Monday, June 17, 2024
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ऐप्स आपको बना सकते हैं ‘प्रेगनेंट’ पर कैसे !

न्यूयॉर्क। ऐप्स आपको बना सकते हैं ‘प्रेगनेंट’ पर कैसे ! बाजार में ऐसे कई ऐप्स मौजूद हैं जिनकी मदद से महिलाएं अपने पीरियड्स पर नजर रख सकती हैं। हालांकि ताजा रिपोर्ट में इनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा है।

अब तक माना जाता  था कि इन पीरियड ट्रैकिंग ऐप्स में अपना डेटा दर्ज करने के बाद महिलाएं गर्भनिरोधक साधनों के बगैर प्रेंगनेंट होने से बच सकती हैं। ये ऐप्स महिला के पीरियड साइकल के आधार पर बताते हैं कि उसे कब संबंध बनाना चाहिए या कब नहीं।

बहरहाल, अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन की अध्ययन रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ये ऐप्स उतने भरोसेमंद नहीं हैं, जितना इन्हें बनाने वाली कंपनियां दावा करती हैं। ऐसी कई महिलाएं सामने आई हैं, जो इन ऐप्स के भरोसे रहीं और बाद में उन्हें निराशा हाथ लगी।

अनुसंधानकर्ताओं ने नौ सर्वाधिक लोकप्रिय पीरियड ट्रैकिंग ऐप्स का इस्तेमाल करने वालीं 687 महिलाओं पर सर्वे से आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं ने अपनी अलग-अलग जरूरतों की पूर्ति के लिए इन ऐप्स का इस्तेमाल शुरू किया था।

मसलन – किसी को अपने शरीर और उसमें होने वाले बदलावों पर नजर रखना थी, तो किसी को पीरियड्स के लिए खुद को तैयार करना था, वहीं कोई प्रेंगनेंट होना चाहती थी तो कोई इससे बचना चाहती थी। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के जानकारों के अनुसार, अधिकांश महिलाओं के अनुभव बुरे रहे।

GST : 20 लाख तक के कारोबार पर टैक्स नहीं लगेगा

कोटा । प्रस्तावित जीएसटी में छोटे व्यापारियों के लिए 20 लाख रुपये तक के व्यवसाय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह छोटे व्यापारियों के लिए जीएसटी लाभदायक होगा। यह जानकारी रविवार को कॅरिअर प्वाइंट ऑडिटोरियम में  जीएसटी पर आयोजित टॉक शो में दी गई। जिसका आयोजन कॅरिअर प्वाइंट स्कूल आॅफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट के विद्यार्थियों द्वारा किया गया था। ।

इसमें मुख्य वक्ता केन्द्रीय एक्ससाइज एवं सर्विस टैक्स उपायुक्त  नरेश बुंदेल,  वाणिज्यिक कर विभाग के उपायुक्त नरेन्द्र कुमार गुप्ता  ने जीएसटी के बारे जानकारी दी। बुंदेल ने कहा कि हर व्यापारी को जीएसटी में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद ही व्यापारी इस नई कर प्रणाली का लाभ उठा पाएंगें। 

सहायक वाणिज्यिक अधिकारी अनुपम शर्मा ने बताया कि छोटे व्यापारियों के लिए 20 लाख रुपये तक के व्यवसाय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।  यह सीमा इस साल से 1 करोड़ रुपए तक की जा सकती है।  इसका निर्णय 19 एवं 20 मई को होने वाली जीएसटी कमेटी की मीटिंग में लिया जाएगा।

वाणिज्यिक कर विभाग के उपायुक्त नरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि  इस कर से प्राप्त धन से ही देश का विकास होता है। देश में कर केन्द्रीय सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा लिया जाता हैं, लेकिन जीएसटी में अलग अलग कर नहीं वसूला जाएगा। इस समय जीएसटी में प्रस्तावित कर की दर 5, 12, 18 एवं 28 प्रतिशत हो सकती। 

कोटा में किन्नरों का पांच दिवसीय सम्मेलन आयोजित

कोटा| पांच दिन से चल रहा किन्नर सम्मेलन रविवार को संपन्न हो गया। रविवार को किन्नरों ने शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा में वे बैंड की धुनों पर नाचते-गाते चल रहे थे। किन्नर समाज की ओर से विश्वकर्मा भवन पत्थर मंडी में रीना किन्नर का गद्दीनशी कार्यक्रम किया गया था।

