Monday, June 24, 2024
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मेडकॉर्ड्स सुविधा पूरे राजस्थान में लागू की जाएगी- वसुंधरा राजे

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  • मुख्यमंत्री ने कोटा के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के रिकॉर्ड्स को डिजिटल करने की पहल को सराहा।

  • इससे पूरे राज्य में मरीजों की हेल्थ प्रोफाइल डिजिटल होगी।

  • यंग जनरेशन में हुनर, काबिलियत और उर्जा है

कोटा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मेडकॉर्ड्स को हेल्थकेअर में नई तकनीक बताते हुए कहा कि इसे पूरे राज्य में सरकारी अस्पतालों में लागू किया जाए, ताकि प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में लाखों मरीजों को रिकॉर्ड सुरक्षित रह सके और उन्हें मोबाइल के जरिए अच्छे चिकित्सकों से सस्ता व सही इलाज समय पर मिल सके।

सीएम शुक्रवार को डिजिफेस्ट-2017 के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि राज्य में शासन व जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए स्टार्टअप व औंत्रप्रिन्योर साथ काम कर सकते हैं।

उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा एवं जिला कलक्टर रोहित गुप्ता से कहा कि कोटा के दो युवाओं द्वारा नवाचार पर तैयार किए गए इस प्रोजेक्ट को पूरे राज्य में लागू किया जाए।

उन्होंने कोटा की सरकारी डिस्पेंसरियों में मेडकॉर्ड्स हेल्थकेअर से रिकॉर्ड डिजिटल व सुरक्षित करने के लिए जिला कलक्टर व जनप्रतिनिधियों की सराहना की।

सांसद ओम बिरला ने कहा कि इस सुविधा से कोटा के हजारों मरीजों को बहुत राहत मिली। इसे जल्द ही मेडिकल कॉलेज, एमबीएस व जेके लोन अस्पताल में भी प्रारंभ किया जाएगा।

सीईओ श्रेयांस मेहता व निखिल बाहेती ने बताया कि झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में मेडकॉर्ड्स से डिजिटलीकरण करने के पश्चात् सांसद दुष्यंत सिंह ने 24 अगस्त को उन्हें झालावाड़ बुलाया ताकि पूरे जिले में यह सुविधा गांव-गांव तक पहुंच सके।

इंडिया की लाइब्रेरी कोटा में
सीएम वसुंधरा राजे ने देश के 840 से अधिक युवाओं के लाइव प्रोजेक्ट्स व स्टार्टअप देखकर कहा कि यंग जनरेशन में वह हुनर, काबिलियत और उर्जा है जिसके दम पर वे देश-प्रदेश को दुनिया में बुलंदियों तक पहुंचा सकते हैं।

उन्होंने विद्यार्थियों को सस्ती किताबें उपलब्ध करवाने के लिए स्टार्टअप ‘कोटा इंडिया रीड्स डॉट कॉम’ का अवलोकन कर कहा कि इससे इससे ग्रामीण क्षेत्रों तक विद्यार्थियों को अच्छी पुस्तकों से क्वालिटी एजुकेशन मिल सकेगी।

महंगी किताबें खरीदना ग्रामीण व निम्न वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संभव नहीं है, ऐसे में यह सुविधा पूरे राज्य में लागू की जाएगी। आज की शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा में यह जरूरी है हर वर्ग के विद्यार्थियों को सस्ती दरों पर क्वालिटी बुक्स पढ़ने को मिले।

सीईओ श्रेयांस मेहता ने बताया कि इसे अगले माह से देश में सबसे पहले कोटा में चालू किया जाएगा। मात्र 20 रू.शुल्क देकर विद्यार्थी लाइफ टाइम मेंबर बनेंगे।

उसे स्मार्टकार्ड भी दिया जाएगा, जिससे वह मनचाही बुक्स मात्र 10 प्रतिशत शुल्क पर पढ़ सकेगा। यह सुविधा नर्सरी से यूनिवर्सिटी लेवल तक के विद्यार्थियों के लिए उपलब्घ रहेगी। ‘इंडिया रीड्स डॉट कॉम’ में इस समय देश-विदेश से सभी श्रेणी की 2.35 लाख किताबें उपलब्ध हैं।

