ज्वेलरी सेक्टर को बचाने के लिए हॉलमार्किंग की अनिवार्यता स्थगित हो

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सर्राफा बोर्ड ने की लोकसभा अध्यक्ष से मांग

कोटा। कोविड-19 (Corona-19) की वजह से देशभर में व्यापार धंधे चौपट हो गए हैं और सभी छोटे बड़े व्यापारी आर्थिक महामारी के शिकार हुए हैं। दो महीने के लॉकडाउन में ज्वेलरी कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऐसी स्थिति में जनवरी माह से सोने के जेवर पर हॉलमार्क अनिवार्य करना अब किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं रहेगा। इसलिए इस योजना को अगले दो साल तक स्थगित किया जाए।

रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से यह मांग करते हुए श्री सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल ‘विचित्र’ ने कहा कि लॉकडाउन पीरियड में ज्वेलर्स का मुख्य सीजन चला गया है। सभी सर्राफा व्यापारियों के पास बिना बिका स्टॉक रह गया, जिसे अब एक साल तक भी विक्रय करना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में छह महीने के अंदर पुरानी ज्वेलरी को हॉलमार्किंग ज्वेलरी में परिवर्तन करना नामुमकिन है। इसीलिए हॉलमार्किंग की अनिवार्यता को दो साल तक स्थगित कर देना चाहिए। ताकि व्यापारी इस ज्वैलरी का सुविधापूर्वक स्टॉक कर सके।

‘विचित्र’ ने कहा कि उत्तर भारत के सभी सर्राफा व्यवसाई पिछले दो साल से 20 कैरेट ज्वेलरी पर भी हॉलमार्क लगाने की स्वीकृति देने की मांग कर रहे हैं। इस विषय पर भी उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से व्यापारियों को राहत दिलाने का आग्रह किया गया।