चार दिन से उनके कार्यक्रम चल रहे थे। इसमें देशभर के करीब 500 किन्नर शामिल हुए। रविवार सुबह किन्नर समाज ने ताराबाई के नेतृत्व में शोभायात्रा निकाली, जो महावीर नगर सैकंड, महावीर नगर थर्ड होती हुई घटोत्कच चौराहा और वापस विश्वकर्मा भवन पहुंची। शहीदों के लिए दुआ मांगी गई। वहीं मंदिरों में घंटे चढाएं गए। महावीर नगर इलाके की गद्दी पर विराजमान हुई रीना किन्नर ने घर पर पगफेरा किया।

उदयपुर का IIM कैम्पस देश भर में सबसे बड़ा होगा

अरावली की पहाड़ियों के बीच 300 एकड़ में बनेगा आईआईएम कैम्पस,  2020 तक तैयार होगा 

उदयपुर। शहर से 15 किलोमीटर दूर बलीचा स्थित अरावली की पहाड़ियों के बीच 300 एकड़ में बन रहा आईआईएम उदयपुर का विशाल कैम्पस देश के सभी आईआईएम संस्थानों से बड़ा और सेल्फ सस्टेंड कैम्पस होगा।जो वर्ष  2020 तक तैयार होगा ।

 कैम्पस में बिजली, पानी, ईंधन के लिए इसे किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। कैंपस पूरी तरह ईको-फ्रेंडली और फ्यूल फ्री होगा। इसके अतिरिक्त प्रोजेक्ट में कई स्मार्ट सुविधाएं भी हैंं जो कैंपस को स्मार्ट बनाएंगी।

कैम्पस में पांच झीलें होंगी

नए कैम्पस में 5 बड़ी झीलें होंगी जिसमें 213 मिलियन लीटर पानी रहेगा। आईआईएम का सालाना पानी का उपभोग 157 मिलियन लीटर है। बरसात के दौरान इन झीलों में पानी एकत्रित होगा। कैम्पस को कैचमेंट से इस तरह जोड़ा गया है कि बारिश का एक बूंद पानी भी बेकार नहीं जाएगा।

छत से मिलने वाले 50 मिलियन लीटर पानी को पीने और शेष 107 मिलियन लीटर को अन्य कामों में उपयोग किया जाएगा। शेष 56 मिलियन लीटर पानी का उपयोग सिंचाई में किया जाएगा।

जीएसटी से घरेलू कंपनियां प्रतिस्पर्धा के लिए अधिक समर्थ होंगी :अधिया

वडोदरा । केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया को उम्मीद है कि देश में माल एवं सेवा कर जीएसटी की एक नयी एकीकृत अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था सहज तरीके से लागू होगी और जीएसटी के आने से घरेलू कंपनियों  की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी तथा हर प्रकार के कारोबार पर काराधान की व्यवस्था स्पष्ट होगी।

अधिया जीएसटी प्रणाली लागू करने के काम की अग्रणी भूमिका में हैं। उन्होंने कहा, दूसरे देशों के विपरीत यहां नयी कर व्यवस्था सहज ढंग से लागू होगी ,क्योंकि अपने देश में जीएटी कई बिंदुओं पर लगेगा। इस लिए महंगाई-दर में अचानक उछाल के आसार नहीं है। अधिया ने उद्योग मंडल फेडरेशन ऑफ गुजरात इंडस्ट्रीज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

इसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क एवं सेवाकर विभाग के बड़ोदरा  क्षेत्र के मुख्य आयुक्त ने भी संबोधित किया। अधिया ने जीएसटी के महत्व की व्याख्या की और कहा कि इससे भारत में विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस समय कर पर कर और विनिर्माण में प्रयुक्त साधनों पर दिए गए कर का लाभ हासिल न होंगे के कारण घरेलू माल विदेशी माल से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाता है।

उन्होंने कहा, जीएसटी अनेक बिंदुओं पर लगनेवाला कर है जिसमें विनिर्माण में प्रयुक्त चीजों पर लगने वाले कर का निरंतर लाभ मिलते रहने की व्यस्था है। सरकार ने पहली जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है। जीएसटी परिषद की अगली बैठक 18-19 मई को श्रीनगर में होने वाली है जिसमें अगल अलग वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दर का निर्धारण किया जा सकता है।

इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में 11वां वाटर कूलर शुरू

कोटा। रविवार को इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में अनंत स्टोन रोड नंबर 6 पर महेश सेठिया की स्मृति में वाटर कूलर का शुभारम्भ राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी अमित शर्मा ने किया ।

