Saturday, September 21, 2024
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‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ ने अभी तक कमाए 115 करोड़

मुम्बई। कोटा , झाँसी , जयपुर, मुम्बई और सिंगापुर में फिल्माई फिल्म ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ की कमाई का चौथा हफ्ता शुरू हो चुका है। अब देखना यह है कि फिल्म अभी भी करोड़ों में कमा पाती है या नहीं।अभी तक इसकी कुल कमाई 112.13 करोड़ रुपए हो चुकी है। गुरूवार को भी इसने एक करोड़ रुपए कमाए थे। अब अगर यह लाखों में भी कमाए तो कुल कमाई 115 करोड़ रुपए के पार हो जाएगी।यह सबकुछ इस वीकेंड पर निर्भर करेगा। पूरे हफ्ते इस फिल्म ने ‘फिल्लौरी’ के मुकाबले आधी कमाई की है, जो बड़ी बात है। बता दें कि इस फिल्म ने 100 करोड़ रुपए की कमाई को 14 दिन में हासिल किया था। यह साल की चौथी फिल्म है जिसने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा धंधा भारत में किया है। इससे पहले ‘रईस’, ‘काबिल’ और ‘जाॅली एलएलबी 2’ इस क्लब में एंट्री ले चुकी हैं।चार हफ्ते इसे रिलीज हुए हो गए हैं। वरुण धवन और आलिया भट्ट की इस फिल्म को माउथ पब्लिसिटी का खासा फायदा मिला। जानना मजेदार है कि आलिया भट्ट की किसी भी फिल्म ने इतनी कमाई नहीं की है। करण जौहर के प्रोडक्शन को ‘एे दिल है मुश्किल’ के बाद मिली यह दूसरी बड़ी सफलता ह

हाड़ौती में इस बार 1.72 लाख मीट्रिक टन धनिया उत्पादन का अनुमान

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कोटा। हाड़ौती के चारों जिलों में मिलाकर इस बार धनिया 1 लाख 54 हजार 510 हैक्टेयर में धनिया की पैदावार हुई है। इस क्षेत्रफल में करीब 1.72 लाख मीट्रिक टन धनिया पैदा होने का अनुमान है। जो पिछले वर्ष के मुकाबले में इस बार 43 हजार मीट्रिक टन कम है।  हाड़ौती की मंडियों में नए धनिए की आवक शुरू हो चुकी है। रोजाना औसतन 40 से 50 हजार बोरी धनिया की आवक हो रही है। इस बार धनिया की फसल पिछले सालों के मुकाबले अच्छी है।
उद्यान विभाग का कहना है कि हाल ही में हुई बारिश एवं ओलावृष्टि का धनिया की फसल पर कोई असर नहीं पड़ा है। धनिया का रकबा इस बार जरूर कम रहा है। पिछले वर्ष 2015-16 में धनिया का रकबा चारों जिलों में मिलाकर 1 लाख 93 हजार 759 हैक्टेयर था। जबकि इस बार मात्र 1 लाख 54 हजार 510 हैक्टेयर है। जो पिछले साल से 39 हजार 259 हैक्टेयर कम है। हाड़ौती में सबसे ज्यादा धनिया इस बार झालावाड़ जिले में 83 हजार 750 हैक्टेयर में बोया है। परन्तु फिर भी पिछले वर्ष 14 हजार 606 हैक्टेयर रकबा कम हुआ है। पांच जिलों की तुलना करें तो सबसे कम रकबा हाड़ौती में सिर्फ कोटा का है, जहां 34600 हैक्टेयर में धनिया की बुवाई हुई है।  इसकी वजह किसानों का रुझान धनिया के प्रति कम होना है। इस फसल से ध्यान हटाकर किसानों ने लहुसन की बुआई अधिक की है। लहसुन इस बार 1 लाख 38 हजार 268 हैक्टेयर में बोया गया है। जो पिछले वर्ष के मुकाबले में दुगने से भी अधिक है। पिछले वर्ष लहसुन सिर्फ 65 हजार 311 हैक्टेयर में ही बोया गया था।
पिछले पांच साल में कौन से जिले में धनिया का कितना रकबा
वर्ष     कोटा        बारा      बूंदी   झालावाड़        संभाग
12-13 36704   45890     1244      72186         156024
13-14 48524   52713      843       76130          178210
14-15 67954  64815     3404    106697         242870
15-16 54830  35000   5600     98356          193759
16-17 34600  30750   5410      83750          154510
-प्रति हैक्टयर उत्पादन का अनुमान लाख हैक्टेयर
वर्ष             12-13   13-14   14-15     15-16     16-17
क्षेत्रफल 156000   178000  243000  194000  154000
उत्पादन 229000  114000  199000  215000  172000
उत्पादकता 147000 63000 82000    111000 112000

