80 किलो के आदमी ने 95 किलो का वजन 27 सेकेंड तक आसमान में उछाला

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ताकत की आजमाइश करने पहुंचे युवा, हैप्पी ही उठा सके 95 किलो का हत्था माला

कोटा। Hatha Mala Competition: 80 किलो के आदमी ने 95 किलो का वजन 27 सेकेंड तक आसमान में ऐसा उछाला कि कोटा का 131 वाँ राष्ट्रीय दशहरा मेला “हैप्पी” “हैप्पी” हो गया।

दशहरा मेले में शुक्रवार को शक्ति, धैर्य और शौर्य की परीक्षा हुई। मेला मैदान में सुबह से ही 95 किलो का पत्थरनुमा हत्था माला लोगों के कौतूहल का विषय बना हुआ था। हर कोई भौंचक था कि आखिर आज के भागम भाग भरे दौर में कौन होगा जो इसे न सिर्फ उठा सकेगा, बल्कि एक ही हाथ पर प्रतिस्पर्धियों से ज्यादा समय तक रोक कर भी रख सकेगा।
शाम को जैसे ही सात बजे विजयश्री रंगमंच के सामने हाड़ौती के पहलवानों और दर्शकों की भी भीड़ जुटने लग गई।

छूटे अच्छे अच्छों के छक्के
प्रतियोगिता शुरू होने से पहले कई लोगों ने हत्था माला को उठाने की कोशिश की, लेकिन अधिकांश लोग 95 किलो वजनी हत्था माला को हिला तक न सके। आखिरकार 7 लोग ही शक्ति और संतुलन के इस मुकाबले में उतरने की हिम्मत जुटा सके।

हैप्पी को कोई छू भी न सका
मेलाध्यक्ष विवेक राजवंशी की मौजूदगी में जैसे ही हत्था माला प्रतियोगिता की शुरुआत हुई, दर्शकों की भीड़ विजयश्री रंगमंच की ओर दौड़ पड़ी। सबसे पहले इटावा के प्रदीप गुर्जर कटारिया ने हत्था माला उठाने का प्रयास किया। उन्होंने हत्था माला उठा तो लिया लेकिन वह उसे आसमान की ओर न उछाल सके। इसके बाद कैथूनदा के दीपक प्रजापति, बडगांव के महावीर मेघवाल, किशन बैरवा, आकाश गुर्जर चैची और यश मीणा ने भी हत्था माला उठाने के लिए जान झोंक दी लेकिन कोई भी उसे कमर से ऊपर न उठा सका। इसके बाद तो लगा जैसे मुकाबला अधूरा ही रह जाएगा।

अमन ने किया हैप्पी
हाड़ौती के पहलवानों की आखिरी उम्मीद अमन गुर्जर “हैप्पी” पर आ टिकी और उन्होंने भी इसे टूटने नहीं दिया। हैप्पी ने पहले ही प्रयास में हत्था माला न सिर्फ उठाया बल्कि आसमान में उछाल कर 21 सेकेंड तक एक हाथ पर रोके भी रखा। पहले प्रयास में ही मिली सफलता से मैदान जयकारों से गूंज उठा। इसके बाद तो बाकी प्रतिभागियों ने जी तोड़ कोशिश कर ली लेकिन कोई भी हैप्पी को छू तक न सका। कई पहलवानों ने तो तीन तीन दौर आजमाए लेकिन किसी को सफलता न मिल सकी। और, जब हैप्पी ने दूसरे दौर में भी अपनी सफलता को दोहराते हुए खिलौने की तरह हत्था माला को हवा में उछाल दिया तो यह देख हर किसी के छक्के छूट गए। नतीजा यह हुआ कि बाकी सभी प्रतिभागियों ने मैदान ही छोड़ दिया और आखिरकार अमन गुर्जर हैप्पी को हत्था माला प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया। मेलाध्यक्ष विवेक राजवंशी और मेला प्रभारी जवाहर लाल ने उनका माल्यार्पण कर सम्मानित किया।

2023 में रहे थे तीसरे स्थान पर
अमन ने बताया कि वह कई सालों से राष्ट्रीय दशहरा मेला की हत्था माला प्रतियोगिता में शामिल होते आ रहे हैं। साल 2023 में 24.39 सेकंड तक हत्था माला उठाया था लेकिन इसके बाद भी वह तीसरे स्थान पर रहे थे। इसकी उन्हें पूरे साल कसक रही, जो आज जीत के साथ खत्म हुई है। उन्होंने युवाओं को सेहत पर ध्यान देने, नियमित व्यायाम करने और सेहतमंद भोजन ही करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि तंदुरुस्ती से बड़ी दूसरी कोई नेमत नहीं है।