नई दिल्ली। 1 जुलाई से देशभर में लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर के अंतर्गत टैक्स की चार दरें 5,12,18 और 28 तय की गई थीं, लेकिन अब कुछ क्षेत्रों की चिंताओं को देखते हुए सरकार 12 और 18 फीसद वाले टैक्स स्लैब को खत्म कर एक नया टैक्स स्लैब लाने पर विचार कर रही है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जैसे जैसे जीएसटी आगे बढ़ेगा उसी तरह इसके टैक्स दरों पर पुनर्विचार चलता रहेगा। 12 फीसद और 18 फीसद टैक्स स्लैब को मिलाकर एक स्लैब बनाने की संभावना है।
सरकार का 12 और 18 फीसद वाले टैक्स स्लैब को खत्म कर एक नया टैक्स स्लैब लाने पर विचार
रोज के इस्तेमाल में आने वाली कुछ जरूरी चीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि जेटली ने जीएसटी के अलग-अलग टैक्स स्लैब का बचाव भी किया।
उन्होंने कहा कि देश में एक समान टैक्स का प्रावधान नहीं हो सकता। जैसे हवाई चप्पल और BMW कार पर एक समान टैक्स नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि GST का उद्देश्य घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना भी है।
सरकार नहीं चाहती की सस्ते विदेशी उत्पाद देश में आते रहें।अरुण जेटली ने स्पष्ट किया है कि कि दोनों टैक्स दरों को खत्म करने से पहले सरकार इसके अन्य विकल्प के बारे में भी सोचेगी ताकि महंगाई न बढ़े। इसके साथ ही संसद में जम्मू-कश्मीर के लिए भी सीजीएसटी और एसजीएसटी बिल को पारित कर दिया गया है।