Wednesday, July 3, 2024
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एसएमएस के माध्यम से जोड़ें आधार को पैन से

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने करदाताओं को एसएमएस सुविधा का उपयोग कर आधार संख्या को पैन से लिंक करने के लिए कहा है। देश के प्रमुख समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापनों में विभाग ने एसएमएस के माध्यम से आधार और पैन को आपस में लिंक करने की जानकारी दी है।

इसके लिए किसी व्यक्ति को अपने फोन से बड़े अक्षरों में यूआईडीपीएएन के बाद खाली जगह छोड़कर अपनी आधार संख्या और फिर उसके बाद अपनी पैन संख्या को लिखकर 567678 या 56161 को एसएमएस भेजना होगा। इसके अलावा विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाकर भी इनको आपस में लिंक किया जा सकता है।

आयकर विभाग ने हाल में शुरू की थी ई-फैसेलिटी सर्विस
आयकर विभाग ने PAN के साथ आधार को लिंक करने की नई ई-फैसेलिटी हाल में शुरू की थी। इसके लिए विभाग ने ई-फाइलिंग वेबसाइट पर होम पेज पर नया लिंक https://इन्कमटैक्सइंडिएफिलिंग.गॉव.इन दिया है। लिहाजा अब किसी भी इनडिविजुअल को दोनों यूनिक आइडेंटिटीज को आपस में लिंक करना आसान हो जाएगा।

ये हैं आधार और PAN को आपस में लिंक करने का तरीका
इसके लिए सबसे पहले ई-फाइलिंग वेबसाइट के होमपेज पर दिए गए इस लिंक को क्लिक करना होगा। नया पेज खुलने के बाद इसमें अपने आधार नंबर और पैन नंबर के साथ आधार कार्ड के हिसाब से अपने नाम की डिटेल देनी होगी। इन सबके बाद यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा इस डिटेल का वेरिफिकेशन किया जाएगा। सब सही मिलता है तो आधार और पैन कार्ड का लिंक कंफर्म कर दिया जाएगा।

जीएसटी लागू होने से पहले ही हाहाकार , हर कोई चाहता है टैक्स कम देना

नई दिल्ली।जीएसटी लागू होने से पहले ही हाहाकार मचना शुरू हो गया है। हर कोई टैक्स कम देना चाहता है। यह तो विरोध करने वाले उद्योग और व्यापार जगत के लोग हैं।आम उपभोक्ता जिसकी जेब से टैक्स वसूला जायेगा, वह तो खामोश है। कभी वह यह नहीं कहता 18 की जगह 5 फीसदी ही टैक्स ले लो।

जीएसटी की दरों को लेकर सरकार को सैकड़ों ज्ञापन और अनुरोध पत्र मिल रहे हैं। इनमें बड़ी कंपनियों से लेकर दूसरे औद्योगिक संगठन शामिल हैं। अभी जीएसटी परिषद को 7 वस्तुओं की दरें तय करनी हैं। इनमें सोना, कपड़े, हस्तशिल्प उत्पाद, जूते चप्पल, बीड़ी और खेती में इस्तेमाल खाद, बीज आदि शामिल हैं। इसके लिए इसी सप्ताह बैठक होनी है। सोने पर 5 फीसदी कर लगाने का प्रस्ताव किया जा रहा है। 
 
दरों में कमी की मांग करने वालों में हिंदुस्तान यूनिलीवर भी शामिल है जो सर्फ एक्सेल, रिन, विम और व्हील जैसे घरेलू उपभोग के सामान बनाती है। कंपनी ने डिटर्जेंट पर कम दर लगाने की जोरदार पैरवी करते हुए कहा है कि इसका इस्तेमाल टॉयलेट आदि की सफाई के लिए किया जाता है।

कंपनी का तर्क है कि उसके उत्पाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देते हैं। इसी आधार पर कंपनी ने अनुरोध किया है कि डिटर्जेंट को 28 फीसदी की ऊंची कर श्रेणी से निकाला जाए क्योंकि इतना ज्यादा कर स्वच्छ भारत की भावना के खिलाफ है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि एचयूएल चाहती है कि अगर कम दर संभव न हो तो इसे 18 फीसदी की कर श्रेणी में रखा जाए। 
 
