Friday, October 18, 2024
Home Blog Page 4694

सेंसेक्स 216 अंक लुढ़का, 32000 के नीचे बंद

नई दिल्ली। बुधवार के कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 216 अंक की गिरावट के साथ 31797 के स्तर पर और निफ्टी 70 अंक की कमजोरी के साथ 9908 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप में 1.67 फीसद और स्मॉलकैप में 1.78 फीसद की कमजोरी देखने को मिली है। जुलाई महीने में करीब पांच फीसद बढ़ने के बाद, अगस्त में अबतक प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में 700 अंक या दो फीसद की कमजोरी दर्ज की गई है।

बुधवार के कारोबार में सेंसेक्स 32000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ है। वहीं, मंगलवार को निफ्टी 10,000 के स्तर से नीचे फिसल गया था।

यह गिरावट के कारण
 भूराजनीतिक तनाव- अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ रहे तनाव (जियो पॉलिटिकल टेंशन) के चलते वैश्विक शेयर बाजार में कमजोरी देखने को मिल रही है। उत्तर कोरिया का कहना है कि वह अमेरिका के गुआम में मिलाइल अटैक की योजना बना रहा है।

कोरिया की ओर से यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के चंद मिनटों बाद आया जहां उन्होंने कहा था कि अमेरिका पर किसी तरह के खतरे से डटकर निपटा जाएगा।

 सेबी के आदेश- बाजार नियामक सेबी ने शेल कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए सोमवार को 331 कंपनियों की सूची जारी कर दी है।

इनमें लिस्टेड कंपनियां भी हैं। काले धन पर रोकथाम लगाने के उदेश्य से सेबी ने कहा है कि इन कंपनियों में इस महीने ट्रेडिंग नहीं की जाएगी। मंगलवार से इनमें ट्रेड बंद कर दिया गया है।

 मुनाफावसूली/प्रॉफिट बुकिंग- रियल एस्टेट, बैंकिंग और कैपिटल गुड्स जैसे सेक्टर्स में हुई मुनाफावसूली के चलते शेयर बाजार की चाल धीमी देखने को मिली। 31 जुलाई से आठ अगस्त तक सेंसेक्स 3.75 फीसद गिरकर 2104.33 के स्तर पर आ गया।

पिछले एक वर्ष में बीएसई पर बैंक-एक्स में 2.11 फीसद और कैपिटल गुड्स में 2.01 फीसद की कमजोरी दर्ज की गई है। इस साल जनवरी से जुलाई तक बीएसई रियल्टी इंडेक्स 66 फीसद और कैपिटल गुड्स इंडेक्स 30 फीसद तक बढ़ा है।

 

 

×

मांग से कच्चा पाम तेल 0.62 फीसदी हुआ मजबूत

नई दिल्‍ली। हाजिर बाजार में मांग बढ़ने और कारोबारियों के अपनी स्थिति मजबूत करने से वायदा बाजार में कच्चे पाम तेल के भाव आज 0.62 फीसदी बढ़कर 490.30 रुपये प्रति दस किलोग्राम पर पहुंच गए। इसके अलावा आपूर्ति में गिरावट के कारण भंडार कम होने से भी इसके भाव को समर्थन मिला।

मल्टी कमॉडिटी एक्सचेंज में इस महीने की आपूर्ति वाला कच्चा पाम तेल तीन रुपये यानी 0.62 प्रतिशत की बढ़त लेकर 490.30 रुपये प्रति दस किलोग्राम पर पहुंच गया। इसमें 435 लॉट का कारोबार किया गया।

इसी तरह, सितंबर की आपूर्ति वाला कच्चा पाम तेल 2.30 रुपये यानी 0.47 फीसदी मजबूत होकर 490.10 रुपये प्रति दस किलोग्राम रहा।

इसमें 80 लॉट का कारोबार किया गया। विश्लेषकों के अनुसार, हाजिर बाजार में मांग में तेजी आने के साथ ही कारोबारियों द्वारा अपनी स्थिति मजबूत करने से वायदा कारोबार में कच्चे पाम तेल को समर्थन मिला है।