हाड़ोती कोटा स्टोन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव मुकेश त्यागी ने बताया कि संस्था के सौजन्य से इस गर्मी में सम्पूर्ण औद्योगिक क्षेत्र में 16  वाटर कूलर लगाए जाने हैं। इनमें से 11 वाटर कूलर अलग -अलग रोड पर शुरू कर दिए हैं। जल्दी ही ५ वाटर कूलर शुरू कर दिए जायेंगे।

इस अवसर पर अध्यक्ष छुट्टन लाल शर्मा , सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष दिनेश भारद्वाज, संरक्षक विकास जोशी, कोषाध्यक्ष गोविन्द अग्रवाल समेत कई उद्यमी मौजूद थे। मुख्य अतिथि शर्मा ने संस्था के कार्यों की सराहना की। 

एसबीआई के शेयरधारक 15 जून को करेंगे चार स्वतंत्र निदेशकों का चयन

मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने केंद्रीय बोर्ड में चार स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इन स्वतंत्र निदेशकों का चयन 15 जून को बैंक के शेयरधारक करेंगे।

बैंक ने एक नोटिस में कहा है कि सुनील मेहता के इस्तीफे और तीन अन्य  निदेशकों दीपक अमीन, संजीव मल्होत्रा और एमडी माल्या का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के मद्देनजर यह चयर जरूरी हो गया है। इन चार नए निदेशकों की नियुक्ति तीन साल के लिए 2020 तक होगी इन चयन शेयर धारकों  की 15 जून को होने वाली आमसभा में  किया जाएगा।

बैंक ने कहा है कि निदेशकों का चयन सेवानिवृत्ति-इस्तीफे की वजह से पैदा हुई रिक्तियों  के आधार पर किया जा रहा है। कोई भी शेयरधारक जिसके पास 5,000 या अधिक शेयर उसके खुद के नाम या संयुक्त रूप में रखे शेयरों में पहला नाम है, यह चुनाव लड़ सकता है।

एसबीआई की चेयरमैन अरंधति भट्टाचार्य को सितंबर तक विस्तार मिला हुआ है। चेयरमैन की अगुवाई वाले एसबीआई के केंद्रीय बोर्ड में चार स्वतंत्र निदेशक, दो सरकार की ओर से नामित लोग, रिजर्व बैंक का एक प्रतिनिधि तथा चार प्रबंध निदेशक शामिल हैं।

NEET 2017: किसी की कान की बाली उतरवाई तो , किसी के जूते, धूप में नंगे पांव चले

 जयपुर। सीबीएसई की ओर से रविवार को राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी) 2017 जयपुर , कोटा और अजमेर समेत देश के 103 शहरों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित की गई। । इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल की रोकथाम के लिए परीक्षा केंद्रों पर व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए। 

 ब्लू ट्रुथ से नकल की आशंका को देखते हुए परीक्षा केंद्रों के बाहर छात्राओं की चुन्नियां उतरवाई गईं। कानों में पहनी बालियां व नाक की लौंग के साथ ही उनके गले में पड़े मन्नत के धागे व नेकलेस आदि भी उतरवाए लिए गए। 

परीक्षा केंद्रों के बाहर विद्यार्थियों के साथ ही उनके अभिभावकों का भी जमावड़ा था। अजमेर के माकड़वाली रोड स्थित एक परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं की चुन्नी उतरवा ली गईं। बालों में लगे हेयर पिन, नौज पिन और नेकलेस उतरवा गए।

कानों की बालियां व लौंग उतारने की मशक्कत मां-बाप दोनों ही करते नजर आए। जो छात्राएं व छात्र कलाइयों में मन्नत के धागे बांधे, पहुंचे वे सेंटर पर मौजूद स्टाफ ने कैंची से काट डाले। एक महिला कार्मिक चाकू से इन धागों को काटते नजर आई।

धूप में नंगे पांव

 बड़ी संख्या में छात्र जूते पहन कर केंद्र पर पहुंचे। केंद्र पर मौजूद स्टाफ ने ऐसे सभी छात्रों के जूते उतरवा लिए। मोजे भी नहीं पहनने दिया गया। केंद्र के मुख्य द्वार से परीक्षा हाल तक लंबी दूरी छात्रों को नंगे पांव ही तपती धूत में चलना पड़ा।

