कोमिली है। यह जानकारी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने अपनी नवीनतम गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट में बताया कि अप्रैल से जून के दौरान मांग 122.1 टन रही थी। वहीं वैल्यू टर्म में बात करें तो मांग 32 फीसद चढ़कर 43,600 करोड़ हो गई, जबकि साल 2016 की दूसरी तिमाही के दौरान यह 33,090 करोड़ रुपए रही थी।

काउंसिल के प्रबंध निदेशक सोमासुंदरम पीआर ने बताया कि हालांकि, दूसरी तिमाही की मांग पांच साल के औसत से कम है और यह मुख्य रुप से वस्तु एवं सेवा कर से प्रेरित है जिसने तिमाही के अंत में खरीददारी को बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि साल 2016 की दूसरी तिमाही में 1 फीसद एक्साइज ड्यूटी के विरोध में ज्वैलर्स की हड़ताल ने सोने की मांग पर असर डाला था। दूसरी तिमाही के दौरान भारत में सोने की कुल मांग इस साल 41 फीसद उछलकर 126.7 टन पर पहुंच गई थी जबकि बीते वर्ष की समान अवधि के दौरान यह आंकड़ा 89.8 टन रहा था।

वहीं वैल्यू के टर्म में ज्वैलरी की डिमांड में 36 फीसद का उछाल (33,000 करोड़ रुपए) देखने को मिला जो कि साल 2016 की समान अवधि में 24,350 करोड़ रुपए की रही थी।

सेवा क्षेत्र की गतिविधियां 4 साल के निम्न स्तर पर

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नयी दिल्ली। माल एवं सेवाकर जीएसटी लागू होने का असर सेवा क्षेत्र पर भी दिखाई दिया। जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद सेवा क्षेत्र की गतिविधियां पिछले चार साल के निम्न स्तर पर पहुंच गई। एक मासिक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष सामने आया है।

मासिक आधार पर सेवा क्षेत्र की गतिविधियों का आकलन करने वाला दि निक्केई इंडिया सविर्सजि पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जुलाई माह में गिरकर 45.9 पर आ गया।

यह आंकड़ा सितंबर 2013 के बाद सबसे कम है। एक महीना पहले जून में यह आठ माह के उच्चस्तर 53.1 अंक पर था। जुलाई के सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े इस कैलेंडर वर्ष में आने वाली पहली गिरावट को भी दर्शाते हैं।

आईएचएस मार्केट की प्रधान अर्थशास्त्री पॉलीयाना डी लीमा ने रिपोर्ट में कहा है कि जुलाई के पीएमआई आंकड़े पूरे भारत में गतिविधियों में गिरावट को दर्शाते हैं, जून में गतिविधियों में तेजी आने के बाद जुलाई में अर्थव्यवस्था वापसी के रुख में आ गई।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि जीएसटी लागू होने के बाद सेवा क्षेत्र की कंपनियों का कहना है कि नये काम के आर्डर कम आये है जिससे गतिविधियां सुस्त पड़ गईं।

विनिर्माण क्षेत्र में आई गिरावट के बाद सेवा क्षेत्र में भी जुलाई में गिरावट का रुख रहा। जुलाई में नये आर्डर और उत्पादन घटने से विनिर्माण क्षेत्र में भी गिरावट रही।

इसके साथ ही निक्केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स जो विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों को मापता है– जुलाई माह में तेजी से गिरकर 46.0 अंक रह गया। एक माह पहले जून में यह 52.7 अंक पर था।

लीमा का कहना है कि नोटबंदी के झाटके के बाद निजी क्षेत्र की गतिविधियों में पहली बार इतनी गिरावट आई है। वर्ष 2009 के बाद यह पहली बड़ी गिरावट है।  इससे बाजार में बिक्री गतिविधियों का पता चलता है। बहरहाल, सेवा प्रदाता आगामी 12 माह के परिदृश्य को लेकर आशावादी हैं।

 

 

फेरारी जीटीसी4लूसो टी लॉन्च, कीमत 4.2 करोड़

नई दिल्ली। फेरारी ने जीटीसी4लूसो टी को लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत 4.2 करोड़ रुपये (एक्स-शोरूम) रखी गई है। फेरारी कारों की रेंज में यह एफएफ की जगह लेगी। इसके अलावा कंपनी ने पावरफुल वेरिएंट जीटीसी4लूसो को भी लॉन्च किया है, इसकी कीमत 5.2 करोड़ रूपए (एक्स-शोरूम) है।

जीटीसी4लूसो का डिजायन एफएफ सुपरकार से मिलता-जुलता है, हालांकि पावर के मोर्चे पर यह एफएफ से काफी आगे है। इस में 6.3 लीटर का पेट्रोल इंजन लगा है, जो 689 पीएस की पावर और 697 एनएम का टॉर्क देता है।

एफएफ की तुलना में इस में 29 पीएस की ज्यादा पावर और 14 एनएम का ज्यादा टॉर्क मिलता है। यह इंजन 7-स्पीड ड्यूल-क्लच ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से जुड़ा है, जो सभी पहियों पर पावर सप्लाई करता है।

