होम्योपैथिक उपचार से Covid-19 दुबारा होने की संभावना नहीं : डॉ.गुप्ता

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कोटा। वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक गुप्ता ने बताया कि होम्योपैथिक औषधियां न केवल रोग से बचाव करती हैं वरन् उनके सैद्धांतिक रूप से उपयोग करने पर रोगियों का समुचित उपचार करने में भी कारगर हैं। होम्योपैथिक उपचार से ठीक होने वाले रोगियों में कोविड 19 (Covid-19) के दोहराने की संभावना भी नगण्य है।

वे विश्र्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर रविवार को जीवण आशीष समिति और यू ट्यूब चेनल विज़-कोर के संयुक्त तत्वावधान में ‘इम्यूनिटी बूस्टर्स फूड इन्ग्रेडियेन्ट्स एवं होम्योपैथिक मेडिसिन्स’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में यह जानकारी दे रहे थे।

इस मौके पर डॉ. गुप्ता ने वेबिनार के माध्यम से इम्यूनिटी एवं ससेप्टिबिलीटी को होम्योपैथिक जीवनी शक्ति के अनुसार व्याख्या कर समझाया। उन्होंने कोविड -19 (Covid-19) के उत्पत्ति से लेकर आज तक के विविध लक्षणों, मृतक रोगियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर आधारित रिसर्च परिणामों एवं भारत सरकार द्वारा रोग से बचाव के लिए बताए गए उपायों के बारे में भी जानकारी दी ।

वेबिनार के प्रारंभ में सीकर राजस्थान की खाद्य एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ खुश्बू गुप्ता ने भारतीय रसोई में उपयोग किये जाने वाले मसाले हल्दी, जीरा, धनिया, मिर्च, लोंग आदि के साथ विभिन्न वनस्पतियों अश्वगंधा, एलोवीरा एवं गिलोय आदि का उपयोग कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के बारे में जानकारी दी। इस दौरान आयुष मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जारी आयुर्वेदिक काढ़े की उपयोगिता भी बताई ।

वेबिनार संयोजक सौरभ गुप्ता ने बताया कि इस सम सामयिक वेबिनार में देश विदेश के चिकित्सकों, आहार एवं पोषण विशेषज्ञों और शिक्षा जगत से जुड़े विभिन्न रिसर्च स्कोलर्स, तथा प्रोफेसर्स के साथ कई समाज सेवियों ने भाग लिया ।

उन्होंने बताया कि अहमद नगर महाराष्ट्र से रिसर्च स्कोलर प्रतीक्षा विष्णु, नासिक से प्रोफेसर भारती पीताम्बर भागले, देहरादून उत्तराखंड के डेन्टल एवं मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट से नन्दिनी मित्तल, गाजियाबाद के डाॅ भेदपाल गंगवार एवं आन्ध्रप्रदेश के एमआर डिग्री कॉलेज की डॉ. के. लक्ष्मी सिरीशा आदि ने आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए वक्ताओं की सराहना की।