Sunday, September 29, 2024
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गुजरात की काउंटिंग का असर: सेंसेक्स गिरावट के बाद 209 अंक चढ़ा

नई दिल्ली।  गुजरात चुनाव की काउंटिंग में बीजेपी ने कांग्रेस पर अपनी बढ़त बना ली है। बीजेपी के बहुमत के अनुमान से शेयर बाजार में रिकवरी आ गई है। शुरूआती रुझानों में जहां सेंसेक्स 803 अंक टूटा था, वहीं, अब 209 अंकों की तेजी के साथ 33 हजार 672 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी  64 अंकों की तेजी के साथ 10 हजार 397 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। 

 मेटल, बैंक और रियल्टी में तेज गिरावट
शुरूआती कारोबार में निफ्टी पर सभी 11 इंडेक्स लाल निशान में थे। रियल्टी, बैंक और मेटल शेयरों में तेज गिरावट दिखी। रियल्टी इंडेक्स में 3.22 फीसदी, मेटल इंडेक्स में 2.32 फीसदी और निफ्टी बैंक इंडेक्स में 1.93 फीसदी की कमजोरी दिखी। 

निफ्टी पर आईटी इंडेक्स में 1.36 फीसदी, फार्मा इंडेक्स में 1.25 फीसदी, एफएमसीजी इंडेक्स में 1.65 फीसदी, ऑटो इंडेक्स में 1.86 फीसदी और पीएसयू बैंक इंडेक्स में 2.39 फीसदी व प्राइवेट बैंक इंडेक्स में 1.93 फीसदी तक की गिरावट रही है। 
 
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी गिरावट 
बाजार में गिरावट के चलते मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी भारी गिरावट देखने को मिली रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 333 अंक गिरकर 16 हजार 641 अंक पर कारोबार कर रहा है। वहीं बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 434 अंक टूटकर 17 हजार 736 अंक पर कारोबार कर रहा है।
 
गुजरात बेस्ड शेयरों में शुरूआती गिरावट
अडानी इंटरप्राइज                   4.36%
अडानी पोर्ट                         1.48%
अडानी पावर                       4.26%
अडानी ट्रांसमिशन                 2.77%
GNFC                             1.89%
GSFC                             2.28%
अरविंद लिमिटेड                   1.32%
टोरेंट पावर                         1.67%
गुजरात स्टेट पेट्रोनेट               0.29%

6% तक टूटा RIL
रूझानों में गुजरात नतीजों पर क्लेरिटी न होने से रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 6 फीसदी तक गिरावट रही। शेयर शुक्रवार को 919 के स्तर पर बंद हुआ था।

वहीं, सोमवार के कारोबार में 911 के स्तर पर खुलने के बाद 6 फीसदी गिरकर 862 के स्तर पर आ गया था। फिलहाल शेयर 0.61 फीसदी की गिरावट है और यह 914 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। 

कोटा नागरिक सहकारी बैंक ग्रामीण अंचल में शाखाएं खोलेगा- राजेश बिरला

कोटा। कोटा नागरिक सहकारी बैंक की जल्दी ही ग्रामीण इलाकों में शाखाएं खोली जाएंगी। वर्तमान में बैंक की शहर में दस शाखाएं संचालित हो रही हैं। यह सभी शाखाएं सीबीएस से जुडी हुई हैं , बैंक ग्राहकों की सुविधा के लिए एटीएम भी शुरू करेगा।

यह घोषणा रविवार को झालावाड़ रोड स्थित माहेश्वरी भवन में आयोजित आम सभा में बैंक के चेयरमैन राजेश बिरला ने की। उन्होंने कहा कि बैंक के साल दर साल बढ़ रहे ग्राहकों का विश्वास बताता है कि बैंक निरंतर प्रगति पर है।

यही कारण है के बैंक के एनपीए में भी कमी आई है। बिरला ने कहा कि बैंक की जमा पूंजी लगतार बढ़ रही है। उन्होने बताया कि बैंक की चार नै शाखाएं कैथून, इटावा, सांगोद और रामगंज मंडी में खोली जाएंगी। 

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बैंक के विस्तार को देखते हुए प्रधान कार्यालय का नया भवन बनाया जाना प्रस्तावित है।
कर्मचारी सभा नंबर 108 के अध्यक्ष मुख्य अतिथि श्रीकृष्ण बिरला ने कहा कि सहकारिता से ही विकास संभव है। बैंक की सदस्य्ता बढ़ना बैंक की प्रगति का प्रतीक हैं।