इस बीच बिस्कुट निर्माता पारले जी ने भी बिस्कुटों पर कम दर की मांग की है और कहा है कि इन्हें कर के निचले स्तर पर रखा जाना चाहिए। कंपनी की दलील है कि बिस्कुट न केवल गरीब खाते हैं बल्कि आंगनवाडिय़ों में भी इनका वितरण होता है। केंद्र सरकार 100 रुपये प्रति किलो से अधिक महंगे बिस्कुटों पर 18 फीसदी के जीएसटी का प्रस्ताव कर रही है।

जबकि 100 रुपये किलो से कम कीमत वाले बिस्कुटों पर यह 12 फीसदी होगा। इस समय 100 रुपये किलो से कम के बिस्कुटों पर कोई उत्पाद शुल्क नहीं लगता है। अलबत्ता विभिन्न राज्य बिस्कुटों पर 4.5 से 14.5 फीसदी के बीच मूल्य वर्धित कर लगाते हैं।  केंद्र सरकार सोने पर 5 फीसदी कर का प्रस्ताव ला सकती है।

उसका मानना है कि सोना आम उपभोग की वस्तु नहीं है और इस बहुमूल्य धातु के लिए कम या विशेष दर की कोई तुक नहीं है। इस समय सोने पर 8 फीसदी का उत्पाद शुल्क लगता है। केरल को छोड़कर बाकी राज्यों में 2 फीसदी मूल्य वर्धित कर लगता है। केरल में इसकी सीमा 5 फीसदी है। केरल सोने पर 5 फीसदी जीएसटी के लिए जोर दे रहा है। 
 
जीएसटी के तहत हस्तशिल्प उत्पादों का भी कर छूट का दर्जा छिन सकता है। केंद्र इनको कर दायरे में शामिल करने का प्रयास कर रहा है। अगर ऐसा हुआ तो पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर जैसे बड़े हस्तशिल्प उद्योग वाले राज्यों को झटका लग सकता है। जम्मू कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने हस्तशिल्प सामान को जीएसटी से छूट दिए जाने की पैरवी की है। 
 

यूडी टैक्स : पुखराज समेत 3 बिल्डरों के चेक बाउंस

कोटा। नगर निगम में नगरीय कर (यूडी टैक्स) के लाखों के चेक हो गए बाउन्स हो गए हैं, लेकिन निगम बड़े बिल्डर्स समूह के दबाव में कार्रवाई से बच रहा है।

निगम प्रशासन ने मार्च में बकाया यूडी टैक्स वसूली करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर कार्रवाई की थी। इस दौरान बड़े बिल्डरों ने निगम को यूडी टैक्स के अग्रिम तिथि के चेक सौंप दिए थे, लेकिन यह चेक अब बाउन्स हो गए हैं। राजस्व अनुभाग ने उपायुक्त व आयुक्त को इसकी सूचना दे दी है। इस बाबत राजस्व समिति के चेयरमैन महेश गौतम लल्ली ने कहा कि बकाया यूडी टैक्स के दिए गए तीन फर्मों के चेक अनादरित हुए हैं।

इनके चेक हुए बाउन्स

बघेरवाल ग्रुप
 49,59,000 रुपए का का चेक बाउंस
पुखराज ग्रुप
5,22,369 रुपए का चेक बाउंस
एलीमेट इन्फोटैक्स ग्रुप
3,52,000 रुपए का चेक बाउंस

कोटा के हॉस्टलों में लगेंगे एंटी सुसाइड पंखे, अधिक वजन होते ही नीचे जाएंगे

कोटा| शहर को सुसाइड फ्री सिटी बनाने की मुहिम में अब हॉस्टल एसोसिएशन ने अपनी योजनाओं को लागू करने का काम भी शुरू कर दिया है। इसके तहत एंटी सुसाइड फैन की पहली खेप मंगलवार को कोटा पहुंच गई है। अभी पांच सौ पंखे ही मंगवाए गए हैं।

एसोसिएशन का लक्ष्य करीब पांच हजार पंखों को हॉस्टल के रूम में लगाने का है। इस पंखे में करीब 350 रुपए की एक खास डिवाइस लगाई गई है। कंपनी के इंजीनियर्स ने हॉस्टल संचालकों को पंखे का डेमोंस्ट्रेशन देते हुए इसके मैकेनिज्म के बारे में बताया। पूर्व अध्यक्ष मनीष जैन ने बताया कि पंखे की खासियत है कि ये 18-20 किलो से अधिक वजन होते ही पंखा लटक जाएगा, लेकिन गिरेगा नहीं, इससे छात्र सुरक्षित रहेगा और उसको चोट भी नहीं लगेगी।

