मोदी सरकार ‘सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड’ जारी करेगी, ₹20 हजार करोड़ जुटाने की योजना

0
15

नई दिल्ली। Sovereign Green Bond: केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में ‘सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड ‘ के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। वित्त मंत्रालय के अनुसार सरकार 21 साप्ताहिक नीलामियों के जरिए वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही के लिए उधारी पूरी करने की योजना बना रही है।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक ग्रीन बॉन्ड 5,000 करोड़ रुपये के चार किस्तों में जारी किए जाएंगे। 5000 करोड़ रुपये के 10 साल के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड का पहला इश्यू 25 से 29 नवंबर को आएगा। दूसरा इश्यू, 5,000 करोड़ रुपये का 30 साल का बॉन्ड, 9 से 13 दिसंबर के बीच आएगा। 10 साल की अवधि के लिए तीसरा ग्रीन बॉन्ड 27 से 31 जनवरी के बीच जारी किया जाएगा और 30 साल के ग्रीन बॉन्ड की अंतिम किस्त 17 से 21 फरवरी के बीच आएगी।

सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड एक प्रकार का सरकारी ऋण है जो भारत को कम कार्बन अर्थव्यवस्था में परिवर्तन में मदद करने से जुड़ी परियोजनाओं को वित्तपोषित करने पर खर्च होगा। इसके अलावा, सरकार ने ग्रीन शू विकल्प का प्रयोग करने का अधिकार भी बरकरार रखा है। जिससे उसे नीलामी अधिसूचनाओं में उल्लिखित प्रत्येक सिक्यूरिटी के एवज में 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता स्वीकार करने की अनुमति मिलेगी। यह लचीलापन सरकार को निवेशकों की अतिरिक्त मांग को पूरा करने में सक्षम बनाएगा।

वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान ट्रेजरी बिलों के माध्यम से केंद्र सरकार की साप्ताहिक उधारी 13 सप्ताह के लिए 19,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। इसके अलावा, सरकारी खातों में अस्थायी विसंगतियों को दूर करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने H2 FY25 के लिए वेज एंड मीन्स एडवांस (WMA) की सीमा भी 50,000 करोड़ रुपये निर्धारित की है। इससे अल्पकालिक वित्तपोषण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरलता सुनिश्चित हो सकेगी।

वित्त मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से 2024-25 की दूसरी छमाही के लिए अपने उधार कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया है। विज्ञपति के अनुसार, इसमें से 6.61 लाख करोड़ रुपये, जो कुल उधार कार्यक्रम के लक्ष्य का 47.2 प्रतिशत है, वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में प्रतिभूतियों और बांड्स को जारी कर जुटाए जाएंगे।