कोटा नागरिक सहकारी बैंक की आम सभा में उपस्थित सदस्य।

विशिष्ट अतिथि विधायक संदीप शर्मा ने कहा बैंक की आसान प्रक्रिया से लोगों को आसानी से लोन मिल रहा है। विधायक हीरालाल नागर ने कहा प्रदेश में गुजरात और महाराष्ट्र की तरह सहकारी संस्थओं को मजबूत करने की जरूरत है। पीसीसी महामंत्री पंकज मेहता ने कहा लोन प्रक्रिया को सरल बनाने की जरुरत है

बूंदी अर्बन बैंक के चेयरमैन सत्येश शर्मा, ने कहा कोटा नागरिक सहकारी बैंक लगातार प्रगति की और बढ़ रहा है।  बैंक एमडी जीएस मीणा ने प्रतिवेदन पेश किया। इस मौके पर बैंक के पूर्व अध्यक्ष चितरंजन जैन, हितकारी शिक्षा सहकारी समिति की अध्यक्ष सूरज बिरला, महिला नागरिक सहकारी बैंक की अध्यक्ष मांजी बिरला, डिप्टी रजिस्ट्रार अजय सिंह पंवार आदि मौजूद थे।संचालन बैंक के उपाध्यक्ष हेमराज सिंह हाडा ने किया। 

गुजरात-हिमाचल विस चुनाव के नतीजे आज, बाजार में रहेगा उतार-चढ़ाव

नई दिल्ली। गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनावों के नतीजे आज घोषित हो जाएंगे। एग्जिट पोल से दोनों राज्यों में ही बीजेपी की सरकार बनने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट में गुजरात चुनाव के नतीजे से काफी उम्मीदें हैं। आज मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव भरा कारोबार देखने को मिल सकता है। ऐसे में निवेशकों आज सतर्क रहें।

बीजेपी की जीत पर 10500 पार कर जाएगा निफ्टी
एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम का कहना है कि मार्केट की नजर गुजरात विधानसभा में बीजेपी को मिलने वाली सीटों पर है। अगर यहां बीजेपी को मौजूदा संख्या से ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो मार्केट में आज एक जोरदार तेजी देखने को मिलेगी और निफ्टी 10,500 के लेवल को पार कर सकता है जो उसका ऑलटाइम हाई होगा।

अगर निफ्टी आज 10,300 के लेवल पर स्थिर रहता है तो मार्केट में तेजी के लिए और मौका होगा। हालांकि 10,200 का लेवल टूटने पर मार्केट में गिरावट बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी। इसलिए आज मार्केट में 10300 के स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड कर सकते हैं।

छोटे और नए निवेशक आज मार्केट से रहें दूर
फॉर्च्यून फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर के मुताबिक, आज मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव भरा कारोबार हो सकता है। इसलिए छोटे और नए निवेशक को आज ट्रेडिंग ना करने की सलाह होगी। अगर ऐसे निवेशक आज ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो वो स्टॉप लॉस के साथ ट्रेडिंग करें। अगर मार्केट में कोई भी पोजिशन लेते हैं, तो उसे शाम तक हेज कर दें।

हाई लेवल पर दिख सकता है करेक्शन
अगर गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को शानदार जीत मिलती है, तो मार्केट में एक जोरदार रैली आ सकती है। सिमी भौमिक डॉट कॉम की टेक्निकल एनालिस्ट सिमी भौमिक के मुताबिक, मार्केट में रैली से निफ्टी 10,600 के स्तर पर भी पहुंच सकता है।

सिमी ने निफ्टी का पहला टारगेट 10,490 दिया। उन्होंने ये भी कहा कि हाई लेवल पर मार्केट में करेक्शन भी देखने को मिल सकता है। निचले स्तर पर निफ्टी में 10,250 का सपोर्ट होगा। लेकिन अगर बीजेपी को 100 के करीब सीटें मिलती हैं, इस सपोर्ट के टूटने के बाद निफ्टी 10,100 के लेवल तक भी जा सकता है।
 
स्टॉक स्पिसफिक दिख सकती है ट्रेडिंग
सिमी भौमिक का कहना है कि आज कारोबार में स्टॉक स्पिसफिक ट्रेडिंग दिख सकती है। गुजरात बेस्ड कंपनियों में खास ट्रेडिंग हो सकती है। इसलिए निवेशकों को थोड़ी सावधानी के साथ ट्रेडिंग करने की सलाह होगी। उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों, रिलायंस इंडस्ट्रीज और जीएनएफसी में ट्रेडिंग देखने को मिल सकती है।