मारूति सुजुकी ने लॉन्च की सियाज एस

नई दिल्ली। मारूति सुज़ुकी ने सियाज़ का नया वेरिएंट सियाज़ एस लॉन्च किया है, यह पेट्रोल और डीज़ल दोनों इंजनों में उपलब्ध है।

पेट्रोल वर्जन की कीमत 9.39 लाख रूपए और डीज़ल वर्जन की कीमत 11.55 लाख रूपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली) है। इसका मुकाबला होंडा सिटी, स्कोडा रैपिड, फॉक्सवेगन वेंटो और नई हुंडई वरना से होगा।

सियाज़ एस को अल्फा वेरिएंट पर तैयार किया है, इस में अल्फा वेरिएंट वाले फीचर के अलावा कुछ नए फीचर भी जोड़े गए हैं। बाहर की तरफ ध्यान दें तो कार के चारों ओर बॉडी किट दी गई है।

पीछे की तरफ ट्रंक माउंटेड स्पॉइलर के साथ स्टॉप लैंप दिया गया है। केबिन को ऑल-ब्लैक कलर में रखा गया है, पेनल पर ग्रे क्रोम और सीटों पर ब्लैक लैदर दी गई है।

पावर स्पेसिफिकेशन की बात करें तो सियाज़ एस में रेग्यूलर मॉडल वाले इंजन दिए गए हैं। पेट्रोल वर्जन में 1.4 लीटर का इंजन लगा है, जो 92 पीएस की पावर और 130 एनएम का टॉर्क देता है।

डीज़ल में 1.3 लीटर का इंजन लगा है, जो 90 पीएस की पावर और 200 एनएम का टॉर्क देता है। दोनों इंजन 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स से जुड़े हैं।
 

केंद्र अपना टैक्स नहीं घटाएगा, राज्य वैट कम करें

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जेटली ने राज्यों को पत्र लिखकर पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर सेल्स टैक्स या वैट कम करने को कहा है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार अपनी एक्ससाइज ड्यूटी भले ही काम नहीं करे, किंतु राज्यों को वैट करने की सलाह तो दे ही सकती है।

हाल ही में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स जैसे नैचुरल गैस, कच्चा तेल आदि पर सेल्स टैक्स या वैट कम करने को कहा है। इसके चलते पेट्रोल और डीजल सस्ते हो सकते हैं।

इन चीजों को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखा गया है। लेकिन इनका इस्तेमाल वस्तुओं के लिए इनपुट के तौर पर भी किया जा रहा है जो नए जीएसटी के अंतर्गत आता है। कच्चा तेल, पेट्रोल, डीजल, नैचुरल गैस और एविएसन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।

जेटली की ओर से लिखे पत्र में विनिर्माण क्षेत्र की तरफ से उठाई गई चिंताओं का वर्णन किया गया है। विनिर्माण क्षेत्र का कहना है कि देशभर में जीएसटी लागू होने से पेट्रोलियम उत्पादों की इनपुट कॉस्ट में तेजी देखने को मिली है।

कच्चे तेल का इस्तेमाल पेट्रोल और डीजल बनाने के साथ-साथ केरोसिन, एलपीजी और इंडस्ट्रियल ईंधन जैसे नैफ्था, फ्यूल ऑयल और बिटूमेन बनाने में होता है। अन्य उद्योग इन इनपुट पर इनपुट टैक्सा क्रेडिट का दावा कर सकते हैं लेकिन इनसे संबंधित उद्योग ऐसा नहीं कर सकते है।

ऐसा इसलिए क्योंकि क्रूड ऑयल, पेट्रोल, डीजल, एटीएफ और नैचुरल गैस को जीएसटी से बाहर रखा गया है। यही कारण है कि इन पांच उत्पादों का इनपुट के तौर पर उपयोग करने वाली कंपनियों की लागत काफी बढ़ गई है।

दवाओं की कीमत घटाने के लिए मार्जिन सीमा तय करेगी सरकार

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 ‘सभी हितधारकों से विस्तृत सलाह के बाद ट्रेड मार्जिन तय किया जाएगा, जो कीमतों में कमी लाएगा।

