Ashirvachan: गुरु के लिए शिष्य अपने पुत्र से भी बढ़कर होता हैः स्वामी घनश्यामाचार्य

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कोटा। Ashirvachan: श्री झालरिया पीठाधिपति जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज ने सोमवार को कोटा प्रवास के दौरान एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड के विद्यार्थियों को आशीर्वचन देते हुए संस्कारों की सीख दी।

कुन्हाड़ी में लैंडमार्क सिटी स्थित एलन सम्यक कैम्पस में आयोजित कार्यक्रम में स्वामी जी महाराज ने विद्यार्थियों से कहा कि जो विद्यार्थी गुरु के प्रति निष्ठावान नहीं होता, अपने मन, वचन एवं कर्म से गुरु का आदर नहीं करता, उसकी विद्या सफल नहीं होती।

उन्होनें महाभारत में द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा का उदाहरण देते हुए कहा कि ‘पुत्रा अनंतरम शिष्य’….यानी एक गुरु के लिए शिष्य उसके पुत्र से भी बढ़कर होता है। एक गुरु जब किसी शिष्य को शिक्षा देता है तो उसके मन में शिष्य के प्रति सही भाव होते हैं।

उन्होनें कहा कि शिष्य को मन मजबूत रखना चाहिए। क्योंकि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। इसलिए आत्मविश्वास मजबूत होना चाहिए। इस मौके पर एलन के निदेशक डाॅ. बृजेश माहेश्वरी भी मौजूद रहे।

श्रद्धापूर्वक की गई सेवा निश्चित फलदायी होती है
इससे पूर्व सोमवार सुबह प्राचीन सिद्ध पीठ श्री झालरिया पीठाधिपति जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री श्री 1008 परम पूज्य स्वामी जी श्री घनश्यामाचार्य जी महाराज के पावन सान्निध्य में इंद्रा विहार स्थित एलन परिवार के निवास स्थान कृष्णायन में सोमवार को स्वामी जी महाराज के भगवान श्री वेंकटेश की दैनिक आरती-अर्चना हुई। स्वामीजी श्री घनश्यामाचार्य जी महाराज ने अपने आशीर्वचनों में कहा कि ‘श्रद्धावान लभते ज्ञानम’ अर्थात श्रद्धापूर्वक की गई सेवा निश्चित ही फलदायी होती है। यदि आपने सच्चे मन से भगवान की सेवा की है तो भगवान अवश्य आपको रास्ता दिखाएंगे। क्योंकि श्रद्धावान को ही लाभ मिलता है।

दान की चर्चा उसके पुण्य को क्षीण कर देती है
पुत्र के द्वारा किए गए पुण्यों का फल उसके पितरों को मिलता है। योग्य माता-पिता के द्वारा दिए गए संस्कारों का प्रतिफल उसकी संतान के गुणों में प्रदर्शित होता है। दान और पुण्य की चर्चा नहीं होनी चाहिए। दान की चर्चा उसके पुण्य को क्षीण कर देती है। सत्कर्म के लिए एक हाथ उठता है तो हजारों हाथ उसके सहयोगी हो जाते हैं। जरुरत है तो सिर्फ किसी के पहल करने की।

कृष्णायन में सोमवार सुबह आरती-अर्चना के दौरान कोटा सहित अन्य शहरों से आए भक्तगण भी मौजूद रहे। स्वामी जी महाराज के आशीर्वचनों के बाद गोष्ठी प्रसाद का वितरण हुआ। इसके बाद विभिन्न जगहों से आए भक्तगणों के आग्रह पर स्वामी जी महाराज द्वारा उन्हें शंख, चक्र दीक्षा प्रदान की गई।

मंगलवार सुबह 9 बजे एलन परिवार के निवास स्थान कृष्णायन में भगवान वेंकटेश की दैनिक आरती-अर्चना एवं स्वामी जी के आशीर्वचन होंगे। इसके बाद दीक्षा दी जाएगी। बुधवार प्रातः स्वामी जी महाराज ग्वालियर के लिए प्रस्थान करेंगे।