Friday, July 5, 2024
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कुछ निवेशकों  के लिए जोखिम का मतलब रोमांच

नयी दिल्ली । निवेशकों को जब यह लाइन सुनाई देती है कि यह निवेश बाजार जोखिमांे से जुड़ा है, तो उनके लिए इसका मतलब खतरे या नुकसान से होता है। हालांकि, कुछ निवेशक मानते हैं कि जोखिम का मतलब उनके लिए रोमांच और अवसरों  से है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: द्वारा कराए गए ताजा सर्वेक्षण में  यह निष्कर्ष निकाला गया है। इसमें  यह भी कहा गया है कि निवेशक बाजार जोखिमों   मसलन उतार चढ़ाव और वित्तीय नुकसान को लेकर अधिक चिंतित रहते हैं। वे परिचालन जोखिमों मसलन कामकाज के संचालन के मुद्दों  और भेदिया कारोबार आदि को अधिक महत्व नहीं देते।
जोखिम, रिटर्न और तरलता को लेकर अवधारणा से यह पता चलता है कि व्यक्तिगत खुदरा निवेशक वित्तीय निर्णय प्रक्रिया को लेकर आश्चर्यजनक रूप से अधिक तार्किक होते हैं, हालांकि बाजार से जुड़े अन्य पहलुओं को लेकर वह पूरी तरह से तर्कहीन होते हैं।
जोखिम शब्द का मतलब ही विभिन्न  निवेशकों  के लिए भिन्न होता है।
सर्वे में   कहा गया है कि जब जोखिम शब्द का उल्लेख है तो 33 प्रतिशत  निवेशकों   के जहन में  खतरा शब्द सबसे पहले आता है। 23 प्रतिशत इसे नुकसान से जोड़ते हैं। वहीं 20 प्रतिशत अन्य इसे अनिश्चितता मानते है। वहीं 16 प्रतिशत निवेशक इस शब्द को रोमांच से जोड़ते हैं। आठ प्रतिशत निवेशक मानते हैं कि जोखिम से आशय अवसरो  से है।