सेंसर पंखों की थी प्लानिंग
जैन ने बताया कि इससे पहले सेंसर लगाने की योजना थी, लेकिन इसमें कई प्रकार की तकनीकी दिक्कत रही थी। इसी कारण यह प्लान को बदला गया। राजीव गांधी नगर, जवाहर नगर, तलवंडी, इंद्राविहार सहित अन्य क्षेत्रों में स्थित हॉस्टल में यह पंखे लगाए जाएंगे। कीमत कम होने के कारण हर हॉस्टल संचालक उसको खरीद सकेगा।

राजस्थान में निजी दवाईयों की दुकानें बंद रही

जयपुर / कोटा। राजस्थान केमिस्ट एसोसिएशन द्वारा प्रस्तावित ई पोर्टल के विरोध में आज प्रदेश भर में दवाई की दुकानें बंद रहने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। राजस्थान सरकार की नि:शुल्क दवाइयों और सहकारिता विभाग की दवाई की दुकानें खुली रहीं।

राजस्थान केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी अजय अग्रवाल ने आज की हड़ताल को पूरी तरह से सफल होने का दावा करते हुए कहा कि प्रदेश भर में करीब तीस हजार से अधिक दवा दुकानें बंद रही। एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन भी दिया है।

ज्ञापन में कहा गया है कि ई पोर्टल के आरंभ होने से दवाई की दुकानों पर कामकाज बढ़ने से भीड़ बढ़ेगी और व्यवसायियों पर अतिरिक्त आर्थिक भार भी पड़ेगा। राजस्थान केमिस्ट एसोसिएशन दवाई की दुकानों के लिए लागू किये जाने वाले ई पोर्टल का विरोध कर रहा है।

एक रुपये का नया नोट गुलाबी और हरे रंग का होगा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार एक रुपये का नया नोट जारी करने जा रही है। हालांकि पुराने नोट भी चलते रहेंगे। यह नया नोट गुलाबी और हरे रंग का होगा। करीब 2 दशक तक एक रुपये के नोट की छपाई बंद रहने के बाद 2015 में इसे दोबारा लॉन्च किया गया था।

बताया जा रहा है कि नए नोट के डिजाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है, सिर्फ रंग अलग होगा। नोट के पिछले हिस्से में सागर सम्राट की ही तस्वीर होगी।एक रुपये का नोट सरकार जारी करती है और इस पर वित्त मंत्रालय के सचिव का हस्ताक्षर होता है, जबकि अन्य नोट पर रिजर्व बैंक के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है। 

आरबीआई की ओर से जारी प्रेस रिलीस में कहा गया है कि सरकार नए नोटों की छपाई कर चुकी है और जल्द ही इन्हें चलन में लाया जाएगा। आरबीआई के मुताबिक नोट पर ‘GOVERNMENT OF INDIA’ के ऊपर देवनागरी में ‘भारत सरकार’ लिखा होगा। इसके अलावा हिंदी और इंग्लिश में वित्त मंत्रालय के सचिव शशिकांत दास के हस्ताक्षर हिंदी और इंग्लिश में होंगे।

इस पर नए 1 रुपये के सिक्के की प्रतिलिपि और रुपये का साइन (₹) होगा। गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने पिछले साल 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था और 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे

UGC बनाएगा डिग्री पर पिता का नाम वैकल्पिक, मेनका गांधी का सुझाव

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) शीघ्र ही डिग्री पर पिता का नाम वैकल्पिक बनाने की दिशा में काम करेगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के सुझाव पर मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय की सैद्धांतिक सहमति के बाद यूजीसी यह कदम उठाएगा।एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘इस विचार से हम सहमत हैं। छात्र अपनी इच्छा से माता या पिता के नाम का उल्लेख कर सकते हैं।

