20 लाख से अधिक सालाना आय वाले मंदिर भी जीएसटी के दायरे में

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हैदराबाद। बड़े धर्मस्‍थलों पर जाकर दान देने वाले श्रद्धालुओं को जुलाई से अब अधिक राशि देना होगी। बड़े मंदिर, जिनका सालाना रेवेन्‍यू 20 लाख रुपए से अधिक है, वे जीएसटी के दायरे में लाए गए हैं। तेलंगाना में ऐसे 149 मंदिर हैं।

जीएसटी एक्‍ट की धारा 73 के तहत यहां किराये के कमरे जिनका किराया एक हजार या इससे अधिक राशि प्रतिदिन है, परिसर का किराया, कम्‍युनिटी हॉल और ऐसे ओपन एरिया जिनका किराया प्रतिदिन 10 हजार रुपए है, वहां अब 18 प्रतिशत अतिरिक्‍त टैक्‍स लगेगा।हालांकि अभी ये तय नहीं है कि जीएसटी में मंदिरों की अन्‍य सेवाओं को तय किया गया है या नहीं।

तेलंगाना धर्मस्‍व मंत्री इंद्राकरण रेड्डी ने कहा कि 149 ऐसे मंदिर हैं जिनकी सालाना आय 20 लाख से अधिक है, इनमें से 16 मंदिरों का राजस्‍व एक करोड़ तक हो जाता है, जबकि 3 का 25 लाख तक होता है। उन्‍होंने कहा कि अभी ये तय नहीं है कि जीएसटी में इन मंदिरों की कौन सी सेवाएं दायरे में आएंगी।

अधिकारियों का कहना है कि पदमासन की तैयारियों में अधिक खर्च होगा। मंदिरों को पदमासन, अर्गितासेवा, हुंडी की राशि, लीज की भूमि व अन्‍य स्‍त्रोतों से आय होती है। अभी हुंडी के जीएसटी में आने के बारे में भी तय नहीं है।