Sunday, June 16, 2024
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सेंसेक्स 34 अंक चढ़कर 32359 के स्तर पर खुला

नई दिल्ली। हफ्ते के पहले कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार की बढ़त के साथ शुरुआत देखने को मिल रही है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 34 अंक की बढ़त के साथ 32359 के स्तर पर और निफ्टी 7 अंक की बढ़त के साथ 10073 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप 0.32 फीसद और स्मॉलकैप में 0.42 फीसद की बढ़त देखने को मिल रही है।

मजबूत वैश्विक संकेत
अंतरराष्ट्रीय बाजार से मजबूती के संकेत देखने को मिल रहे है। जापान का निक्केई 0.63 फीसद की बढ़त के साथ 20078 के स्तर पर, चीन का हैंगसैंग 0.34 फीसद की बढ़त के साथ 27656 के स्तर पर और कोरिया का कोस्पी 0.44 फीसद की बढ़त के साथ 2405 केस्तर पर कारोबार कर रहा है।

चीन का शांघाई 0.08 फीसद की कमजोरी के साथ 3258 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। बीते सत्र में अमेरिकी बाजार तेजी के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 0.30 फीसद की बढ़त के साथ 22092 के स्तर पर, एसएंडपी 500 0.19 फीसद की बढ़त के साथ 2476 के स्तर पर और नैस्डैक 0.18 फीसद की बढ़त के साथ 6351 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुई है।

मेटल शेयर्स में खरीदारी
सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो ऑटो, एफएमसीजी और आईटी को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी मेटल शेयर्स में देखने को मिल रही है। बैंक (0.11 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.08 फीसद), फार्मा (0.26 फीसद) और रियल्टी (0.12 फीसद) की बढ़त देखने को मिल रही है।

दिल्ली से मुंबई वाया कोटा अब 13 घंटे में

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नई दिल्ली/कोटा। अब दिल्ली से मुंबई का रेल से सफर 13 घंटे में पूरा होगा। इसके लिए रेलवे ने पूरे रूट पर अपना ट्रायल शुरू कर दिया है। रेलवे के इस ट्रायल में ट्रेन राजधानी के तय समय से कम दूरी में पहुंची है। इस ट्रेन ने पूरा सफर तय करने में राजधानी एक्सप्रेस के मुकाबले 3 घंटे कम लगाए थे।

इस ट्रायल से रेलवे को भरोसा है कि रात में सफर करके अगले दिन सुबह दिल्ली से मुंबई पहुंचा जा सकेगा। अभी दिल्ली से ट्रेन शाम को 4.30 बजे रवाना होती है और अगले दिन सुबह 8.30 पर मुंबई पहुंचती है। पूरे सफर के दौरान यह कोटा, रतलाम, वडोदरा, सूरत स्टेशन पर रुकती है। 

LHB कोच का किया गया प्रयोग
ट्रायल के दौरान रेलवे ने एलएचबी कोच का इस्तेमाल किया था। रेलवे बोर्ड के सदस्य रविंद्र गुप्ता ने बताया कि फिलहाल जो 24 कोच वाली ट्रेन इस रुट पर चल रही है उसकी स्पीड 130 किलोमीटर है।

मोड़ पर ट्रेन की रफ्तार को 90 किलोमीटर पर रखा जाता है। 1386 किलोमीटर का सफर ट्रेन 15.35 घंटे में पूरा करती है। फिलहाल ट्रायल के दौरान 14 कोच वाली ट्रेन का इस्तेमाल किया गया था जोकि 150 किलोमीटर की रफ्तार पर किया गया था। 

आईसीईएक्स में हीरा वायदा के ‘डमी’ सौदे शुरू

  • 11 अगस्त तक चलेगी मॉक ट्रेडिंग, हीरा कारोबार संबंधित दिक्कतों को दूर करना है इसका उद्देश्य
  • कारोबारियों और निवेशकों को वास्तविक कारोबार के तौर-तरीके समझने में मिलेगी मदद
  • वास्तविक कारोबार अगस्त के अंत या सितंबर के पहले सप्ताह तक शुरू होने की संभावना

मुंबई। अपनी तरह के पहले हीरा वायदा की शुरुआत की तरफ कदम बढ़ाते हुए रिलायंस एडीएजी प्रवर्तित इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स) सोमवार से इसकी मॉक ट्रेडिंग शुरू करेगा। 

