संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान पीएम का जवाब
नई दिल्ली। Discussion on the President’s address: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनका लगातार तीसरा कार्यकाल गति और निरंतरता के लिए जनादेश है और उनकी सरकार विकसित भारत के उद्देश्य को पूरा करने के लिए विकास को ‘अगले स्तर’ पर ले जाने के लिए अगले पांच साल में तीन गुना गति से काम करेगी।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने लोक सभा में कहा कि सरकार प्रश्न पत्र लीक की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। मोदी ने कहा कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। दोनों सदनों में चर्चा के दौरान विपक्ष के सांसदों ने नीट-यूजी और अन्य परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक के आरोपों पर सरकार को जवाब देने के लिए कहा था।
2 घंटे 14 मिनट तक चले मोदी के भाषण में इंडिया गठबंधन के सदस्य सदन आसन के समीप आकर ‘मणिपुर को न्याय दो’ के नारे लगाने लगे। प्रधानमंत्री के पूरे भाषण के दौरान विपक्षी नेता नारेबाजी करते रहे। हालांकि प्रधानमंत्री ने जब उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ के कारण कई लोगों के मारे जाने पर संवेदना व्यक्त की, उस समय थोड़े समय के लिए विपक्षी सांसद भी शांत हो गए।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और उसके द्वारा शासित राज्यों पर देश में सामाजिक व आर्थिक अराजकता का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को ‘बालक बुद्धि’ कहकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता पर अदालत में कई मामले चल रहे हैं।
मोदी ने ‘शोले’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ फिल्म का उदाहरण देते हुए कांग्रेस नेता पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल को अब से परजीवी पार्टी के रूप में जाना जाएगा जो अपने सहयोगी दलों की कीमत पर फलती फूलती है।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रधानमंत्री को संबोधन के लिए आमंत्रित किया विपक्षी सांसद शोर मचाने लगे। विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर के मुद्दे पर कुछ देर बोलने की अनुमति लोक सभा अध्यक्ष से मांगी जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि मणिपुर के सांसद को बोलने का मौका कल दिया जा चुका है।
प्रधानमंत्री का भाषण खत्म होने के बाद लोक सभा ने सदन के नेता के भाषण में व्यवधान डालने के लिए विपक्ष की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निंदा प्रस्ताव सदन में रखा जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाया गया धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित हो गया, जिसके बाद लोक सभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।