नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को जानकारी दी कि कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होनी वाली 390 गैर-अनुसूचित दवाइयों का अधिकतम खुदरा मूल्य 87 प्रतिशत तक कम कर दिए हैं। ऐसा होने से कैंसर पीड़ित मरीजों को हर साल करीब 800 करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी।
राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 27 फरवरी को 42 गैर- अनुसूचित कैंसर दवाओं को दवा मूल्य नियंत्रण व्यवस्था में शामिल किया है। इन दवाओं के ट्रेड मार्जिन को 30 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है। इससे कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होनी वाली 390 दवाइयों की कीमत 87 प्रतिशत तक कम हो गई है।
एनपीपीए ने दवा बनाने वाली कंपनियों और अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वह इन दवाओं पर नए मूल्य को लागू करें। आधिकारिक बयान के अनुसार रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनपीपीए ने कैंसर की गैर-अनुसूचित 390 दवाओं की सूची जारी की है। इनकी कीमत 87 फीसदी तक कम की गई है। नई कीमतें 8 मार्च से प्रभावी हो गई हैं।
कैंसर की 426 दवाओं में से 390 दवाओं, जो कुल दवाओं का 91 प्रतिशत हैं । इनकी कीमतों को कारोबारी मुनाफे को तार्किक बनाने के जरिये घटाया है। ऐसा अनुमान है कि कीमतों में कटौती के बाद मरीजों को लगभग 800 करोड़ रुपये की बचत होगी। कारोबारी मुनाफे को तार्किक बनाने के लिए बनी विशेषज्ञों की समिति ने 42 कैंसर रोधी दवाओं का मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने की सिफारिश की थी, जिसके बाद एनपीपीए ने यह कदम उठाया है।