Sunday, September 29, 2024
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स्वस्थ रहना है तो दो -दो घंटे में हल्का भोजन लें : डॉ. नीलम

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कोटा। क्लीनिकल न्यूट्रिशियनिस्ट डॉ. नीलम खण्डेलवाल ने कहा है कि खान पान की शैली सुधार के लिए आवश्यक है कि कम खाऐं और बार बार खाऐं। डॉ. खण्डेलवाल लाॅयंस क्लब सदस्यों को संबोधित कर रहीं थी।

लाॅयंस क्लब में आयोजित विशेष व्याख्यान में उन्होंने कहा कि पूरे दिन दो -दो घंटे में हल्का भोजन लेना चाहिए। इससे पेट में कब्जी, अपच, पेट की जलन, मोटापा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाईपोथाॅयराइड, दिल की बीमारियां व कई प्रकार के कैंसर से बचाव होता है।

उन्होंने बताया कि खाली पेट चाय कभी न लें। दिन की शुरूआत एक फल से करनी चाहिए। हमें पैकेट बंद उत्पाद कोल ड्रिंक्स, जूस, सोडा, बिस्किट, कार्नप्लेक्स आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

उन्होंने सलाह दी कि एल्यूमिनयिम, प्लास्टिक यूल एंण्ड थ्रो आदि बर्तनों का इस्तेमाल न करें। लोहा,तांबा,पीतल व चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल करें। डायबिटीज के मरीजों को शुगर फ्री वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। हमारे शरीर में शुगर फ्री को पचाने के एंजायम नहीं होते।

डायबिटीज के मरीजों को गन्ने से बनी शक्कर का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने व्रत के संदर्भ में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि व्रत में भी दो- तीन घण्टे के अंतराल से खाना चाहिए। व्रत में साबूदाना, राजगिरा, कट्टू, सिगाढ़े का आटा लाभ दायक होता है। सेंधा नमक और काला नमक में मौजूद मिनरल्स लाभदायक है। इसके अलावा फल, ड्राॅय फ्रूट्स, दूध दही इत्यादि लिए जा सकते हैं।

इसके पूर्व अर्जेंटीना के परमहंस त्रिदेवी मां ने आघ्यात्म और धर्म के बारे में विचार प्रकट किए। प्रारम्भ में लाॅयंस क्लब के अध्यक्ष भागचंद हेमनानी, महामंत्री दिनेश खुवाल ने उनका स्वागत किया। संयुक्त सचिव अशोक नुवाल ने संचालन किया।

कोटा के किशोर सागर में उतारेंगे सी-प्लेन : ओम बिरला

कोटा। शहर में  नए एयरपोर्ट को जरूरी बताते हुए सांसद ओम बिरला ने कहा कि यहां के लिए मास्टर प्लान में जमीन अधिकृत कर दी गई है। अब यूआईटी अध्यक्ष को प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजना है। वहां से जैसे ही प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास जाएगा, उसे एक माह में स्वीकृत करवा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की देश में सी-प्लेन चलाने की मंशा थी जो पूरी हो रही है। कोटा में भी इसे शुरू किया जाएगा। कोई भी तकनीकी परेशानी नहीं हुई तो इसे वर्ष 2018 में शुरू कर दिया जाएगा। इसे किशोर सागर तालाब या चंबल में उतारा जाएगा। वहां चंबल घड़ियाल सेंचुरी के कारण परेशानी सकती है।

सांसद बिरला सरकार के चार साल पूरे होने पर शनिवार को महाराव उम्मेदसिंह स्टेडियम में हुए समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर  प्रभारी मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि प्रदेश में लगी जैतून की रिफाइनरी खेती से पूरे देश में प्रदेश का नाम हुआ है। इसके अलावा पर्यटन, सोलर ऊर्जा स्किल डवलपमेंट में भी सरकार ने बेहतर काम किया है।

उन्होंने कहा कि यहां भामाशाह मंडी का विस्तार किया जा रहा है। इसके लिए 96 हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। उन्होंने कोटा में मंडी का विस्तार के साथ ही 16 करोड़ की लागत से आॅडिटोरियम का निर्माण की जानकारी दी। समारोह में सात विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास किए गए।

