Monday, June 24, 2024
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सरकारी बैंकों के कुल एनपीए का 27 फीसद हिस्सा SBI का

2016-17 के अंत तक जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का 92,376 करोड़ रुपये का बकाया था

नई दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक और देश के सबसे बड़े कर्जदाता बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को अकेले सरकारी बैंकों के कुल एनपीए का 27 फीसद हिस्सा विलफुल डिफॉल्टर्स से वसूलना है।

आंकड़ों के मुताबिक एसबीआई को विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले) घोषित 1,762 कर्जदारों से 25,104 करोड़ रुपये वसूलने हैं। इन लोगों ने एसबीआई की बैलेंस सीट पर दबाव डाला है। ये आंकड़े इस साल 31 मार्च तक के हैं।

अगला नंबर पीएनबी का: कर्जदारों से बकाया वसूलने की जद्दोजहद में लगे सरकारी बैंकों में एसबीआई के बाद दूसरा नंबर पीएनबी का आता है। पीएनबी के 1,120 घोषित डिफॉल्टर्स के पास बैंक का 12,278 करोड़ रुपये फंसा है। इस तरह ऐसे बकाएदारों के पास सरकारी बैंकों के फंसे कर्ज का 40 फीसद यानी 37,382 करोड़ रुपये इन्हीं दोनों बैंकों के हिस्से का है।

क्या कहता है वित्त मंत्रालय का आंकड़ा: वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 के अंत तक जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का 92,376 करोड़ रुपये का बकाया था। जबकि बीते वित्त वर्ष 2015-16 के अंत तक यह आंकड़ा 76,685 करोड़ रुपये का था।

क्या होता है एनपीए?
एनपीए यानी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों का मतलब फंसे कर्ज से है जिससे बैंक को अब कोई आय नहीं हो रही है। दरअसल जब बैंक के किसी लोन खाते में 90 दिन तक ब्याज या मूलधन की किश्त का भुगतान नहीं होता है तो उसे एनपीए करार दे दिया जाता है।

हालांकि फसली ऋण के मामले में यह सीमा दो फसलों की अवधि के बराबर है। अगर फसल दीर्घावधि की है तो यह सीमा एक फसल अवधि के बराबर है।

कर विवादों में अग्रिम भुगतान 20 प्रतिशत बढ़ाया

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विवादित कर राशि के 20 प्रतिशत भुगतान पर ही पहली अपील के निपटान तक स्थगन प्रदान किया जा सकता है।

नयी दिल्ली। कर विशेषग्यों का कहना है कि कर विवाद के मामले में अपील के निपटान से पहले अग्रिम भुगतान की राशि को बढाकर कर मांग राशि का 20 प्रतिशत करने का फैसला कठोर है। हालांकि इससे गैर गंभीर मामलों में कमी आएगी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में इस बारे में परिपत्र जारी किया है। इसके तहत आयकर अपीलीय आयुक्त या सीआईटी ए के समक्ष चुनौती देने वाली अपील पर विवादित कर राशि के 20 प्रतिशत भुगतान पर ही पहली अपील के निपटान तक स्थगन प्रदान किया जा सकता है। इससे इसके लिए इस तरह की अपील के लिए 15 प्रतिशत राशि जमा करवानी होती थी।

शार्दुल मंगलादास एंड कंपनी में पार्टनर अमित सिंघानिया ने कहा है कर मांग को लेकर विचाराधीन अपील पर स्थगन हासिल करने के लिए अग्रिम भुगतान राशि को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाना राजस्व विभाग का थोड़ा आश्चर्यजनक फैसला है।

सीबीडीटी का कहना है कि समीक्षा में उसने पाया कि अग्रिम राशि की 15 प्रतिशत की उक्त सीमा निम्न स्तर पर है इसलिए इसके बढ़ाकर विवादास्पद राशि का 20 प्रतिशत कने का फैसला किया गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर में 400 बिलियन डॉलर संभव

विदेशी मुद्रा भंडार की रफ्तार बीते चार हफ्तों की ही तरह रही तो फॉरेक्स रिजर्व सितंबर तक 400 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छू सकता है।

