नई दिल्ली। सरकार ने दो खरीद नीतियों को आज मंजूरी दे दी। उसने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक खरीद नीति और सामरिक साझेदारी मॉडल पर आधारित रक्षा खरीद नीति पर मुहर लगा दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं को बताया कि आयुध के हर क्षेत्र के लिए एक स्थानीय साझेदार का चयन करना होगा।
उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत भविष्य में रक्षा संबंधी ऑर्डर चुनिंदा कंपनियों को देने के लिए विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा।
रक्षा में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस नीति का लंबे समय से इंतजार था। इसके तहत भारतीय कंपनियां विदेशी साझेदारों से करार करेंगी और आधुनिक रक्षा उपकरण बना सकेंगी।
सामरिक साझेदारी मॉडल के तहत सरकार भारतीय कंपनियों को शॉर्टलिस्ट करेगी और फिर ये कंपनियां विदेशी फर्म के साथ उद्यम लगाकर लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, बख्तरबंद वाहन और पनडुब्बियां बनाएंगी। इस पर एक साल से भी अधिक समय से काम चल रहा था। इस कारण अरबों डॉलर के रक्षा सौदे अटके हुए थे।