इन कार्यों का किया लोकार्पण-शिलान्यास
समारोह में पुलिस थाना देवली के 168.62 लाख की लागत से निर्मित प्रशासनिक भवन व 273 लाख की लागत से निर्मित आवासों, टैगोर नगर कोटा में 2.85 करोड़ की लागत से निर्मित अल्प संख्यक महिला छात्रावास का लोकार्पण किया। वहीं, 75 लाख केे उप पंजीयन कार्यालय इटावा, 120.77 लाख की लागत से बनने वाले पीएचसी गैंता, 52.43 लाख से बनने वाले उप पंजीयन प्रथम कार्यालय के नवीन भवन का शिलान्यास किया गया।

सरकार के दम पर नहीं, अपने दम पर खड़ा है कोटा : राजावत

कोटा। विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा कि कोटा दो लाख बच्चों को सीने से लगाकर अपने बलबूते पर पैरों पर खड़ा हुआ है, किसी सरकार के बलबूते पर नहीं। कोटा उडऩा चाहता है, लेकिन छोटे से उडऩ खटोले से नहीं, यहां नया एयरपोर्ट चाहिए।

उन्होंने यह बात राज्य सरकार के 4 साल पूरे होने पर शनिवार को महाराव उम्मेद सिंह स्टेडियम में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में जिला प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में कही।

उन्होंने कहा कि बेशक सरकार के 4 साल बेमिसाल हैं, लेकिन मलाल यह कि यहां बैठे किसी जनप्रतिनिधि के मन में कोटा में एयरपोर्ट का क्यों नहीं आया ख्याल।

उन्होंने सांसद ओम बिरला की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कोटा में हवाई जहाज लाने वाले बिरला की दिल्ली तक पहुंच है। कोटा उडऩा चाहता है, इसके लिए छोटे से उडऩ खटोले की नहीं, बड़े जहाज और नए हवाई अड्डे की जरूरत है। नए हवाई अड्डे के लिए कोटा में चम्बल किनारे दस हजार बीघा जमीन है।

अच्छा तो यही होता कि 4 साल के जश्न के कार्यक्रम में नए हवाई अड्डे का शिलान्यास किया जाता। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडग़री के बयान पर चुटकी लेते हुए राजावत ने कहा कि वे कोटा में सी प्लेन उड़ाना चाहते हैं लेकिन कोटा को ऐसे सी प्लेन की नहीं, नए हवाई अड्डे की जरूरत है।

प्रभारी मंत्री सुपर हीरो, हम जीरो
राजावत ने अपने भाषण के दौरान ही कृषि व जिले के प्रभारी मंत्री प्रभूलाल सैनी पर भी व्यंग्य कसते हुए कहा कि वे प्रभारी ही नहीं भारी भी हैं। साथ ही राज्य सरकार में सुपर होरो हैं।

जबकि उन्होंने स्वयं और कोटा जिले के अन्य विधायकों के लिए कहा कि वे राज्य सरकार में जीरो हैं। जनता में जरूर हीरो हो सकते हैं लेकिन राज्य सरकार में तो वे जीरो हैं जीरो। राजावत के इस बयान पर मंचासीन सभी जनप्रतिनिधि व कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने जमकर ठहाके लगाए।

अगले साल कोटा से सी प्लेन भी उड़ेगा
राजावत के बयान पर जवाब देते हुए सांसद ओम बिरला ने अपने भाषण में कहा कि नेताजी हर बात को मजाक में लेते हैं। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडग़री तो कोटा में सी प्लेन शुरु करने की घोषणा करने वाले थे लेकिन उन्होंने ही अभी उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पहले पूरी तैयारी कर ली जाए।

क्योंकि चम्बल का कुछ हिस्सा अभ्यारण्य क्षेत्र मेंआता है। बिरला ने राजावत से कहा कि उन्हें तो फिर भी तैरना आता है लेकिन यदि कोई तकनीकी अड़चन नहीं आई तो अगले साल 2018 में कोटा में सी प्लेन भी उड़ेगा। इसके लिए पानी में पुलिया भी बनाई जाएगी।

कोटा में 13.55 करोड़ से यूआईटी बनाएगा स्मृतिवन

कोटा। दो साल से लंबी प्रतीक्षा के बाद अब देवली अरब रोड पर स्मृतिवन बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इस मामले में शनिवार को यूआईटी वन विभाग के बीच प्रभारी मंत्री प्रभुलाल सैनी के सामने एमओयू हुआ। यूआईटी की ओर से सचिव आनंदीलाल वैष्णव तथा वन विभाग की ओर से ललित सिंह राणावत ने एमओयू की प्रतियां आपस में बदली।

