कोटा। उन किसानों के लिए ये बहुत अच्छी खबर है, जिन्होंने इस बार सरसों की बुआई कि है। इस बार मंडियों में सरसों का भाव तेज चलने से किसानों को उनकी सरसों का अच्छा भाव मिल रहा है। बाजार में किसानों की सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य से करीब 1000 रुपए प्रति क्विंटल तक ज्यादा में भाव में बिक रही है। जिससे उन्हें फायदा हो रहा है। सरसों का बाजार भाव 5,800 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहा है। जबकि रबी सीजन के लिए सरकार ने सरसों का एमएसपी 4,650 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। अलवर मंडी की बात करें तो कुछ दिन पहले 6000 रुपए क्विंटल के हिसाब से सरसों मंडी में बिकी थी, हालांकि अभी के ताजा भावों में गिरावट आई है। फिर भी सरसों के भाव एमएसपी से ऊंचे बने हुए है।
सरसों के भाव में तेजी आने का क्या है कारण
कारोबारियों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाने के तेलों के भाव ऊंचे होने से सरसों के भाव में तेजी आई है। आगे आमदनी जोर पकडऩे के बावजूद भाव में गिरावट की संभावना कम ही नजर आती है। आयातित खाद्य तेलों के भाव महंगे चल रहे हैं। इसलिए सरसों तेल की खपत बढ़ गई है। क्रूड पाम तेल का भाव भी ऊंचा है। वहीं अन्य तेलों में मिलावट की जा सकती है, लेकिन सरसों के तेल में मिलावट की गुंजाइश नहीं है। क्योंकि दूसरे तेल तेज हैं, जिससे लोगों को शुद्ध तेल मिल रहा है।
इस बार सरसों का अच्छे उत्पादन का अनुमान
देश में इस साल सरकारी अनुमान के अनुसार सरसों का उत्पादन 104.27 लाख टन बैठने का है। हालांकि खाद्य तेल उद्योग संगठन सेंट्रल ऑगेर्नाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (सीओओआईटी) और मस्टर्ड ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) के आकलन के अनुसार देश में इस साल सरसों का उत्पादन 89.50 लाख टन रहेगा। इसके मुताबिक राजस्थान में सबसे अधिक 35 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 15 लाख टन, पंजाब व हरियाणा में 10.5 लाख टन, मध्य प्रदेश में 10 लाख, पश्चिम बंगाल में पांच लाख और गुजरात में चार लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया गया है। इसके अलावा दस लाख टन अन्य राज्यों में होने का अनुमान है। कुल मिलाकर 89.50 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया गया। वहीं पिछले साल 72 से 75 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान जताया गया था। अभी फिलहाल देश के विभिन्न राज्यों में इस समय रबी फसल की कटाई का काम चल रहा है। 30 मार्च तक रबी फसलों की 60 फीसदी तक कटाई की जा चुकी है। मंडियों में सरसों की आमदनी का प्रैशर है। ]
प्रतिदिन पहुंच रहे 15,000 कट्टे राजस्थान की अलवर मंडी में
सरसों की आमदनी हर रोज अच्छी हो रही है अलवर मंडी में प्रतिदिन सरसों के 15 हजार से ज्यादा कट्टे बिकने आ रहे हैं। किसानों को सरसों के भाव बेहतर मिल रहे हैं। मंडियों में मई माह तक सरसों की आमदनी रहेगी। अलवर के अलावा खैरथल खेड़ली नगर गोविंदगढ़ सहित जिले की अन्य मंडियों में भी बड़ी संख्या में सरसों बिकने के लिए आ रही है। अलवर के अलावा धौलपुर भरतपुर करौली दौसा के आसपास के जिलों में भी सरसों की बंपर पैदावार होती है। अलवर के आसपास क्षेत्र की सरसों अन्य जगहों की तुलना में बेहतर होती है। इसलिए अलवर के तेल की डिमांड अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा है। सीजन के समय अलवर मंडी में 50 हजार बोरी सरसों की आमदनी होती है। हरियाणा के सिरसा जिले की मंडियों में पिछले दिनों 7846 क्विंटल सरसों पहुंच चुकी है। जिले में प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा 4700 से लेकर 5471 रुपए प्रति क्विंटल सरसों खरीद की जा रही है।
तेल की मात्रा के आधार पर तय होते है सरसों के भाव
व्यापारियों के अनुसार सरसों का आकलन तेल की मात्रा के हिसाब से होता है। एक क्विंटल सरसों में 42 किलो सरसों का तेल निकलना चाहिए। व्यापारी सरसों में ज्यादा से ज्यादा 42 प्रतिशत तेल की मात्रा होने के हिसाब से ही किसान को भाव देते हैं। इस बार सरसों की फसल में समय-समय पर हुई बरसात से सरसों में तेल की मात्रा बढ़ी है। सरसों में यदि तेल की मात्रा 42 प्रतिशत से ज्यादा होगी तो उसी हिसाब से अधिक भाव दिया जाएगा। इस समय सरसों में 43 से 45 प्रतिशत तेल की मात्रा मिल रही है। इसलिए किसानों को भी अच्छे भाव मिल रहे हैं।
इस बार समर्थन पर मूल्य नहीं होगी सरसों की खरीद
इस बार किसानों को मंडियों में व्यापारियों द्वारा ऊंचे भावों में सरसों की खरीद की जा रही है। इससे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद नहीं हो पाएगी। बता दें कि पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान सरसों का अच्छा उत्पादन हुआ और किसानों ने रिकार्ड सरसों की सरकारी भाव पर बिकवाली की। इसका लाभ किसानों को मिला अब चूंकी इस बार सरसों का बाजार भाव ज्यादा होने से किसानों की रूचि समर्थन मूल्य पर अपनी सरसों बेचने पर कम ही नजर आ रही है। किसानों का कहना है कि सरकार को भी बाजार भाव पर सरकारी खरीद करनी चाहिए
सरसों का तेल और तेज होने की उम्मीद
सरसों का तेल अब बाजार में 140 से 150 रुपए लीटर रिटेल में बिक रहा है। जिसका भाव पिछले एक महीने में 20 से 30 रुपये लीटर तक बढ़ गये हैं। इस साल सरसों की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। इसका असर तेल पर भी पड़ेगा तेल कारोबारियों का कहना है कि सरसों का अच्छा उत्पादन हुआ तो बढ़े हुए तेल के भाव से आमजन को महंगाई महसूस तो होगी, लेकिन सरसों का तेल खाने की उनकी मजबूरी भी होगी। क्योंकि देशी घी में बहुत ज्यादा मिलावट होने और हार्ट अटेक के डर से ज्यादा तर लोग सरसों का तेल का बना भोजन ज्यादा पसन्द करने लग गए हैं।