शेयर बाजार पर नए सियासी समीकरणों का कितना असर, वैश्विक रेटिंग एजेंसियों की राय

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नई दिल्ली। भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने और नई सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों पर निर्भरता से दूरगामी आर्थिक एवं राजकोषीय सुधारों में देरी हो सकती है। इससे राजकोषीय समेकन की दिशा में प्रगति बाधित हो सकती है। हालांकि, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में नीतिगत निरंतरता बने रहने की उम्मीद है।

मूडीज रेटिंग्स का मानना है कि नई सरकार के बुनियादी ढांचे पर खर्च करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने पर बजटीय जोर से आर्थिक प्रगति को समर्थन मिलने की उम्मीद है। भारत की आर्थिक ताकत पर मूडीज ने कहा, 2023-24 से 2025-26 के बीच जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर करीब 7 फीसदी रहेगी। इस अवधि तक भारत जी-20 में अन्य सभी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ेगा।

कारोबार सुगमता के उपायों से मिलेगी मजबूती: फिच
फिच रेटिंग्स का कहना है कि कमजोर बहुमत के साथ सत्ता में वापसी के बावजूद मोदी सरकार की अपने गठबंधन सहयोगियों पर निर्भरता बनी रहेगी। इससे नई सरकार के लिए महत्वाकांक्षी सुधारों को पारित करना अधिक कठिन हो सकता है। खासकर भूमि और श्रम जैसे सुधार एजेंडे के लिए चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। ये दोनों सुधार इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मोदी सरकार ने भारत की विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए इन्हें प्राथमिकता के रूप में चिह्नित किया है। फिच ने उम्मीद जताई कि बहुमत कम होने के बावजूद नई सरकार पूंजीगत खर्च बढ़ाने, कारोबार सुगमता के उपाय करने और धीरे-धीरे राजकोषीय समेकन पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी। इससे मध्यम अवधि के लिए भारत का मजबूत विकास परिदृश्य बरकरार रहेगा।

विनिवेश, इन्फ्रा खर्च जैसे मोर्चे पर आएगी मुश्किल: यूबीएस
स्विस ब्रोकरेज फर्म यूबीएस के विश्लेषकों ने उम्मीद जताई कि नई सरकार विनिर्माण, नियामकीय प्रक्रियाओं को सरल बनाने, श्रम सुधारों को लागू करने, कौशल विकास और रोजगार के अवसर पैदा करने सहित आपूर्ति पक्ष के सुधारों को आगे बढ़ाने का काम करेगी। हालांकि, भूमि सुधार, बुनियादी ढांचे पर खर्च को बढ़ावा देना, विनिवेश, कृषि विधेयक, समान नागरिक संहिता और पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने जैसे कठोर सुधारों को लागू करना नई सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।

बनी रहेगी कॉरपोरेट निवेश की गति: यूएसआईएसपीएफ
अमेरिकी उद्योग जगत का कहना है कि कम बहुमत के साथ सत्ता में वापसी के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में देश में आर्थिक सुधार जारी रहेंगे। यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी मुकेश अघी ने कहा, चुनाव के प्रभाव से भारत में कॉरपोरेट निवेश की गति प्रभावित नहीं होगी। भारत पर विदेशी कंपनियों का भरोसा बना रहेगा।