जोधपुर। ब्रिटेन की संस्था नेशनल रिकग्नीशिन इनफोर्मेशन सेंटर फॉर यूनाइटेड किंगडम (नारिक) ने भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट की डिग्री को स्नातकोत्तर (पीजी) के समकक्ष मान्यता दे दी है। यह मान्यता ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में लागू होगी। इससे सीए करने के बाद भारत के छात्र ब्रिटेन व दुबई में सीधे डॉक्टरेट की डिग्री हासिल कर सकते हैं।
सीए के पाठ्यक्रम को मान्यता देने वाले दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) ने हाल ही नारिक के साथ एमओयू किया था। सीए पाठ्यक्रम में तीन स्तर सीए फाउण्डेशन, सीए इंटरमीडिएट और सीए फाइनल होती है। सीए की डिग्री तीन साल में मिल जाती है। यह एक प्रोफेशनल डिग्री है जिसे भारत में कुछ विवि पीजी की मान्यता देते हैं जबकि अनेक स्थानों पर इसे स्नातक स्तर के समकक्ष भी नहीं माना जाता है। अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं में सीए को डिग्री नहीं माना जाता।
यूके व यूएई में भारत के सीए का स्टैंडर्ड बढ़ा
नारिक के अनुसार आइसीएआइ सीए क्वालिफिकेशन आरक्यूएफ लेवल-7 या मास्टर डिग्री के समकक्ष होगी। एजेंसी ने आइसीएआइ की सीए-इंटरमीडिएट परीक्षा को आरक्यूएफ लेवल-6 या बैचलर डिग्री का बैंचमार्क दिया है। यूएई एजुकेशन सिस्टम ने भारत की सीए डिग्री को क्यूएफ अमिरात्स लेवल-9 या मास्टर्स डिग्री और सीए इंटरमीडिएट को क्यूएफ एमिरात्स लेवल-7 या बैचरल डिग्री मानी गई है। दोनों देशों की ओर से सीए डिग्री को मान्यता देने पर आइसीएआइ प्रोफेशनल एक्सपोर्ट कर सकेगी। आइसीएआइ की दुबई में शाखा है, जहां वर्तमान में 2900 सीए रजिस्टर्ड है।
ग्लोबल हो गया देश का सीए
यूके नारिक और यूएई की ओर से मान्यता मिलने पर देश का चार्टर्ड एकाउंटेंट ग्लोबल हो गया है। देश में सीए की डिग्री लेकर विदेश में भी आसानी से प्रेक्टिस की जा सकती है। -सतीश गुप्ता, सेंट्रल काउंसिल सदस्य, आइसीएआई, कानपुर