नई दिल्ली। बीमारी से जूझ रहे लोगों को सरकार ‘राहत’ का नया डोज देने की तैयारी में है। नैशनल फ़ार्मासूटिकल पॉलिसी ड्राफ्ट के मुताबिक दवाओं को सस्ता करने के लिए सरकार ट्रेड मार्जिन की सीमा तय कर सकती है तो जेनरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए बैंड्स के बदले सॉल्ट नाम लिखने की व्यवस्था होगी।

अनैतिक व्यावसायिक गतिविधियों को रोका जाएगा और आयात में कमी के लिए स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चिरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। फ़ार्मासूटिकल डिपार्टमेंट की ओर से तैयार ट्राफ्ट में कीमतों पर रेग्युलेटरी मेकनिज़म को मजबूत करने के लिए नैशनल फ़ार्मासूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) के पुनर्गठन की सलाह दी गई है।

इसमें स्टॉकिस्ट, डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स के द्वारा ऑफर किए जाने वाले अधिक मार्जिन से इंडस्ट्री और कंज्यूमर्स पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी बताया गया है। ड्राफ्ट पॉलिसी के मुताबिक, ‘सभी हितधारकों से विस्तृत सलाह के बाद ट्रेड मार्जिन तय किया जाएगा, जो सभी के लिए बराबरी और कीमतों में कमी लाएगा।

मैन्युफैक्चरर्स से सीधे सप्लाई प्राप्त करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स या रिटेलर्स भी ट्रेड मार्जिन रिफॉर्म में कवर किए जाएंगे।’ जेनरिक दवाओं को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत, ड्राफ्ट में प्रस्ताव है कि सार्वजनिक खरीद और दवाओं का वितरण सॉल्ट नाम से हो।

इसमें गया है, ‘जेनरिक दवाओं को ब्रैंड नाम देने से यह वास्तविक परिवर्तन को नुकसान पहुंचाता है और इसे खत्म करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार दवाओं को सॉल्ट नाम से बिक्री की नीति अपनाएगी।’पहचान के लिए मैन्युफ़ैक्चरर्स को पैकेज पर अपना नाम छापने की अनुमति होगी।

पेटेंट दवाओं और फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाओं के लिए ब्रैंड नाम का इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि ‘एक कंपनी-एक दवा, एक ब्रैंड-एक दाम’ की नीति लागू होगी। इसके अलावा रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिसनर्स के लिए ई-प्रिस्क्रिप्शन का प्रस्ताव दिया गया है।

उम्मीद की जा रही है कि नई नीति फ़ार्मासूटिकल इंडस्ट्री की मौजूदा चुनौतियों को अड्रेस करने के साथ जरूरी दवाओं की कीमत घटाएगी। यह सरकार को दवाओं की कीमत पर नियंत्रण के लिए अधिक अधिकार प्रदान करेगी।

ड्राफ्ट पॉलिसी में क्वालिटी स्टैंडर्ड को बढ़ाने, अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों को रोकने, जल्द मंजूरी, देश में मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च-डिवेलपमेंट को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया है। डिपार्टमेंट ने ड्राफ्ट को लेकर इंडस्ट्री से राय मांगी है। इसके बाद ड्राफ्ट को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।

1 करोड़ रु. से महंगे संपत्ति सौदों पर आयकर विभाग की नजर

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बेनामी सौदे वास्तविक लाभार्थी को छुपाने और कर चोरी के मकसद से किए जाते हैं।

नई दिल्ली। अगर आपने हाल में ही नया घर खरीदा है लेकिन कर का भुगतान नहीं किया है तो संभल जाएं। आयकर विभाग ने 10,000 से अधिक ऐसे लोगों का पता लगाया है, जिन्होंने जायदाद तो खरीदी है लेकिन कर नहीं चुकाया है।

पिछले साल नवंबर में नोटबंदी के बाद विभाग रियल एस्टेट सौदों के साथ ही बेनामी सौदों से जुड़े पहलुओं की भी जांच कर रहा है।

‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ के दूसरे चरण में कर विभाग 1 करोड़ रुपये और इससे अधिक मूल्य के संपत्ति सौदों की पड़ताल कर रहा है।