नई दिल्ली । भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर महीने तक 400 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छू सकता है। यह अनुमान वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी मार्गन स्टैनले ने लगाया है। मार्गन स्टैनले ने बताया कि साल 2015 के दौरान इंडिया का विदेशी मुद्रा भंडार ऑल टाइम हाई पर था और यह काफी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा था।

4 अगस्त तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 393 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था। मार्गन स्टैनले ने अपने रिसर्च नोट में कहा, “अगर विदेशी मुद्रा भंडार की रफ्तार बीते चार हफ्तों की ही तरह रही तो फॉरेक्स रिजर्व सितंबर 8 तक 400 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छू सकता है।”

मार्गन स्टैनले ने अपने रिसर्च नोट में कहा, “पिछले 12 महीनों में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लाभ एशिया और पूर्व जापान के क्षेत्र में सबसे मजबूत रहा है।” मार्गन स्टैनले ने भारत के फॉरेक्स रिजर्व में हो रहे इस तेज इजाफे के पीछे की प्रमुख वजह मजबूत पूंजी प्रवाह और कर्ज की मांग का कमजोर होना बताया है।

विदेशी मुद्रा भंडार 393.612 बिलियन डॉलर हुआ
देश के विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में 163.8 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। इस इजाफे से साथ फॉरेक्स रिजर्व ने 11 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में 393.612 बिलियन डॉलर का नया उच्चतम स्तर छू लिया है।

आरबीआई की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक ऐसा विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में वृद्धि के कारण हुआ है। बीते सप्ताह फॉरेक्स रिजर्व 581.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 393.448 बिलियन के स्तर पर पहुंच गया था।

फॉरेक्स रिजर्व में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) की बड़ी भूमिका होती है और डेटा के मुकाबिक 175.6 मिलियन डॉलर के इजाफे के साथ 369.899 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गई हैं।

अगर अमेरिकी डॉलर के टर्म में बात करें तो एफसीए में गैर-अमेरिकी मुद्राओं जैसे कि यूरो, पौंड और येन की मूल्यवृद्धि और मूल्यह्रास के प्रभाव को शामिल किया जाता है। हालांकि गोल्ड रिजर्व 19.943 बिलियन डॉलर के स्तर पर बरकरार रहा है।

पहली तिमाही में कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर

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मुंबई। चालू वित्त की जून तिमाही में निफ्टी 50 कंपनियों की शुद्ध आय में 8.4 प्रतिशत की गिरावट आयी। यह अर्थव्यवस्था में नरम रुख को प्रतिबिंबित करता है। इससे एक और नरमी वाले वर्ष की आशंका है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

कोटक इंस्टिट्यूशनल सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि जून तिमाही में निफ्टी 50 कंपनियों का लाभ 8.4 प्रतिशत घटा जबकि अनुमान 1.8 प्रतिशत था।

यह कई क्षेत्रों में कमजोर स्थिति को प्रतिबिंबित करता है और साथ ही अर्थव्यवस्था में नरम रुख की ओर इशारा करता है।

ब्रोकरेज कंपनी ने कहा, हम वित्त वर्ष 2017-18 में निफ्टी 50 कंपनियों के शुद्ध लाभ में महज 1.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद करते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक पहली तिमाही में हल्के नतीजे बैंक, आईटी तथा औषधि क्षेत्र और वाहन तथा उपभोक्ता सामानों की बिक्री में कमजोर रुख को प्रतिबिंबित करता है।

इसमें कहा गया है कि पहली तिमाही में बीएसई-30 तथा निफ्टी-50 कंपनियों के शुद्ध लाभ में क््रुमश: 1.5 प्रतिशत तथा 8.4 प्रतिशत की कमी आयी है ।

इसके आधार पर हमारा अनुमान है कि 2017-18 में लाभ स्थिर रहेगा। निफ्टी-50 कंपनियों के लाभ में केवल 1.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।

रिपोर्ट में इसमें और गिरावट की संभावना से इनकार नहीं किया गया है। इसका कारण नोटबंदी प्रभाव तथा जीएसटी क्रियान्वयन को लेकर होने वाली समस्याएं हैं।