GST से टैक्स एडवाइजर्स एवं एकाउंटेंट्स की भूमिका बढ़ी

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कोटा। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के तात्कालिक संशोधनों को लेकर शनिवार बसंत बिहार स्थित सीएमए भवन एक दिवसीय कार्यशाला हुई।

दी इन्स्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट ऑफ इंडिया के कोटा चैप्टर की ओर से हुई इस कार्यशाला में कर विशेषज्ञों ने जीएसटी लागू होने से लेकर अब तक हुए संशोधनों के बारे में जानकारी दी।

मुख्य वक्ता रहे सीएमए विवेक लड्ढा ने कम्पोजिशन, इनपुट टैक्स क्रेडिट के प्रावधान, बिल्डर्स, करयोग्य, संयुक्त सप्लाई के प्रावधानों की जानकारी दी।

मुख्य अतिथि रहे केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सेवाकर विभाग के आयुक्त नरेश बुंदेल ने जीएसटी के संशोधित प्रावधानों, जीएसटी काउंसिल द्वारा विभिन्न उत्पादों की टैक्स स्लेब में दी गई रियायतों के बारे में जानकारी दी।

 अध्यक्षता कर रहे दि एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल ने जीएसटी लागू होने के बाद व्यापार, उद्योग में आई परेशानियों का जिक्र किया, संशोधन के सुझाव दिए।

कोटा चैप्टर के चेयरमैन एस.एन. मित्तल ने कहा कि अब कर विभागों के साथ ही टैक्स एडवाइजर्स, एकाउंटेंट्स की भूमिका भी बढ़ गई है।

विशिष्ट अतिथि रहे टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राज ठाकुर, एसएसआई एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम भाटिया ने भी सम्बोधित किया। चैप्टर सेकेट्री जय बंसल ने संचालन किया।

गरीब को भरपेट भोजन दे रही अन्नपूर्णा रसोई-डॉ. संजय मिश्र 

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लाभार्थी को 5 रुपये में नाश्ता, 8 रुपये में दोपहर एवं रात्रि का भोजन

जयपुर। लोकतांत्रिक सरकारों का सबसे बड़ा और सर्वाधिक प्राथमिकता वाला एजेंडा है कि सभी नागरिकों को रोजगार चाहे मिले या ना मिले, लेकिन हर शख्स को भरपेट भोजन जरूर मिले। भोजन की सुनिश्चितता के लिए विश्व में बहुत से देशों में कई तरह के कानूनी प्रावधान भी रखे गए हैं, इसमें भारत भी कोई अपवाद नहीं है।

यहां भी कई कानून बने, लेकिन राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने इस आदर्श ध्येय को ध्यान में रखते हुए इससे दो कदम आगे बढ़कर एक ऎसा अभिनव प्रयोग शुरू किया, जिससे सीधे गरीब और वंचितों को बहुत ही सामान्य शुल्क पर भोजन उपलब्ध हो रहा है। अर्थात् गरीब की पहुंच में अब अन्नपूर्णा की रसोई आ गई है। 

एक नई शुरुआत- 
‘सबके लिए भोजन-सबके लिए‘ सम्मान के ध्येय वाक्य के साथ इसकी विधिवत् शुरुआत 31 अक्टूबर, 2015 प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की। अन्नपूर्णा रसोई योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में भी घोषणा की गई कि राज्य के सभी 191 नगर निकायों में लगभग 500 स्मार्ट रसोई वैनों का संचालन किया जाएगा।

इस योजना के माध्यम से प्रतिदिन 4 लाख, 50 हजार जरूरतमंद लोगों को रियायती दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाकर लाभान्वित किया जाएगा। अन्नपूर्णा रसोई योजना की कार्यकारी एजेन्सी निदेशालय, स्थानीय निकाय विभाग है। 

कमजोर तबके हो रहे लाभान्वित  
इस योजना में मुख्य रूप से श्रमिक, रिक्शा और ऑटो चालक, कर्मचारी, विद्यार्थी, कामकाजी महिलाएं, बुजुर्ग एवं अन्य असहाय व्यक्ति एवं आम नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं। अन्नपूर्णा रसोई योजना के अन्तर्गत नई निविदा में प्रति वैन नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं रात्रि भोजन की संख्या को 100 से बढ़ाकर 300 कर दिया गया है।

