जमा राशि की किल्लत से जूझ रहे भारत के बैंक, बॉण्ड से धन जुटाने को मजबूर

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नई दिल्ली। धीमी जमा वृद्धि से बैंकों को चालू वित्त वर्ष 2024-25 में बॉण्ड जारी कर 1.3 लाख करोड़ रुपये तक जुटाने पर मजबूर होना पड़ेगा। मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।

घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार, बॉण्ड की राशि 1.2-1.3 लाख करोड़ रुपये के बीच होगी और यह अभी तक का सर्वाधिक है। यह बॉण्ड राशि ऐसे समय में जारी होगी जब जमा तथा ऋण वृद्धि के बीच लगातार अंतर जारी है।

रिपोर्ट में कहा गया, करीब 85 प्रतिशत बॉण्ड सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा जारी किए जाएंगे। साथ ही ऐसे ऋणदाताओं के बीच बुनियादी ढांचा बॉण्ड के लिए बढ़ती मांग बाजार को गति प्रदान करेगी।

रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘ नकदी की कठिन परिस्थितियों तथा ऋण वृद्धि के लगातार जमा वृद्धि से अधिक होने के कारण बैंकों के लिए वैकल्पिक स्रोतों से धन जुटाना आवश्यक हो गया है।’’

बैंकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में बॉण्ड जारी कर एक लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 में 1.1 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए थे, जो मौजूदा बॉण्ड राशि से पहले सर्वाधिक था।

इक्रा के ‘वित्तीय क्षेत्र रेटिंग’ के प्रमुख सचिन सचदेवा ने कहा कि बॉण्ड से धन जुटाने से निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए ऋण-मुक्त अनुपात (सीडी रेशियो) बिगड़ जाएगा। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक उपलब्ध पर्याप्त गुंजाइश को देखते हुए, बुनियादी ढांचे के बॉण्ड के जरिये वृद्धि को जारी रखेंगे।

इसमें कहा गया, 30 जून 2024 तक बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बैंकों का अग्रिम ऋण 13-14 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी करीब 75 प्रतिशत होगी।