स्मृतिवन की योजना दो साल पहले बनी थी। तब विधायक भवानीसिंह राजावत ने यूआईटी वन विभाग के अधिकारियों के बुलाकर इसका प्लान तैयार करवाया था। इसमें सभी कार्य और रखरखाव यूआईटी को करना था जिसे वन विभाग ने मानने से इंकार कर दिया। विभाग के अधिकारी चाहते थे कि विकास यूआईटी करवाए, लेकिन रखरखाव वन विभाग ही करे।

इस पर होने वाला खर्च भी यूआईटी ही वहन करे। इसके बाद दुबारा से शर्तें तय की गई। इसके आधार पर एमओयू तैयार किया गया। 25.38 हैक्टेयर में बनने वाले इस स्मृतिवन पर भी यूआईटी 13 करोड़ 55 लाख रुपए व्यय करेगी।
उद्यान में हर्बल गार्डन, बंबू फॉरेस्ट, खजूर फॉरेस्ट, फुट जोन, जैसे विभिन्न ब्लॉक्स में बांटा जाएगा।

जिसमें अलग-अलग प्रजातियों के पेड़-पौधों, वृक्ष, झाड़ीनुमा पेड़ लगाए जाएंगे। इसमें कराए जाने वाले पौधरोपण में एक भाग बालिकाओं के जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ पर पौधरोपण के लिए आरक्षित रखा जाएगा।

रख-रखावकी राशि भी यूआईटी देगा
स्मृतिवनमें विकास का कार्य नगर विकास न्यास की ओर से करवाया जाएगा। पौधरोपण रखरखाव वन विभाग के जिम्मे रहेगा। इसकी राशि भी यूआईटी देगा। अब इसे स्वीकृति के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा।

विधायक राजावत ने कर्मचारी से कहा,थप्पड़ मार दूंगा

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कोटा। हमेशा विवादों में रहने वाले विधायक भवानी सिंह राजावत एक बार फिर अपनी मर्यादा भूल गए. जरा सी गलती पर उन्होंने कर्मचारी को थप्पड़ मारने की धमकी दे डाली।

राज्य सरकार के 4 साल के कार्यकाल के अवसर पर शनिवार को नयापुरा स्टेडियम में लगे रोजगार शिविर के उद्घाटन के मौके पर मंच संचालन कर रहे नेहरू युवा केंद्र के यूथ मोटिवेटर नरेश निगम ने अतिथियों के स्वागत के दौरान राजावत का नाम नहीं लिया तो वे आग-बबूला हो गए।

उन्होंने निगम को इशारे से बुलाया और पूछा कि तुम मुझे नहीं जानते क्या? मैं कौन हूं? तुम्हें नहीं दिख रहा क्या? मेरा नाम क्यों नहीं लिया, थप्पड़ मार दूंगा। वो इतने तैश में गए कि उन्हें ये भी ध्यान रहा कि सार्वजनिक रूप से कैसा व्यवहार करना चाहिए। यह सुनकर निगम के साथ आसपास मौजूद लोग भी चौंक गए। बाद में निगम ने राजावत से हाथ जोड़कर माफी मांगी और मामला रफा-दफा किया।

यूं हुआ मामला : नयापुरा स्टेडियम में सरकार की चौथी वर्षगांठ के दौरान आयोजित समारोह के दौरान लगे रोजगार शिविर में प्रभारी मंत्री प्रभुलाल सैनी मंच पर दीप प्रज्ज्वलन कर रहे थे। कार्यक्रम का संचालन कर रहे यूथ मोटीवेटर नरेश निगम ने प्रभारी मंत्री प्रभुलाल सैनी, विधायक हीरालाल नागर, प्रहलाद गुंजल और महापौर महेश विजय का नाम मंच से संबोधित किया।

उन्होंने मंच से विधायक गुंजल और महापौर विजय के नाम दो-दो बार बोले, लेकिन जब विधायक राजावत का नाम एक बार भी अनाउंस नहीं हुआ तो वो गुस्सा हो गए। फिर थप्पड़ मारने की धमकी दे डाली। जब इस बारे में राजावत से पूछा तो उन्होंने कहा कि क्या करता, उसे बुलवाया और हिदायत दी।