विभाग ने करदाताओं का लेखा-जोखा निकालने और लेनदेन की छानबीन के लिए चार डेटा माइनिंग कंपनियों को काम पर लगाया है। 
 
इस बारे में एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने कहा, ‘डेटा माइनिंग के जरिये हमने कई ऐसे मामलों का पता लगाया है, जिनमें लोगों ने बड़े पैमाने पर जायदाद खरीदी हैं, लेकिन कर का भुगतान नहीं किया है।

ऐसे मामले देश भर में हैं। हमने विभिन्न शहरों में अपनी टीम भेजी है। अब तक 10,000 से अधिक लोगों की पहचान हो चुकी है।’ विभाग इन जायदाद के बेनामी होने के संदेह की भी जांच कर रहा है।

बेनामी सौदे वास्तविक लाभार्थी को छुपाने और कर चोरी के मकसद से किए जाते हैं। सरकार ने लोगों के आय कर विवरण के आधार पर इन मामलों का पता लगाया है।

कंपनियों और फर्मों के जायदाद लेनदेन को भी इसमें शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा कहीं अधिक हो जाएगा। अधिकारी ने कहा, ‘हम इन मामलों में प्राप्त सूचनाओं के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं।

इन लोगों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। कई फर्मों और कंपनियों के नाम भी सामने आएं हैं। इससे ऐसे मामलों की गिनती 10,000 से भी अधिक पहुंच रही है।’
 
1 करोड़ रुपये से कम मूल्य के जायदाद सौदों की भी जांच होगी। वास्तव में अगले महीने तक कर विभाग एलऐंडटी इन्फोटेक के साथ मिलकर ‘प्रोजेक्ट इनसाइट’ की शुरुआत करेगा।

इससे कर चोरी करना और मुश्किल हो जाएगा। प्रोजेक्ट इनसाइट के तहत ये सभी सूचनाएं आय कर विभाग के साथ साझा की जाएंगी और लोगों के स्थायी खाता संख्या (पैन) का इस्तेमाल कर विधिवत रूप में उनका लेखा-जोखा तैयार होगा। 

कोटा प्रदेश का पहला शहर जहां घरों में पाइप से होगी गैस सप्लाई

220 करोड़ की क्लीन एनर्जी नेटवर्क का शुभारंभ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया।

कोटा। गेल की जगह अब कोटा में राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड घरों में पीएनजी गैस की सप्लाई करेगी। अप्रैल तक तीन हजार लोगों को कनेक्शन देने की योजना है। 220 करोड़ की क्लीन एनर्जी नेटवर्क का शुभारंभ शुक्रवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया। यह प्रोजेक्टर गेल से एक अगस्त को ही आरएसजीएल को मिला है।

गेल पिछले 7 साल से इस योजना पर काम कर रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। अब इसे नए सिरे से शुरू किया जा रहा है। कंपनी के एमडी रवि अग्रवाल के अनुसार राजस्थान में कोटा पहला शहर होगा, जहां घरों में पीएनजी गैस की सप्लाई होगी। इसके साथ ही कोटा को जयपुर, दिल्ली मुंबई से जोड़ा जा रहा है।

इसके लिए रास्ते में सीएनजी पंप स्थापित किए जा रहे हैं। अभी जयपुर के पास नीमराना कूकस में इसके डिपो तैयार कर दिए गए हैं। कोटा से देवास होते हुए मुंबई तथा कोटा से जयपुर होते हुए दिल्ली के कॉरीडोर तैयार हो रहे हैं।

इससे कोटा से जाने वाले वाहनों को बीच में सीएनजी मिलेगी। जो डीजल पेट्रोल से सस्ती होगी। राजस्थान में सीएनजी पंपों का पूरा जाल बिछाया जाएगा।

गेल की जगह आरएसजीएल करेगी सप्लाई
अग्रवाल ने कहा कि गेल ने कोटा में 7 साल में केवल 182 कनेक्शन दिए हुए हैं, जो भी काम नहीं कर रहे, अब आरएसजीएल अप्रैल तक 3 हजार कनेक्शन जारी करेगा।

इसके लिए पहले साल में 22 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अगले साल 9 हजार तथा चार साल में 22 हजार कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली मुंबई की तरह ही कोटा में भी हमेशा लाइन में गैस रहेगी। इसके लिए सिलेंडर बुक करवाने मंगवाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

