उत्तरप्रदेश के कोचिंग छात्र 110 बसों से अपने घर के लिए रवाना

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कोटा। लॉकडाउन के चलते कोटा में फंसे उत्तरप्रदेश के कोचिंग छात्रों के लिए शुक्रवार का दिन खुशियों से भरा रहा। क्योंकि यह पल छात्रों के अपने घर जाने का था। अपने परिजनों से मिलने व अपने घर जाने की खुशी कोचिंग छात्रों के चेहरों पर साफ झलक रही थी।

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री की पहल पर अपने राज्य के बच्चों को कोटा से ले जाने के लिए करीब 110 बसें कोटा पहुंची थी। देर रात पहली बस 11.05 बजे बच्चों को लेकर वाराणसी के लिए रवाना हुई।

सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान
एक बस में मात्र 30 बच्चों को ही भेजा गया, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी व्यवस्था हो सके। इसके साथ ही एलेन कोचिंग इंस्टीटयूट की ओर से हर बच्चे को भोजन के पैकेट के रूप में बिस्किट, वैपर्स, पानी की बोतल आदि भी उपलब्ध कराई गई। हर बच्चे को मास्क उपलब्ध कराया गया।

कहां से कितनी बसें हुई रवाना
कोचिंग संस्थानों वाले क्षेत्रों में रह रहे बच्चों के लिए 10 बसें बारां रोड से, 40 बसें झालावाड़ रोड से, 30 बसें जवाहरनगर से व 30 बसें लैण्ड मार्क सिटी कुन्हाड़ी से रवाना की गई।

मध्यप्रदेश सरकार ने भी दिए संकेत
उत्तरप्रदेश सरकार की तर्ज पर मध्यप्रदेश सरकार ने भी कोटा में कोचिंग कर रहे अपने राज्य के छात्रों को यहां से अपने घर पहुंचाने के संकेत दिए हैं। शिवराज सरकार भी योगी सरकार की तरह कोटा में जल्द ही बसें भेजकर अपने यहां के कोचिंग छात्रों को ले जाने की पहल कर सकती है। इसके साथ ही छतीसगढ़ सरकार ने भी कोटा के कोचिंग संस्थानों से उनके राज्य के कोटा में मौजूद बच्चों की संख्या की जानकारी मांगी है।

बिहार के छात्र नहीं जा पाएंगे अपने घर
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बसें कोटा भेजने की खबर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित होने के बाद जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा गया कि क्या वे भी कोटा बस भेजेंगे। इसपर सीएम नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि यह लॉकडाउन का माखौल उड़ाने वाला फैसला है। बस भेजने का फैसला पूरी तरह से लॉकडान के सिद्धांतों को धता बताने वाला है। साथ ही सीएम नीतीश ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि वह बसों का परमिट वापस ले। कोटा में जो छात्र जहां हैं उनकी सुरक्षा वहीं की जाए।