कोलकाता। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने सरकार से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में सोने और स्वर्ण उत्पाद पर कर का प्रभाव कम करने का आग्रह किया है।
डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पी आर ने आज यहां बांग्ला में नई वृहद भारत स्वर्ण रिपोर्ट पेश किए जाने के मौके पर कहा, हम उम्मीद करते हैं कि जीएसटी व्यवस्था में सोने पर कर का कुल बोझ मौजूदा 12 प्रतिशत से घटकर आधा रह जाएगा।
यह रिपोर्ट 15 साल बाद प्रकाशित की गई है और अंग्रेजी, हिंदी, मलयालम और तमिल में भी उपलब्ध है। फिलहाल सोने पर कुल कराधान 12 से 13 प्रतिशत बैठता है। इसमें 10 प्रतिशत सीमा शुल्क के अलावा एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क और राज्यों के हिसाब से एक से डेढ़ प्रतिशत वैट शामिल है।
सोमसुंदरम ने कहा, जीएसटी व्यवस्था में हम मांग करते हैं कि सोने पर कर का बोझ 6-7 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। हमें इसके लिए कुछ इंतजार करना होगा, जब इस पर जीएसटी दरों की घोषणा होगी।
उनसे पूछा गया कि जब सोना निष्क्रिय संपत्ति है तो सरकार को इस पर कर की दरें कम क्यों करनी चाहिए, इस पर सोमसुंदरम ने कहा कि सोने का आयात इतना बुरा नहीं है जितना लगता है।
डब्ल्यूजीसी के अधिकारी ने उम्मीद जताई कि जीएसटी से स्वर्ण उद्योग में काफी पारदर्शिता आएगी। इससे गैरकानूनी आयात पर भी अंकुश लगेगा, जो सालाना 120 टन बैठता है।