डॉक्टर्स डे से शुरू होगी भर्ती मरीजों की निशुल्क काउंसलिंग की सुविधा
कोटा। एक स्वस्थ व्यक्ति का दिमाग भी स्वस्थ होना चाहिए, यदि ऐसा है तो परेशानियों का निदान आसान हो जाता है। एक स्वस्थ दिमाग वाले व्यक्ति में स्पष्ट सोचने और जीवन में सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने की क्षमता होती है। 1 जुलाई को विश्व में डॉक्टर्स डे मनाया जाता है और इस दिन कहीं ना कहीं किसी ना किसी रूप में जागरुकता के कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
कोटा में भी अफिनिटी हॉस्टिपल तलवंडी में एक नया कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भर्ती मनोरोगी की निशुल्क काउंसलिंग कर सकेंगे। डॉ. नीना विजयवर्गीय मनोचिकित्सक एवं काउंसलर, एमबीबीएस, डीपीएम (साइकेट्री),एमआईपीएस ने बताया कि कोटा और आसपास के गांव में भर्ती मनोरोग को लेकर काफी भ्रांतियां है, लोग अस्पतालों में देर से पहुंच रहे हैं जिस कारण उनकी बीमारी बढ़ जाती है और उनके स्वस्थ्य होने में भी समय लगता है। उन्होंने कहा कि हम कोटा में एक कार्यक्रम की शुरूआत करने जा रहे हैं जिसमें हमारी एक्सपर्ट टीम हर रविवार को निशुल्क वर्कशॉप कर मरीजों को लाभांवित करेगी।
बच्चों में मोबाइल की लत गंभीर, कमजोर होता है मस्तिष्क
डॉ. नीना ने कहा कि वर्तमान समय में लोगों में मोबाइल का नशा भी घातक होता जा रहा है। छोटे छोटे बच्चे मोबाइल को देखते हैं जो एक लत बन जाती है जिससे बच्चे चिडचिडे हो जाते हैं और उनका मस्तिष्क भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है। डॉ. नीना ने कहा कि हमे मोबाइल की लत से दूर रहना होगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति इसकी लत से अनावश्यक आक्रोशित हो रहा है, घर परिवार में विवाद बढ रहे हैं और यही मानसिक रोग का कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि यदि आपका बच्चा गुमसुम रहता है या ज्यादा मस्ती करता है, परेशान करता है, जिद करता है, क्लास में कमजोर है या फिर पांच साल से अधिक उम्र का बच्चा बिस्तर में पेशाब कर रहा है तो उसे मानसिक रोग हो सकता है, इसके लिए एक बार उसे मनो चिकित्सक को दिखाने से उसकी जीवन को बिगडने से बचाया जा सकता है।
रोगियों को देंगे निशुल्क परामर्श
हॉस्पिटल के निदेशक शशांक विजयवर्गीय एवं डॉ. नीना विजयवर्गीय ने बताया कि आगामी वर्ष में हमारा प्रयास रहेगा की हम कोटा और आसपास के गांव में जागृति पैदा करें, लोगों को मनोरोग के बारे में जानकारी दें और निशुल्क चिकित्सा शिविर के माध्यम से उनकी समस्या का निदान करें। डॉ. नीना ने कहा कि डॉक्टर्स डे मनाने के पीछे उद्देश्य आमजन के बेहतर स्वास्थ का संदेश देना है। उन्होंने कहा कि लोगों में झाड फूंक, स्थानों पर ढोकना, भभूत व अन्य तरह से अंधविश्चास को दूर करने की आवश्यकता है।
अंधविश्वास के कारण मरीज के उपचार में देरी
इन अंधविश्वास के कारण मरीज को लम्बा समय उपचार के अभाव में हो जाता है जो घातक होता है, यदि मरीज को समय रहते उपचार मिल जाए तो वह पूरी तरह से ठीक हो सकता है। माना जाए तो अधिकांश व्यक्ति किसी ना किसी रूप में अवसाद में रहते हैं। एक बेहतर लाइफ के साथ आधुनिकता की दौड में हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते और शरीर में कई कमियां देखी जा सकती है। ऐसे में एक बडी संख्या ऐसी है जिन्हें किसी ना किसी रूप में मनोरोग होता है लेकिन वह समय पर उपचार नहीं ले पाते।
जीवन शैली को संतुलित करना बेहद आवश्यक
डॉ. नीना विजयवर्गीय ने कहा कि हमे अपनी जीवन शैली को संतुलित करना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में नींद लेनी चािहए। हमें मनोरोगी को प्राथमिक अवस्था में ही चिकित्सक को दिखाया जाना चाहिए नहीं तो परिणाम घातक हो सकते हैं। मनोरोग से पीड़ित ज्यादातर लोग दूसरे सामान्य लोगों जैसा ही व्यवहार करते हैं और वैसे ही दिखते हैं। इन आम मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में अवसाद, चिंता, यौन समस्याएं तथा व्यसनों की लत शामिल हैं। ऐसे लोगों को सहानुभूति की बेहद आवश्यकता है।