बड़ी कारों पर टोटल टैक्स 50% से ज्यादा नहीं

नई दिल्ली। मिड-साइज और बड़ी कारों के अलावा एसयूवी पर टोटल टैक्स के 50 पर्सेंट से ज्यादा होने की आशंका नहीं दिख रही है। इसका अर्थ यह हुआ कि इन पर सेस 25 पर्सेंट से कम लगाया जाएगा।

ऐसा होने से कार कंपनियों की चिंता कुछ दूर हो सकती है, जिनमें से कुछ ने सेस बढ़ाने की शिकायत की थी और कहा था कि इससे उन्हें कीमतें बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ेगा, जो पहली जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद घटी हैं।

एक टॉप ऑफिशल ने बताया कि फाइनैंस मिनिस्ट्री अगले दो दिनों में एक कैबिनेट नोट सर्क्युलेट कर सकती है ताकि ऐसी गाड़ियों पर सेस को 15 पर्सेंट से बढ़ाकर 25 पर्सेंट करने के लिए जीएसटी कंपनसेशन एक्ट में संशोधन किया जा सके।

उन्होंने कहा कि असल बढ़ोतरी के बारे में फैसला जीएसटी काउंसिल करना है और इस बात की संभावना है कि सेस को कम रखा जाएगा ताकि टोटल टैक्स 50 पर्सेंट से नीचे रहे।

ऑटोमोबाइल कंपनियों ने प्रस्तावित बढ़ोतरी पर एतराज जताया है और हो सकता है कि कई कंपनियां जीएसटी लागू होने के बाद टोटल टैक्स में कमी को देखते हुए किए गए प्राइस कट को रोल बैक कर दें। जीएसटी लागू होने से पहले मिड-साइज सिडैन पर इफेक्टिव टैक्स करीब 47 पर्सेंट और एसयूवी पर 55 पर्सेंट से ज्यादा था।

अधिकारी ने कहा, ‘लिमिट इसलिए बढ़ाई जा रही है ताकि सरकारें जरूरत पड़ने पर टैक्स रेट में इजाफा कर सकें। बढ़ोतरी एकबार में नहीं होगी।’ उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ही फैसला करेगी कि कितना इजाफा किया जाए।

जीएसटी लागू होने के बाद ऑटो कंपनियों ने अधिकतर बड़ी कारों और एसयूवी के दाम 1.1 लाख से लेकर 3 लाख रुपये तक कम किए थे। 17 सेंट्रल और स्टेट टैक्सेज की जगह पर जीएसटी आया था।

सेस बढ़ाने के प्रस्ताव में जीएसटी कंपनसेशन एक्ट में बदलाव के लिए कैबिनेट की मंजूरी मांगी जाएगी। अगर इस संशोधन का प्रस्ताव संसद के मॉनसून सत्र में पास नहीं हो सका तो इस पर अध्यादेश लाया जा सकता है। मॉनसून सत्र 12 अगस्त को पूरा होगा।

मिड-साइज कारों, बड़ी कारों और एसयूवी पर जीएसटी रेट 28 पर्सेंट है और कंपनसेटिंग राज्यों के लिए रेवेन्यू कलेक्ट करने के लिए लगाए जाने वाले सेस को मिलाकर यह 43 पर्सेंट हो जाता है। अगर सेस बढ़ाकर 25 पर्सेंट किया गया तो टोटल टैक्स 53 पर्सेंट तक जा सकता है।

 

वित्त वर्ष 2016-17 में 13,715 करोड़ की अघोषित आय उजागर

नई दिल्ली । वित्त वर्ष 2016-17 में आयकर विभाग ने 13,715 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने संसद में दी है। उन्होंने यह भी बताया कि इस अघोषित आय का पता सर्वे के जरिये लगाया गया है।

एक प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि बीते वित्त वर्ष में कम से कम 1.26 करोड़ नए टैक्सपेयर्स जुड़े हैं। बीते वित्त वर्ष में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 1,152 समूहों के 5,102 परिसरों में तलाशी की थी। इस दौरान 15,496 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया गया है।