टैक्सपेयर से प्रॉपर्टी का वैध किराएदार होने का सबूत मांग सकता है आयकर विभाग

कोटा। टैक्स का बोझ घटाने के लिए कई लोग प्रॉपर्टी रेंट की फर्जी रसीदें लगा दिया करते हैं। टैक्स रूल को धता बताने की ऐसी हरकत को ज्यादातर एंप्लॉयर्स नजरंदाज करते रहे हैं। टैक्स ऑफिस को भी संभवत: लगता रहा है कि यह छोटी गलती है। हालांकि अब हालात बदल सकते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अब एक ठोस जमीन लग गई है, जिसके आधार पर वह टैक्सपेयर से इस बात का सबूत मांग सकता है कि वह संबंधित प्रॉपर्टी का वैध किराएदार है। एंप्लॉयर से ‘हाउस रेंट अलाउंस’ पाने वाला सैलरीड एंप्लॉयी इस रकम के कम से कम 60% हिस्से पर टैक्स देने से बच सकता है, बशर्ते वह रेंट रसीद दे।
ट्राइब्यूनल की एक हालिया रूलिंग के अनुसार, असेसिंग ऑफिसर अब सैलरीड एंप्लॉयी की ओर से दिखाई गई टैक्सेबल इनकम का आंकड़ा मंजूर करते वक्त सबूत की मांग कर सकता है। वह लीज ऐंड लाइसेंस अग्रीमेंट, किराएदारी के बारे में हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी को जानकारी देने वाले लेटर, इलेक्ट्रिसिटी बिल, वॉटर बिल जैसे सबूत मांग सकता है। आईटीएटी मुंबई ने ऐसे सैलरीड एंप्लॉयी का एचआरए इग्जेम्पशन क्लेम खारिज किया था, जिसने दावा किया था कि वह अपनी मां को रेंट पेमेंट कर रहा है।
डेलॉयट हास्किंस एंड सेल्स एलएलपी के सीनियर टैक्स अडवाइजर दिलीप लखानी ने कहा, ‘इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल की रूलिंग ने सैलरीड एंप्लॉयी के क्लेम पर विचार करने और जरूरी होने पर उस पर सवाल करने के लिए असेसिंग ऑफिसर के सामने एक मानक रख दिया है। इससे सैलरीड क्लास पर यह जिम्मेदारी आएगी कि वह टैक्स छूट पाने के लिए नियमों का पालन करे।’
माना जाता है कि फर्जी रेंट रसीदें देने वाले सैलरीड एंप्लॉयीज के पास इनमें से कोई भी जरूरी दस्तावेज नहीं होता है। हो सकता है कि वह व्यक्ति असल में रेंट चुका ही न रहा हो और अपने परिवार के घर में ही रह रहा हो और अपने पिता की दस्तखत वाली रसीदें दिखा रहा हो। कुछ मामलों में असल में किराएदार होने पर भी किराए की रकम बढ़ाकर दिखाई जाती है और इसमें तब तक दिक्कत नहीं आती है, जब तक कि किराया पाने वाला शख्स टैक्स चुकाने की लिमिट से बाहर हो।
ऐसे कई मामले देखे गए हैं, जिनमें कोई व्यक्ति भले ही अलग रह रहा हो, लेकिन वह दावा करता है कि उसी शहर में रहने वाले एक रिश्तेदार को किराया चुका रहा है, जिनकी वहीं कोई प्रॉपर्टी हो। कुछ मामलों में परिवार का एक सदस्य लोन पेमेंट डिडक्शन का क्लेम करता है तो दूसरा टैक्स से बचने के लिए फर्जी रेंट रसीद चिपका देता है। एचआरए को लेकर इस तरह की जैसी हरकतें होती हैं, उन्हें देखते हुए टैक्स अधिकारियों को बहुत ज्यादा क्लेम्स पर सवाल करने होंगे। एक टैक्स ऑफिसर ने कहा, ‘टेक्नॉलजी और सख्त रिपोर्टिंग सिस्टम से नजर बनाए रखने में आसानी होगी।’

‘बेगम जान’ SONG ‘ओ रे काहरो’: ‘नींद आधी सपना आधा, पूरा तो होने दो जरा’

नई दिल्ली। बॉलीवुड में संजीदा एक्टिंग के लिये मशहूर विद्या बालन की आने फिल्म ‘बेगम जान’ का गाना ‘ओ रे काहरो’ रिलीज किया गया है। गाने को कल्पना पटवारी और अलतमश फरीदी ने गाया है, अनु मलिक ने कंपोज किया है और इसके लिरिक्स कौसर मलिक ने लिखे हैं।
विद्या फिल्म के प्रमोशन में बिजी हैं, इस दौरान विद्या नए लुक में फिल्म के अपने किरदार के रंग में रंगी नजर आ रही हैं। विद्या का कहना है कि ‘बेगम जान’ में काम करने का उनका अनुभव बेहद शानदार रहा और वह इसकी रिलीज को लेकर बेहद उत्साहित हैं। इसे लेकर लोगों की प्रतिक्रियाओं का मजा उठा रही हूं।’
गौरतलब है कि श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म बेगम जान, बंगाली फिल्म ‘राज कहिनी’ का हिंदी रीमेक है। इसमें विद्या भारत के विभाजन के समय के एक कोठे की मालकिन के किरदार में नजर आएंगी। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और गौहर खान भी मेन रोल में हैं। यह फिल्म 14 अप्रैल को रिलीज होगी।
 ओ रे कहारो     …………………..