जीटीसी4लूसो की टॉप स्पीड 335 किलोमीटर प्रति घंटा है। 0 से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पाने में इसे 3.4 सेकंड का समय लगता है, इस मामले में यह एफएफ से 0.4 सेकंड तेज है। जीटीसी4लूसो टी की बात करें तो इस में 3.9 लीटर का वी8 इंजन लगा है, जो 610 पीएस की पावर और 760 एनएम का टॉर्क देता है।

यह इंजन 7-स्पीड ड्यूल-क्लच ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से जुड़ा है। इसकी टॉप स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा है। 100 की रफ्तार पाने में इसे 3.5 सेकंड का समय लगता है।

इमामी का पहली तिमाही में मुनाफा 98 % गिरा

नई दिल्ली। दैनिक उपभोग के उत्पाद बनाने वाली कंपनी इमामी लिमिटेड का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 98.16 फीसदी गिरकर 1.04 करोड़ रुपये रह गया है।

पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसका शुद्ध मुनाफा 56.65 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने बताया कि आलोच्य तिमाही में उसकी कुल बिक्री भी 16.16 प्रतिशत कम होकर पिछले वित्त वर्ष के 645.43 करोड़ रुपये की तुलना में 541.10 करोड़ रुपये रह गई।

बजाज ऑटो की बिक्री जुलाई में घटी
दोपहिया एवं तिपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी बजाज ऑटो लिमिटेड की बिक्री इस साल जुलाई महीने में सात प्रतिशत गिरकर तीन लाख सात हजार 727 इकाई पर हो गई है। पिछले साल के इसी महीने में उसने तीन लाख 29 हजार 833 वाहन बेचे थे।

कंपनी ने बताया कि उसकी आलोच्य महीने के दौरान मोटरसाइकिलों की बिक्री पिछले साल के दो लाख 85 हजार 527 इकाइयों की तुलना में सात प्रतिशत गिरकर दो लाख 65 हजार 182 इकाई रह गई है। इस दौरान उसका निर्यात भी आठ फीसदी कम होकर एक लाख 31 हजार 811 वाहनों से घट कर एक लाख 21 हजार 230 इकाई पर आ गया है।

एडेलवेस फाइनैशियल सविर्सेज का पहली तिमाही का मुनाफा बढ़ा
वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी एडेलवेस फाइनैंशियल सविर्सेज को इस वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही में एकीकृत आधार पर 196.3 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 139.68 करोड़ रुपये से 40.5 फीसदी अधिक है।

कंपनी ने बताया कि उसको आलोच्य अवधि में उसकी कुल आय बढ़कर 1,887.87 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसकी कुल आय 1,465.40 करोड़ रुपये रही थी।  

गोदरेज प्रॉपर्टीज का मुनाफा 46 फीसदी गिरा
रियल्टी क्षेत्र की कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज का शुद्ध मुनाफा इस वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही में 46 फीसदी गिरकर 23.37 करोड़ रुपये पर आ गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसका शुद्ध मुनाफा 43.47 करोड़ रुपये रहा था।

तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय पिछले वित्त वर्ष के 333 करोड़ रुपये की तुलना में तीन प्रतिशत बढ़कर 345 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।

पीएनबी का पहली तिमाही शुद्ध लाभ बढ़ा
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही का शुद्ध लाभ 12.09 प्रतिशत बढ़कर 343.40 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। डूबे कर्ज के एवज में प्रावधान कम होने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में बैंक ने 306.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।

 

LPG पर नहीं केरोसिन पर खत्म होगी सब्सिडी

नई दिल्ली। एलपीजी पर सब्सिडी खत्म करने पर विरोध का सामना करने के बाद केंद्र सरकार अब केरोसिन पर सब्सिडी मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर रही है।  सरकार ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि केरोसिन की खपत ग्रामीण इलाकों में काफी कम हो गई है। 

 केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों को प्रत्येक पखवाड़े में 25 पैसे सब्सिडी खत्म करने के लिए कहा है। ऐसा केरोसीन की खपत में कमी को देखकर किया जा रहा है। वहीं एक अन्य खबर के मुताबिक मोदी सरकार एलपीजी पर सब्सिडी खत्म करने के अपने फैसले पर बैकफुट पर आ गई है। 

गौरतलब है कि केरोसिन तेल की डिमांड में कमी देखी जा रही है। गांवों में सरकार ने बीते तीन वर्षों में गैस कनेक्शन की सप्लाई में बढ़ोत्तरी की है। वहीं दिल्ली और चंडीगढ़ को पहले ही केरोसिन फ्री राज्य घोषित किया जा चुका है।  साल 2016-17 में केरोसिन की मांग 21 प्रतिशत घटी है।

केंद्र सरकार ने सरकारी तेल कंपनियों से सब्सिडी पर मिलने वाली रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतें हर महीने प्रति सिलेंडर 4 रुपये बढ़ाने का फैसला किया है। इसका मकसद अगले साल मार्च तक पूरी सब्सिडी को खत्म करना है। 

इससे पहले, सरकार ने इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से सब्सिडी पर मिलने वाली एलपीजी के दाम में हर महीने 2 रुपये तक की बढ़ोतरी करने को कहा था। प्रधान ने लोकसभा को दिए लिखित जवाब में बताया कि अब कीमत बढ़ोतरी को दोगुना कर दिया गया है, जिससे सब्सिडी को खत्म किया जा सके।