बर्नर खोलते ही गैस चालू हो जाएगी। मीटर में जितनी गैस का उपयोग होगा, उसके अनुसार ही बिल आएगा। उन्होंने कहा कि यह गैस एलपीजी से सस्ती रहती है।

राज्य सरकार करेगी नियंत्रण : राज्य सरकार की ओर से आरएसजीएल का गठन किया गया है, इसमें प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा को चेयरमैन बनाया गया है। वे पूरे प्रोजेक्टर की मॉनिटरिंग करेंगी। इसका उद्‌घाटन हो गया है, अब काम शुरू होगा। इसका ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है।

ई-प्लेटफॉर्म के लिए नाफेड और एनईएमएल के बीच करार 

देश में दालों और तिलहनों की खरीद के लिए एक ई-मंच बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।  

मुंबई।  राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड)और भारत की अग्रणी ई-बाजार और एनसीडीईएक्स ई मार्केट्स लिमिटेड (एनईएमएल) ने पूरे देश में दालों और तिलहनों की खरीद के लिए एक ई-मंच बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।  

ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म यह आधार से जुडा हुआ मजबूत, ऑनलाइन और पारदर्शी प्लेटफ़ॉर्म है जो कि खेत से गोदाम में भंडारण तक शुरू से अंत तक और उसके निपटान तक का समाधान देता है ।

दाल और तिलहन की खरीद के लिए सभी राज्यों के नाफेड इकाइयों द्वारा इस मंच का उपयोग किया जाएगा ।  नाफेड टीम के साथ मिलकर एनईएमएल केंद्र में काम करेगा और राज्य ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेंगे।  

 नाफेड के प्रबंध निदेशक संजीव चड्डा ने कहा,”एनईएमएल के साथ हमारा समझौता नाफेड को दाल के उत्पादकों को एक लाभकारी मूल्य पाने के लिए मदद करने में और सरकार के जनादेश के अनुसार उपभोक्ता मूल्यों को शामिल करने की सहायता करने में इसकी विस्तारित भूमिका के अनुरूप  एक कुशल पारदर्शी और स्पर्धात्मक ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म बनाने में मदद करेगा। ”

इस अवसर पर एनईएमएल के प्रबंध निदेशक और सीईओ राजेश सिन्हा ने कहा,” नाफेड के साथ हमारा समझौता 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के सरकार के मिशन की सहायता के लिए एनसीडीईएक्स समूह की प्रतिबद्धता के अनुरूप अपनी आय बढ़ाने में किसानों को मदद करेगा। ”

देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकार्ड स्तर पर

नई दिल्ली । देश के विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में 163.8 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। इस इजाफे से साथ फॉरेक्स रिजर्व ने 11 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में 393.612 बिलियन डॉलर का नया उच्चतम स्तर छू लिया है। आरबीआई की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक ऐसा विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में वृद्धि के कारण हुआ है।

बीते सप्ताह फॉरेक्स रिजर्व 581.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 393.448 बिलियन के स्तर पर पहुंच गया था। फॉरेक्स रिजर्व में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) की बड़ी भूमिका होती है और डेटा के मुकाबिक 175.6 मिलियन डॉलर के इजाफे के साथ 369.899 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गई हैं।

अगर अमेरिकी डॉलर के टर्म में बात करें तो एफसीए में गैर-अमेरिकी मुद्राओं जैसे कि यूरो, पौंड और येन की मूल्यवृद्धि और मूल्यह्रास के प्रभाव को शामिल किया जाता है। हालांकि गोल्ड रिजर्व 19.943 बिलियन डॉलर के स्तर पर बरकरार रहा है।

वहीं आईएमएफ का विशेष निकासी अधिकार (स्पेशल ड्राइंग राइट) 5.8 मिलियन डॉलर गिरकर 1.498 बिलियन डॉलर के स्तर पर आ गया। शीर्ष बैंक ने कहा कि वहीं आईएमएफ के साथ देश की रिजर्व की स्थिति भी 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट के साथ 2.271 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है।

50 रुपये के नए नोट जारी करेगा रिजर्व बैंक

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि इससे पहले जारी सभी सीरीज के 50 रुपये के पुराने नोट चलते रहेंगे।

मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) जल्द ही महात्मा गांधी (न्यू) सीरीज में 50 रुपये के नए नोट जारी करने जा रहा है। नए नोट के पिछले हिस्से पर रथ के साथ हम्पी की आकृति होगी, जो देश की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेगी। नोट पर आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल का हस्ताक्षर होगा।

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि इससे पहले जारी सभी सीरीज के 50 रुपये के पुराने नोट चलते रहेंगे। Fluorescent Blue कलर के नए नोट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर है और इसका साइज पुराने 50 के नोट के जितना है। केंद्रीय बैंक 200 रुपये के नोट भी छाप रही है।

खास बातें
सामने का हिस्सा

  • नोट पर अंकों में 50 लिखा होगा।
  • देवनागरी में भी 50 (५०) अंकित होगा।
  • बीच में महात्मा गांधी की तस्वीर।
  • बहुत महीन अक्षरों में RBI, भारत, INDIA और 50 लिखा होगा।
  • सुरक्षा धागे पर भारत और RBI अंकित होगा।
  • दाहिने हिस्से पर अशोक स्तंभ।
  • महात्मा गांधी की तस्वीर और ’50’ का वॉटरमार्क।

पिछला हिस्सा

  • नोट के बाएं हिस्से पर नोट प्रिंटिंग का साल।
  • स्वच्छ भारत का लोगो और नारा।
  • लैंग्वेज पैनल।
  • देवनागरी लिपी में 50 (५०) लिखा होगा।
  • नोट का साइज 66 mm x 135 mm होगा।

क्या है हम्पी
कर्नाटक स्थित हम्पी यूनेस्को द्वारा घोषित वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। हम्पी कर्नाटक की तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित एक प्राचीन गौरवशाली साम्राज्य विजयनगर का अवशेष है। इतिहास और पुरातत्व के लिहाज से हम्पी एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।

राजस्थान में टेक्नो हब विकसित किए जाएंगे

‘जनरेशन वाय’ में प्रदेश को बुलंदियों पर पहुंचाने की काबिलियत – मुख्यमंत्री 

कोटा । मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि हमारी ‘जनरेशन वाय’ में वह हुनर, काबिलियत और ऊर्जा है कि वे चाहें तो देश और प्रदेश को दुनिया में बुलंदियों पर पहुंचा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें युवाओं के कौशल और हौसले पर पूरा भरोसा है, जरूरत है तो बस पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी को साथ मिलकर प्रदेश की समृद्धि और विकास के लिए काम करने की। 

श्रीमती राजे कोटा में शुक्रवार को राजस्थान डिजिफेस्ट के समापन समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और स्टार्ट अप कम्पनियां एक-दूसरे की सहभागी बनकर प्रदेश में विकास के सफर को आगे बढ़ायेंगे।

इसके लिए स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहित करने और इंक्यूबेटर्स की स्थापना के साथ-साथ टेक्नो हब विकसित किए जाएंगे। जयपुर में प्रदेश का पहला भामाशाह टेक्नो हब बनाया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा चुका है। अब हम डिजिटल राजस्थान की परिकल्पना को जमीन पर साकार करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

ई-मित्र और राजनेट की सुविधाओं के बाद अब विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ देने के लिए भामाशाह, राजस्थान सम्पर्क और पीओएस मशीन के माध्यम से राशन वितरण जैसी योजनाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं।
 
श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेश में स्टार्ट अप ईको सिस्टम को और अधिक मजबूत करने के लिए नई स्टार्ट अप नीति बनी है। साथ ही, 500 करोड़ रुपये का स्टार्ट अप प्रमोशन फण्ड भी बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 600 से अधिक स्टार्ट अप शुरू हो चुके हैं। राज्य के 23 स्टार्ट अप्स को 14 करोड़ अमरीकी डॉलर से अधिक का फण्ड भी मिला है। य

ह राज्य में निवेश के माहौल की सफलता का सबूत है लेकिन हमें इस माहौल को और बेहतर बनाना है। इसके लिए राज्य सरकार कई स्तर पर प्रयास कर रही है। 