गंगवार ने बताया कि समान अवधि के दौरान किए गए कुल 12,526 सर्वे में 13,715 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि बीते वर्ष 9 नवंबर से 31 मार्च 2017 के दौरान कुल 1.96 करोड़ आयकर रिटर्न भरे गए हैं।

जबकि वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में 1.63 करोड़ रिटर्न फाइल किए गए थे। एक अन्य जवाब में संतोष कुमार गंगवार ने बताया कि ऑपरेशन क्लीन मनी स्कीम के पहले चरण में 18 लाख ऐसे लोगों की पहचान की गई है, जिनका कैश ट्रांजेक्शन उनके टैक्स प्रोफाइल से मेल नहीं खा रहा है।

सरकार ने देश में बढ़ते कालेधन की समस्या से लड़ने के लिए बीते वर्ष 8 नवंबर को नोटबंदी लागू कर दी थी। इसके तहत 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था।

गंगवार ने यह भी बताया कि नोदबंदी के बाद अघोषित आय का पता लगाने के लिए आयकर विभाग ने ऑपरेशन क्लीबन मनी योजना लॉन्चक की थी। इसके मई में लॉन्च किये गये दूसरे चरण में विभाग ने जोखिम आधारित श्रेणी बनाई थी।

इस श्रेणी में करीब एक लाख लोगों को रखा गया है। इस तरह 7.54 लाख लोगों को मध्यकम जोखिम में और 5.95 लाख लोगों को निम्मं जोखिम वर्ग में रखा गया है।

नोटबंदी के बाद जब्त हुए 2.55 करोड़ के नकली नोट
नोटबंदी के बाद से सरकार ने कुल 2.55 करोड़ रुपये मूल्य के नकली नोट जब्त किए हैं। सबसे ज्यादा नकली नोट गुजरात से जब्त किए गए।

गृह राज्यमंत्री हंसराज जी. अहीर ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के हवाले से लोक सभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से पुराने 500 और 1,000 रुपये के कुल 23,429 नोट जब्त किए जा चुके हैं।

जीएसटी से इंडियन कोकोनट का निर्यात प्रभावित

नई दिल्ली । सूखे हुए नारियल पर 12 फीसद के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) इसके उत्पादन और निर्यात को प्रभावित किया है। ट्रेडर्स और एक्पोर्टर का कहना है इससे इंडस्ट्री में हजारों नौकरियों को संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

उनका कहना है कि जीएसटी की ऊंची दर एक ऐसे समय में उद्योग के लिए एक झटका थी जब घरेलू मांग और सूखे हुए नारियल के निर्यात में इजाफा हो रहा है। अभी तक देश के दक्षिणी राज्यों में, जहां ये प्रमुखता से उगाया जाता है, सूखे हुए नारियल पर 0 से 5 फीसद के बीच टैक्स लगता था।

महावीर नारियल इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक अनिल पोरवाल ने कहा, “कर्नाटक में टिपटुर में करीब 80 सूखे हुए नारियल की इकाइयां हैं (देश में उत्पाद के लिए सबसे बड़ा क्लस्टर),जहां हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इन सभी ने अपने उत्पादन को 30 फीसद तक घटा दिया है।”

पिछले कुछ वर्षों से सूखे हुए नारियल की मांग लगातार बढ़ रही है और यह 2016-17 में छह गुना बढ़कर 20,000 टन पर पहुंच गया। वहीं इसका मूल्य आठ गुना बढ़कर करीब 225 करोड़ रुपये हो गया है।

कासरगोड में विट्टल एग्रो इंडस्ट्रीज (भारत में सबसे बड़ा सूखा नारियल निर्यातक) के पार्टनर गणेश विट्ठल ने कहा, “हम फिलीपींस इंडोनेशिया, वियतनाम और श्रीलंका जैसे अन्य प्रमुख विक्रेताओं के साथ कीमत प्रतिस्पर्धी बन गए हैं, नतीजतन, निर्यात की मात्रा में भारी वृद्धि हुई है।”