मैटल डिटेक्टर से हुई जांच

केंद्रों पर विद्यार्थियों की जांच के लिए हैंड मेटल डिटेक्टरों की व्यवस्था की गई थी। प्रत्येक विद्यार्थी की जांच इन मेटल डिटेक्टर से की गई। छात्राओं की जांच के लिए महिला कार्मिकों की व्यवस्था की गई।

 

 

 

 

रावतभाटा में बनेगा 500 टन यूरेनियम फ्यूल बंडल

कोटा। देश का दूसरा यूरेनियम फ्यूल बंडल कॉम्पलेक्स का प्रोजेक्ट 2021-22 तक बनकर तैयार हो जाएगा। 2400 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में 2021 के बाद प्रति वर्ष 500 टन यूरेनियम फ्यूल बंडल बनेंगे। जिससे राजस्थान परमाणु बिजलीघर की 7वीं8वीं इकाई, काकरापार गुजरात की 7 वीं 8वीं इकाई, उत्तरी भारत में भविष्य में लगने वाली सभी 700-700 मेगावाट के परमाणु बिजलीघरों को यूरेनियम फ्यूलबंडल की आपूर्ति शहर से 50 किलोमीटर दूर स्थित रावतभाटा से की जाएगी।

शनिवार को परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. शेखरबसु को यह जानकारी एनएफसी प्रोजेक्ट के दौरे के दौरान न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्पलेक्स के जी कल्याणकृष्णन ने दी। परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. शेखरबसु, एनपीसीआईएल के सीएमडी एसके शर्मा, भारी पानी बोर्ड के चेयरमैन एवं सीईओ एएन वर्मा, परमाणु बिजलीघर के स्थल निदेशक टीजे कोटेश्वरन, नवनियुक्त स्थल निदेशक विजयकुमार जैन सहित अधिकारियों ने एनएफसी प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया।

इस दौरान परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष ने प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। एनएफसी के विस्तार और भविष्य में न्यूक्लियर फ्यूलबंडल के निर्माण की जानकारी विस्तार से दी गई। डॉ.शेखरबसु ने इस मौके पर देश में परमाणु बिजलीघरों को यूरेनियम फ्यूल आपूर्ति की जानकारी भी ली। इस दौरान एनपीसीआईएल के अधिशासी निदेशक बीसी पाठक, लोकेशकुमार, बालाकृष्णन, परियोजना निदेशक विवेक जैन, केंद्र निदेशक एके राजपूत, एम श्रीनिवास, आरके गुप्ता, एनके पुष्पकार मौजूद थे।

 

घटिया प्लेसमेंट पर उदयपुर समेत 13 IIM से एमएचआरडी ने किया जवाब तलब

नई दिल्ली। उदयपुर समेत 13 नए मैनेजमेंट संस्थानों में घटिया प्लेसमेंट्स के मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने संज्ञान लिया है। उन संस्थानों से एमएचआरडी ने पूछा है कि 2015-2017 के बैच में कितने छात्रों का प्लेसमेंट हुआ और उनको कितनी-कितनी सैलरी ऑफर की गई।

हालांकि पुराने मैनेजमेंट संस्थानों में प्लेसमेंट बेहतर रहा लेकिन नए आईआईएम छात्रों की भर्ती के लिए कंपनियों को आकर्षित करने में संघर्ष कर रहे हैं। आईआईएम रोहतक ने टीओआई को बताया कि उसके 14 छात्रों का प्लेसमेंट नहीं हो पाया जबकि हिमाचल प्रदेश स्थित आईआईएम सिरमौर ने जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है।

आईआईएम अमृतसर ने बताया कि इसके सभी छात्रों का प्लेसमेंट हो गया है। दो साल पहले इस संस्थान की स्थापना हुई थी। यहां के छात्रों को औसत 11 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिला जो पुराने आईआईएम के मुकाबले काफी कम है। पुराने आईआईएम में छात्रों को 24 लाख से 50 लाख रुपये सालाना के बीच में सैलरी ऑफर की गई।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी)  ने 2015-2017 के  बैच में सिरमौर, रोहतक, अमृतसर, काशीपुर, उदयपुर, रांची, त्रिची, शिलॉन्ग, रायपुर, बोधगया, नागपुर, संबलपुर और विशाखापट्टनम स्थित आईआईएम से फाइनल प्लेसमेंट्स और  कंपनियों के सैलरी ऑफर  का विवरण मांगा है।