-दामों में 25 प्रतिशत की गिरावट

मंडियों में धनिया की आवक बढ़ने के साथ ही भाव भी गिरने लगे हैं। जो धनिया अप्रैल 2016 में 7100 रुपए क्विंटल था। फरवरी 2017 में 19 रुपए क्विंटल घटकर 5200 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।

ऑफलाइन बंद, अब रीको में ऑनलाइन  करना होगा आवेदन

कोटा  । रीको कार्यालय पूरी तरह अब ऑनलाइन  हो चुका है। नई इंडस्ट्री के लिए भूखंड के आवेदन से लेकर, फाइनेंस, एनओसी, और नाम टांसफर जैसे सभी काम अब ऑनलाइन  ही स्वीकार किए जाएंगे। इस विभाग के ऑनलाइन होने से अब उद्यमियों को बार-बार रीको के अधिकारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
रीको के अधिकारियों का कहना था कि 1 फरवरी से पहले तक सब काम मेनुअल यानी आफलाइन था। अब सब काम ऑनलाइन  कर दिया गया है। यहां तक कि पुरानी फाइलें भी ऑनलाइन करने का काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में आलमारियों में रखी फाइलें भी जल्दी ही कंप्यूटर पर नजर आएंगी। अभी तक उद्यमियों को अपनी फाइलें आगे बढ़ाने के लिए बार-बार अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते थे। कंप्यूटराइजेशन होने के बाद उद्यमी अपने कार्यालय पर घर पर बैठकर भी अपनी एप्लीकेशन दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन भेज सकेगा।
उद्यमी अपना रिकॉर्ड ऑनलाइन देख सकेंगे
उद्यमी अपना रिकॉर्ड ऑनलाइन देख सकेंगे। सारा काम पेपरलैस होने से सिस्टम में पूरी पारदर्शिता रहेगी। उद्यमी के आवेदन के बाद फाइल की ऑनलाइनही प्रोसेसिंग होगी। इंडस्ट्री के लिए चाहे बिजली का कनेक्शन लेना हो या पानी का। भूखंड भर भवन निर्माण की परमीशन लेनी हो या भूखंड ट्रांसफर की, उद्यमी अपने कार्यालय से आॅनलाइन कर सकेगा। फाइल का ऑनलाइनप्रोसेसिंग होने के बाद स्टेटस का भी पता लगाया जा सकेगा, कि फाइल किस स्टेज पर है।
-आवेदन के साथ ऑनलाइन  ही डॉक्यूमेंट भेजने होंगे
अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह का आवेदन है, उसका फोरमेंट विभागीय वेबसाइट पर रहेगा। साथ ही उसमें डॉक्यूमेंट अपलोड करने की भी व्यवस्था की गई है।
-शुल्क भी ऑनलाइन ही जमा होगा
-रीको कई तरह के चार्ज जैसे सर्विस चार्ज, आवेदन शुल्क चार्ज, भूखंड ट्रांसफर चार्ज, भवन निर्माण स्वीकृति चार्ज आदि वसूल करती है। यह शुल्क  भी ऑनलाइन  ही जमा कराने होंगे।
एसएसओ पर रजिस्ट्रेशन करना होगा
राजस्थान सरकार की एसएसओ यानी राजस्थान सिंगल साइन आन वेबसाइट पर पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके लिए लॉग इन पासवर्ड बनाने के बाद सभी केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इसके बिना सीधे रीको की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते। इसमें एक आईडेंटीटी से सभी तरह के आवेदन किए जा सकते हैं।

एक बार रद्द होने पर दोबारा कभी नहीं बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस

नई दिल्ली।    देश के किसी भी शहर में ड्राइविंग लाइसेंस रद्द होता हैं तो अब नई व्यवस्था के तहत कहीं भी ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पाएगा। केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की जटिलता को समाप्त करने जा रही है। साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों को सख्त करने का निर्णय लिया है।
नेशनल पोर्टल से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू
सभी राज्यों में बनने वाले ड्राइविंग लाइसेंस को नेशनल पोर्टल से जोड़ने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। किसी भी शहर में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर लाइसेंस रद्द होता है, तो वह नेशनल पोर्टल में अपडेट हो जाएगा। दोबारा उस चालक का किसी भी शहर से लाइसेंस नहीं बन पाएगा।
आधार से भी जुड़ेगा लाइसेंस
वहीं आवेदनकर्ता को डीएल बनवाने के लिए आधार कार्ड देना होगा। इससे देशभर में फर्जी डीएल बनवाने के सिलसिले पर अंकुश लगेगा। सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में राज्यों के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाता है। आधार कार्ड को जोड़ने से व्यावसायिक वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में आसानी होगी। सड़क हादसों से हिट एंड रन केस करने वालों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। फर्जी डीएल बनाने का धंधा करने वाले दलालों पर भी नकेल कसेगी। आधार कार्ड से कई दस्तावेजों की पूर्ति हो जाएगी। इससे बायोमेट्रिक टेस्ट के लिए लंबी लाइन से मुक्ति के साथ थम्ब्स इम्प्रेशन, फोटो के काम में बचत हो जाएगी।
नेशनल पोर्टल पर अपडेट होगा
तीन बार लगातार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ने जाने वाले चालकों का लाइसेंस पंच कर दिया जाएगा। लाइसेंस पर बने पहली बार हरा, दूसरी बार पीला और तीसरी बार लाल प्वाइंट पर ट्रैफिक पुलिस पंच करेगी तो वह नेशनल पोर्टल पर अपडेट होता चला जाएगा।

बैंकों ने घटाई ब्याज दरें, सस्ते होंगे होम-ऑटो लोन

मुंबई। नए वित्त वर्ष में बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती करना शुरू कर दिया है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने बेस रेट 0.15 फीसदी घटाकर 9.10 कर दिया है। घटी हुई दर 1 अप्रैल से लागू हो गई है।इससे ऑटो और होमलोन सस्ता होगा। इसी तरह कोटक महिंद्रा बैंक ने दरों में 0.05 फीसदी की कटौती की है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स 3 अप्रैल से बेस रेट में 0.15 की कटौती करेगा।इसके बाद बैंक की बेस रेट 9.50 फीसदी हो जाएगी।

एसबीआई दुनिया के 50 सबसे बड़े बैंकों में शुमार

स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर सहित भारतीय स्टेट बैंक के पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का शनिवार को देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो गया।इसके साथ ही स्टेट बैंक दुनिया के 50 बड़े बैंकों में शामिल हो गया है।

58 लाख ईपीएफ पेंशनधारकों को मिलेंगी मेडिकल सुविधाएं

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ईपीएफ पेंशनधारकों को मेडिकल बेनिफिट यानी चिकित्सीय सुविधा देने जा रही है। इससे करीब 58 लाख रिटायर्ड कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
कर्मचारियों को मेडिकल बेनीफिट दिए जाने वाले प्रस्ताव के बारे में शुक्रवार को संसद को जानकारी देते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कर्मचारियों को बहुत ही कम राशि की पेंशन मिलती है जिससे स्वास्थ्य सेवाएं उनकी पहुंच से बाहर हैं।
उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद अब 58 लाख ईपीएफ पेंशनधारकों को चिकित्सीय लाभ मिलेगा। यह चिकित्सीय  लाभ कर्मचारियों को ईएसआईसी(कर्मचारी राज्य बीमा निगम) के तहत मिलेगा। इससे करीब 58 लाख रिटायर्ड कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
दरअसल, रिवोलुशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य एनके रामचंद्रन ने लोकसभा में सवाल पूछकर ईपीएफ पेंशनधारकों को को सामाजिक सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम के बारे में सरकार से जानकारी मांगी। जिसके जवाब में श्रममंत्री दत्तात्रेय ने यह जानकारी दी।

ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग पर 30 जून तक नहीं लगेगा सर्विस चार्ज

नई दिल्ली। 1 अप्रैल से ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक करवाने वालों के लिए एक खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने ट्रेन टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग पर सर्विस चार्ज की माफी 30 जून तक के लिए बढ़ा दी है।
नोटबंदी के बाद सरकार ने डिजिटल मोड से पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग को 23 नवंबर, 2016 से 31 मार्च 2017 तक सर्विस टैक्स से मुक्त कर दिया था। सरकार ने अब ये सीमा 30 जून तक बढ़ा दी है।
रेल मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए रेलवे को ये निर्देश दिया है। आईआरसीटीसी की साइट से ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर 20 से 40 रुपए तक प्रति टिकट शुल्क लगते थे।
अब एक मिनट में बुक होंगे 15 हजार टिकट
आईआरसीटीसी के सर्वर को अपग्रेड किया गया है। बढ़ी हुई क्षमता और नई विशेषता से वेबसाइट पर एक मिनट में 15 हजार टिकट बुक किए जा सकते हैं। इससे बुकिंग के दौरान सर्वर धीमा नहीं चलेगा और यात्री आसानी से टिकट बुक कर सकेंगे।