यह मॉक ट्रेडिंग 11 अगस्त तक 5 दिन चलेगी। इसका उद्देश्य हीरा कारोबार से संबंधित दिक्कतों को दूर करना और कारोबार के संदेह को दूर करना है। 

कारोबारियों और निवेशकों को वास्तविक कारोबार के लिए तैयार होने में मदद करने के लिए एक्सचेंज दोपहर 12 बजे से कारोबारी सत्र शुरू करेगा।

वास्तविक कारोबार अगस्त के अंत तक या सितंबर के पहले सप्ताह तक शुरू होने की संभावना है। बाजार खुलने से पूर्व के सत्र की अवधि अधिकतम 20 मिनट होगी। मॉक ड्रेडिंग का सत्र शाम 7 बजे तक चलेगा।

आईसीईएक्स के मुख्य कार्याधिकारी संजित प्रसाद ने कहा, ‘मॉक ट्रेडिंग से हीरा तराशकारों, कारोबारियों और डीलरों को कीमत हेजिंग के तरीके को समझने और अनुभव करने में मदद मिलेगी।’

मॉक सत्र से पूरे हीरा उद्योग के भागीदारों को अपने भौतिक कारोबार की हेजिंग के एक प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी। वे यह भी देख पाएंगे कि यह एक्सचेंज कैसे इस जिंस का कीमत निर्धारक बनता है।

हीरा उद्योग के भागीदारों में कटाई एवं तराशी इकाइयों के मालिक, थोक विक्रेता, कारोबारी, ब्रोकर, खुदरा विक्रेता और आभूषण विनिर्माता आदि शामिल हैं। सूरत को हीरों कटाई और तराशी का वैश्विक केंद्र माना जाता है।

दुनिया भर में उत्खनित होने वाले हीरों में से 90 फीसदी को वर्गीकरण और उनके इस मूल्य शृंखला के सदस्यों के बीच वितरण के लिए सूरत भेजा जाता है। मुंबई के भारत डायमंड बॉर्स (बीडीबी) में हीरों का ज्यादातर भौतिक कारोबार होता है।

मॉक ट्रेडिंग का मकसद हीरों का भौतिक कारोबार करने वाले कारोबारियों को इस बारे में शिक्षित करना है कि हीरा कारोबार में कीमत से संबंधित जोखिमों से निपटने के लिए वायदा कारोबार की प्रणाली का कैसे इस्तेमाल किया जाए।

आईसीईएक्स सरकारी और निजी क्षेत्र की कई कंपनियों द्वारा मिलकर शुरू किया गया है। जिनमें एमएमटीसी, इंडियन पोटाश, कृभको और आईडीएफसी बैंक जैसे पीएसयू और रिलायंस समूह शामिल हैं। रिलायंस समूह एंकर निवेशक है। 

आईसीईएक्स द्वारा शुरू किए जाने वाले हीरा अनुबंधों में तीन अलग-अलग मासिक अनुबंध शामिल होंगे। इनका लॉट साइज 1 कैरट, 50 सेंट और 30 सेंट होगा, जिनकी इलेक्ट्रॉनिक यूनिटों में डिलिवरी अनिवार्य होगी।

विक्रेता को एक्सचेंज की प्रमाणन एजेंसी से प्रमाणपत्र हासिल करने के बाद हीरों को आईसीईएक्स के प्लेटफॉर्म पर जमा करना होगा। प्रमाणन के बाद भौतिक हीरों को एक्सचेंज द्वारा नामित सूरत स्थित वॉल्ट में जमा कराना होगा।

एक्सचेंज द्वारा नामित वॉल्ट में हीरों को जमा कराने के बाद हीरों के वजन के बराबर इलेक्ट्रॉनिक यूनिट सृजित होगी, जो विक्रेता के खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।

अनुबंध की एक्सपायरी के समय इलेक्ट्रॉनिक यूनिट की एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर डिलिवरी होगी। खरीदार को एक्सपायरी के समय अपने खाते में इलेक्ट्रॉनिक यूनिट मिलेगी।

भौतिक रूप में हीरों की डिलिवरी के लिए खरीदार को अनुबंध के हिसाब से तय हीरे के आकार के बराबर यूनिटें जमा करनी होंगी।

स्टार्टअप के लिए अपने आइडिया डाउनलोड करें

  • स्टार्टअप ओएसिस सेमिनार :

  • आईआईएम व रीको की साझा पहल पर राज्य के 7 जिलों में शुरू हुआ स्टार्टअप अवेयरनेस कैम्पेन
  • सीपी यूनिवर्सिटी व झालावाड़ इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए स्टार्टअप सेंटर

