Saturday, October 19, 2024
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165 अंक फिसल कर खुला शेयर बाजार

मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को शुरू हुआ गिरावट का दौर गुरुवार को भी जारी रहा। अंतरराष्ट्रीय बाजार से कमजोरी के संकेतों के बीच बाजार गिरावट के साथ खुले हैं।

प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 165 अंक की कमजोरी के साथ 32308 के स्तर पर और निफ्टी 51 अंक की कमजोरी के साथ 10029 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, मिडकैप में 0.21 फीसद और स्मॉलकैप में 0.10 फीसद की कमजोरी देखने को मिल रही है।

वैश्विक बाजार में कमजोरी
अंतरराष्ट्रीय बाजार से कमजोरी के संकेतों के बीच तमाम एशियाई बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है। जापान का निक्केई 0.31 फीसद की कमजोरी के साथ 20017 के स्तर पर, चीन का शांघाई 0.24 फीसद की कमजोरी के साथ 3277 के स्तर पर, हैंगसैंग 0.11 फीसद की कमजोरी के साथ 27580 के स्तर पर और कोरिया का कोस्पी 1.50 फीसद की कमजोरी के साथ 2391 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

वहीं, बुधवार को अमेरिकी बाजार के प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 0.24 फीसद की बढ़त के साथ 22016 के स्तर पर, एसएंडपी500 0.05 फीसद की बढ़त के साथ 2477 के स्तर पर और नैस्डैक सापट होकर 6362 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है।

बैंकिंग शेयर्स में मुनाफावसूली
सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो ऑटो और फार्मा को छोड़ सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। बैंक (0.59 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.37 फीसद), एफएमसीजी (0.57 फीसद), आईटी (0.22 फीसद), मेटल (0.50 फीसद) और रियल्टी (0.41 फीसद) की गिरावट देखने को मिल रही है।

बैंको में राष्ट्रव्यापी हड़ताल 22 को , बैंक कर्मी आज करेंगे प्रदर्शन

कोटा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने 22 अगस्त को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का आव्हान किया है। हड़ताल से संबंधित कार्यक्रमों के अंतर्गत गुरुवार को बैंक कर्मी एवं अधिकारी सायं 5.15 बजे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया गोवर्धनपुरा कोटा शाखा के समक्ष प्रदर्शन करेंगे।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस कोटा के संयोजक पदम पाटोदी ने बताया कि  जनविरोधी बैंकिंग सुधार,कॉर्पोरेट एनपीए को बट्टे खाते में डालने तथा बैंक प्रभार बढ़ाने के विरोध में तथा संसदीय समिति की एनपीए वसूली हेतु दी गई रिपोर्ट लागू करने की मांग है।

उन्होंने बताया कि यह हड़ताल एनपीए की वसूली हेतु कारगर कदम उठाने, एफडीआई बिल वापस लेने, बैंक बोर्ड ब्यूरो समाप्त करने, सभी वर्गों में नई भर्ती करने, तथा बैंककर्मियों के मुद्दे तुरंत हल करने की मांग को लेकर की जाएगी।

 

GST : रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म बना कारोबार में बाधक, देखिए वीडियो

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कोटा। जीएसटी लागू हुए एक माह से अधिक समय हो गया है। फिर भी करदाता डीलर्स की परशानियाँ कम नहीं हो रही हैं। वह अपना काम -धंधा छोड़कर टैक्स कंसल्टेंट के पास चक्कर काट रहे हैं।

कहीं एचएसएन कोड, कहीं रेट्स को लेकर, तो कहीं रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म को लेकर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इस बारे में हमारे चैनल LEN-DEN NEWS ने जीएसटी कमेटी राजस्थान के सदस्य एवं ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ टैक्स प्रैक्टिशनर्स के पूर्व अध्य्क्ष  एमएल पाटोदी से बातचीत की, तो उन्होने भी यह स्वीकार किया। पूरी जानकारी के लिए देखिए हमारा यह वीडियो—

आठवीं तक फेल न करने की नीति खत्म होगी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार छात्रों को आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति को खत्म करने की तैयारी में है। कैबिनेट ने इससे जुड़े प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा देश भर में 20 विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोलने वाले प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई है।

20 विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोलने एवं छात्रों को आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति को कैबिनेट की मंजूरी 

सरकार नो डिटेंशन नीति को खत्म करने के लिए ‘बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा संशोधन विधेयक’ लाएगी। इसमें पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल होने का प्रावधान फिर से जोड़ा जाएगा।

हालांकि, असफल छात्रों को दूसरा मौका दिया जाएगा। उसमें भी फेल होने पर छात्रों को पांचवीं या आठवीं कक्षा में ही फिर से पढ़ाई करनी होगी।

इसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। 1 अप्रैल, 2010 को अमल में आए शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत आठवीं कक्षा तक छात्रों को फेल-पास के झंझट से मुक्ति दे दी गई थी। यह आरटीई का महत्वपूर्ण प्रावधान था।मंत्रिमंडल ने देश भर में 20 विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान खोलने वाले प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

सार्वजनिक क्षेत्र के हर संस्थान के लिए 500-500 करोड़ रुपये आवंटित करने की उम्मीद है। वित्त विभाग की व्यय समिति ने पांच हजार करोड़ रुपये आवंटित करने पर कदम उठाना शुरू भी कर दिया है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फरवरी में दस सार्वजनिक और इतने ही निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव पास किया था। आम बजट में इसका उल्लेख भी किया गया था।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके लिए अलग से नियम-कायदे भी तैयार किए हैं। सभी 20 विवि को विदेशी छात्रों से फीस लेने, दाखिला देने और शिक्षकों को वेतन देने में पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी। फिलहाल विश्वविद्यालय को यह छूट प्राप्त नहीं है।

 

सत्ता पक्ष के विधायक ने की जीएसटी वापस लेने की मांग

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कोटा| विधायक भवानी सिंह राजावत जीएसटी का विरोध कर एक बार फिर विवादों में घिर गए । वे हमेशा विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं।  इस बार उन्होने सत्ता पक्ष के होते हुए सरकार से जीएसटी वापस लेने की मांग कर डाली।

कोटा के विकास कार्य ठप होने पर सरकारी अधिकारियों पर भड़के विधायक

उन्होंने 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होने पर शहर के विकास कार्य ठप होने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे वापस ले या मध्यप्रदेश की तर्ज पर यहां पर विकास कार्य करवाए जाएं।

उन्होंने कहा कि इसके कारण यूआईटी, निगम पीडब्ल्यूडी में चल रहे सभी विकास कार्य ठप हो गए हैं।

ठेकेदारों ने काम को अधूरा छोड़ दिया है, जिससे सभी प्रोजेक्ट ठप हो गए हैं। वे बुधवार को यूआईटी के सभागार में विभाग के अधिकारियों की बैठक में अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर चर्चा कर रहे थे।

पारदर्शी हो कार्यशैली
राजावत ने कहा कि न्यास की कार्यशैली पारदर्शी होनी चाहिए, संतुलित विकास की होनी चाहिए, नगर निगम सीमा में आये गांवों में मुक्तिधामों का विस्तार करवाना आदि प्राथमिकता होनी चाहिए।

बैठक में अध्यक्ष आरके मेहता, उपमहापौर सुनीता व्यास, भाजपा जिला उपाध्यक्ष राकेश मिश्रा, नगर विकास न्यास सचिव आनंदीलाल वैष्णव, उपसचिव कीर्ति राठौड़, दीप्ति मीणा, कृष्णा शुक्ला, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एस के सिंघल, अधिशाषी अभियंता पी दुबे भी उपस्थित थे।

रेलवे स्टेशनों पर 33% स्टॉल्स अब महिलाओं को

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कोटा| नई कैटरिंग पॉलिसी में सभी रेलवे स्टेशनों पर 33 फीसदी स्टॉल महिलाओं को दिए जाएंगे। साथ ही सभी बेस किचन रेलवे के अधीन होंगे। जिसके तहत सभी पेंट्रीकार सर्विस कॉन्ट्रेक्ट आईआरसीटीसी को दी जाएगी।

कैटरिंग सर्विसेज में स्वयं सहायता समूह को भी जोड़े जाने की योजना है। सभी रेलवे स्टेशनों पर दूध के स्टॉल्स भी लगाए जाएंगे। रेलवे नई कैटरिंग पॉलिसी से ट्रेनों के पेंट्रीकार में खाने की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास किया गया है। पॉलिसी के तहत ट्रेनों में खाना नहीं पकेगा।

आईआरसीटीसी अपने बेस किचन में खाना तैयार करवाएगी, फिर आउटसोसिंग प्रोफेशनल कंपनियों के जरिए यात्रियों को पहुंचाएगी। आईआरसीटीसी यात्रियों को पौष्टिक गुणवत्तापूर्ण खाना उपलब्ध करवाएगी। पेंट्रीकार पर आईआरसीटीसी की जिम्मेदारी होगी। आईआरसीटीसी ही ठेका देगी।

उसकी मॉनिटरिंग करेगी। रेलवे के वाणिज्य विभाग के कर्मचारी निरीक्षण तो कर सकेंगे, लेकिन रिपोर्ट तैयार कर संबंधित रेलवे आईआरसीटीसी को भेजेंगे। उन्हें ही जुर्माना तय करना होगा। जुर्माना रेलवे नहीं कर सकेगी।