इन्फोसिस के खिलाफ अमेरिका में जांच

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अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो कंपनी से भारी हर्जाना वसूला जा सकता है।

मुंबई। इन्फोसिस को अपने कारोबार के बारे में निवेशकों को भ्रामक जानकारियां देने एवं अन्य आरोपों में अमेरिकी जांच का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी के अमेरिकी निवेशकों की तरफ से चार लॉ फर्मों ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। 

निवेशकों का आरोप है कि कंपनी एवं उसके कुछ अधिकारियों और निदेशकों ने अमेरिका के शेयर बाजार के नियमों का उल्लंघन किया है। अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो कंपनी से भारी हर्जाना वसूला जा सकता है।

मालूम हो कि भारत में बीएसई और एनएसई के अलावा कंपनी के शेयर न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज में भी सूचीबद्ध हैं। सिक्का के इस्तीफे के बाद इसमें भी गिरावट दर्ज की गई है।

अमेरिका की ब्रोंस्टीन, गेविर्ज एंड ग्रॉसमैन; रोजेन लॉ फर्म; पॉमरेंज लॉ फर्म और गोल्डबर्ग लॉ पीसी ने कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की है। रोजेन ने कहा है कि वह कंपनी द्वारा निवेशकों को भ्रामक जानकारी देने की शिकायत की जांच कर रही है।

इसकी वजह से निवेशकों को हुए नुकसान की भरपाई की वसूली के लिए मुकदमा दायर करने की तैयारी है। 
ब्रोंस्टीन ने कहा है कि वह कंपनी के अधिकारियों एवं निदेशकों द्वारा शेयर बाजार के नियमों के उल्लंघन की जांच कर रही है।

बाकी दो फर्मों की जांच भी नियमों के उल्लंघन पर केंद्रित है। गौरतलब है कि कंपनी के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति द्वारा लगाए गए आरोपों से आहत होकर इसके सीईओ विशाल सिक्का ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है।

इसकी वजह से कंपनी के अमेरिकन डिपॉजिटरी शेयर गिरकर 1.43 डॉलर पर पहुंच गए। यह पिछली क्लोजिंग के मुकाबले 9 फीसदी कम है।

युवा उद्यमी कैसे करें स्टार्ट अप, देखिए वीडियो

  • जिन्होंने न केवल अपना उद्योग लगाया है, बल्कि 400 और दूसरे लोगों के उद्योग लगवा चुके हैं, अगर आप भी कोई स्टार्ट अप करना चाहते हैं तो उनके वाहट्सएप्प पर या मोबाइल पर सम्पर्क कर सकते हैं।

 

-दिनेश माहेश्वरी
कोटा। युवा उद्यमियों को जब नया उद्योग शुरू करना होता है, तो वह जानकारी के अभाव में काम शुरू करने से पहले ही हार मन लेते हैं। क्योंकि हमारे देश में सरकारी अफसरों का रवैया असहयोगात्मक रहता है। परन्तु अगर आपके पास अच्छा प्लान और कम्प्लीट प्रोजेक्ट रिपोर्ट है तो आपको उद्योग शुरू करने में आसानी होगी।

इसके लिए हम इस बार ऐसे शख्स सीए एवं उद्यमी डीसी जैन से मिलवाते हैं। जिन्होंने न केवल अपना उद्योग लगाया है। बल्कि 400 और दूसरे लोगों के उद्योग लगवा चुके हैं। अगर आप भी कोई स्टार्ट अप करना चाहते हैं तो उनके वाहट्सएप्प पर या मोबाइल पर सम्पर्क कर सकते हैं।

 पूरी जानकारी के लिए आपको यह वीडियो देखना जरूरी है, जो खास आप जैसे युवा उद्यमियों की जरूरत को ध्यान में रखकर तैयार किया है। इस वीडियो में बताया गया है कि कैसे प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी है,और कहाँ से फाइनेंस की सुविधा मिलेगी। 