एटीएम में नहीं मिल रहा कैश, परेशान ग्राहक

दिनेश माहेश्वरी
कोटा  । अगर आपको पिछले कुछ दिनों से एटीएम में कैश नहीं मिल रहा है तो यह दिक्कत सिर्फ आपके इलाके में ही नहीं है। देशभर में लोगों को इसका सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कैश की सप्लाई कम हो गई है। इससे लोगों के मन में नोटबंदी वाले दौर की याद ताजा हो गई है। वैसे तो 60 पर्सेंट एटीएम काम कर रहे हैं, लेकिन उनमें पूरा कैश नहीं डाला जा रहा है। इसलिए एटीएम में कैश जल्द खत्म हो जाता है और फिर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इंडस्ट्री एग्जिक्युटिव्स का कहना है कि नए साल से कैश की सप्लाई सुधरी थी, लेकिन उसके बाद स्थिति और बेहतर नहीं हुई है। देश की बड़ी एटीएम मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक के सीईओ ने बताया, ‘हम एटीएम में 70 पर्सेंट कपैसिटी से कम कैश डाल रहे हैं। 100 रुपये के नोटों की सप्लाई को लेकर चिंता है। हमें 100 रुपये के बहुत नोट नहीं मिल रहे हैं, जिसे एटीएम में डाला जा सके।’
एक्सपर्ट्स ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष खत्म होने और लोगों के सैलरी निकालने की वजह से अभी कैश की मांग बढ़ गई है। कैश लॉजिस्टिक्स कंपनी में कैश ट्रांसपोर्ट और एटीएम मैनेजमेंट का जिम्मा संभालने वाले एक और टॉप एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘हर साल इस वक्त कैश की सप्लाई बढ़ती है ताकि लोगों की मांग पूरी की जा सके। इस साल पहले की तरह ही मांग है, लेकिन कैश सप्लाई में सुधार नहीं हुआ है। इससे देश के कई इलाकों में कैश की कमी हो गई है।’
उन्होंने बताया, ‘आमतौर पर हम देखते आए हैं कि मार्च महीने में 35 पर्सेंट कैश आखिरी हफ्ते में आता है। इस साल वैसा नहीं हुआ।’ इंडस्ट्री एग्जिक्युटिव्स ने यह भी बताया कि एक एटीएम में 30 लाख रुपये डाले जा सकते हैं, लेकिन उनकी पूरी कपैसिटी का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। मशीनों में 10 लाख रुपये से कम रकम डाली जा रही है इसलिए सामान्य की तुलना में उनका कैश जल्द खत्म हो जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डेटा से पता चलता है कि मार्च महीने में सर्कुलेशन में 11.3 लाख करोड़ की करेंसी थी, जबकि पिछले साल इस समय 15.9 लाख करोड़ रुपये सिस्टम में थे।

लागू हुआ GST तो एक्सचेंज ऑफर में सामान लेना पड़ेगा महंगा

नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने पर कुछ सामान महंगे होने की आशंका है। सेकंड हैंड कार खरीदने और एक्सचेंज ऑफर में कोई सामान लेने पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इस वजह से पुराने वाहन बेचने वाले डीलरों को कारोबारी पूंजी भी बढ़ानी पड़ सकती है।

राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने स्पष्ट किया है कि जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई से ही लागू होगी। उन्होंने कहा, ‘ इसके लिए इंडस्ट्री को काफी समय दिया जा चुका है। नियमों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और हमारा आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार है।

ज्यादा टैक्स

  •  पुराने सामान बेचने पर भी नए के बराबर जीएसटी लगेगा
  • अतिरिक्त टैक्स का भार डीलर ग्राहकों पर डालेंगे
  •  रिटेलर्स और डीलर्स को नए सिरे से तय करने होंगे

कंपनियों को बढ़ानी होगी पूंजी

एक्सचेंज स्कीम का कारोबार करने वाली कंपनियों को कार्यशील पूंजी बढ़ानी होगी। भारत में सालाना 33 लाख सेकंड हैंड सामान बिकते हैं। स्मार्टफोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल बनाने वाली कंपनियां इन नियमों के असर को लेकर सचेत हैं।