हम इस विचार को पसंद करते हैं और हमें कोई आपत्ति नहीं है।यूजीसी शीघ्र ही इस दिशा में काम करेगा।’ मेनका गांधी ने पिछले महीने जावड़ेकर को पत्र लिखा था। उन्होंने एचआरडी मंत्री से छात्रों के डिग्री प्रमाण पत्र पर पिता के नाम की अनिवार्यता संबंधी नियम में बदलाव का आग्रह किया था।अपने पत्र में मेनका ने कहा था, ‘मेरी मुलाकात ऐसी कई महिलाओं से हुई जो अपने पति को छोड़ चुकी हैं।

ऐसी महिलाएं भारी कठिनाइयों का सामना कर रही हैं।उन्हें बच्चों का डिग्री प्रमाण पत्र लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पिता के नाम के बगैर प्रमाण पत्र नहीं मिलता है।’उन्होंने आगे लिखा था कि शादी टूटना और पति एवं पत्नी में अलगाव आज के जीवन की वास्तविकता बन चुकी है। ऐसे में नियमों में इसकी झलक दिखाई देनी चाहिए।

पतंजलि के 32 उत्पाद क्वालिटी टेस्ट में फेल, बाबा रामदेव को झटका

नई दिल्ली। स्वदेशी और बेहतर उत्पादों का दावा करने वाले बाबा रामदेव को बड़ा झटका लगा है। पतंजलि के 40 प्रतिशत उत्पाद क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं जिसके बाद इनकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार के आयुर्वेद व यूनानी ऑफिस ने जांच के बाद यह रिपोर्ट दी है।

एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार जांच के लिए 2013 से 2016 के बीच एकत्रित किए गए 82 सैंपल लिए गए थे जिनमें से 32 सैंपल इस क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं। जो उत्पाद टेस्ट में फेल हुए हैं उनमें इन उत्पादों में पतंजलि का दिव्य आंवला ज्यूस व शिवलिंगी बीज भी शामिल है।रिपोर्ट के अनुसार इन उत्पादों में तय मानकों के अनुपात में पीएच वैल्यू बेहद कम है।

 गत माह ही पश्चिम बंगाल की जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में पतंजलि के आंवला ज्यूस का गुणवत्ता परीक्षण किया था। परीक्षण की जो रिपोर्ट सामने आई उसके बाद से ही सशस्त्र बलों के कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट ने आंवला ज्यूस को बेचने से इंकार कर रोक लगा दी थी।

एनसीडेक्स में एग्री कमोडिटीज़ पर लाल रंग हावी

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मुंबई। कुछ  महीनों से एग्री कमोडिटीज़ लाल रंग में ऐसा जकड़ा है, जिससे वो बाहर नहीं निकल पा रहा। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन भी NCDEX पर सभी एग्री कमोडिटीज़ में भारी बिकवाली का दबाव देखने को मिला है। माॅनसून के केरल समय पर पहुंचने के चलते गिरावट और भी बढ़ सकती है।

 फिलहाल कुछ बड़े कारण एग्री कमोडिटीज़ में गिरावट का कारण बने हुए हैं और फिलहाल गिरावट हावी रह सकती है और यही नहीं बाजार से खरीददार दूरी बनाए रख सकते हैं। एग्री कमोडिटीज़ में गिरावट का सबसे बड़ा कारण जीएसटी माना जा रहा है। कारोबारी, बड़े कार्पोरेट हाऊसिस, फंड हाऊसिस और स्टाॅकिस्ट अपने स्टाॅक को जीएसटी के पहले जिरो करना चाह रहे हैं।

जीएसटी से पहले ज्यादा से ज्यादा स्टाॅक को बाजार में निकाला जा रहा है। कार्पोरेट हाऊसिस के पास बड़ी मात्रा में माल की खरीद थी जिसे वो जीएसटी से पहले बाजार से निकालने पर जोर दे रहे हैं। जीएसटी के लागू होेने के बाद और स्टाॅक पर स्थिति साफ होने के बाद नई खरीददारी पर जोर दे सकते हैं। जीएसटी में स्टाॅक को रखने की समय सीमा भी कारोबारियों को माल निकालने के लिए दबाव बना रही है।

