कोटा। क्लीनिकल न्यूट्रिशियनिस्ट डॉ. नीलम खण्डेलवाल ने कहा है कि खान पान की शैली सुधार के लिए आवश्यक है कि कम खाऐं और बार बार खाऐं। डॉ. खण्डेलवाल लाॅयंस क्लब सदस्यों को संबोधित कर रहीं थी।
लाॅयंस क्लब में आयोजित विशेष व्याख्यान में उन्होंने कहा कि पूरे दिन दो -दो घंटे में हल्का भोजन लेना चाहिए। इससे पेट में कब्जी, अपच, पेट की जलन, मोटापा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाईपोथाॅयराइड, दिल की बीमारियां व कई प्रकार के कैंसर से बचाव होता है।
उन्होंने बताया कि खाली पेट चाय कभी न लें। दिन की शुरूआत एक फल से करनी चाहिए। हमें पैकेट बंद उत्पाद कोल ड्रिंक्स, जूस, सोडा, बिस्किट, कार्नप्लेक्स आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
उन्होंने सलाह दी कि एल्यूमिनयिम, प्लास्टिक यूल एंण्ड थ्रो आदि बर्तनों का इस्तेमाल न करें। लोहा,तांबा,पीतल व चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल करें। डायबिटीज के मरीजों को शुगर फ्री वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। हमारे शरीर में शुगर फ्री को पचाने के एंजायम नहीं होते।
डायबिटीज के मरीजों को गन्ने से बनी शक्कर का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने व्रत के संदर्भ में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि व्रत में भी दो- तीन घण्टे के अंतराल से खाना चाहिए। व्रत में साबूदाना, राजगिरा, कट्टू, सिगाढ़े का आटा लाभ दायक होता है। सेंधा नमक और काला नमक में मौजूद मिनरल्स लाभदायक है। इसके अलावा फल, ड्राॅय फ्रूट्स, दूध दही इत्यादि लिए जा सकते हैं।
इसके पूर्व अर्जेंटीना के परमहंस त्रिदेवी मां ने आघ्यात्म और धर्म के बारे में विचार प्रकट किए। प्रारम्भ में लाॅयंस क्लब के अध्यक्ष भागचंद हेमनानी, महामंत्री दिनेश खुवाल ने उनका स्वागत किया। संयुक्त सचिव अशोक नुवाल ने संचालन किया।