सामान पुराना

  • टैक्स लगेगा पूरा एक अप्रैल को जारी ड्राफ्ट बिल में ये प्रस्ताव शामिल है। ड्राफ्ट में मोबाइल फोन का एक उदाहरण दिया गया है।
  • इसके तहत अगर कोई नया मोबाइल एक्सचेंज के तहत 20 हजार रुपए में बेचा गया है, बिना एक्सचेंज के उसकी कीमत 24 हजार है तो जीएसटी की गणना 20 हजार के बदले 24 हजार रुपए पर होगी।
  • पुराने मोबाइल, फ्रीज, टीवी, बाइक और कार जैसी चीजों में कंपनियां धड़ल्ले से एक्सचेंज ऑफर देती हैं।
  • इससे ग्राहकों व कंपनी दोनों को दिक्कत होगी। सामान महंगा मिलेगा और कंपनियां एक्सचेंज ऑफर आसानी से नहीं दे पाएंगी।

कोटा सेंट्रल जेल की सुरक्षा में सेंध, कैदियों के पास मिली मोबाइल की बैटरी-चार्जर

कोटा।  जेलर बत्तीलाल मीणा के पकड़े जाने के बाद मंगलवार दोपहर को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की नींद टूटी और आनन-फानन में जेल का निरीक्षण किया तो अफसरों के होश उड़ गए। निरीक्षण के दौरान जेल की बैरकों से मोबाइल के चार्जर और बैटरी बरामद हुईं। हालांकि अफसर मोबाइल ना मिलने की बात करते रहे, लेकिन चार्जर और बैटरी मिलने से एक बात तो साबित हो गई कि जेल की सुरक्षा में सेंध लग चुकी थी।
संभाग के सबसे बड़े केन्द्रीय कारागार जहां करीब डेढ़ हजार बंदी बंद हैं। उस जेल को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने भगवान भरोसे ही छोड़ रखा है। दो साल से ज्यादा वक्त गुजर गया, अधिकारियों ने जेल का नियमित व औचक निरीक्षण नहीं किया। कैदियों से अवैध वसूली के आरोप में ट्रेप किए गए जेलर बत्ती लाल मीणा की गिरफ्तारी के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने दोपहर 2.30 बजे से शाम 5 बजे तक जेल का निरीक्षण किया
निरीक्षण के बाद एडीएम सिटी बीएल मीणा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान बंदियों के पास मोबाइल की एक पुरानी बैटरी व चार्जर मिला है। हालांकि जेल में ये सामान कैसे पहुंचे इस बारे में वे कोई जवाब नहीं दे सके। मीणा ने बताया कि जेल में जैमर के सही ढंग से काम नहीं करने पर इसे ठीक कराने और चारदीवारी पर तारों में बिजली करंट लगातार प्रवाहित करने के निर्देश दिए हैं।
अफसरों के इशारों पर चलते जैमर
जेल में मोबाइल उपयोग पर रोक के लिए ही जेल प्रशासन की ओर से लाखों रुपए खर्च कर कुछ समय पहले 4 जी जैमर लगवाए गए। लेकिन ये सही ढंग से काम नहीं कर रहे। सूत्रों के अनुसार जेल में जैमर जेल अधिकारियों की मर्जी से काम करते हैं। छत पर लगे जैमर की दिशा नीचे की जगह उसे ऊपर कर दिया जाता है। इससे वह काम करना बंद कर देता
अब जली बत्ती, निरीक्षण को पहुंचे

जेलर बत्तीलाल मीणा के पकड़े जाने के बाद एडीएम सिटी बीएल मीणा, पुलिस उप अधीक्षक शिव भगवान गोदारा और एसीबी बारां के एएसपी राजेन्द्र सिंह गोगावत ने मंगलवार को निरीक्षण किया। इस दौरान जेल अधीक्षक सुधीर प्रकाश पूनिया भी मौजूद थे। यह निरीक्षण औपचारिक ही रहा। पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को जेल में निरीक्षण के लिए प्रवेश करने से पहले इतनी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ी कि काफी समय लग गया। इससे पहले ही जेल कर्मचारी अंदर चले गए और बात फैल गई।