ब्लैक मनी के खिलाफ ऑपरेशन, 300 फर्जी कंपनियों पर ईडी की छापेमारी

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) देशभर में ब्लैकमनी के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चला रहा है। खबर है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी एक साथ 300 फर्जी कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, छापेमारी में ईडी ने विश्वज्योति रीयल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद एवं अन्य कंपनियों की 3.04 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। इन पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की गई है। दरअसल, नोटबंदी के बाद पैसे खपाने के लिए फर्जी कंपनियां बनाई गईं अधिकारियों को संदेह है कि इन कंपनियों के जरिए विदेश पैसा भेजा गया है।
फिलहाल, 16 राज्यों के करीब 100 ठिकानों पर छापेमारी की बात सामने आ रही है। ईडी के सैकड़ों अधिकारी कोलकाता, दिल्ली, बेंगलूरु, मुंबई, चंडीगढ, पटना, हैदराबाद, चेन्नै, कोच्चि आदि में जारी छापेमारी अभियान में जुटे हैं। खबरों की मानें तो अब तक के छापे में अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हो चुके हैं और कई सौ करोड़ के लेनदेन का ब्योरा मिला है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी कई फर्जी कंपनियों के खिलाफ ईडी की छापेमारी की खबर दी।
छापे से अनेक सफेदपोशों में हंड़कंप मच गया। संभावना है कि कई लोगों की पोल खुल जाए। एक निजी न्यूज चैनल से ईडी के डायरेक्टर कर्नल सिंह ने कहा, ‘एंट्री ऑपरेटर और शेल कंपनी काले धन को सफेद करने में रीढ़ की हड्डी होते हैं। ब्लैक मनी के इस खेल में जो भी शामिल पाया जाएगा, बख्शा नहीं जायेगा।’

कहीं राहत, कहीं आफतः स्मार्टफोन महंगा, रेल टिकट बुकिंग सस्ता

नई दिल्ली । बजट 2017-18 में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जिन टैक्स को नए वित्त वर्ष से लागू करने की घोषणा की थी, वह एक अप्रैल यानी आज से लागू हो रहे हैं। 1 अप्रैल नए वित्तीय वर्ष के साथ ही नए नियमों के लागू होने से रोजमर्रा की कई चीजों की कीमतों पर असर पड़ना तय है।
ऐसे में हम आपको बताते हैं कि कौन-कौन सी चीजें सस्ती होंगी और किन चीजों के लिए आपको पहले ये ज्यादा कीमत अदा करनी होगी।
ये चीजें होंगी महंगी
1- अगर आप स्मार्टफोन खरीदने की सोच रहे हैं तो फिर आपको आज से इसके लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी क्योंकि इसमें लगने वाले प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर सीमा शुल्क लगा दिया गया है।
2- कार, मोटरसाइकिल और व्यावसायिक वाहनों के बीमा एक अप्रैल से महंगे होंगे, इससे वाहन खरीदना महंगा हो जाएगा।
3- तंबाकू वाले पान मसाले, गुटखा और सिगरेट के दाम बढे़ंगे।
4- चांदी के सामानों की कीमतें बढ़ेंगी।
5- स्टील के बर्तनों और एल्यूमीनियम के कई सामानों के दाम भी एक अप्रैल से बढ़ जाएंगे।
6- LED बल्ब भी महंगे होंगे।
7- अब वाहन चालकों को 5 से 10 रुपये ज्यादा टोल टैक्स चुकाना होगा।
ये 6 चीजें होंगी सस्ती
1- अगर आप एक अप्रैल के बाद घर खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको इसका लाभ होगा। सरकार ने सस्ते मकान उपलब्ध कराने के इरादे से होम लोन पर लगने वाले ब्याज पर छूट का ऐलान किया था।
2- खराब पानी की समस्या से पीडि़त हैं तो अब आपके लिए खुशखबरी है, अब आरओ के दाम पहले से कम हो जाएंगे। साफ पानी के लिए घर पर आरओ लगवा सकेंगे।
3- रेल टिकट बुकिंग अब सस्ती हो जाएगी, टिकट पर लगने वाला सर्विस चार्ज कम कर दिया गया है।
4- इस वित्तीय वर्ष से डाक की सुविधा पहले से सस्ती होने वाली है।
5- लेदर के सामान सस्ते होंगे।
6- बायोगैस के दाम कम होंगे।