सेंसेक्स 160 अंक गिरकर 31853 अंक पर खुला

नई दिल्ली । अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिल रहे कमजोरी के संकेतों के बीच बुधवार को भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले हैं। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 160 अंक की कमजोरी के साथ 31853 के स्तर पर और निफ्टी 47 अंक की कमजोरी के साथ 9933 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप में 1.04 फीसद और स्मॉलकैप में 1.50 फीसद की कमजोरी देखने को मिल रही है।

वैश्विक बाजार में कमजोरी
अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिल रहे कमजोरी के संकेतों के चलते तमाम एशियाई बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। जापान का निक्केई 1.28 फीसद की कमजोरी के साथ 19739 के स्तर पर, चीन का शांगाई 0.21 फीसद की कमजोरी के साथ 3275 के स्तर पर, हैंगसैंग 0.63 फीसद की कमजोरी के साथ 27678 के स्तर पर और कोरिया का कोस्पी 0.86 फीसद की कमजोरी के साथ 2374 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

वहीं, मंगलवार के सत्र में अमेरिकी बाजार की कमजोरी के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 0.15 फीसद की कमजोरी के साथ 22085 के स्तर पर, एसएंडपी500 0.24 फीसद की कमजोरी के साथ 2474 के स्तर पर और नैस्डैक 0.21 फीसद की कमजोरी के साथ 6370 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है।

रियल्टी सेक्टर में मुनाफावसूली
सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो मेटल को छोड़ सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा मुनाफावसूली रियल्टी सेक्टर में देखने को मिल रही है। बैंक (0.71 फीसद), ऑटो (0.27 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.68 फीसद), एफएसजीसी (0.88 फीसद) और फार्मा (2.09 फीसद) की गिरावट देखने को मिल रही है।

आईओसी टॉप लूजर
दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 10 हरे निशान में और 41 लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी हिंडाल्को, वेदांता लिमिटेड, आईशर मोटर्स, एनटीपीसी और इंफोसिस के शेयर्स में है। वहीं, गिरावट सनफार्मा, बीपीसीएल, आईओसी, आईसीआईसीआई बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर्स में है।

जीएसटी पोर्टल पर करों का भुगतान 20 तक, देखिए वीडियो

0

जयपुर। जीएसटी में करदाता द्वारा करों का भुगतान  20 अगस्त तक किया जाना आवश्यक होगा। भुगतान करने की नियत तिथि के बाद देय कर राशि को ब्याज सहित चुकाना होगा। इस खबर में करदाताओं की सुविधा के लिए जीएसटी में रजिट्रेशन एवं भुगतान की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए जीएसटी पोर्टल पर विडियो लिंक दिया गया है।

शासन सचिव वित्त राजस्व प्रवीण गुप्ता ने बताया कि पंजीकृत करदाता को जी.एस.टी.एन. पोर्टल (gst.gov.in) पर लॉगिन कर चालान में देय कर भुगतान राशि का विवरण भरना होगा। इस विवरण को भविष्य में अपडेट या अमेंड करने के लिए जीएसटीएन पोर्टल पर सात दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

गुप्ता ने बताया कि एक बार चालान को अंतिम रूप दिए जाने के बाद चालान आइडेन्टिफिकेशन नम्बर (सीपीआईएन) जारी हो जायेगा। इसके बाद चालान में परिवर्तन संभव नहीं होगा। सीपीआईएन जारी होने के बाद चालान 15 दिनों के लिए वैध होगा।

व्यापारी जुलाई 2017 की रिटर्न जीएसटीआर-3बी जीएसटीएन पोर्टल पर 20 अगस्त तक भर सकते हैं 

इस अवधि में भुगतान नहीं करने पर उसे सिस्टम से अपने आप हटा दिया जायेगा। हालांकि, करदाता अपनी सुविधा के लिए एक और चालान उत्पन्न कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जीएसटी के लिए कर का भुगतान सीपीआईएन जनरेट होने के बाद निर्धारित तरीकों से किया जा सकता हैं।