लाभार्थी को 5 रुपये में नाश्ता, 8 रुपये में दोपहर एवं रात्रि का भोजन दिया जा रहा है। लंच की असल कीमत 23.70 रुपए और नाश्ते की 21.70 रुपए है। कीमत में जितना अंतर है, वो राज्य सरकार वहन कर रही है। शीघ्र ही पूरे राज्य में इसे लागू किया जाएगा। 
 
हाईटेक और हाईजीन वैन से वितरण  
इस योजना में उपलब्ध कराए जाने वाले नाश्ते एवं भोजन को पूर्णतयारू स्वचालित प्लान्ट से स्वच्छता एवं खाद्य सुरक्षा के मापदंड़ों के अनुसार तैयार करवाया जा रहा है, जिसकी गुणवत्ता की जांच लैब से कोई भी करवा सकता  है। हॉस्पीटेलिटी में दक्ष और प्रशिक्षित लोगों के जरिए ये सामग्री तैयार की जाती है।

योजना में स्मार्ट रसोई वैनों का प्रावधान है, जो सीसीटीवी कैमरे, स्क्रीन इत्यादि से सुसज्जित रहेंगी। इसके साथ ही भोजन में माइक्रोन्यूट्रेंट का भी उपयोग किया जाएगा। इस योजना में पूर्णतया ई-मॉनिटरिंग सिस्टम को अपनाया जा रहा है, जिसके लिए निविदादाता द्वारा निदेशालय में स्वयं के खर्चे पर मॉनिटरिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है। 

कैलोरी और क्वालिटी से भरा फूड 
अन्नपूर्णा रसोई वैनों के माध्यम से दिये जाने वाले नाश्ते की मात्रा को 250 ग्राम से बढ़ाकर 350 ग्राम तथा दोपहर एवं रात्रि के भोजन की मात्रा को 350 से बढ़ाकर 450 ग्राम किए जाने का प्रावधान किया गया है।

नाश्ता एवं भोजन की रेसिपी बनाते समय मल्टीग्रेन (मक्का, ज्वार, बाजरा, चावल एवं गेहूं) तथा दालों का कॉम्बीनेशन इस प्रकार बनाया गया है कि उपभोक्ता को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड मिले। दोपहर एवं रात्रि भोजन में चावल की चार रेसिपी, गेहूं की चार रेसिपी, चार मीठा खीचड़ा रेसिपी एवं चार नमकीन खीच रेसिपी भी रखी गई हैं।

उपभोक्ता को एक बार के भोजन में थाली में चारों रेसिपी सर्व की जाती है, जिससे उपभोक्ता को चावल, गेहूं, मीठा एवं नमकीन की रेसिपी पूर्ण भोजन का आनन्द प्रदान करे।

फिर भी यह उपभोक्ता की इच्छा पर होगा कि वह कोई भी एक अथवा दो आईटम भी अपनी सुरूचि से ले सकता है। इसी प्रकार नाश्ते में भी सेवईयां, पोहा, उपमा एवं इडली-सांभर में से भी उपभोक्ता कोई भी तीन अथवा एक आईटम ले सकता है। 

योजना का संचालन और विस्तार     
बजट घोषणा के क्रियान्वयन के क्रम में खुली निविदाओं के माध्यम से कार्यकारी एजेन्सी-जीवन सम्बल चेरिटेबल ट्रस्ट, कोटा को अनुबन्धित किया गया है, जिसके माध्यम से अन्नपूर्णा रसोई वैनों का संचालन किया जा रहा है। अन्नपूर्णा रसोई योजना के प्रथम चरण में 12 शहरों में 80 रसोई वैनों का संचालन किया जा रहा है।

13 अक्टूबर, 2017 तक संस्था द्वारा जयपुर में 25, उदयपुर में 5, झालावाड़ में 4, बारां में 2, बांसवाड़ा में 3, प्रतापगढ़ में 2, बीकानेर में 5, डूंगरपुर में 2, भरतपुर में 5, अजमेर में 5, जोधपुर में 5 तथा कोटा की 10 रसोई वैनों सहित कुल 73 रसोई वैनों का संचालन किया जा रहा है, जिनके माध्यम से लगभग 21000 व्यक्ति प्रतिदिन लाभान्वित हो रहे हैं।  