नवाचारों में देशभर में आगे राजस्थान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का एक मात्र ऎसा राज्य है जहां राज्य सरकार ने स्वयं पहल कर इंट्रा स्टेट एयर सर्विसेज की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि जयपुर लाइट हाउस प्रोजेक्ट शुरू करने वाला एशिया का पहला शहर है।

इसी प्रकार राजस्थान की रिफाइनरी परियोजना देश में एक मात्र ऎसी परियोजना है जिसमें रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स एक साथ होंगे। राजस्थान को ही ऎसा राज्य होने का गौरव हासिल है जहां पुलिस प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए संभाग स्तर पर अभय कमाण्ड सेंटर स्थापित किये जा रहे हैं। 

आई-स्टार्ट से मिलेगा स्टार्ट अप और निवेशकों को साझा मंच
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान राजस्थान स्टार्ट अप प्लेटफॉर्म आई-स्टार्ट भी लॉन्च किया। उन्होंने राजस्थान स्टैक डिजिस्थान ऑफ इंडिया का भी शुभारम्भ किया।

श्रीमती राजे ने कहा कि आई-स्टार्ट एक ऎसा एकीकृत स्टार्ट अप प्लेटफार्म है, जिसमें कम्पनी के रजिस्ट्रेशन के साथ ही उनमें निवेश करने वाली एंजल फण्डिंग और वेंचर केपिटल संस्थाओं को भी पंजीकृत किया जाएगा।

सभी स्टार्ट अप्स की रैंकिंग और रेटिंग की जाएगी ताकि सर्वश्रेष्ठ स्टार्ट अप को आसानी से फण्डिंग एवं अन्य अवसर उपलब्ध हो सकें।  उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में स्टार्ट अप शुरू करने वाले युवाओं के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा। 

 चैलेंज फॉर चेंज प्लेटफॉर्म के माध्यम से समाधान 
राजे ने इस अवसर पर चैलेंज फॉर चेंज प्लेटफॉर्म का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से युवा अपने नये विचार सरकार के साथ साझा कर सरकार के तंत्र को और अधिक बेहतर बनाने में सहयोग करें।

उन्होंने कहा कि विभिन्न जनसमस्याओं के समाधान और सेवाओं की बेहतरी के लिए सर्वश्रेष्ठ सुझाव एवं समाधान देने वाले युवाओं को राज्य सरकार के साथ काम करने के लिए एक करोड़ रुपये तक के ऑर्डर दिए जाएंगे। उन्होंने नई सोच और ऊर्जा के प्रोत्साहन के लिए राज्य में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने का आमंत्रण दिया।

कोटा क्लीन एनर्जी नेटवर्क का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कोटा क्लीन एनर्जी नेटवर्क शहर की जनता को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल कोटा प्रदेश का पहला शहर है जहां नगर आधारित गैस वितरण प्रणाली की शुरूआत की गई है।

इस नेटवर्क के माध्यम से पहले चरण में पाइपलाइन से 3 हजार घरेलू गैस कनेक्शन, 9 वाणिज्यिक कनेक्शन एवं 24 औद्योगिक कनेक्शन दिए जा रहे हैं। वर्ष 2018-19 तक कोटा शहर के 20 हजार निवासियों को घरेलू गैस कनेक्शन, 21 वाणिज्यिक कनेक्शन एवं 27 औद्योगिक कनेक्शन दिए जाएंगे। 

सिआम कोटा के ऑडिटोरियम का शिलान्यास
राजे ने इस अवसर पर राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान (सिआम), कोटा के ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास भी किया। करीब 700 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाले इस ऑडिटोरियम के निर्माण पर 16.25 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने डिजिफेस्ट के दौरान विभिन्न विभागों और निजी आईटी कंपनियों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों की प्रदर्शनी देखी। उन्होंने बेहतर नागरिक सेवाओं के लिए तैयार किए गए आईटी एप्स के संचालन की जानकारी ली। 

मुख्यमंत्री ने किया हैकाथॉन के विजेताओं को पुरस्कृत
राजे ने डिजिफेस्ट में आयोजित ’राजस्थान हैकाथॉन-कोटा’ प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में से चुनी गई प्रथम तीन टीमों को पुरस्कार दिए।