रिसर्च : सोचने से ही ऑन हो जाएंगे कूलर-पंखे

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रिसर्च और पेटेंट में युवाओं की मदद के लिए कोटा सहित 25 शहरों में इनोवेशन हब खोलेंगे

कोटा। यशराज और युवराज ने सबसे खास दिमाग से नियंत्रित होने वाला ड्रोन बनाया है। इसके अलावा ब्रेन कंट्रोल इंटरफेस भी बनाया है। आप जो सोचेंगे वो संदेश मशीन में चला जाएगा और लाइट, पंखा-कूलर ऑन करने जैसे काम आसानी से कर देगी। इससे दिव्यांग अथवा गंभीर मरीज को काफी मदद मिलेगी। इसकी कीमत करीब 10-15 हजार रुपए तक रहेगी।

कोटा आए यशराज और युवराज दोनों भाइयों ने बताया कि अब तक उनके 22 रिसर्च तैयार हो चुकी हैं और 7 का उन्होंने पेटेंट भी करवा लिया है। शुरुआती दौर में पेटेंट के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा। बच्चा जानकर कोई भी एकदम से तैयार नहीं होता था। क्रिकेट में रुचि थी, लेकिन जब साइंस की किताबें पढ़ने लगे तो उनसे उत्पन्न जिज्ञासाओं को शांत करने में ऐसे डूबे कि लाइन ही बदल गई।

उसके बाद उन्होंने अपनी खुद की कंपनी जेनिथ वाइपर बनाई और रिसर्च के पेटेंट करवाने लगे। कोटा आने के पीछे मकसद बताया कि यहां बड़ी संख्या में युवा और स्टूडेंट्स हैं, जो इंजीनियर डॉक्टर बनने के सपने लेकर आते हैं। उनमें से मात्र 20 हजार ही सेलेक्ट हो पाते हैं। बाकी के स्टूडेंट्स में भी टैलेंट होता है, लेकिन वो बाहर नहीं पाता है।

25 शहरों में इनोवेशन हब
ऐसे स्टूडेंट्स के लिए वे कोटा, दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई सहित देश के 25 शहरों में इनोवेशन हब खोल रहे हैं। जहां स्टूडेंट्स के लिए थ्री-डी प्रिंटर, लेजर इफेक्ट्स उपकरण सहित साइंस के इनोवेशन में काम आने वाले उपकरण सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।

वैज्ञानिक सवालों के जवाब नहीं देते थे
जब वे 7वीं कक्षा में थे तभी से डिस्कवरी चैनल और साइंस की पुस्तकें पढ़-पढ़कर कुछ नया करते रहते थे। इस दौरान उनके सामने कई रहस्यमयी सवाल आते थे। उनका जवाब जानने के लिए देश-विदेश के बड़े वैज्ञानिकों को ई-मेल भेजते थे। कई-कई महीनों तक वैज्ञानिक उनके सवालों के जवाब नहीं देते थे।

लड़की के नाम से फेक आईडी बनाई
ऐसे में उन्होंने लड़की के नाम से फेक आईडी बनाई और जवाब मांगने लगे। इसका असर हुआ फटाफट जवाब मिलने लगे। देश के युवा रिसर्चर दिल्ली निवासी जुड़वा भाई युवराज, यशराज भारद्वाज के जीवन का ये रोचक पहलू है। हाल ही में उन्हें कर्मवीर चक्र से सम्मानित किया है और वर्ष 2018 में पद्मश्री अवार्ड के लिए उनका नॉमिनेशन हुआ है।

फैलोशिप में 1 लाख डॉलर मिले तो बनाई कंपनी
यशराजऔर युवराज की रिसर्च को देखते हुए साउथ अफ्रीका की एक संस्था ने उनको 1 लाख डॉलर की फैलोशिप दी। इस राशि से दोनों ने जेनिथ वाइपर नाम की कंपनी बनाई। अब वे इसके सीईओ और फाउंडर हैं। ये कंपनी रिसर्च और पेटेंट में युवाओं की मदद करती है।