वन प्रेमियों ने स्मृति वन में श्रमदान किया, बदहाली पर जताई चिंता

कोटा। वन विभाग के स्मृति वन अनंतपुरा में रविवार को भी वन प्रेमियों ने श्रमदान कर पौधों को सुरक्षित करने का प्रयास किया। झालावाड़ रोड़ पर अनंतपुरा बस्ती से खुले में शौच जाने वाले लोगों को रोकने का प्रयास नगर निगम ने भी नहीं किया। इस कारण वन प्रेमियों को काफी परेशानी हो रही है।

समिति के सचिव व पर्यावरणविद् बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि वन विभाग जिला कलेक्टर के निर्देश के बाद भी अपनी चार दीवारी की मरम्मत नही करा रहा। विभाग के उप वन संरक्षक फण्ड नहीं होने की बात कहते हैं और प्रधान वन संरक्षक ऐके गोयल कहते हैं कि फण्ड की कमी नहीं आने दी जाएगी।

उधर नगर निगम ने पोर्टेबल शोचालय रख दिए लेकिन पानी के कनेक्शन के अभाव में चालू नहीं किया। स्मृतिवन में बस्ती के अलावा हाई वे से गुजरने वाले ट्रक चालकों और खल्लासियों ने भी वन विभाग की कीमतर जमीन को शौच के इस्तेमाल में काम ले रहे है।

वन विभाग की जमीन पर सुरक्षा के अभाव में पौधों को परवरिश नहीं मिल पा रही जैसे तैसे जीवित रखा जा रहा है।
रविवार को श्रमदान में पर्यावरणविद् स्वर्गीय एलके दाधीच की पत्नी गीता दाधीच,पुत्र स्पप्निल दाधीच,भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष डाॅ. एलएन शर्मा आदि ने भाग लिया।

वन विभाग के वनपाल संजय नागर, राजपाल,महेंद्र सैनी, बाबू सिंह आदि ने संपूर्ण स्मृतिवन की सुरक्षा का जायजा लिया। डाॅ. एलएन शर्मा ने कहा कि वन विभाग आम जन में विश्वास पैदा करें कि विभाग स्मृतिवन की सुरक्षा करेगा। शहर में अनेक दानदाता है जो विभाग की मदद कर सकते है।

डाॅ शर्मा ने विभाग के उच्चाधिकारियों से कहा कि कंकरीट प्लान तैयार करें और जनता को स्मृतिवन प्रदान करने में मदद करे। विजयवर्गीय ने कहा कि मुख्यमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से बताया जाएगा कि वन विभाग में सक्षम अधिकारियों को स्मृतिवन में तैनात किया जाए। 

लागत न निकलने से किसानों ने आलू सड़क पर फेंका

कानपुर। बंपर पैदावार होने से यूपी के आलू उत्पादक किसानों का दम फूल गया है। इस वजह से आलू का थोक भाव 20 पैसे प्रति किलो पर आ गया है, जिसकी वजह से किसान और कोल्ड स्टोरेज मालिक पुराने आलू को सड़क पर फेंकने पर मजबूर हो गए हैं। सब्जियों का राजा कहे जाने वाले आलू की हालत खराब है। यूपी की आलू बेल्ट के नाम से मश्हूर आगरा, कानपुर मंडल में पुराने आलू फ्री में लेने को भी कोई तैयार नहीं है। ई फसल का आलू 5-6 रुपये प्रति किलो के रेट पर बिक रहा है। 

इन जिलों में सबसे ज्यादा हालत खराब : यूपी के आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, एटा, औरेया, कानुपर देहात, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, कन्नौज आदि जिले आलू बेल्ट के नाम से मश्हूर हैं। इन जिलों में जो आलू होता है उसको सबसे बेस्ट क्वालिटी का माना जाता है। देश भर के कई राज्यों में यहीं से आलू की सप्लाई होती है। 

नीट में सीट ब्लॉक करने पर लगेगा 2 लाख का जुर्माना!

