नई दिल्ली। FPI Investment: लगातार दो माह की बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) जून में भारतीय शेयर बाजारों में एक बार फिर लिवाल बन गए हैं। शेयर बाजारों में जोरदार तेजी के बीच जून में एफपीआई ने शुद्ध रूप से 26,565 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।
वॉटरफील्ड एडवाइजर्स के निदेशक (सूचीबद्ध निवेश) विपुल भोवर ने कहा, ‘‘आगे चलकर उनका ध्यान धीरे-धीरे बजट और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजों की ओर स्थानांतरित होगा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जून में भारतीय शेयर बाजार शुद्ध रूप से 26,565 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
इससे पहले मई में चुनावी नतीजों को लेकर असमंजस के बीच एफपीआई ने शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये निकाले थे। मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि की चिंता के बीच अप्रैल में भी एफपीआई ने 8,700 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे थे। इससे पहले, एफपीआई ने मार्च में शेयरों में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जबकि जनवरी में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि भाजपा को अपने बल पर बहुमत नहीं मिलने के बावजूद राजनीतिक स्थिरता और स्थिर घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की खरीदारी और आक्रामक खुदरा खरीदारी से बाजारों में तेज उछाल ने एफपीआई को लिवाल बनने के लिए मजबूर किया है। हालांकि, एफपीआई की खरीदारी बाजार या व्यापक रूप से क्षेत्र आधारित होने के बजाय कुछ शेयरों तक केंद्रित रही है।
फिडेलफोलियो के स्मॉलकेस प्रबंधक और संस्थापक किसलय उपाध्याय ने कहा, ‘‘सरकार की स्थिरता का भरोसा, जीडीपी के मोर्चे पर अच्छे प्रदर्शन, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में स्थिरता और बैंकिंग क्षेत्र की सेहत मजबूत होने की वजह से एफपीआई का प्रवाह तेज बना रहेगा।’’ आंकड़ों के अनुसार, इसके अलावा, एफपीआई ने जून में ऋण या बॉन्ड बाजार में 14,955 करोड़ रुपये डाले हैं। 2024 में अबतक बॉन्ड बाजार में एफपीआई का निवेश 68,624 करोड़ रुपये रहा है।