माइक्रोसॉफ्ट ने शुरू किया टीच यॉर चिल्ड्रन प्रोग्राम

नई दिल्ली । तकनीकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने शिक्षा के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए ‘माइक्रोसॉफ्ट एस्पायर स्कूल प्रोग्राम सुईट’ MASP के तहत ‘टीच यॉर चिल्ड्रन’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। कंपनी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों को तकनीकी तौर पर उन्नत बनाकर उन्हें इनोवेटिव प्रशिक्षण विधियों के साथ एकीकृत करना और उनके परिसरों को आधुनिक बनाना है। इसी के साथ उनके प्रशिक्षण अनुभवों को बेहतर बनाकर छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना है।
कंपनी ने कहा कि इसके अलावा वह छात्रों और उनके अभिभावकों को ई-भुगतान और ई-फी जैसी सुविधांए भी उपलब्ध कराएगी। कंपनी के लघु एवं मध्यम बाजार समाधान एवं साझेदार विभाग के महानिदेशक अमित कुमार ने कहा, ‘आज के डिजिटल दौर में शिक्षण संस्थानों को शिक्षकों और छात्रों के लिए प्रशिक्षण और सीखने के अनुभवों को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए तकनीक को अपनाना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए माइक्रोसॉफ्ट एस्पायर स्कूल प्रोग्राम सुईट को विकसित किया गया है ताकि शिक्षकों और छात्रों को सफलता के लिए आवश्यक टूल्स, संसाधन और विशेषज्ञताएं उपलब्ध हो सके।’
इसके अलावा ‘टीच यॉर चिल्ड्रन’ कार्यक्रम सभी शिक्षकों, छात्रों और स्कूल परिसरों की प्रयोगशालाओं को माइक्रोसॉफ्ट इमैजिन और माइक्रोसॉफ्ट इमैजिन एकेडमी तक पहुंच भी उपलब्ध कराएगा। इससे शिक्षण के उद्देश्य से संस्थानों को माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयरों तक पहुंच उपलब्ध होगी। कंपनी ने कहा कि दिल्ली, मुंबई, पुणे, वडोदरा और भुवनेश्वर के करीब 40 स्कूल इस सुविधा को अपना चुके हैं।

ईपीएफओ का फैसला, अब पूरे वेतन पर भी पेंशन

कानपुर। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्य अब पूरे वेतन पर भी पेंशन ले सकते हैं। ऐसा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आधार पर हुआ है।ईपीएफओ के केंद्रीय अपर भविष्य निधि आयुक्त (मुख्यालय) डॉ. एसके ठाकुर ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के संदर्भ में आदेश जारी करते हुए कहा है यदि किसी पेंशनर का पीएफ अंशदान पीएफ की सीलिंग सीमा से अधिक वेतन पर कटता था लेकिन पेंशन फंड में सीलिंग सीमा के आधार पर ही गणना कर पैसा जाता था तो उसके अंतर की राशि ब्याज सहित जमा कर बढ़ी हुई पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।बढ़ती गई सीलिंगसीमा वर्ष 2001 में सीमा 6500 थी और एक सितंबर 2014 से यह सीमा बढ़ कर 15 हजार रुपए कर दी गई। कर्मचारियों का अंशदान इसी राशि पर 12 फीसद की दर से उनके वेतन से काट कर जमा किया जाता है और इतना ही अंशदान सेवायोजक मिलाते हैं।सेवायोजक के अंशदान का 8.33 हिस्सा पेंशन फंड में जाता है जिससे कर्मचारी के 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने पर गणना कर पेंशन का भुगतान दिया जा सकता है