क्रेडिट कार्ड से भुगतान के लिए जी.एस.टी.एन. के आम पोर्टल पर क्रेडिट कार्ड का पूर्व पंजीकरण कराना आवश्यक होगा। यह भुगतान किसी भी बैंक से नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) या रियल टाईम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) द्वारा भी किया जा सकता है। यह भुगतान अधिकृत बैंकों के माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग द्वारा अथवा डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड द्वारा किया जा सकता है।

नकदी, चैेक या डिमांड ड्राफ्ट से प्रति चालान दस हजार रूपये तक की राशि अधिकृत बैंकों के माध्यम से काउंटर पर पेमेन्ट के द्वारा भी जमा की जा सकती है। चैक या डिमांड ड्राफ्ट से सरकारी खाते में राशि जमा करने की तारीख सरकार के खाते में वास्तविक जमा की तारीख को माना जायेगा। 

उन्होंने बताया कि जीएसटी के अन्तर्गत शुरूआती दौर में करदाताओं के लिये सरलीकृत रिटर्न जीएसटीआर-3बी भरने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह सुविधा जुलाई 2017 एवं अगस्त 2017 में की गई सप्लाई के सम्बन्ध में दी गयी है। व्यापारी जुलाई 2017 की रिटर्न जीएसटीआर-3बी 5 अगस्त से जीएसटीएन पोर्टल पर भर सकते हैं एवं इसे भरने की अंतिम तारीख 20 अगस्त 2017 निर्धारित की गयी है। 

 

नई हुंडई वरना की बुकिंग शुरू, 22 को लॉन्च

नई दिल्ली। हुंडई ने नई वरना की ऑफिशियल बुकिंग शुरू कर दी है, इसे 25,000 रूपए में बुक किया जा सकता है। नई वरना को 22 अगस्त को लॉन्च किया जाएगा। इसे नए के2 प्लेटफार्म पर तैयार किया गया है। 

नई वरना में पेट्रोल और डीज़ल दोनों इंजनों का विकल्प मिलेगा। पेट्रोल वेरिएंट में 1.6 लीटर का ड्यूल वीटीवीटी इंजन मिलेगा, जो 123 पीएस की पावर और 155 एनएम का टॉर्क देगा।

डीज़ल वेरिएंट में 1.6 लीटर का यू2 सीआरडीआई वीजीटी इंजन मिलेगा, जो 128 पीएस की पावर और 260 एनएम का टॉर्क देगा। दोनों इंजनों के साथ 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स स्टैंडर्ड आएगा, वहीं दोनों में 6-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन का विकल्प भी मिलेगा। 

हुंडई ने बुधवार को 2018 वरना की नई तस्वीर जारी है, इस में वरना को सनरूफ के साथ दिखाया गया है। वेबसाइट कारदेखो डॉट कॉम के अनुसार भारत में लॉन्च होने वाली वरना में यह फीचर पहली बार मिल रहा है।

संभावना है कि इसके टॉप वेरिएंट एसएक्स (ओ) में सनरूफ दिया जा सकता है। फिलहाल इस सेगमेंट में होंडा सिटी इकलौती कार है, जिस में सनरूफ दिया गया है।

नई वरना के वेरिएंट
नई वरना में कुल 12 वेरिएंट मिलेंगे, जिन में छह पेट्रोल और छह डीज़ल वेरिएंट शामिल होंगे।

पेट्रोल

  • वरना ई (बेस)
  • वरना ईएक्स
  • वरना ऑटो ईएक्स (बेस पेट्रोल ऑटोमैटिक)
  • वरना एसएक्स
  • वरना एसएक्स (ओ) (टॉप मैनुअल)
  • वरना ऑटो एसएक्स (ओ) (टॉप ऑटोमैटिक)

डीज़ल

  • वरना ई (बेस)
  • वरना ईएक्स
  • वरना ऑटो ईएक्स (बेस डीज़ल ऑटोमैटिक)
  • वरना एसएक्स
  • वरना ऑटो एसएक्स प्लस (टॉप ऑटोमैटिक)
  • वरना एसएक्स (ओ) (टॉप मैनुअल)

