Whatsapp बचाएगा यूजर्स की निजता, जानिए क्या है तरीका

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने अपने प्लेटफॉर्म पर निजता से जुड़ी शर्तों और नीतियों को तमाम आलोचनाओं के बीच नए सिरे से लागू करने की दोबारा पूरी तैयारी कर ली है। जल्द ही यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक नया अपडेट अपने यूजर्स को भेजने जा रहा है, जिसे स्वीकार करने के बाद ही इस मैजेसिंग एप का उपयोग जारी रखा जा सकेगा।

व्हाट्सएप ने अपने नए ब्लॉग में कहा है कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर बातचीत के जरिए खरीदारी करने या कारोबारियों से जुड़ने का नया तरीका विकसित कर रहा है। फिलहाल, ऐसी बातचीत का चुनाव वैकल्पिक होगा, लेकिन अगले कुछ हफ्तों में चैट्स के ऊपर इस अपडेट को रिव्यू करने का बैनर दिखने लगेगा।

इसके बाद लोगों को व्हाट्सएप को उपयोग करते रहना है तो उन्नें यह अपडेट स्वीकार करना ही होगा। हालांकि व्हाट्सएप ने एक बार फिर दावा किया है कि उसके प्लेटफॉर्म पर निजी संदेश व कंटेंट का आदान-प्रदान एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन से सुरक्षित रहेगा।

फेसबुक की सहायक कंपनी व्हाट्सएप का कहना है वह बिजनेस से जुड़ी बातचीत और खरीदारी की सेवा मुहैया करवा रही है। व्हाट्सएप का दावा है कि रोजाना दस लाख से ज्यादा लोग बिजनेस या कारोबारी से व्हाट्सएप चैट से जुड़े रहे हैं। इसके लिए फोन कॉल या ई-मेल नहीं करना पड़ता। इन सेवाओं को कस्टमर सर्विस मान कर व्हाट्सएप शुल्क कारोबारियों से लेता है।

व्हाट्सएप ने ऐसे ही अपडेट का अलर्ट पिछली बार पूरी फोन स्क्रीन पर दिया था। साथ ही इसे स्वीकार नहीं करने वाले यूजर अकाउंट को फरवरी में बंद कर देने की चेतावनी दी थी। इस कदम पर भारत सहित अधिकतर देशों ने कड़ा विरोध किया था। इस पर व्हाट्सएप ने कदम पीछे कर लिए थे। लेकिन अब एक बार फिर उसने यह कवायद शुरू कर दी है।

व्हाट्सएप के अनुसार, वह कारोबारियों को लोगों का फोन नंबर नहीं देगा। न ही यूजर्स को कोई कारोबारी बिना पूर्व अनुमति के संपर्क कर सकेगा। कौन आपको किसी ग्रुप में जोड़े या संदेश खुद डिलीट होने जैसे विकल्प चुनने का अधिकार यूजर को होगा।

फीचर्स में यह होंगे बदलाव
आम यूजर्स किसी कारोबारी के व्हाट्सएप अकाउंट से संपर्क कर अपने काम की जानकारी लेने के साथ खरीदारी कर पाएंगे। यह सुविधा वैकल्पिक होगी। कारोबारी को ब्लॉक या कॉन्टेन्ट लिस्ट से हटा सकेंगे।

प्रतियोगी एप्स पर निकाली भड़ास
व्हाट्सएप के पिछली बार अकाउंट बंद करने की धमकियों के बाद टेलिग्राम और सिग्नल जैसे उसके प्रतिद्वंदी मैसेजिंग मोबाइल एप तेजी से बढ़े थे। इसके चलते व्हाट्सएप भारत सहित कई देशों में टॉप-10 डाउनलोड एप की सूची से बाहर हो गया था। इसे लेकर भी व्हाट्सएप ने भड़ास निकाली है।