नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। राहुल ने सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं द्वारा संसद में आपातकाल पर की गईं टिप्पणियों को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह पूर्ण रूप से राजनीति से प्रेरित था और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल राव ने इस बारे में जानकारी दी।
के सी वेणुगोपाल ने बताया कि ‘यह एक शिष्टाचार भेंट थी। राहुल गांधी को विपक्ष का नेता चुने जाने के बाद इंडिया (INDIA) के घटक दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की। जब कांग्रेस महासचिव से सवाल पूछा गया कि क्या राहुल गांधी ने ओम बिरला के समक्ष सदन में उठाए गए आपातकाल के मुद्दे पर बातचीत की?
इसके जवाब में वेणुगोपाल ने कहा कि ‘हमने सदन के संचालन को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की और आपातकाल के मुद्दे पर भी बात हुई।’ विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा आपातकाल पर बयानबाजी को नजरअंदाज किया जा सकता था। उन्होंने आगे कहा कि यह पूर्ण रूप से राजनीति से प्रेरित था।
आपको बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद बिरला ने वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल लगाए जाने की निंदा की थी। इसके बाद सदन में हंगामा खड़ा हो गया था। बिरला ने कहा था कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया था और मीडिया पर भी प्रतिबंध लगाए थे।
कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल राव ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। पत्र में बताया गया है कि लोकसभा में आपातकाल पर जिस तरह से बयानबाजी की गई, वह संसदीय परंपराओं का उपहास है। वेणुगोपाल ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है।