 

 

RBI ने बैंकों से दरों में और कटौती करने को कहा

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नीतिगत दरों में कटौती का पूरा लाभ नहीं देने को लेकर बैंकों को दोष देते हुए बुधवार को कहा कि वह कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर प्रणाली (MCLR) से असंतुष्ट है।

उसने कहा कि वह बाजार आधारित नया मानक पर विचार कर रहा है ताकि ग्राहकों को दरों में कटौती का बेहतर तरीके से लाभ मिल सके। शीर्ष बैंक ने कहा कि बैंकों के लिए कुछ सेगमेंट्स में ब्याज दरों में कटौती की और गुंजाइश है।

केंद्रीय बैंक की 2017-18 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर विरल आचार्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘ग्राहको को नीतिगत दर में कटौती का लाभ बेहतर तरीके से देने को लेकर अप्रैल 2016 में पेश MCLR का अनुभव पूरी तरह संतोषजनक नहीं है।

आचार्य ने कहा कि रिजर्व बैंक ने MCLR सिस्टम के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन और बैंक ब्याज दर को सीधे बाजार को निर्धारित करने वाले मानकों से जोड़ने की संभावना तलाशने को लेकर आंतरिक अध्ययन समूह गठित किया है। उन्होंने कहा कि समूह इस साल 24 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट दे देगा।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि MCLR आधारित ब्याज दर के जरिये बढ़ा हुआ लाभ देने के मामले में अप्रैल 2016 में पुरानी व्यवस्था आधार दर की जगह लाई गई यह प्रणाली सकारात्मक रही।

उल्लेखनीय है कि MCLR पेश किये जाने और ब्याज दरों में कटौती के बाावजूद रिजर्व बैंक बार-बार बैंकों से यह शिकायत करता रहा है कि उसने नीतिगत दर में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देने व आर्थिक वृद्धि के लिए धीमे पड़े निजी निवेश को गति देने में मदद के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।

आचार्य ने यह भी कहा कि फंसे कर्ज NPA के मोर्चे पर जारी समाधान प्रक्रिया से ग्राहकों को दर में कटौती का बेहतर तरीके से लाभ दिया जा सकेगा क्योंकि बैंक की बैंलस शीट पर दबाव कम होगा।

 

 

इंडिगो की एनिवर्सरी पर 1,111 रुपए का खास एयर फेयर ऑफर

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नई दिल्ली। घरेलू विमान सेवा इंडिगो एयरलाइंस अपनी 11वीं सालगिरह मना रही है। यही वजह है कि इंडिगो बहुत लुभावने ऑफर लेकर आ रही है।

हाल ही में कंपनी ने एक बयान में कहा है कि कंपनी 5 दिन की स्पेशल सेल शुरू कर रही है। कंपनी ने अपनी स्पेशल सेल में एयर फेयर की शुरुआत 1,111 रुपए से की है। 

ये ऑफर 2 अगस्त से 6 अगस्त तक ही वैलिड है। इस ऑफर का ट्रेवल पीरियड 21 अगस्त से अगले साल 24 मार्च है। ये ऑफर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा और नॉन रिफंडडेबल है। एयरलाइंस ने यह भी जानकारी दी है।

दरअसल  इंडिगो के प्रेजिडेंट आदित्य घोष का कहना है कि भारत में इंडिगो को 11 साल पूरे हो गए हैं। एयरलाइंस 12वें साल में नई उपलब्धियां पाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

यही वजह है कि इंडिगो ने यह स्पेशल सेल ऑफर दिया है। किस जगह से किस जगह के लिए ऑफर दिया जा रहा है। इसकी जानकारी के लिए आप एयरलाइंस की वेबसाइट पर जा सकते हैं।

अब 2 क्लिक में बुक करें तत्काल टिकट

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नई दिल्ली। अब यात्री रेलवे के तत्काल कोटा का टिकट पहले बुक करके उसका पेमेंट बाद में कर सकेंगे। यह सेवा केवल सामान्य टिकटों की बुकिंग के लिए उपलब्ध थी, अब तत्काल बुकिंग के लिए भी उपलब्ध होगी। इसकी मदद से दो क्लिक से टिकट बुक कर सकते हैं।

इसके तहत आइआरसीटीसी वेबसाइट-एप के उपयोगकर्ता अपने घर पर टिकट की डिलीवरी का विकल्प चुनकर कैश, डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान कर सकेंगे।आइआरसीटीसी के ‘पे-ऑन डिलीवरी’ पेमेंट प्रोवाइडर एण्डुरिल टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लि. ने मंगलवार को यह ऐलान किया है।