पहुंचने से पहले ही पार्किंग बुक
पार्किंग की समस्या से निजात पाने के लिए उन्होंने पार्क माय व्हीकल नाम से मोबाइल एप भी बनाया है, जिससे आप किसी जगह पहुंचने के पहले ही पार्किंग की जगह बुक करा सकते हैं।

GST रिटर्न और भुगतान अब 25 अगस्त तक , 5 दिन और मिले

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आखिरी तारीख को अब  20 अगस्त से बढ़ाकर 25 अगस्त 2017 कर दिया गया है।

नई दिल्ली। साल के पहले जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की आखिरी तारीख से ठीक एक दिन पहले इसमें पांच और दिन का विस्तार दे दिया गया है। जानकारी के मुताबिक फाइलिंग के दौरान सामने आ रही तकनीकी दिक्कतों (टेक्निकल ग्लिच) को ध्यान में रखते हुए आखिरी तारीख को अब 20 अगस्त से बढ़ाकर 25 अगस्त 2017 कर दिया गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक बयान के मुताबिक जीएसटी कार्यान्वयन समिति जिसमें राज्यों और केंद्र सरकार दोनों के प्रतिनिधि शामिल हैं ने जुलाई 2017 में जीएसटी पेमेंट के भुगतान के लिए आखिरी तारीख को बढ़ाकर 25 अगस्त 2017 करने का फैसला किया है।

 पहले जीएसटी फाइल करने और इसका भुगतान करने की आखिरी तारीख 20 अगस्त 2017 तय की गई थी। जुलाई महीने का रिटर्न फाइल करने के लिए आसान सा फॉर्म 3बी भरना था।

क्या है फॉर्म 3बी: फॉर्म 3बी एक विशेष समरी रिटर्न फॉर्म है जिसे जुलाई और अगस्त महीने के लिए जारी किया गया है। आपको बता दें की पोर्टल पर तकनीकी खामी को देखते हुए टैक्स प्रैक्टिशनर और सरकार के प्रतिनिधि आखिरी तारीख में विस्तार की मांग कर रहे थे।

इससे पहले 18 अगस्त को उन लोगों के लिए जो इस महीने ओपनिंग बैलेंस ऑफ प्री जीएसटी क्रेडिट का इस्तेमाल करना चाहते थे आखिरी तारीख को 20 अगस्त से बढ़ाकर 28 अगस्त कर दिया गया था। हालांकि, यह विस्तार उन लोगों के लिए नहीं है, जो प्रारंभिक क्रेडिट का दावा नहीं करना चाहते हैं।

यूट्यूब पर अब जल्द ही देख सकेंगे ब्रेकिंग न्यूज

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  • यह नया टैब हमेशा यूट्यूब का हिस्सा रहेगा या नहीं, या वह गूगल के ऐलगॉरिथम से कॉन्टेंट चुनेगा या उसे मैनुअली क्यूरेट किया जाएगा।
  • ट्यूब ऐप को बड़ी कम्पनियां ऐड के महत्वपूर्ण प्लैटफॉर्म के तौर पर भी देखती हैं।

न्यूयॉर्क। चलते-फिरते न्यूज देने और अपडेट रहने के कल्चर को बढ़ावा देते हुए अब यूट्यूब भी इस मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। यूट्यूब के होमपेज और मोबाइल ऐप पर एक अलग सेक्शन होगा, जिसमें दुनियाभर से आने वाले ब्रेकिंग न्यूज के विडियो दिखाई देंगे।

फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि यह नया टैब हमेशा यूट्यूब का हिस्सा रहेगा या नहीं, या वह गूगल के ऐलगॉरिथम से कॉन्टेंट चुनेगा या उसे मैनुअली क्यूरेट किया जाएगा। यूट्यूब की युवाओं के बीच बढ़ती पॉप्युलैरिटी को देखते हुए यह फीचर नई जेनरेशन के बहुत काम आएगा।