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कोटा। अगले साल से मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए इच्छुक छात्र अगर नीट की काउंसेलिंग में सीट ब्लॉक कर देते हैं तो उन्हें 2 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। उन्हें आगे की काउंसेलिंग में भाग लेने से भी रोका जा सकता है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का एक प्रस्ताव स्वीकार किया जाना है।

सरकार का इरादा यह है कि छात्रों द्वारा एक से अधिक सीट ब्लॉक किए जाने से होने वाली वेकंसी को कम किया जा सके। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की स्वीकार्यता के साथ मंत्रालय ने एक प्रस्ताव दिया है जिसके अनुसार मेडिकल और डेन्टल कॉलेजों में ऐडमिशन के लिए 2 लाख रुपये तक के रिफंडेबल रजिस्ट्रेशन फीस का प्रावधान होगा।

प्राइवेट डीम्ड कॉलेजों के लिए यह फीस 2 लाख रुपये और सरकारी कॉलेजों के लिए 25 हजार रुपये होगी। अगर छात्र ऐडमिशन ले लेता है तो इसे ट्यूशन फीस के साथ अडज्स्ट किया जाएगा। अभी यह तय नहीं हुआ है कि काउंसेलिंग के किस राउंड में छात्रों पर जुर्माना लगेगा या उन्हें आगे की काउंसेलिंग से रोका जाएगा।

अगर सुप्रीम कोर्ट इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो छात्रों द्वारा सीट ब्लॉक करने की समस्या से बचा जा सकेगा। अक्सर टॉप रैंक्स पाने वाले छात्र सीट ब्लॉक कर लेते हैं जिससे निचले रैंक वाले छात्रों को नुकसान होता है।

वर्ष 2017 में शेयरों ने दिया निवेशकों को जोरदार रिटर्न

नयी दिल्ली। शेयर बाजार निवेशकों के लिए साल 2017 जोरदार रहा। शेयरों ने निवेशकों को इस साल 25 प्रतिशत से अधिक का प्रतिफल दिया वहीं दूसरी ओर निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाने वाला सोना निवेशकों को डेढ़-दो प्रतिशत रिटर्न ही दे पाया।

विशेषग्यों का कहना है कि शेयरों में निवेश पर हमेशा अधिक रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता है।

वहीं सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प है, लेकिन इसमें औसत रिटर्न शेयरों की तुलना में कम रहता है, लेकिन यह तय है कि इसमें घाटे की संभावना काफी सीमित होती है।

एक्सपर्ट के अनुसार इस साल सेंसेक्स 25 प्रतिशत चढ़ा है और नरेंद्र मोदी सरकार के सुधारों को आगे बढ़ाने के प्रयासों को देखते हुये ऐसा अनुमान है कि अगले साल भी सेंसेक्स 25 प्रतिशत तक प्रतिफल देगा और यह 40,000 अंक के आसपास पहुंच जायेगा।

वर्ष 2016 में अंतिम कारोबारी सत्र में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 26,626.66 अंक पर बंद हुआ था, जबकि इन दिनों यह 33,400 अंक के स्तर पर है।

इस प्रकार वर्ष के दौरान शेयर सूचकांक में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यानी यदि किसी ने एक जनवरी को शेयरों में एक लाख रुपये लगाए थे, तो आज की तारीख में उनके निवेश का मूल्य बढ़कर 1,25,000 रुपये हो गया।

वहीं दूसरी ओर 31 दिसंबर, 2016 को सोना 28,984 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था जो कि इस समय 29,500 रुपये के आसपास चल रहा है। यानी वर्ष के दौरान सोने में निवेश पर रिटर्न डेढ़ से दो प्रतिशत तक ही मिला।

ऐतिहासिक रूप से सोने को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता है, लेकिन यह भी सच है कि इसमें रिटर्न बहुत अधिक नहीं मिल पाता।

हालांकि, पिछले साल सोने ने करीब दस प्रतिशत रिटर्न दिया था। लेकिन सोने की कीमतों पर गौर किया जाए, तो 2017 के दिसंबर महीने में यह 29,000 रुपये के दायरे में है। वहीं वर्ष, 2011 दिसंबर में भी

यह 29,000 रुपये से पर था। दिसंबर, 2012 में यह 31,000 रुपये से अधिक था। इस तरह देखा जाए, तो आज पांच साल बाद सोने का दाम नीचे चल रहा है।

दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल ने कहा कि सोने में निवेश पर कभी घाटा नहीं होता। हालांकि, सोने में उतार-चढ़ाव की गुंजाइश अधिक रहती है, इसलिए निवेशकों को स्थिति देखकर खरीद-बिक्री करनी चाहिए।

गोयल ने कहा कि आज भी सोना ही निवेश का सुरक्षित विकल्प है। इसे पूरे साल के हिसाब से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह पर नीचे होता रहता है।

आज बेशक सोना 29,500 रुपये है, लेकिन दो महीने पहले यह 31,500 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया था। ऐसे में स्मार्ट निवेशकों ने उस समय बिकवाली कर अच्छा रिटर्न कमाया था।