स्मार्ट मीटर तेज चल रहे हैं, प्रभारी मंत्री ने माना

– सरकारी कार्यक्रम में स्मार्ट मीटर विरोधी बैनर लहराया

कोटा। तेज गति से बिजली के स्मार्ट मीटरों के विरोध में कोटा के नागरिकों ने शनिवार को जिले के प्रभारी मंत्री प्रभु लाल सैनी को ज्ञापन के स्थान पर बैनर दिखा कर विरोध दर्ज कराया। सरकार के चार साल के जश्न के कार्यक्रम में नयापुरा स्टेडियम में भी बैनर पर स्मार्ट मीटर को लूट का यंत्र बताते हुए संदेश लिखा गया।

स्मार्ट मीटर हटाओ संघर्ष समिति कोटा महानगर के समन्वयक अल्पेश सिंह चौहान ने बताया कि प्रभारी मंत्री ने माना कि ये स्मार्ट मीटर तेज चल रहे हैं, जिससे जनता की जेब पर बोझ बढ़ रहा है। समिति के प्रतिनिधि मण्डल ने सैनी से कहा कि आपको पूर्व में ज्ञापन दिया जा चुका है। बार बार ज्ञापन नहीं दिया जाएगा।

आप सरकार में है तो बात करे और स्मार्ट मीटर को हटाने की कार्रवाई करें। सैनी ने प्रतिनिधि मण्डल की बात से सहमत होते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया। समिति के महामंत्री राजेश नामा, बनवारी लाल पंचोली,जाॅनी नायक,संजय पारीक आदि ने कहा कि स्मार्ट मीटर नहीं हटाऐ तो आने वाला बिल अदा नहीं करने की घोषणा को अमल में लाया जाएगा।

किसी भी प्रकार की दमन कारी कार्रवाई हुई तो अशांति के लिए जनता जवाबदेह नहीं होगी। समिति ने जन प्रतिनिधियों से कोटा दक्षिण के विधायक की जनता का साथ नहीं देने और वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया। चौहान ने कहा कि नगर निगम बोर्ड की बैठक में स्मार्ट मीटर हटाने के लिए प्रस्ताव लेने का महापौर महेश विजय ने आश्वासन दिया है उस पर अमल कराया जाए।

चौहान ने चेतावनी दी कि सरकार ने स्मार्ट मीटर नहीं हटाए तो भारी जन विरोध का सामना करना पड़ेगा।
दूसरी और गुमानपुरा कोटड़ी रोड़ व्यापार संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र जैन एवं महावीर नगर एमपीबी के जितेंद्र शर्मा आदि ने भी स्मार्ट मीटर विरोधी आंदोलन का समर्थन करते हुए इसे पूरे शहर का आंदोलन बनाने की अपील की।

उल्लेखनीय है कि भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष हेमंत विजयवर्गीय एवं महापौर महेश विजय तथा महावीर नगर में भाजपा कार्यकर्ता तथा कांग्रेस से जुड़े लोग भी जनता के पक्ष में आ गए है। कुछ जन प्रतिनिधि जरूर मुख्य मंत्री के सामने विषय को रखने से डर गए है।

सभी ट्रेनों में लगेंगे CCTV, निगरानी में होगा पूरा रेल नेटवर्क: रेल मंत्री

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नई दिल्ली। सफर के दौरान पैसेंजर्स की सेफ्टी और सिक्युरिटी बढ़ाने के लिए देश की सभी ट्रेनों में सीसीटीवी लगाए जाएंगे। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि रेलवे 2018 को ‘ह्यूमन ट्रैफकिंग रोकने और महिला सुरक्षा’ के तौर पर मनाएगा।

सुरक्षा के लिहाज से स्टेशन कैंपस के साथ ट्रेनों में क्लोज सर्किट कैमरे (CCTV) लगेंगे और इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी। इस पर विचार किया जा रहा है। कैमरे ऑनलाइन लिंक होने के बाद स्टेशन मास्टर और अफसर इन पर नजर रखेंगे।

