Stock Market: सेंसेक्स के अगले छह महीनों में 87 हजार पार करने की संभावना

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Stock Market Update : सेंसेक्स अगले छह महीनों में 87,650 स्तर तक रैली कर सकता है, जिसमें 84,250 के लेवल पर अंतरिम रेजिस्टेंस (interim resistance) देखा जा रहा है। टेक्निकल चार्ट्स के अनुसार, BSE बेंचमार्क इंडेक्स के बुलिश रहने की संभावना है जब तक कि इंडेक्स 75,600 के स्तर से ऊपर बना रहता है। सेंसेक्स के लिए नियर टर्म का सपोर्ट 78,100 के लेवल पर देखा जा रहा है।

टेक्निकली, BSE इंडेक्स ने अब Fibonacci चार्ट के अनुसार सालाना R2 (रेजिस्टेंस) को पार कर लिया है, जो 79,950 पर स्थित है। ऐसे में, सेंसेक्स अब 81,750 के लेवल पर R3 का टेस्ट कर सकता है

Religare Broking में रिसर्च के लिए सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अजीत मिश्रा ने कहा, ‘मोमेंटम मजबूत है और Nifty50 इंडेक्स को आने वाले दिनों में 24,500 के लेवल तक ले जा सकती है। वहां एक ब्रेथर लेगा और कुछ समय कंसोलिडेशन करने में बिताएगा। एक बार जब एक मजबूत आधार बन जाता है, तो इंडेक्स CY24 के अंत तक 25,600 स्तर तक बढ़ सकता है। सेंसेक्स के लिए संबंधित लेवल करीब 85,000 के हैं।’

30 शेयरों वाला S&P BSE सेंसेक्स बुधवार यानी 3 जुलाई, 2024 को पहली बार इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान 80,000 के स्तर को पार कर गया और एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया। BSE बेंचमार्क इंडेक्स ने 70,000 से 80,000 के लेवल तक की यात्रा केवल सात महीनों में पूरी की। सेंसेक्स में इतनी शानदार बढ़ोतरी की मुख्य वजह बैंकिंग शेयरों में मजबूत बढ़त है। बैंकिंग शेयरों में भी विशेष रूप से HDFC बैंक के शेयरों में उछाल। आज HDFC Bank के शेयर 1 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1794 रुपये के लेवल पर पहुंच गए।

70,000 से 80,000 मार्क तक पहुंचने की इस प्रक्रिया में, BSE सेंसेक्स ने कैलेंडर वर्ष 2024 (CY24) में अब तक 10.8 फीसदी की वृद्धि की है। जून में ही इंडेक्स ने 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की, जो लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद सकारात्मक आर्थिक वृद्धि (optimistic economic growth) की संभावनाओं के कारण था।

शेयर बाजार में और तेजी की संभावना
एनालिस्ट्स का मानना है कि आगे और तेजी की संभावना है, लेकिन निवेशकों को धैर्य रखना होगा क्योंकि अब इस लेवल के बाद शेयर बाजार के लिए कोई रनवे रैली नहीं होगी। घरेलू संकेत जैसे बजट, नई सरकार के 100-दिन का एजेंडा, मानसून की प्रगति, मुद्रास्फीति (महंगाई दर) के स्तर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का इंट्रेस्ट रेट एक्शन और कॉर्पोरेट आय बढ़ोतरी की मुख्य वजहें हैं और इन पर बाजार नजर रखेंगे।

ग्लोबल लेवल पर, भू-राजनीतिक विकास, प्रमुख देशों में चुनाव के नतीजे, विशेष रूप से अमेरिका, केंद्रीय बैंक की नीतिगत कार्रवाई और तेल की कीमतें भी कुछ ऐसे कारक हैं जिन पर नजर रखनी होगी।

फेड के फैसले पर भी निर्भर करेगी मार्केट ग्रोथ
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी के विजयकुमार के अनुसार, अमेरिकी महंगाई दर पर लेटेस्ट फेडस्पीक ग्लोबल लेवल पर इक्विटी बाजारों के लिए सकारात्मक खबर है। महीने-दर-महीने ग्रोथ के साथ 2.6 फीसदी की मुद्रास्फीति प्रिंट पर प्रतिक्रिया करते हुए, फेड प्रमुख पॉवेल ने मंगलवार को एक टिप्पणी की कि अमेरिका अवस्फीतिकारी पथ (disinflationary path) पर है।

उन्होंने कहा, ‘Fed की अगला रेट एक्शन शायद एक रेट कटौती होगी, जो ग्लोबल इक्विटी मार्केट सहित भारत के लिए अच्छी खबर है। RBI भी अगले नीति बैठक (next policy meeting) में दर कटौती के साथ इस दिशा में जा सकता है।’

क्वालिटी वाले शेयरों के साथ बने रहें
Sharekhan by BNP Paribas के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और कैपिटल मार्केट स्ट्रेटेजी एंड इन्वेस्टमेंट के हेड गौरव दुआ ने कहा, बाजार एक सीमा से बाहर निकल चुका है और अल्पकालिक दृष्टिकोण (short-term perspective) से मजबूत दिख रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्तरों पर मार्केट वैल्यूएशन सस्ते नहीं हैं और निवेशकों को लार्ज-कैप यूनिवर्स में क्वालिटी वाले शेयरों के साथ बने रहना चाहिए।