अप्रैल-मई में 354.77 करोड़ रुपए का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश

नई दिल्ली । भारत के कृषि क्षेत्र को इस वर्ष अप्रैल से मई के दौरान 354.77 करोड़ रुपये का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त हुआ है। यह जानकारी मंगलवार को संसद में दी गई है। लोक सभा में कृषि राज्यमंत्री एस एस अहलूवालिया ने यह डेटा दिया है।

डेटा के मुताबिक भारत को वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 515.49 करोड़ विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा बीते वर्ष 553.14 करोड़ था। अहलूवालिया ने एक लिखित जवाब में बताया कि वर्ष 2014-15 में कृषि क्षेत्र में 365.31 करोड़ एफडीआई था।

साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कई किसानों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से कृषि क्षेत्र में प्राप्त एफडीआई से फायदा हुआ है।FDI में आया 23 फीसद का रहा।

अप्रैल-मई महीने के दौरान बढ़कर 10 बिलियन डॉलर हुआ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से मई अवधि के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) 23 फीसद बढ़कर 10.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

यह जानकारी सोमवार को संसद में दी गई। वहीं साल 2016-17 के दौरान एग्रीगेट फॉरेन फंड इन्फ्लो 60.08 बिलियन के स्तर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी लोकसभा में एक लिखित उत्तर के जरिए दी।
उन्होंने कहा कि एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक निवेशक अनुकूल नीति बनाई है।

उन्होंने आगे कहा, “अगर कुछ निगेटिव लिस्ट को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश सेक्टर ऑटोमेटिक रूट के जरिए 100 फीसद एफडीआई के लिए ओपन हैं।”

मंत्री ने यह भी कहा कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को खत्म करने के बाद शर्तों के अनुपालन की निगरानी का कार्य (ऐसे पूर्व मामले भी जिन्हें एफआईपीबी की ओर से अनुमोदित किया गया है) का काम संबंधित प्रशासकीय मंत्रालय को सौंपा गया है।

लॉकर्स की सुरक्षा बैंकों की जिम्मेदारी -RBI

नई दिल्ली।  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों से कस्टमर्स के लॉकर्स की सुरक्षा सुनिश्चत करने को कहा है। बैंकों को आदेश दिया गया है कि लॉकर्स सुरक्षित रहें और इसमें किसी तरह की लापरवाही ना हो, जो बैंकों को लॉकर धारकों द्वारा किए गए दावों के लिए उत्तरदायी बना सकता है। यह जानकारी मंगलवार को संसद में दी गई।

इसके अलावा फेयर ट्रेड रेग्युलेटर सीसीआई (कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया) लॉकर सर्विस उपलब्ध कराने में बैंकों द्वारा कथित व्यवसायिक गुटबंदी की जांच भी कर रहा है।

राज्यसभा में दिए एक लिखित जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि फाइनैंशल सर्विसेज डिपार्टमेंट की तरफ से कोई विशेष सर्कुलर नहीं है जो लॉकर्स से सामानों की चोरी की स्थिति में क्षतिपूर्ति के लिए कहता हो।

जेटली ने कहा, ‘आरबीआई की ओर से बैंकों को सलाह दी गई है कि लॉकर्स की सुरक्षा बैंकों की जिम्मेदारी है और लॉकर्स की सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही ना हो जो कि संबंधित बैंक को लॉकर होल्डर्स के क्षतिपूर्ति के लिए जिम्मेदार बनाएगा।’

गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक और सरकारी क्षेत्र के 19 बैंकों ने आरटीआई के जवाब में कहा था कि लॉकर में जमा सामान के चोरी या नुकसान होने पर बैंक कॉम्पेन्सेशन देने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। बैंकों ने तर्क देते हुए कहा था, ‘हमारा रिश्ता ग्राहक से मकान मालिक और किरायेदार जैसा है।’