असोसिएट बैंक कर्मियों को वीआरएस देगा एसबीआई, 2800 कर्मचारी कर चुके आवेदन

नई दिल्ली। पांच एसोसिएट बैंक और एक भारतीय महिला बैंक के एसबीआई में मर्जर के बाद स्टेट बैंक ने कर्मचारियों के लिए वॉलेंटरी रिटायरमेंट स्की म (वीआरएस) की पेशकश की है।आपको बता दें कि ये पेशकश एसोसिएट बैंकों के कर्मचारियों के लिए हैं जिनमें से अब तक 2800 कर्मचारी इसके लिए आवेदन भी कर चुके हैं। गौरतलब है कि 1 अप्रैल को ही एसबीआई में पांच एसोसिएट बैंक और एक भारतीय महिला बैंक का विलय हो चुका है।जानकारी के मुताबिक एसोसिएट बैंक के करीब 12,000 कर्मचारी इस वीआरएस स्कीम के लिए योग्य हैं। यह जानकारी स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्या ने खुद दी है। दरअसल स्टेट बैंक ने कर्मचारियों की संख्या को कम करने के लिए वीआरएस स्कीकम ऑफर की है। इसके लिए 5 अप्रैल तक आवेदन किया जा सकता है।इन बैंकों का हुआ मर्जरएसबीआई के सभी एसोसिएट बैंकों, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर ऐंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला का 1 अप्रैल से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय हो गया है। वहीं भारतीय महिला बैंक का भी एसबीआई में विलय हो चुका है।6 एसोसिएट बैंकों के मर्जर के बाद टॉप 50 की लीग में शामिल हुआ SBIदेश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उसके 6 एसोसिएट बैंकों के मर्जर के बाद अब वह दुनिया के टॉप 50 बैंकों में शामिल हो गया है। इस मर्जर के बाद एसबीआई के पास करीब 26 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के डिपॉजिट्स होंगे और कर्ज पर दी गई राशि 18.50 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच जाएगी। आपको बता दे कि एसबीआई का स्वरूप शनिवार से बदल चुका है।वीआरएस के लिए तय हुए नार्म्स:वीआरएस देने के लिए स्टेट बैंक के कुछ नॉर्म्सड तय किए हैं। जैसे कि जिस कर्मचारी की सर्विस 20 से ज्याशदा और उम्र 55 साल हो चुकी है, वे वीआरएस ले सकते हैं। भट्टाचार्या ने बताया कि जो भी कर्मचारी इस नॉर्म्स को पूरा करता है वह वीआरएस ले सकता है।

‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ पहुंची 200 करोड़ के करीब

मुम्बई। 200 करोड़ के काफी करीब पहुंच चुकी है ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’। Boxofficeindia.com की रिपोर्ट की मानें तो फिल्म ने दुनिया भर में कुल मिलाकर 195 करोड़ की कमाई कर ली है। Boxofficeindia.com की खबर की मानें तो यह फिल्म इस साल ‘रईस’ के बाद दूसरी फिल्म है, जिसमें दुनिया भर में शानदार कमाई की है। ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ वरुण और आलिया की तीसरी फिल्म है। इन दोनों युवा स्टार की जोड़ी सबसे पहले पर्दे पर ‘स्टूडेंट ऑफ द इयर’ में नज़र आई और फिर ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’ में नज़र आए। शशांक खेतान द्वारा निर्देशित यह फिल्म 10 मार्च को होली वाले लंबे वीकेंड पर रिलीज़ हुई थी, जिसका फिल्म का काफी अच्छा फायदा भी मिला। इस फिल्म में ‘बद्री की दुल्हनिया’ और ‘तम्मा तम्मा’ जैसे मस्ती भरे गाने हैं। फिल्म के गाने को कम्पोज़ किया है अमाल मलिक, तनिष्क बागची और अखिल सचदेव ने। आलिया भट्ट ने ‘हमसफर’ गाने में अपनी आवाज़ दी, जो कि वास्तव में पाकिस्तानी सिंगर आतिफ असलम ने गाया है। भले ही ‘बद्री की दुल्हनिया’ एक लव स्टोरी है, लेकिन इस फिल्म में दहेज प्रथा का पुरजोर विरोध भी नज़र आया है।