रिसर्च : सोचने से ही ऑन हो जाएंगे कूलर-पंखे

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युवा रिसर्चर जुड़वा भाई युवराज एवं यशराज भारद्वाज।

रिसर्च और पेटेंट में युवाओं की मदद के लिए कोटा सहित 25 शहरों में इनोवेशन हब खोलेंगे

कोटा। यशराज और युवराज ने सबसे खास दिमाग से नियंत्रित होने वाला ड्रोन बनाया है। इसके अलावा ब्रेन कंट्रोल इंटरफेस भी बनाया है। आप जो सोचेंगे वो संदेश मशीन में चला जाएगा और लाइट, पंखा-कूलर ऑन करने जैसे काम आसानी से कर देगी। इससे दिव्यांग अथवा गंभीर मरीज को काफी मदद मिलेगी। इसकी कीमत करीब 10-15 हजार रुपए तक रहेगी।

कोटा आए यशराज और युवराज दोनों भाइयों ने बताया कि अब तक उनके 22 रिसर्च तैयार हो चुकी हैं और 7 का उन्होंने पेटेंट भी करवा लिया है। शुरुआती दौर में पेटेंट के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा। बच्चा जानकर कोई भी एकदम से तैयार नहीं होता था। क्रिकेट में रुचि थी, लेकिन जब साइंस की किताबें पढ़ने लगे तो उनसे उत्पन्न जिज्ञासाओं को शांत करने में ऐसे डूबे कि लाइन ही बदल गई।

उसके बाद उन्होंने अपनी खुद की कंपनी जेनिथ वाइपर बनाई और रिसर्च के पेटेंट करवाने लगे। कोटा आने के पीछे मकसद बताया कि यहां बड़ी संख्या में युवा और स्टूडेंट्स हैं, जो इंजीनियर डॉक्टर बनने के सपने लेकर आते हैं। उनमें से मात्र 20 हजार ही सेलेक्ट हो पाते हैं। बाकी के स्टूडेंट्स में भी टैलेंट होता है, लेकिन वो बाहर नहीं पाता है।

25 शहरों में इनोवेशन हब
ऐसे स्टूडेंट्स के लिए वे कोटा, दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई सहित देश के 25 शहरों में इनोवेशन हब खोल रहे हैं। जहां स्टूडेंट्स के लिए थ्री-डी प्रिंटर, लेजर इफेक्ट्स उपकरण सहित साइंस के इनोवेशन में काम आने वाले उपकरण सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।

वैज्ञानिक सवालों के जवाब नहीं देते थे
जब वे 7वीं कक्षा में थे तभी से डिस्कवरी चैनल और साइंस की पुस्तकें पढ़-पढ़कर कुछ नया करते रहते थे। इस दौरान उनके सामने कई रहस्यमयी सवाल आते थे। उनका जवाब जानने के लिए देश-विदेश के बड़े वैज्ञानिकों को ई-मेल भेजते थे। कई-कई महीनों तक वैज्ञानिक उनके सवालों के जवाब नहीं देते थे।

लड़की के नाम से फेक आईडी बनाई
ऐसे में उन्होंने लड़की के नाम से फेक आईडी बनाई और जवाब मांगने लगे। इसका असर हुआ फटाफट जवाब मिलने लगे। देश के युवा रिसर्चर दिल्ली निवासी जुड़वा भाई युवराज, यशराज भारद्वाज के जीवन का ये रोचक पहलू है। हाल ही में उन्हें कर्मवीर चक्र से सम्मानित किया है और वर्ष 2018 में पद्मश्री अवार्ड के लिए उनका नॉमिनेशन हुआ है।

फैलोशिप में 1 लाख डॉलर मिले तो बनाई कंपनी
यशराजऔर युवराज की रिसर्च को देखते हुए साउथ अफ्रीका की एक संस्था ने उनको 1 लाख डॉलर की फैलोशिप दी। इस राशि से दोनों ने जेनिथ वाइपर नाम की कंपनी बनाई। अब वे इसके सीईओ और फाउंडर हैं। ये कंपनी रिसर्च और पेटेंट में युवाओं की मदद करती है।

पहुंचने से पहले ही पार्किंग बुक
पार्किंग की समस्या से निजात पाने के लिए उन्होंने पार्क माय व्हीकल नाम से मोबाइल एप भी बनाया है, जिससे आप किसी जगह पहुंचने के पहले ही पार्किंग की जगह बुक करा सकते हैं।