शत्रु संपत्ति कानून संशोधन विधेयक 2017 को संसद की मंजूरी

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नई दिल्ली।  संसद ने  शत्रु संपत्ति कानून संशोधन विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी जिसमें युद्ध के बाद पाकिस्तान एवं चीन पलायन कर गए लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति पर उत्तराधिकार के दावों को रोकने के प्रावधान किए गए हैं। लोकसभा ने शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2017 में राज्यसभा में किए गए संशोधनों को मंजूरी प्रदान करते हुए इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। राज्यसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
यह विधेयक इस संबंध में सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा। निचले सदन ने इस बारे में आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन द्वारा रखे गए शत्रु सम्पत्ति संशोधन और विधिमान्यकरण पांचवां अध्यादेश 2016 का निरनुमोदन करने वाले संकल्प को अस्वीकार कर दिया। इस बारे में हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी सरकार को अपने शत्रु राष्ट्र या उसके नागरिकों को संपत्ति रखने या व्यावयायिक हितों के लिए मंजूरी नहीं देनी चाहिए। शत्रु संपत्ति का अधिकार सरकार के पास होना चाहिए न कि शत्रु देशों के नागरिकों के उत्तराधिकारियों के पास।
उन्होंने कहा कि जब किसी देश के साथ युद्ध होता है तो उसे शत्रु माना जाता है और शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2017 ’ को 1962 के भारत चीन युद्ध , 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के संदर्भ में ही देखा जाना चाहिए। उपरोक्त युद्धों की पृष्ठभूमि में अपनी पुश्तैनी संपत्ति को छोडकर शत्रु देश में चले जाने वाले पाकिस्तानी और चीनी नागरिकों के संबंध में लाए गए इस विधेयक के संबंध में राजनाथ ने कहा कि इस विधेयक को पारित कराना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा नहीं होने से लाखों करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान होगा।
सरकार द्वारा अध्यादेश का मार्ग अपनाये जाने पर विपक्ष की आलोचना पर गृह मंत्री ने कहा कि सरकार भी अध्यादेश का मार्ग नहीं अपनानाचाहती है. अत्यधिक जरुरत होने पर ही ऐसा किया जाता है उन्होंने कहा कि पिछली तिथि से प्रभावी होने का जो कुछ उल्लेख किया गया है, उससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास नहीं भेजने के कुछ सदस्यों की आलोचना पर राजनाथ ने कहा कि इस बारे में व्यापक चर्चा हो चुकी है।
इस विधेयक में कुछ शब्दों को प्रतिस्थापित किया गया है जिसमें 67वें के स्थान पर 68वें, 2016 के स्थान पर 2017 तथा किसी विधि के स्थान पर किन्ही विधियों आदि को प्रतिस्थापित किया गया है। विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि शत्रु सम्पत्ति संशोधन और विधिमान्यकरण अधिनियम 2017 द्वारा यथासंशोधित इस अधिनियम के तहत किसी सम्पत्ति के संबंध में या इस बाबत केंद्र सरकार या अभिरक्षक द्वारा की गई किसी कार्रवाई के संबंध में किसी वाद या कार्यवाही पर विचार करने का अधिकार नहीं होगा।
इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के किसी आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति आदेश की सूचना अथवा प्राप्ति की तारीख के साठ दिन की अवधि के भीतर ऐसे आदेश से उत्पन्न किसी प्रश्नगत तथ्य अथवा विधि के संबंध में उच्च न्यायालयों में अपील कर सकता है। राजनाथ ने कहा कि इस प्रकार का कानून पाकिस्तान और चीन सहित दुनिया के कई अन्य देशों में पहले से लागू है। यह केवल पाक गए लोगों की संपत्ति का ही नहीं बल्कि 1962 के युद्ध के बाद चीन गए लोगों की संपत्ति का भी मामला है. इससे मानवाधिकारों या न्याय के नैसर्गिक सिद्धांतों का कहीं से कोई उल्लंघन नहीं होता है।
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, शत्रु संपत्ति के मालिक का कोई उत्तराधिकारी भी यदि भारत लौटता है तो उसका इस संपत्ति पर कोई दावा नहीं होगा। एक बार कस्टोडियन के अधिकार में जाने के बाद शत्रु संपत्ति पर उत्तराधिकारी का कोई अधिकार नहीं होगा।