-अरविन्द
कोटा। आज के शिक्षित युवाओं में स्टार्टअप को लेकर थ्रिल है। कई क्षेत्रों में वे इनोवेटिव काम कर रहे हैं। लेकिन स्टार्टअप शुरू करने पर पहले वर्ष में 50 प्रतिशत युवा फैल्योर हो जाते हैं। इसलिए अनिश्चितता में काम करने की आदत बनाओ।

आईआईएम अहमदाबाद व रीको की संयुक्त पहल पर राज्य में शुरू की गई ‘स्टार्टअप ओएसिस’ शृंखला में मुख्य वक्ता कॅरिअर पॉइंट यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रमोद माहेश्वरी ने कहा कि सफल औंत्रप्रिन्योर बनने के लिए हमें जिस चीज से प्यार है, वो करें। स्टार्टअप में जोखिम व चुनौती दोनों का सामना करना है। आप खुद के बॉस हैं।

बिजनेस के लिए दिन-रात जीना पड़ता है। हर अवसर को भुनाना सीखें। निवेशक यह देखते हैं कि आप बिजनेस में कितना जीते हैं। युवा औंत्रप्रिन्योर से उन्हांने कहा कि 25 वर्ष पूर्व स्टार्टअप कल्चर नहीं था। उन्होंने 1993 में आईआईटी से बीटेक कर कोटा में तिलक नगर के एक गैराज से ट्यूशन करने की चुनौती उठाई।

कहीं ऊँचे पैकेज पर जॉब करने की बजाय बेराजगार के रूप में शुरूआत की। सोशल प्रेशर पर खरा उतरना बहुत मुश्किल था इसलिए दिन-रात मेहनत में निरंतरता बनाए रखी। आप जो हासिल कर सके, वहीं टारगेट बनाइये।

डिजिटल मार्केटिंग उभरता क्षेत्र
ट्रेड स्टार्ट सेमीनार में लोका ग्लोब के सीईओ अतुल माथुर ने कहा कि गूगल पर रोज 4.6 बिलियन यूजर्स सर्च करते हैं। 2 बिलियन यूजर फेसबुक से जुडे़ हैं। देश में 654 मिलयन इंटरनेट यूजर हैं। ऐसे में डिजिटल मार्केटिंग को समझना बहुत जरूरी है।

सही सर्च इंजन व ई-कॉमर्स से स्टार्टअप को प्रमोट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में इनोवेशन व स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए ऐसे सेमीनार राज्य के 7 जिलों में होंगे।

बिंदास वॉशिंग के सीईओ आईआईटीयन पंकज मालपानी व ए-2 स्टूडियो डॉट कॉम के सीईओ अंकुर मित्तल ने अपने अनुभव शेयर किए। सेमिनार में सीपीयू के कुलपति डॉ.डीएन राव सहित कोटा के कई आैंत्रप्रिन्योर शामिल हुए।

सफल स्टार्टअप के 10 मूलमंत्र

  1. अपने सेक्टर के एक्सपर्ट बनो। प्रॉब्लम के सामान्य सॉल्यूशन बनाओ।
  2. हमें ताजमहनल नहीं बनाना, वो केवल देखने के लिए है, रहने के लिए नहीं।
  3. प्रॉडक्ट को रिलीज करो, उसके लेवल बनाते चलो। मार्केट से फीडबेक लो।
  4. बिजनेस में स्ट्रेट टर्न के बाद एल टर्न से उसमें सुधार करो। लोचशीलता से फौरन बदलो।
  5. आप जॉब क्रिएटर हैं, सबसे नीचे वाला प्रॉब्लम दूर कर सके, ऐसी टीम चुनो।
  6. आइडिया यूनिक होना जरूरी नहीं, जो सबके दिमाग में है, वह बेहतर होता है।
  7. करना है तो करना है, मन में यह आग पैदा करो। अंधेरे में तीर लगाना मुश्किल है,उसे स्वीकार करें।
  8. अनुभव की कमी व कमजोर संसाधन का प्रबंधन ठीक करो। स्थाई संपत्ति पर ज्यादा खर्च नहीं हो।
  9. केवल एक्सेल शीट पर ग्रोथ नहीं देखें, जमीनी हकीकत पर बिजनेस करें।
  10. अपना आइडिया डाउनलोड करें, अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा रहेगी, उसमें अपना लेवल खुद तय करें।

