सुशांत सिंह ड्रग केस: रिया चक्रवर्ती को मिली मुंबई हाई कोर्ट से सशर्त जमानत

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मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती को जमानत मिल गई है। रिया के बेल ऑर्डर में कोर्ट ने साफ शब्‍दों में यह माना है कि रिया चक्रवर्ती किसी भी ड्रग डीलर्स की चेन का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में उन्‍हें जेल में रखना उचित नहीं है। हालांकि, उनके भाई शौविक को अभी जेल में ही रहना होगा। सुशांत सिंह ड्रग केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज यानी बुधवार को रिया चक्रवर्ती, सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत को जमानत दे दी, मगर शौविक चक्रवर्ती और अब्दुल बासित परिहार की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इन सभी को सुशांत से जुड़े ड्रग्स के मामले में एनसीबी ने गिरफ्तार किया है। बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने 29 सितंबर को मामले पर सुनवाई की थी, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 8 सितंबर के बाद से ही रिया चक्रवर्ती न्यायिक हिरासत में मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं।

कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। कोर्ट ने कहा है कि रिया को 10 दिनों में एक बार पुलिस स्टेशन जाकर हाजिरी लगानी होगी और जेल से रिहा होने के बाद अपना पासपोर्ट भी जमा करना होगा। कोर्ट ने कहा कि वह बिना अनुमति के विदेश यात्रा पर नहीं जा सकती हैं और मुंबई छोड़न से पहले जांच अधिकारी को सूचित करना होगा।

इससे पहले मंगलवार को सुशांत सिंह राजपूत से जुड़े ड्रग्स केस में स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती, शौविक चक्रवर्ती और अन्य की न्यायिक हिरासत की अवधि 20 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी। पिछली बार विशेष अदालत ने रिया की न्यायिक हिरासत की अवधि 6 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी। 8 सितंबर को एनसीबी की गिरफ्तारी के बाद रिया चक्रवर्ती को 22 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

रिया की जमानत याचिका इससे पहले दो बार निचली अदालतों द्वारा खारिज की जा चुकी थी। वहीं, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शौविक और ड्रग्स मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं का कड़ा विरोध करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा था कि समाज को, खासकर युवाओं को कड़ा संदेश दिए जाने की आवश्यकता है जिससे कि वे नशीले पदार्थो का सेवन न करें। इन लोगों को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के दौरान सामने आए ड्र्रग्स से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया है।

29 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सारंग वी कोटवाल ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। एनसीबी की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह ने न्यायालय से कहा था कि सामाजिक स्थिति और विधिक ध्येय की उस पृष्ठभूमि को ध्यान में रखना होगा, जिसके तहत नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोपेट्रिक सब्सटेंस अधिनियम-1985 बनाया गया है। उन्होंने तर्क दिया कि अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी व्यक्ति एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और यह एक सिंडिकेट है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता सतीश मानेशिंदे ने तर्क दिया कि अभिनेत्री केवल अपने प्रेमी के लिए ड्रग्स की खरीद में शामिल थी, इसलिए मामले में धारा 27 ए लागू नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह जमानत योग्य मामला है।

कोर्ट में नहीं साबित हो पाए आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक, NCB की जो चैट्स मिले थे उसके हिसाब से रिया पर आरोप था कि रिया ड्रग कार्टेल से लिंक है। वहीं कोर्ट में इसके सुबूत ना दे पाने की वजह से रिया पर आरोप साबित नहीं हो पाए। एनसीबी ने रिया पर जिन सेक्शंस के तहत ऐक्शन लिया था वो कोर्ट में साबित नहीं हो पाए। बेल ऑर्डर्स में लिखा है, यह बात ध्यान देने वाली है कि जब याचिकाकर्ता पहली रिमांड पर कोर्ट के सामने पेश हुई थी तो जांच एजेंसी ने उनकी कस्टडी की मांग नहीं की थी। इसका मतलब है कि वे जांच से संतुष्ट थे और उन्होंने (याची ने) जांच में सहयोग किया था।

कोर्ट ने कहा- रिमांड नहीं मांगी, यानी आप संतुष्‍ट हैं
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सिलेब्रिटीज को विशेष दायित्व के साथ सजा नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने यह भी माना है कि रिया किसी ड्रग डीलर्स की चेन का हिस्‍सा नहीं हैं। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा है, ‘स्‍पेशल कोर्ट के जज ने यह टिप्‍पणी की कि रिया दूसरे लोगों और सबूतों को क्षति पहुंचा सकती हैं, जबकि ऐसे किसी अवलोकन की कोई जरूरत नहीं है। यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि जब याचिकाकर्ता को कोर्ट के सामने पहले रिमांड के लिए लाया गया तो जांच एजेंसी ने उसकी कस्‍टडी नहीं मांगी। इसका मतलब है कि एजेंसी अपनी पूछताछ से संतुष्‍ट है और याचिकाकर्ता ने जांच में पूरा सहयोग किया है।’