स्टेशनों पर 2800 एस्केलेटर लगेंगे
 रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से कई अहम फैसले लिए हैं। इनमें पूरे रेल नेटवर्क को सीसीटीवी कैमरों से जोड़ने और स्टेशनों पर 2800 से ज्यादा एस्केलेटर लगाने की योजना शामिल है। इसके लिए सप्लीमेंट्री बजट में फंड शामिल होगा।
– इसके अलावा रेलवे ने स्टेशन और फुटओवर ब्रिज को ‘सुविधा’ से हटाकर ‘सुरक्षा’ की कैटेगरी रखा है। इससे उनकी मरम्मत और रखरखाव के लिए रेलवे बोर्ड से इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी।
सीसीटीवी पर नजर रखेंगे स्टेशन मास्टर
– पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे के सीनियर अफसरों के साथ ‘विजन फॉर न्यू रेलवे- न्यू इंडिया 2022’ को लेकर चर्चा हो रही है। निर्भया फंड से रकम लेकर सीसीटीवी लगाए जाएंगे।
– सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता है और इसके लिए रेलवे स्टेशनों के साथ ट्रेनों और रेल पटरियों के किनारे भी सीसीटीवी लगाए जाएंगे। रेलवे ट्रैक के साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी मुहैया कराकर सभी कैमरों को ऑनलाइन लिंक किया जाएगा, ताकि स्टेशन मास्टर और अफसर भी इस पर नजर रख सकें।

बिटकॉइन भेजने पर 90 साल की सजा, जानिए किसने भेजे

नई दिल्ली। क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की कीमत एक साल से भी कम समय में 1600 फीसदी से भी अधिक बढ़ चुकी है। कई लोग इसमें निवेश कर मालामाल हो चुके हैं। लेकिन शायद आपको इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा कि इसे किसी को भेजने पर 90 साल  जेल की सजा भी हो सकती है। ऐसा ही एक मामला अमेरिका में आया है जिसमें एक महिला जांच एजेंसियों के घेरे में है।

किसको भेजे थे बिटकॉइन : न्यूयॉर्क की 27 साल की जुबैया शहनाज पर आरोप है कि उसने Bitcoin सहित अन्य क्रिप्टो करेंसी में 62 हजार डॉलर दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस को भेजे थे। न्यूयॉर्क न्यामिक विभाग के मुताबिक शहनाज ट्रायल का सामना कर रही है और उसपर दोष साबित हुआ तो उसे 90 साल जेल की सजा हो सकती है।

दर्जनों क्रेडिट कार्ड पकड़े गए: यूएस अर्टानी द्वारा फेडरल कोर्ट में दायर मुकदमें के मुताबिक इस साल की शुरुआत में शहनाज के पास से दर्जनों क्रेडिट कार्ड बरामद हुए। इसकी मदद से उसने पहले राशि निकाली और बाद में उसे क्रिप्टो करेंसी के जरिये आईएसआईएस को भेजा।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शहनाज अब तक कुल मिलाकर 1.50 लाख डॉलर आईएसआईएस को भेज चुकी है। हालांकि, इस बात की जांच अभी चल रही है कि 88 हजार डॉलर की राशि उसने कहां से जुटाई। यह अब तक का पहला मामला है जिसमें आतंकी संगठनों को क्रिप्टो करेंसी के जरिये राशि भेजने की बात सामने आई है।

ऐसे करती थी काम : यूएस न्यायिक विभाग की एक विज्ञप्ति के मुताबिक शहनाज यह सभी राशि व्यक्तिगत रूप से इस तरह भेजती थी जिसमें लेनदेन के सख्त नियमों से बचा जा सके। विज्ञप्ति के मुताबिक वह पाकिस्तान, चीन और तुर्की में फर्जी कंपनियों के नाम से यह राशि भेजती थी जो बाद में आईएसआएस को मिल जाती थी।

इस देश में भागकर जाने की थी योजना : रिपोर्ट के मुताबिक शहनाज की योजना पाकिस्तान और तुर्की होते हुए सीरिया भागने की थी। लेकिन जांच एजेंसियों ने उसे पहले ही पकड़ लिया। उस पर पांच मुकदमें चल रहे हैं।

चार मनी लॉन्ड्रिंग के और एक बैंक फर्जीवाड़े का है। रिपोर्ट के मुताबिक यदि वह दोषी साबित होती है तो मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 60 साल और बैंक फर्जीवाड़ें में 30 साल जेल की सजा हो सकती है।

1 फरवरी से लागू होगा ई-वे बिल, जीएसटी काउंसिल की मंजूरी

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नई दिल्ली । जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल ने शनिवार को अपनी 24वीं बैठक में महत्वपूर्ण ई-वे बिल पर हामी भरते हुए इसे 1 फरवरी 2018 से अनिवार्य कर दिया है। अब सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर यह नियम लागू होगा। 