ऐंड्रॉयड पुलिस के हवाले से द वर्ज ने लिखा है कि यह नया टैब वेब होमपेज पर रेकमेंडेड चैनल के बगल में होगा और मोबाइल ऐप पर सजेस्टेड विडियोज के बीच स्क्रॉल कर देखा जा सकेगा। न सिर्फ मनोरंजन के लिए, बल्कि यूट्यूब ऐप को बड़ी कम्पनियां ऐड के महत्वपूर्ण प्लैटफॉर्म के तौर पर भी देखती हैं।

इंफोसिस की 13 हजार करोड़ के शेयरों की पुनर्खरीद योजना मंजूर

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कंपनी ने पुनर्खरीद के लिये प्रति शेयर 1,150 रुपये का भाव तय किया है, जो 25 फीसदी अधिक है। 

नयी दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी आईटी कंपनी इंफोसिस के निदेशक मंडल ने 13 हजार करोड़ रुपये तक के शेयरों की पुनर्खरीद योजना को आज मंजूरी दे दी।

कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी जानकारी में कहा है कि पुनर्खरीद के लिये प्रति शेयर 1,150 रुपये का भाव तय किया गया है। यह भाव कंपनी के शुक्रवार के बाजार बंद होने के 923.10 रुपये के भाव से करीब 25 फीसदी अधिक है। कंपनी 11.3 करोड़ शेयरों की पुनर्खरीद करेगी।

इन्फोसिस की अपने शेयरों की यह पहली पुनर्खरीद घोषणा है। इससे पहले इस साल अप्रैल में देश की सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज 16,000 करोड़ रुपये की शेयर पुनर्खरीद योजना की घोषणा कर चुकी है।

विप्रो भी इस साल के आखिर में शेयर पुनर्खरीद योजना को अमली जामा पहनायेगी। इन्फोसिस ने पुनर्खरीद प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए सात सदस्यीय समिति गठित की है। इस समिति में सह-अध्यक्ष रवि वेंकटेशन, कार्यकारी उपाध्यक्ष विशाल सिक्का और अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ एवं प्रबंध निदेशक यूबी प्रवीण राव भी शामिल हैं।

इसके अन्य सदस्यों में मुख्य वित्तीय अधिकारी सीएफओ एमडी रंगनाथ, डिप्टी सीएफओ जयेश संगराजका, महा अधिवक्ता इंदरप्रीत साहनी और कंपनी सचिव एजीएस मनिकांत शामिल हैं। इंफोसिस ने कहा कि निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृत पुनर्खरीद में 11.3 करोड़ शेयरों को खरीदा जाएगा जो कंपनी के कुल शेयरों का 4.92 प्रतिशत है।

उसने कहा कि पुनर्खरीद की प्रक्रिया की समयसीमा तथा अन्य जानकारियों की घोषणा आगे की जाएगी। इस प्रक्रिया को एक विशेष प्रस्ताव के जरिये शेयरधारकों की स्वीकृति मिलनी शेष है। निदेशक मंडल ने इस पुनर्खरीद को ऐसे समय में मंजूरी दी है जब एक दिन पहले ही विशाल सिक्का ने कंपनी के सीईओ पद से इस्तीफा दिया है।

उन्होंने कंपनी के कुछ संस्थापकों द्वारा कंपनी संचालन को लेकर आरोप लगाये जाने और भ्रमित करने वाला अभियान चलाये जाने के मद्देनजर इस्तीफा दिया। निदेशक मंडल ने सिक्का के इस्तीफे के लिए सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्त की मुहिम को जिम्मेदार बताया।

टीसीएस से पहले सबसे बड़ी पुनर्खरीद की घोषणा रिलायंस इंडस्ट्रीज ने की थी। उसने एक फरवरी 2012 से 19 जनवरी 2013 के बीच 10,440 करोड़ रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद की बात कही थी। हालांकि, वह इसका 38 प्रतिशत यानी महज 3,900 करोड़ रुपये के शेयरों की ही पुनर्खरीद कर पायी।

इस अवधि में उसके शेयर आठ प्रतिशत मजबूत हुए थे। इंफोसिस ने अप्रैल में घोषणा की थी कि वह इस विा वर्ष में लाभांश या पुनर्खरीद के जरिये शेयरधारकों को 13 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।