स्कूलों में बच्चों की शिक्षा को बेहतर बना रहा है लीड

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कोटा। एडटेक यूनिकॉर्न लीड (Edtech unicorn Lead) राजस्थान के स्कूलों में शिक्षा परिणामों को बेहतर बनाते हुए छात्रों में आत्मविश्वास निर्माण कर रहा है। अपने अंतरराष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम, मल्टी मोडल पढ़ाने-पढ़ने की पद्धतियों तथा टेक्नोलॉजी आधारित सुविधाओं के माध्यम से लीड का एनईपी अनुकूल इंटीग्रेटेड स्कूल एडटेक सिस्टम (Integrated School Edtech System) यह सुनिश्चित करता है कि छात्रों को सभी विषयों की गहराई से समझ और विशेषज्ञता प्राप्त हो सके।

अब तक राजस्थान के लगभग 110 स्कूल लीड का इंटीग्रेटेड स्कूल एडटेक सिस्टम लागू कर चुके हैं, जिससे इनमें पढ़ने वाले 45,000 छात्र छात्राएं लाभान्वित हो रहे हैं। लीड द्वारा राजस्थान के स्कूलों में पढ़ाने वाले 1040 शिक्षकों को प्रशिक्षित एवं प्रमाणित भी किया गया है। भारत के महानगरों एवं बड़े शहरों के स्कूलों की शिक्षा और टियर 2 शहरों की स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में बड़ा अंतर है।

लीड द्वारा इसी कमी को दूर करने का काम किया जाता है। लीड का इंटीग्रेटेड स्कूल एडटेक सिस्टम भारत के 400 छोटे-बड़े शहरों के लगभग 3000 स्कूलों में उपलब्ध हो चुका है। इसका सीधा फायदा 12 लाख छात्रों को मिल रहा है और लगभग 25,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित करते हुए उन्हें अधिक सक्षम बनाया जा रहा है।

लीड के साथ जुड़ने के बाद स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को जीवन में सफलता प्राप्त करने का आत्मविश्वास हासिल होता है और यह इन स्कूलों में सिखाई जाने वाली वाली भविष्य की महत्वपूर्ण लाइफ स्किल्स – कम्युनिकेशन, टीम के रूप में काम करना और गहराई से सोचना से संभव हो पाता है।

लीड के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमीत मेहता, का कहना है,“भारत में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे हर दिन अपने स्कूल में 6-7 घंटे बिताते हैं। इसके बावजूद, सिर्फ भारत के महानगरों में महंगी फीस वाले स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पाती है। लीड में हम इसी कमी को दूर करना चाहते हैं और इसके लिए हमारे इंटीग्रेटेड स्कूल एडटेक सिस्टम के जरिये भारत के स्कूलों को अधिक सक्षम बनाया जाएगा।

राजस्थान हमारे इस लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हम इस राज्य में अपनी उपस्थिति बढ़ाने पर ध्यान देते रहेंगे। हमारी योजना अगले 5 वर्षों में देश भर के 60,000 स्कूलों एवं 2.5 करोड़ छात्रों तक पहुंचना है।”