कुछ राज्य स्वैच्छिक आधार पर 1 फरवरी से अंतर्राज्यीय (राज्य के भीतर) और अंतरराज्यीय (राज्यों के भीतर) ई-वे बिल दोनों को लागू कर सकते हैं। वहीं ई-वे बिल के लिए सिस्टम 15 जनवरी से उपलब्ध करवा दिया जाएगा। सूत्र के मुताबिक वहीं राज्यों के भीतर ई-वे बिल 1 जून से अनिवार्य होगा। वहीं राज्य के भीतर ई-वे बिल लागू करने का काम फरवरी से ही शुरू कर दिया जाएगा।

क्या है ई-वे बिल: अगर किसी वस्तु का एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर राज्य के भीतर मूवमेंट होता है तो सप्लायर को ई-वे बिल जनरेट करना होगा। अहम बात यह है कि सप्लायर के लिए यह बिल उन वस्तुओं के पारगमन (ट्रांजिट) के लिए भी बनाना जरूरी होगा जो जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं।\

क्या होता है ई-वे बिल में: इस बिल में सप्लायर, ट्रांसपोर्ट और ग्राही (Recipients) की डिटेल दी जाती है। अगर जिस गुड्स का मूवमेंट एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर एक ही राज्य के भीतर हो रहा है और उसकी कीमत 50,000 रुपए से ज्यादा है तो सप्लायर (आपूर्तिकर्ता) को इसकी जानकरी जीएसटीएन पोर्टल में दर्ज करानी होगी।

सूबेदार जोगिंदर सिंह की बायोग्राफी में नजर आयेगें गिप्पी ग्रेवाल

कोटा। 1962 में भारत और चीन के बीच लड़े गये युद्ध पर बहुत सी फिल्में बनी चुकी है, लेकिन जो कहानी गिप्पी ग्रेवाल अपनी फिल्म में सुनाने जा रहे है वह कहानी है सिख रेजीमेंट के सूबेदार जोगिंदर सिंह की।

जिन्होंने 1962 की लड़ाई में अपने मात्र 21 जवानों के साथ 600 चीनी सैनिकों का मुकाबला किया था और अंतिम सांस तक लड़े थे। भारत सरकार ने उन्हें उनके अदम्य साहस का सम्मान करते हुए मरणोपरांत सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा था।

इस फिल्म को सागा म्यूजिक एवं म्यूनिसिस इन्फो सोल्युशन्स के साथ 7 कलर्स मोशन पिक्चर्स द्वारा रिलीज किया जा रहा है। इस फिल्म को चार भाषाओं पंजाबी, हिंदी, तमिल और तेलुगू में 6 अप्रैल 2018 को रिलीज किया जायेगा।

गिप्पी ग्रेवाल के अलावा इसमें गुग्गु गिल, कुलविंदर बिल्ला, अदिति शर्मा, राजवीर जवंदा, रोशन प्रिंस, करमजीत अनमोल तथा सरदार सोहीस भी नजर आने वाले है।

सूबेदार जोगिंदर सिंह की बायोग्राफी की शूटिंग खूबसूरत और खतरनाक जगहों जैसे कारगिल, द्रास, राजस्थान एवं असम की अलग-अलग लोकेशंस पर हुई है। इस फिल्म का एक मुख्य भाग 14,000 फीट की ऊंचाई पर शूट हुआ।

जहाँ पहुँचने में ही क्रू और कास्ट को कई घंटो तक गाड़ी एवं पैदल यात्रा करनी पड़ती थी। इस फिल्म के मुख्य कलाकार गिप्पी ग्रेवाल ने खुद को शारीरिक तौर परिवर्तित किया हैं तथा फिल्म के ज्यादातर स्टंट्स खुद ही किए हैं।

1962 में जब चीनी घुसपैठ हुई थी तो सूबेदार जोगिंदर सिंह वहां पर अपनी पलटन के साथ तैनात थे। उनको उस दुर्गम क्षेत्र में पोजिशन लेने के ऑर्डर्स दिये गये थे। पूरी पलटन बिना युद्ध की तैयारी और साजो-सामान के वहां पर डटी थी।

चीन के 600 सैनिकों ने तीनों तरफ से औचक आक्रमण कर दिया। सूबेदार जोगिन्दर सिंह की मानसिक दृढ़ता ही थी जिसकी वजह से गोला-बारूद खत्म होने और जांघ पर गोली लगने के बावजूद भी उन्होंने ना सिर्फ अपने सैनिकों को लड़ाई के लिए प्रेरित किया।

बल्कि खुद भी अकेले ही दर्जनों चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा। इनकी इस बहादुरी भरी दास्तान को देखने के लिये लोग बेहद उत्साहित महसूस कर रहे हैं।