सेनेटरी पैड्स टैक्स फ्री होना चाहिए – सोनाक्षी

मुंबई। एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा ने सेनेटरी पैड्स को लेकर कहा है कि सरकार को इन पर कोई टैक्स नहीं लगाना चाहिए क्योंकि यह महिलाओं की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल है। 

जीएसटी के तहत सेनेटरी पैड्स पर 12 प्रतिशत टैक्स लग रहा है। एक कार्यक्रम में पहुंची एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा से जब इस बारे में राय मांगी गई तो उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि सरकार को सेनेटरी पैड्स पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगाना चाहिए।

 सोनाक्षी सिन्हा कहती हैं, ‘सेनेटरी पैड्स पर 12 प्रतिशत की जीएसटी दर सही नहीं है। यह प्रत्येक महिला की आवश्यकता है और इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। मुझे लगता है इसे टैक्स फ्री कर देना चाहिए।’ सोनाक्षी सिन्हा जल्द फिल्म ‘इत्तेफाक’ में नज़र आएंगी।

इस फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा के अलावा सिद्धार्थ मल्होत्रा की भी मुख्य भूमिका है। यह फिल्म 1969 में इसी नाम से बनी फिल्म पर आधारित होगी। इस फिल्म का निर्माण शाहरुख़ खान की कंपनी और करण जौहर की कंपनी मिलकर करेगी। फिल्म में अक्षय खन्ना और राजकुमार राव की भी अहम भूमिकाएं होंगी।

फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली गई है और जल्द फिल्म का पोस्टर आएगा। आपको बता दें कि 1969 की ‘इत्तेफाक’ में राजेश खन्ना और नंदा की मुख्य भूमिकाएं थी। इस फिल्म का निर्देशन अभय चोपड़ा ने किया है जो कि 3 नवंबर को रिलीज़ हो रही है।

महंगी होंगी SUV कारें, सेस बढ़ाने की तैयारी

नई दिल्ली। अगर आप एसयूवी या लग्जरी सेडान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो जल्द फैसला कर लेना ठीक होगा क्योंकि माना जा रहा है कि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल ने लग्जरी गाड़ियों पर सेस को अभी के 15 पर्सेंट से बढ़ाकर 25 पर्सेंट करने का फैसला किया है।

हालांकि, अगर काउंसिल सेस बढ़ाने का फैसला करती है तो यह तुरंत लागू नहीं होगा। इसके लिए जीएसटी कॉम्पेंसेशन लॉ में संशोधन की जरूरत पड़ेगी। जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में शनिवार को हुई चर्चा की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘काउंसिल ने जीएसटी लॉ में संशोधन को मंजूरी दी है, जिससे कॉम्पेंसेशन सेस में बढ़ोतरी होगी।’ 

कारों को जीएसटी के तहत सबसे ऊंचे 28 पर्सेंट वाले स्लैब में रखा गया है। यह भी ध्यान देने लायक बात है कि जीएसटी काउंसिल पहले ही सेस सहित इस पर अधिकतम टैक्स 40 पर्सेंट तय कर चुकी है। 4 मीटर की लंबाई वाली छोटी पेट्रोल और 1,200 सीसी इंजन कैपेसिटी वाली गाड़ियों पर 1 पर्सेंट सेस लगाया गया है।

जबकि इसी लंबाई और 1,500 सीसी कैपेसिटी की डीजल गाड़ियों पर 3 पर्सेंट का सेस तय किया गया है। मिड साइज की बड़ी कारों या एसयूवी पर सेस 15 पर्सेंट है, जिससे जीएसटी लागू होने के बाद कुछ मॉडल्स के दाम में कमी आई थी।1 जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद कई कार कंपनियों ने गाड़ियों की कीमत में कटौती की थी।

हालांकि, कुछ कार कंपनियों को छोटी गाड़ियों के दाम में सेस की वजह से बढ़ोतरी करनी पड़ी थी। सरकार का मानना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना झंझट भुगतान की वजह से इंडस्ट्री को फायदा होगा, जिससे कुलमिलाकर गाड़ियों की कीमत कम होगी। केंद्र सरकार ने अलग से जीएसटी (कॉम्पेंसेशन टु स्टेट्स फॉर लॉस ऑफ रेवेन्यू) बिल, 2016 भी पेश किया था।

