कोच्चि। Cardamom Price: दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- केरल एवं तमिलनाडु में मार्च से मई के दौरान मानसून पूर्व की वर्षा का अभाव होने तथा तापमान ऊंचा रहने से छोटी इलायची की फसल के विकास में बाधा पड़ी क्योंकि बांधों- जलाशयों में जल स्तर घटकर काफी नीचे आने से बागानों में इलायची की फसल को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो सका।
हालांकि मई के दूसरे पखवाड़े से इन दोनों राज्यों में वर्षा का दौर शुरू हुआ जिससे कुछ क्षेत्रों में फसल को राहत मिली मगर पहले जिस फसल को भारी नुकसान हो चुका था उसकी समुचित भरपाई नहीं हो सकी। इलायची के नए माल की आवक चालू माह (जून) के अंत या जुलाई के आरंभ में शुरू होने की संभावना है जबकि औपचारिक तौर पर इसका नया मार्केटंग सीजन अगस्त में आरंभ होता है।
आपूर्ति का ऑफ सीजन होने से नीलामी केन्द्रों में छोटी (हरी) इलायची की आवक घटती जा रही है। ऊंचे दाम के बावजूद नीलामी में कम आपूर्ति होने से स्पष्ट संकेत मिलता है कि उत्पादकों के पास इलायची का सीमित स्टॉक बचा हुआ है।
पिछले इन आयोजित नीलामी में करीब 43 टन इलायची की आवक हुई और इसका औसत मूल्य सुधरकर 2356 रुपए प्रति किलो के करीब पहुंच गया जो 27 मई को आयोजित नीलामी के औसत मूल्य 2307 रुपए प्रति किलो से ऊंचा रहा।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में मौसम पूरी तरह फसल के अनुकूल नहीं होने से छोटी इलायची का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। ग्वाटेमाला में भी फसल कमजोर बताई जा रही है जिससे भारतीय इलायची को समर्थन मिल सकता है।
उल्लेखनीय है कि उत्तरी अमरीका महाद्वीप में अवस्थित ग्वाटेमाला दुनिया में छोटी इलायची का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश माना जाता है। लेकिन उसकी इलायची की क्वालिटी कमजोर होती है।