कुछ सेकेंड में हो जाएगी बुकिंग
आइआरसीटीसी रोजाना 1 लाख 30 हजार टिकटें बुक करने का काम करता है। इनमें से ज्यादातर टिकट तत्काल के लिए बुकिंग शुरू होने के कुछ ही मिनटों में बुक हो जाती हैं।

अब तक उपयोगकर्ता टिकट कन्फर्म होने से पहले स्टैंडर्ड ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के जरिए भुगतान करते थे। इस प्रक्रिया में देरी भी हो जाती थी, जिसके चलते कई बार उपयोगकर्ता कन्फर्म टिकट बुक नहीं करवा पाते थे।

पे ऑन डिलीवरी’ सेवा से पेमेंट गेटवे के उपयोग की जरूरत नहीं पड़ती और इससे कुछ ही सेकेंड में टिकट बुकिंग हो जाती है। 

मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुराग बाजपेयी ने कहा, तत्काल टिकटों के लिए पे ऑन डिलीवरी उन लाखों रेल यात्रियों के लिए बहुत फायदेमंद होगी, जिन्हें तत्काल कोटा के तहत बुकिंग करवाने की जरूरत होती है।

 

नीतिगत दर में कटौती से निजी निवेश बढ़ेगा – पटेल

मुंबई। रिजर्व बेंक के गवर्नर उर्जति पटेल ने आज कहा कि मुद्रास्फीति के वर्तमान रिकार्ड निचले स्तर से आगे चल कर चढ़ने के आसार हैं। बावजूद इसके केंद्रीय बैंक ने निजी निवेश को उभारने तथा कंपनियों के कमजोर बही-खातें के बीच फंसे कर्ज की बढ़ती समस्या के समाधान के लक्ष्य के साथ अपनी नीतिगत दर में चौथाई प्रतिशत में कटौती कर इसे साढे छह साल के निम्न स्तर पर ला दिया है।

रेपो दर में दस महीने के बाद कोई कटौती हुई है और यह प्रतिशत 0.25 अंक कम कर 6 प्रतिशत पर लायी गयी है। पटेल के पिछले साल सितंबर में कार्यकाल संभालने के बाद यह दूसरा मौका है जब नीतिगत दर में कटौती की गयी है।इससे पहले, पिछले साल अक्तूबर में अपनी पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में पटेल ने 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी।

मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद होने वाली संवाददाता सम्मेलन में पटेल ने कहा, इस साल की शेष अवधि में मुद्रास्फीति के मौजूदा निम्न स्तर जून में 1.54 से उुपर आने की आशंका है। इसको देखते हुए मौद्रिक नीति समिति एमपीसी ने तटस्थ रूख को बनाये रखा।

उन्होंने कहा, कंपनियों में फंसे बड़े कर्ज के समाधान तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नई पूंजी डालने के लिये सरकार तथा आरबीआई मिलकर काम कर रहे हैं। पटेल ने कहा कि इन प्रयासों से अंतत: मांग बढ़ने के साथ उत्पादक क्षेत्रों में ण प्रवाह बढ़ाने में मदद मिलनी चाहिए।

मौद्रिक नीति दस्तावेज में एमपीसी सदस्यों के अलग-अलग विचार के बारे में उन्होंने कहा, एमपीसी निर्णय जून के तटस्थ रूख के समान है। इतना ही नहीं यह आर्थकि वृद्धि को गति देते हुए दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के मध्यम अवधि के लक्ष्य के अनुरूप है।

पटेल ने कहा, आखिर व्यक्तिगत रूप से सदस्यों ने जून की तुलना में अपना विचार क्यों बदला, मुझो लगता है कि किया गया उपाय संतुलित है। यह बताता है कि आखिर क्यों हमने 0.25 प्रतिशत की कटौती की। जून में यथास्थिति की तुलना में हमारे पास काफी आंकड़े थे।

केंद्रीय कर्मचारियों के भो तथा जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर जो कुछ अनिश्चितताएं थी, उसका समाधान हो गया है और खाद्य तथा ईंधन को छोड़कर मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी हुई है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल बी आचार्य ने कहा कि रिजर्व बैंक के लिये इस समय बैंलेंस शीट की दोहरी समस्या का समाधान करना प्राथमिकता बनी हुई है और इससे निजी निवेश को नई जान फूंकने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, हमारे आकलन के अनुसार निवेश में नरमी का कारण कर्ज का बढ़ना है। डिप्टी गवर्नर एन एस विनाथन ने कहा कि रिजर्व बैंक एनपीए गैर-निष्पादित परिसपंाि की समस्या के समाधान के लिये नये उपायों पर काम कर रहा है। इस समस्या के समाधान के लिये 12 बड़े चूककर्ताओं की पहचान पहले ही की जा चुकी है।