यह बिल इसलिए लाया गया था ताकि लग्जरी और कथित सिन (शराब, तंबाकू आदि) प्रॉडक्ट्स पर टैक्स बढ़ाकर राज्यों को नए टैक्स सिस्टम से होने वाले किसी नुकसान की भरपाई की जा सके। राज्यों को कॉम्पेंसेशन देने का प्रविज़न संविधान संशोधन के जरिये किया गया। इसके मुताबिक, जीएसटी से होने वाले लॉस की भरपाई केंद्र सरकार राज्यों को पांच साल तक करेगी।

बारिश नहीं हुई तो घटेगा धान का उत्पादन

कोटा। रूठे मानसून से धान उत्पादक किसान बेबस हैं। किसानों का कहना है कि आगे भी बारिश नहीं हुई तो धान का उत्पादन आधा रह जाएगा। चूंकि बारिश के अभाव में धान की पौध की ग्रोथ नहीं हो पा रही है।

सफेद मच्छर के प्रकोप से फसल को नुकसान हो रहा है। तापमान में तेजी भी फसल को प्रभावित कर रही है। इन हालात को देखकर किसानों का कहना है कि ऐसी स्थिति में 30 फीसदी धान का प्रोडक्शन कम होने की संभावना है। 10 दिन और बारिश नहीं आई तो यह आंकड़ा 50 फीसदी पर पहुंच जाएगा।

भूजल से नहीं नेचुरल पानी बढ़ेगी ग्रोथ
अर्जुनपुरा गांव के किसान जयप्रकाश गहलोत ने बताया कि धान की अच्छी पैदावार के लिए नेचुरल पानी चाहिए, लेकिन अभी तक कम हुई बारिश से किसानों को ट्यूबवेलों से पानी देना पड़ रहा है, जो कारगर साबित नहीं हो रहा है। किसानों को डीएपी यूरिया खाद का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ रहा है। सप्ताह भर में अगर बारिश नहीं हुई तो 25 फीसदी फसल सूखकर खेतों में चौपट हो जाएगी।

दो दिन पानी नहीं देने में ही खेत में रही है दरारें
चंद्रेसल कालातालाब क्षेत्र के किसान मुकुट नागर मोहम्मद हुसैन ने बताया कि बारिश नहीं होने से धान की पौध चौपट हो रही है। दो दिन पानी नहीं देने पर खेत में दरारें नजर रही है। इससे किसान की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाएगी। चूंकि फसल को लगातार ट्यूबवेल से पानी देने पर बिजली खर्च बढ़ रहा है।

कीटनाशक का ज्यादा प्रयोग करना पड़ रहा है। इस कारण प्रति बीघा धान के उत्पादन में 7 से 8 हजार रुपए होने वाला खर्च इस बार 10 हजार के पार पहुंचेगा। ऐसे में किसान को मंडी में धान के भाव 4000 रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा चाहिए।

75 हजार से ज्यादा हैक्टेयर में हो चुकी रोपाई : कृषि विस्तार विभाग के संयुक्त निदेशक पीके गुप्ता ने 2 अगस्त तक की रिपोर्ट का जिक्र करते बताया कि संभाग में 75800 हैक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी। अभी भी चल रही है, लेकिन बारिश कम होने से फसल प्रभावित होने की संभावना है। प्राकृतिक पानी जरूर चाहिए। अन्यथा कीट प्रकोप बढ़ेगा। प्रोडक्शन पर भी असर पड़ेगा।

 

पेंशन के लिये अब कर्मचारियों को नहीं लगाना होंगे बैंक के चक्‍कर

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को पेंशन लेने के मामले में बड़ी राहत दे दी है। अब से केंद्रीय कर्मचारियों को बैंकों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चूंकि अब पेंशन शुरू होते ही पेंशन पेमेंट आर्डर (पीपीओ) की प्रति कर्मचारियों को ही सौंप दी जाएगी।

इस फैसले से 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को कालांतर में और 53 लाख पेंशनरों को सीधे तौर पर लाभ होगा।कार्मिक मंत्रालय ने रविवार को बताया कि मौजूदा नियमों को देखते हुए केंद्र सरकार के सभी विभागों को हाल ही में यह आदेश जारी किया गया है।

लिहाजा, पेंशनभोगी को अब पेंशन की पहली किस्त एक्टिवेट कराने के लिये बैंक जाने की जरूरत ही नहीं होगी। इस नियम के तहत रिटायर हो रहे सरकारी कर्मचारी या पेंशनर को अपनी पेंशन जारी होने से पहले वितरणकर्ता बैंक को एक अंडरटेकिंग देनी होगी।