अब कारोबारी लंबे समय तक स्टाॅक की हाॅल्डिंग नहीं कर पाऐंगे जिससे कृत्रिम तेजी बाजार में हावी नहीं होगी। और कारोबारी बाजार को नियन्त्रित नहीं कर पाऐंगे। कार्टेलाइजेशन पर जीएसटी एक बड़ी मार के तौर पर देखा जा रहा है।   देश के मौसम विभाग के मुताबिक माॅनसून समय के साथ साथ बेहतर रहेगा। बेहतर माॅनसून के चलते साल 2016 की तरह साल 2017 में कृषि उत्पादन रिकाॅर्ड दर्ज किया जा सकता है।

खाद्यानों की खासी उपलब्धता और सरकार के बफ्फर स्टाॅक के चलते एग्री कमोडिटीज़ में गिरावट दर्ज की जा रही है।  एक महत्वपूर्ण कारण देश की मंडियों में देखने को मिल रहा है वो है बाजार में नकदी की समस्या। मंडियों में आढ़तियों का पैसा प्राॅपर्टी बाजार में फस चुका है। बहुत से आढ़तियों ने प्राॅपर्टी बाजार में पैसा ब्याज पर ली गई पूंजी का लगाया जिससे उनपर मंदी और ब्याज़ की दोहरी मार पड़ी है।

भारत का एक्सपोर्ट शेयर पिछले पांच सालों में घटा

नई दिल्ली। इंडिया के एक्सपोर्ट सेक्टर के पोस्टर बॉयज- रेडीमेड गारमेंट्स, जेम्स एंड जूलरी और एग्रीकल्चरल प्रॉडक्ट्स सभी ने गुजरे पांच साल में मार्केट शेयर गंवाया है। कारें, डायमंड्स, मक्का, ट्राउजर्स, मेक अप और स्किन केयर आइटम्स, हैंडबैग्स, कॉटन स्वेटर्स उन 61 प्रॉडक्ट्स में शामिल हैं, जिनमें इंडिया ने 2011-16 के दौरान मार्केट शेयर में गिरावट दर्ज की है। हालांकि, इंडिया महंगी कारों और हैंडबैग्स की बढ़ती डिमांड के साथ कदमताल मिलाने में नाकाम रहा है।

दूसरी ओर, इसने गोल्ड और सिल्वर जूलरी के मामले में चाइना से मिल रहे तगड़े कॉम्पिटीशन के चलते भी मार्केट शेयर गंवाया है। इसके अलावा रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में कंबोडिया और बांग्लादेश के हाथों भारत के मार्केट शेयर में सेंध लगी है। 2011 में मीडियम और हाई कार सेगमेंट में भारत का मार्केट शेयर 8.84 फीसदी था, जो 2016 में घटकर 5.77 फीसदी रह गया। यह एक बड़ा नुकसान है।

इस मार्केट शेयर में गिरावट की वजह कोरिया और जापान हैं जो कि पैसेंजर व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग में लीडर हैं। जेम्स एंड जूलरी सेक्टर में कारीगरों में स्किल का अभाव खासतौर पर डायमंड्स के मामले में भारी पड़ा है। इस सेगमेंट में मार्केट शेयर 2011 में 31.36 फीसदी था, जो 2016 में घटकर 30.79 फीसदी रह गया है। इंडिया के मार्केट शेयर का बड़ा हिस्सा चाइना और वियतनाम ने झटक लिया है जो कि भारत के मुख्य कॉम्पिटीटर्स साबित हो रहे हैं।

एक्सपोर्टर्स इन 61 प्रॉडक्ट्स को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं और उन्होंने कॉमर्स मिनिस्ट्री से कहा है कि वह इनके एक्सपोर्ट को प्रोत्साहित करने के लिए फिर से स्ट्रैटजी बनाए। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय ने कहा, ‘हमने एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल्स और डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स से इन आइटमों के एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए नए तरीके से स्ट्रैटजी बनाने की मांग की है।’

मक्का और खली जैसे कृषि आइटमों के मामले में करेंसी में उतार-चढ़ाव का भारत के मार्केट  शेयर में नुकसान के पीछे बड़ा योगदान रहा है। ब्राजीलियाई करेंसी रियाल के कमजोर होने से इंडिया को इस लैटिन अमेरिकी देश में खली के निर्यात में मुश्किलें आई हैं। सहाय ने कहा, ‘हमें इनकी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए या तो और जोर लगाना पड़ेगा या फिर डोमेस्टिक कैपेबिलिटी तैयार करनी होगी।’