कोटा। तीन बार पूर्व विधायक रहे वरिष्ठ नेता स्वर्गीय हरीश शर्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए शहर के गणमान्य लोगों ने जलवायु परिवर्तन के दौर में समाज की सकारात्मक भूमिका पर वृहद संगोष्ठी में बढ़ते तापमान, सूखती नदियां, भूस्खलन, प्रदूषण और कचरे के निस्तारण आदि गंभीर विषयों पर स्थानीय शोध के साथ वैश्विक सोच को जोड़ा।
रोटरी बिनानी सभागार शॉपिंग सेंटर में आयोजित वृहद संगोष्ठी में प्रोफेसर राजरानी भार्गव ने जनसंख्या विस्तार को पर्यावरणीय समस्याओं का बहुत बड़ा कारण बताते हुए सीमेंट कंक्रीट आईडिएशन और वातावरण में ऑक्सीजन की कमी आदि के लिए समाज को जागरूक होने का आह्वान किया।
उन्होंने समुद्र का तापमान बढ़ने ग्लेशियर पिघलने और स्वच्छ पानी के अभाव ग्रीन हाउस गैसों का दुष्प्रभाव ओजोन परत भूगर्भ जल से उत्पन्न खाद्य संकट पर घरी चिंता व्यक्त करते हुए स्लाइड शो के माध्यम से संसाधनों के अति दोहन को रोकने की सलाह दी। इसके लिए बच्चों के जीवन में पर्यावरण संरक्षण की सोच विकसित करने पर जोर दिया।
कोटा विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र की प्रोफेसर डॉ श्वेता व्यास ने हाडोती में विश्वविद्यालयों की सोच पैदा करने के लिए स्वर्गीय हरीश शर्मा के योगदान को याद किया और शिक्षा के मूल उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से मनुष्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो वेस्ट डिस्चार्ज के पक्ष में ठोस कचरा प्रबंधन पर जोड़ दिया प्रोफेसर संदीप हुड्डा ने स्वच्छ हवा प्रदूषण मुक्त समाज का संदेश बच्चों में प्रसारित करने की जरूरत पर ध्यान आकर्षित किया।
रोटरी क्लब की अध्यक्ष वैशाली भार्गव ने पुनर्चक्रण व्यवस्था को कचरे की समस्या के निदान के लिए आवश्यक बताया और कहा कि हमें हमारा भविष्य बचाना है तो पर्यावरण की चिंता को अमल में लाना होगा। वरिष्ठ साहित्यकार पुरुषोत्तम पंचोली ने कहा कि हरीश शर्मा ने सत्य के लिए आवाज उठाई और उसी के लिए अपनी जिंदगी जी समाज में गलत होने पर जागरूक लोगों को हस्तक्षेप करने का साहस हरीश शर्मा ने सिखाया।
उन्होंने कोटा के एक विश्वविद्यालय को हरीश शर्मा का नाम देने के लिए समाज की जागरूकता की जरूरत बताई। आगामी 24 मई को नागरिक चेतना मंच की ओर से इस संदर्भ में जिला कलेक्टर को प्रातः 11:00 बजे ज्ञापन दिया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. आरसी शर्मा ने पर्यावरण महत्व को जीवन के लिए बहुत आवश्यक बताया।
खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष संयोजक पंकज मेहता ने स्वर्गीय हरीश शर्मा की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए विश्वविद्यालय का नाम हरीशजी के नाम पर करने का समर्थन व्यक्त किया।
डॉक्टर बनवारी मित्तल ने पर्यावरण चिंताओं में आध्यात्मिक सोच को समाहित करने पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा नीति में बहुत बड़े परिवर्तन की आवश्यकता है, जैसे जैसे शिक्षा बढ़ रही है समाज में प्रदूषण बड़ा है शिक्षा और विद्या में हमें अंतर करना पड़ेगा और पाश्चात्य मॉडल को जो कि प्रकृति का विनाश कर रहा है दुरुस्त करना पड़ेगा। पर्यावरण और वेस्ट मैनेजमेंट को आदत में बदलने पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में अर्थशास्त्री डा. गोपाल सिंह, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, सेवा सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी अमरीश मेहता, अंबिकादत्त चतुर्वेदी के अलावा नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र त्यागी, शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गोविंद शर्मा, गोदावरी धाम के संचालक गजेंद्र भार्गव, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन जोशी, पर्यावरण विद बृजेश विजयवर्गीय समेत अनेक गणमान्य लोगों ने हिस्सा लेकर स्वर्गीय हरीश शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की
संगोष्ठी के संचालक नागरिक चेतना मंच के संयोजक शशि गौतम ने हरीश शर्मा की सोच को पर्यावरण के साथ जोड़ते हुए शर्मा के साहस की प्रशंसा की।