नये आदेश के मुताबिक बैंक की पीपीओ की प्रति सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस सेभेजे जाने के बाद पेंशनर की पीपीओ की कॉपी सेवानिवृत्ति के समय उसे अन्य रिटायरमेंट शुल्कों समेत ही सौंप दी जाएगी।

अगर किसी कर्मचारी को मुख्यालय से दूर तैनात किया गया है या अन्य किसी कारण से उसे लगता है कि वह अपनी पीपीओ की कॉपी बैंक से ही लेना चाहेगा, तो वह अपने इस विकल्प की लिखित जानकारी अपने पेंशन के कागज को सौंपते समय मुख्यालय को दे सकता है।

पहली अगस्त को जारी हुए इस आदेश में कहा गया है कि हाल के दिनों में देखा गया है कि पेंशनर की पीपीओ की प्रति उसे नहीं सौंपी गई और बैंक को भेज दी गई है। लेकिन इस भेजने की प्रक्रिया में वह गुम हो गई।

पेंशनरों को इन परेशानियों से बचाने के लिये ही यह फैसला लिया गया है। लोगों की इन परेशानियों को देखते हुए ही सरकार के सभी विभागों से फिर अपील की गई है कि वह इन नियमों का कड़ाई से पालन करें।

स्विट्जरलैंड देगा अब कालाधन रखने वाले खातों की जानकारी

नई दिल्ली/बर्न। स्विट्जरलैंड के बैंकों में कालाधन रखने वालों की चिंता बढ़ने वाली है, क्योंकि उनके अकाउंट की पूरी जानकारी भारत सरकार तक पहुंचने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। स्विट्जरलैंड सरकार ने ऑटोमैटिक सूचना आदान-प्रदान समझौते के लिए भारत के डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के कानून को पर्याप्त बताया है।

इस समझौते से स्विस बैंक में कालाधन रखने वालों की जानकारी सरकार तक लगातार पहुंच का रास्ता खुल जाएगा।’भारत के साथ वित्तीय खातों की जानकारी स्वत: आदान-प्रदान’ को लेकर आधिकारिक गजेट में प्रकाशित विस्तृत नोटिफिकेशन और फैक्ट शीट में स्विस गवर्नमेंट ने इसी तरह के समझौते के लिए अन्य वित्तीय केंद्रों के फैसले का भी हवाला दिया है।

डेटा को पर्याप्त सुरक्षा देने वाले देशों में भारत को मान्यता देने के लिए स्विट्जरलैंड ने अमेरिकी टैक्स अथॉरिटी, इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) का भी संज्ञान लिया। जर्मन में छपे फैक्ट शीट और नोटिफिकेशन में इस बात का भी जिक्र है कि स्विट्जरलैंड बीमा और दूसरे वित्तीय सेवाओं सहित भारतीय बाजार में अधिक पहुंच बनाने की संभावना तलाश रहा है।

गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड ने भारत और 40 अन्य देशों के साथ अपने यहां संबंधित देश के लोगों के वित्तीय खातों, संदिग्ध काले धन से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान की व्यवस्था को इस साल जून में मंजूरी दे दी थी। उसने कालेधन की सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के लिए गोपनीयता की शर्त रखी है।

इस फैसले को आगे बढ़ाते हुए स्विस सरकार ने इसे नोटिफाइ कर दिया है। इससे स्विस फेडरल काउंसिल को वह तारीख निर्धारित करने का अधिकार मिल गया है, जब भारत के साथ यह सूचना का आदान-प्रदान शुरू हो। अभी तक इसे 2018 तक लागू किए जाने की प्लानिंग है और जानकारी 2019 तक मिलने लग जाएगी।

इलेक्ट्रॉनिक कॉम्लेक्स जोन कोटा की हकीकत, देखिए वीडियो

कोटा। शहर का एक महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल एरिया इंद्रप्रस्थ है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक कॉम्लेक्स जोन भी है। यह जोन इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए रीको ने वर्षों पहले शुरू किया था।

यहाँ वर्तमान में उद्योग की जगह चारों ओर बहुमंजिला हॉस्टल और नजदीक ही रोड नंबर एक पर नामी कोचिंग संस्थान नजर आते हैं। क्या उद्यमियों का सपना पूरा हुआ। आखिर क्या है, इसकी हकीकत, बता रहे हैं खुद इलेक्ट्रॉनिक कॉम्लेक्स सोसायटी के अध्यक्ष राजेंद्र गंभीर। जानने के लिए देखिए हमारे चैनल LEN-DEN NEWS का यह वीडियो —-