आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए भारत बनेगा सार्वजनिक प्लेटफॉर्म: अश्विनी वैष्णव

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नई दिल्ली। डिजिटल सार्वजनिक ढांचे (डीपीआई) के निर्माण के लिए भारत के अनूठे दृष्टिकोण पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के संबंध में इसी तरह का मॉडल अपनाने जा रहा है।

वैष्णव ने ग्लोबल इंडिया एआई समिट को संबोधित करते हुए कहा कि डीपीआई की ही तरह सरकार एआई के लिए भी एक सार्वजनिक प्लेटफॉर्म बनाएगी, जहां सभी संबंधित संसाधन और जानकारी इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।

वैष्णव ने कार्यक्रम में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान कहा ‘सरकार एक सार्वजनिक प्लेटफॉर्म का निर्माण करने में निवेश करेगी, जहां कंप्यूट पावर, उचच गुणवत्ता वाले डेटा सेट, प्रोटोकॉल का सामान्य सेट, फ्रेमवर्क का सामान्य सेट, तकनीकी और साथ ही कानूनी ढांचे जैसे संसाधन उपलब्ध होंगे। फिर स्टार्टअप, उद्यमी, शिक्षाविद और वे लोग जो कृषि, चिकित्सा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग ऐप्लिकेशनों पर काम कर रहे हैं, अपने प्रयासों को तेज करने के लिए इस साझा प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।’

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार कुछ महीने पहले घोषित 10,000 करोड़ रुपये वाले इंडिया एआई मिशन की आधारशिला रखने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है और उम्मीद है कि आने वाले दो से तीन महीने में यह मिशन शुरू हो जाएगा। एआई के प्रति देश की सोच के संबंध में बात करते हुए वैष्णव ने कहा ‘हम अच्छा डेटा सेट, उच्च गुणवत्ता वाला डेटा सेट हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो शोधकर्ताओं, स्टार्टअप के प्रयासों में और अधिक मूल्य जोड़ सकते हैं।

हमारे पास ऐप्लिकेशन डेवलपमेंट कार्यक्रम होगा, जहां हमारी सामाजिक समस्याओं, हमारी आर्थिक समस्याओं के लिए प्रासंगिक ऐप्लिकेशन विकसित की जा सकती हों, उन पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है और कौशल विकास पर भी बहुत जोर दिया जाएगा।’

मंत्री ने एआई से उत्पन्न होने वाले मसलों पर भी चिंता जताई की और कहा कि पूरी दुनिया प्रौद्योगिकी के मामले में इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा ‘विकासशील और आर्थिक दृष्टि से कमजोर देश आज सार्वभौमिक समर्थन, सार्वभौमिक विचार प्रक्रिया और कम से कम कुछ सामान्य बुनियादी सिद्धांतों की तलाश कर रहे हैं, जिन पर दुनिया को एक तरफ संभावनाओं और दूसरी तरफ चुनौतियों का जवाब देना है।’